Sunday, June 29, 2014

कोटा आकाशवाणी से 200 छोड़िए 60 किमी तक भी नहीं हो पा रहा है प्रसारण

दिनेश माहेश्वरी
कोटा। 
आकाशवाणी कोटा का करोड़ों का ट्रांसमीटर टावर बेसमेंट इंसुलेटर की मेन्टेनेंस नहीं होने से पिछले एक साल से बंद पड़ा है। सरकारी रिकॉर्ड में ट्रांसमीटर 20 किलोवाट का है, जिसकी प्रसारण क्षमता 150 से 200 किमी है। लेकिन, वर्तमान में एक किलोवाट के ट्रांसमीटर से ही प्रसारण किया जा रहा है। जिसकी वजह से दूरदराज के लोग यहां के कार्यक्रम सुनने से वंचित हैं। चूंकि प्रसारण 50 किमी से दूर नहीं जा पा रहा है।
हाड़ौती का सबसे पहला रेडियो स्टेशन वर्तमान में आकाशवाणी कोटा के चंबल केन्द्र के नाम से जाना जाता है। 1987 में इस केन्द्र की शुरुआत एक किलोवाट के ट्रांसमीटर से हुई थी। उस समय यहां न दूरदर्शन था और न एफएम रेडियो। सिर्फ श्रोता इसी पर निर्भर थे। लोकप्रियता के चलते श्रोताओं की मांग पर 2006 में इस केन्द्र की प्रसारण क्षमता 20 किलोवाट की गई। इसके लिए कैथून रोड पर उम्मेद गंज में 18.50 एकड़ जमीन पर एक बड़ा टावर लगाया गया था। जमीन, उपकरण और बिल्डिंग मिलाकर करीब 80 करोड़ की लागत से पूरा ट्रांसमिशन सिस्टम तैयार किया गया था, लेकिन जून 2013 में पहली बारिश में इस टावर का बेस इंसुलेटर गिर जाने से प्रसारण ठप हो गया।
 अब केवल एक किलोवाट का ट्रांसमीटर चल रहा है, जिससे सिर्फ 50 किलोमीटर (एयर डिस्टेंस) तक ही सुनाई देता है। इसकी वजह से हाड़ौती के दूरदराज के लोग कार्यक्रम नहीं सुन पा रहे हैं।
वहीं, अफसरों का कहना है कि टावर के बेसमेंट इंसुलेटर को फिर से खड़ा करने के लिए करीब 30 लाख रुपए की जरूरत है। यह मामला उच्च स्तरीय अधिकारियों की जानकारी में है। उन्होंने जल्दी ही इसका समाधान निकालने का आश्वासन दिया है।
विविध भारती और पुराने गानों का आज भी क्रेज
 श्रोताओं का कहना है कि भले ही एफएम आ गया हो, लेकिन दूरदराज के इलाकों में आकाशवाणी से प्रसारित पुराने गाने, हाड़ौती का लोकसंगीत, फरमाइशी फिल्मी गीत और विविध भारती के कार्यक्रमों का आज भी क्रेज है। हर तरह के संगीत और समाचार के साथ कई ज्ञानवर्धक बातें भी आकाशवाणी पर सुनने को मिलती हैं।
 एक और एफएम जल्दी ही
 आकाशवाणी कोटा का एफएम चैनल जल्दी ही शुरू होने वाला है। इसका एक किलोवाट का ट्रांसमीटर लग चुका है। इसकी टेस्टिंग भी हो चुकी है। इसके लिए प्रसार भारती के उच्च अधिकारियों की मंजूरी मिलना बाकी है।
 


Thursday, June 26, 2014

एक जादुई हेलमेट, जो दिमाग पढकर तैयार करेगा रूटमैप!

दिमाग पढने वाला हेलमेट! सुनने में भले ही अटपटा लगे, लेकिन ये सच है। ब्रुकलिन के स्टार्टअप ड्यूकॉर्प ने इस जादुई हेलमेट को तैयार किया है। यह हेलमेट बाइक से सफर करने के दौरान आपके दिमाग का नक्शा तैयार करेगा। 
यह हेलमेट आपके दिमाग के सहारे तैयार इस रूटमैप पर हरे रंग में स्वीटस्पॉट्स और लाल रंग में हॉटस्पॉट्स भी दिखाएगा। स्वीटस्पॉट वह जगह होगी जहां आपको सबसे ज्यादा रिलेक्स महसूस हुआ होगा, वहीं हॉटस्पॉट वह जगह होगी, जहां आपको सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत पडी होगी। हेलमेट को सबसे पहले कंपनी की प्रमुख खोजकर्ता अरलीन डुकाओ ने उस वक्त तैयार किया था, जब वे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मीडिया लैब की छात्रा थीं।
कैसे करेगा काम :
इस हेलमेट में माथे पर लगने वाला सेंसर है, जिसमें ईईजी के प्रयोग से चालक के दिमाग की इलेक्ट्रिकल गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाता है। इसके साथ एक ऐप के जरिए ब्लूटूथ से जु़डे स्मार्टफोन पर हेलमेट के ब्रेन कम्प्यूटर का डेटा भेजकर जीपीएस के माध्यम से नक्शा तैयार होता है। चालक चाहें तो हॉटस्पॉट की संख्या को कम करते हुए दूसरा नक्शा भी तैयार कर सकते हैं। या फिर इसके प्रयोग से सफर में पडने वाले हॉटस्पॉट की जानकारी लेकर उनसे निपटने की बेहतर तैयारी कर सकते हैं।

हर साल वाहन बीमा कराने से मिलेगी निजात

कोटा। यदि आप हर साल वाहन बीमा कराने के काम को मुश्किल समझते हैं तो निश्चिंत हो जाइए, अब एक बार में ही तीन से पांच साल का बीमा करा सकते हैं। जनरल इंश्योरेंस काउंसिल इसकी योजना बना रही है। काउंसिल तीन से पांच वर्ष तक का वाहन बीमा करेगी। इसके पीछे मकसद बड़ी संख्या उन वाहनों को बीमा के दायरे में लाना है जो इससे बाहर हैं। जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के महासचिव आर. चंद्रशेखरन ने चौथे वार्षिक फिनटेलीकट बैठक को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
चंद्रशेखरन ने कहा कि तीन साल की वाहन बीमा पालिसी लेना वाहन मालिक के लिए स्वैच्छिक होगा। इससे वाहन मालिक को हर साल बीमा कराने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल इस नीति के तहत प्राइसिंग प्रणाली पर काम किया जा रहा है क्योंकि ऐसी पॉलिसियों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की राशि का निर्धारण बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि बीमाकर्ता थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस पोर्टफोलियो में नुकसान में हैं। इसलिए दीर्घकालिक अवधि की बीमा पॉलिसियों पर किसी प्रकार की रियायत की उम्मीद नहीं है।

वीचैट नए फीचर्स के साथ

इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप वीचैट ने अपने एंड्रॉयड यूजर्स को नई अपडेट दे दी है। अगर आप वीचैट इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं तो वीचैट 5.3 के साथ नए फीचर को इस्तेमाल करने के लिए तैयार हो जाएं। वीचैट के नए अपडेटेड वर्जन 5.3 कई नए फीचर्स जैसे मैसेज ट्रांसलेशन, ग्रुप पासवर्ड और एक साथ एक या एक से अधिक मैसेज को मार्क करके फेवरेट मैसेज बना सकते हैं। जानिए, ये फीचर कैसे करेंगे अपना काम।
मैसेज ट्रांसलेशन का इस्तेमाल
फीचर के नाम से ही स्पष्ट है कि आप मैसेज का अनुवाद भी कर सकते है। यहां आप करीब 20 भाषाओं जैसे अंग्रेजी, हिंदी, उर्द, अरबी, हीब्रू आदि भाषाओं में मैसेज का अनुवाद कर सकते हैं।
किसी टेस्‍क्ट को ट्रांसलेट करने के लिए आपको मैसेज को लॉन्ग प्रेस करना होगा, इसके बाद आपको को ट्रांसलेट ऐरो पर ‌क्लिक करना होगा। अनुवादित मैसेज आपको ओरिजनल मैसेज के नीचे ही दिखाई देगा।
ग्रुप चैट के लिए पासवर्ड
वीचैट ऐप में यूजर्स को ग्रुप पासवर्ड फीचर भी दिया गया है। किसी भी प्राइवेट ग्रुप चैट में शामिल होने के लिए यूजर्स को पासवर्ड डालना जरूरी होगा। इसके बाद ही वो यूजर्स ग्रुप चैट में शामिल हो सकता है। पासवर्ड बनाने के ‌लिए आपको चार अंकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्लाउड स्टोरेज की सुविधा
वीचैट यूजर्स किसी भी टेक्‍स्ट, फोटो या वीडियो को चुनकर फेवरेट मैसेज के तौर पर क्लाउड स्टोरेज में सेव भी कर सकते हैं। एक बार यहां फोटो सुरक्षित करने के बाद आप कभी भी मल्टीपिल डिवाइस पर इनको एक्सेस कर सकते हैं।

एटीएम से गार्ड्स हटेंगे, लाइव सीसीटीवी कैमरों से रखी जाएगी नजर

कोटा।   केंद्र सरकार एटीएम पर सुरक्षा की नई व्यवस्था करने जा रही है। देशभर के 1.62 लाख एटीएम में से 50 हजार से अधिक पर चौबीस घंटे सुरक्षागार्ड नियुक्त करने के बजाए लाइव सीसीटीवी कैमरें से निगरानी की जाएगी। रिजर्ब बैंक से मिले निर्देशों के बाद कई बैंकों ने ऑफसाइट सर्विलांस के लिए टेंडर बुलवाए हैं। बैंकों की नजर में यह तरीका कम खर्चीला साबित हो सकता है। हालांकि बैंडबिड्थ की अनुपलब्धता परेशानी का कारण हो सकती है।
ऐसे काम करेगा सिस्टम
एटीएम में जब भी नियत संख्या से अधिक लोग होंगे, तो कंट्रोल रूम में अलार्म बज जाएगा। मशीन से छेड़खानी करने पर भी ऐसा ही होगा। इसका मासिक खर्च 4500 रुपए से 9000 रुपए होगी।
कंट्रोल रूप में बैंक की अपनी टीम तैयार रहेगी, जो अलार्म बजने पर तुरंत ही मोटरसाइकिल से मौके पर पहुंचेगी।

Wednesday, June 25, 2014

पीछे पड़ गई महंगाई


लड़कियों से छेड़छाड़ की तो करंट मारेगी ये सैंडिल

मारने पर जोरदार झटका देती है सैंडिल
बीटेक (कंप्यूटर साइंस) की द्वितीय वर्ष की सलोनी यादव ने ऐसी फैशनेबल सैंडिल का प्रदर्शन किया, जो जीपीएस से लैस है। यह सैंडिल पहनने वाले की लोकेशन बताती है। छात्रा ने बताया कि करीब 2800 रुपए लागत वाली इस सैंडिल को पांच से छह महीने के बीच सिर्फ दो घंटे चार्ज करना पड़ता है। सीएस द्वितीय वर्ष की रिजुल पांडे ने करंट वाली सैंडिल पेश की। यह सैंडिल किसी को मारने पर उसे जोरदार झटका देती है। इसमें सैंडिल पहनने वाला करंट से सुरक्षित रहता है। इसकी लागत एक हजार रुपये है। की दीक्षा पाठक व इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन की अंजली ने लेडीज जींस पेश की। इसमें लगा यंत्र आपात स्थिति में बटन दबाने पर पांच ऐसे लोगों को सूचना भेज देगा, जिनके नंबर उसमें फीड होंगे। इसके अलावा साइकल चालित वॉशिंग मशीन और घड़े वाले कूलर का भी प्रदर्शन किया गया।
लोकेशन बताने वाली लेडीज जींस
वर्तमान में महिला सुरक्षा बड़ा मुद्दा है। शासन-प्रशासन के साथ ही कुछ विद्यार्थी भी इस प्रयास में जुटे हैं कि महिलाएं सुरक्षित रहें।सोमवार को अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के विद्यार्थियों ने इस दिशा में अपने अनूठे आविष्कारों का कैंपस में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी में दुश्मनों को झटका देने वाली सैंडिल तो लोकेशन बताने वाली लेडीज जींस के अलावा ऐसी मशीन भी प्रदर्शित की गई जो पैडल मारने पर कपड़े धो देती है।

Tuesday, June 24, 2014

कमाल के गैजेट्स, बैग से होता है फोन चार्ज

बैग करता है फोन चार्जकई बार रास्ते में गैजेट चार्ज न होने के कारण हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी से निजात देने के लिए लूमॉस कंपनी ने 'लूमॉस सोलर बैग' पेश किया है जो कि सूरज की रोशनी से ही आसानी से चार्ज कर सकता है। यह दिखने में एक साधारण बैक बैग की ही तरह है। इसमें 2,200 एमएएच की बैटरी दी गई है। वैसे तो यह केवल धूप से ही चार्ज होता है। इस बैग पर पानी का भी असार नही होता है। यदि आप किसी ऐसी जगह जा रहे हैं जहां आपको चार्जिंग जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है तो यह सोलर बैग एक बेहतर ऑप्शन है। इसकी कीमत 4,999 रुपए है।
एमपी3 और पंखा वालें छाते

केरल में पॉपी और जॉन्स जैसे बड़े ब्रैंड छाता बनाते हैं। पॉपी इस बार mp3 छातों के जरिए युवाओं को आकर्षित करना चाहते हैं। कंपनियां 32 जीबी स्टोरेज क्षमता के एमपी थ्री प्लेयर उतारेंगी।
कोझिकोड की कंपनी सन अंब्रेला एक ऐसा छाता बाजार में उतारेगी जिसमें पंखा भी लगा होगा। इस पंखे की क्षमता 20,000 घंटे तक की होगी। दोनों कंपनियों के ये हाई टेक छाते जल्द ही बाजार में उपलब्‍ध होंगे, इनकी कीमत 2,000 रुपए तक होगी।
 

स्मार्ट बल्ब की स्मार्ट रोशनी
एलजी इलेक्ट्रनिक्स ने ऐसा स्‍मार्ट बल्ब पेश किया है जो आइफोन और एंड्रॉयड फोन के साथ कनेक्ट हो सकता है। ये स्मार्ट बल्ब वाई-फाई और ब्लूटूथ के जरिए कनेक्ट हो जाएगा, ये स्मार्ट बल्ब उस वक्त ब्लिंक करने लगेगा जब आपके फोन पर कोई कॉल आएगी। कंपनी का दावा है कि ये स्मार्ट बल्ब एंड्रॉयड 4.3 या इससे अधिक एंड्रॉयड वर्जन के साथ आसानी से कनेक्ट हो सकता है। इसके अलावा ये आईओएस 6 या इससे अधिक पर काम करता है। अगर इस 10 वॉट के स्मार्ट बल्ब को प्रतिदिन 5 तक जलाया जाता है तो ये 10 साल से ज्यादा समय तक काम करेगा। पार्टी मोड पर ये स्मार्ट बल्ब स्मार्टफोन से आने वाले म्यूजिक के मुताबिक ही ब्राइटनेस को मेंटेन करेगा।
ई सिगरेट के जरिए कॉल रिसीव
आपने ई सिगरेट का नाम तो सुना होगा, जिसमें आप बिना निकोटीन के सिगरेट का कश मर सकते हैं और सिगरेट के धुंए का छल्ला बना सकते हैं। ये ई सिगरेट अब और हाईटेक व दिलचस्प हो चुकी है। 'सुपरस्मॉकर ब्लूटूथ' नाम की इस ई सिगरेट में अब ब्लूटूथ कनेक्टिविट का ऑप्‍शन भी शामिल किया गया है। जिसको आप ब्लूटूथ इंबिल्ड डिवाइस जैसे मोबाइल फोन वगैरह से कनेक्ट कर सकते हैं और गाने प्ले कर सकते हैं।ये ई सिगरेट एंड्रॉयड और आई ओएस ‌मोबाइल फोन के सा‌थ आसानी से कनेक्ट होकर काम करती है। पॉवर के लिए इसमें बैटरी इस्तेमाल की जाती है और अगल-अगल फंक्‍शन जैसे म्यूजिक प्ले, कॉल रिसीव के लिए बटन दिए गए हैं।

इंटरनेट पर धोखे और ठगी से बचाएंगी ये खास बातें

कोटा। ऑनलाइन शॉपिंग का ट्रेंड बढ़ रहा है और साथ ही बढ़ रहे हैं ऑनलाइन पेमेंट के साथ जुड़े धोखे और ठगी के मामले। ऐसे में ऐसे में सतर्कता बरतना जरूरी है। वैसे तो ज्यादातर कंपनियां कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा देती हैं लेकिन कई बार ऑनलाइन भुगतान करना उचित रहता है, ऑनलाइन भुगतान करते समय इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
नेट बैंकिंग
अगर आप भुगतान नेट बैंकिंग के जरिए कर रहे हैं तो जांच लें कि बैंकिंग username और password बैंक की ही वेबसाइट पर दर्ज करें,! उसके जैसी दिखने वाली किसी अन्य वेबसाइट पर नहीं।
डेबिट कार्ड
अगर भुगतान डेबिट कार्ड के जरिए कर रहे हैं तो अपने डेबिट कार्ड से जुड़ी 3D Secure Service या Verified by Visa का प्रयोग करना अच्छा रहता है।
क्रेडिट कार्ड
क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते समय ज्यादा सावधानी की जरूरत है। आजकल बहुत-सी वेबसाइट्स पर केवल क्रेडिट कार्ड के नंबर और वैधता जानने से भी भुगतान किया जा सकता है, इसे बहुत संभल कर सुरक्षित रखें। क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने में आपको कई बार EMI की सुविधा मिलती है। अगर इसका प्रयोग कर रहे हैं तो पहले से ही ब्याज दर एवं समय अवधि की जांच कर लें।
वॉलेट पेमेंट्स
ये भी एक नए प्रकार का भुगतान माध्यम है। इस्तेमाल करने से पहले आपको इसे अपने प्रीपेड मोबाइल की तरह ही चार्ज करना होता है। अगर आप वॉलेट पेमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं तो ये जांच लें कि आपका वॉलेट सिक्योर वेबसाइट पर ही हो। किसी भी तरह के ऑनलाइन भुगतान में वन टाइम पासवर्ड (OTP) का इस्तेमाल करें।


Monday, June 23, 2014

सीएम अनुमति दें तो कोटा से शुरू हो फ्लाइट

कोटा। सुप्रीम एवीएशन कोटा से विमान सेवा शुरू करने को तैयार है। इसके लिए कंपनी ने पायलट तक नियुक्त कर दिए हैं और शिड्यूल भी तैयार कर लिया। बस अब मुख्यमंत्री राजे से लिखित स्वीकृति का इंतजार है। स्वीकृति मिलने के 15 दिन में कंपनी कोटा से विमान सेवा शुरू कर देगी। कंपनी का दावा है कि उसने एयरपोर्ट अथॉरिटी से एनओसी भी ले ली है। कंपनी के सीईओ चेयरमैन अमित के अग्रवाल ने भास्कर को बताया कि कंपनी राजस्थान में विमान सेवा शुरू करने के लिए तैयार है। इसकी तैयारी भी पूरी कर ली गई है। शिड्यूल तैयार कर लिया गया है। किराया भी तय कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने मौखिक स्वीकृति तो दे दी, लेकिन लिखित में स्वीकृति मांगी गई है। कंपनी 12 सीटर विमान चालू करेगी, इसमें से पांच सीटों की सरकार से गारंटी भी मांगी गई है। इस प्रकार की गारंटी उन्हें महाराष्ट्र और उड़ीसा से मिल चुकी है। गुजरात में निविदाएं जारी हो चुकी हैं। बस राजस्थान से स्वीकृति मिलना बाकी है। सरकार के साथ उनका पत्राचार चल रहा है, लेकिन जवाब नहीं आ रहा।ल की ऐंकर ने की सूइसाइड की कोशिश

Suicide attempt by the TV channel anchor

एक निजी चैनल इंडिया टीवी की एक ऐंकर द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या करने की कोशिश का मामला सामने आया है। आत्महत्या की कोशिश के बाद तनु शर्मा को नोएडा के कैलाश हॉस्पिटल में ऐडमिट कराया गया है, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक तनु शर्मा ने अपने सीनियर्स पर मानसिक शोषण का आरोप लगाया है।
सूत्रों के अनुसार चैनल ने तनु शर्मा से इस्तीफा मांगा था और उनकी सीनियर्स के साथ अनबन चल रही थी। सीनियर्स के साथ अनबन की बात तनु ने अपने फेसबुक पेज पर लिखे सूइसाइड नोट में भी स्वीकार की है।
इंडिया टीवी की ऐंकर तनु शर्मा ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखे गए सूइसाइड नोट में कहा है, मैं खुद को बहुत मजबूर महसूस कर रही हैं और मेरे ख्वाब टूटकर बिखर गए हैं। उन्होंने लिखा कि मैं साहसी बनते हुए और सभी बुराइयों के खिलाफ लड़ते हुए थक चुकी हूं।अपने सूइसाइड नोट में तनु ने चैनल के कुछ कर्मचारियों का नाम लिया है। तनु ने चैनल आउटपुट हेड अनीता शर्मा, ऐकरिंग हेड एमएन प्रसाद और रितु धवन (रितु धवन रजत शर्मा की पत्नी हैं) का नाम लिखा है। तनु ने लिखा है कि प्रसाद सर मैं आपको कभी माफ नहीं करूंगी। चैनल की एक महिला कर्मचारी अनीता शर्मा के बारे में तनु ने लिखा है कि 'आपके लिए तो शब्द ही नहीं हैं, एक औरत होकर भी आप ऐसा कर सकती हो।'


साथ ही तनु ने चैनल के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा है, 'मरने के बाद भी अफसोस रहेगा कि मैंने इंडिया टीवी जॉइन किया और ऐसे लोगों के साथ काम किया जो विश्वासघात करते हैं, षड़यंत्र करते हैं। इंडिया टीवी ने मेरे साथ जो किया वह किसी भयानक सपने से कम नहीं है।'

Sunday, June 22, 2014

कंप्यूटर की स्टूडेंट को छेड़ा


एक लड़के ने कंप्यूटर सायेंस की एक स्टूडेंट को छेड़ा।
 

लड़की गुस्से से भड़क कर उस लड़के पर ऐेसे चिल्लाई-
 

'ओए पैदाइशी एरर!
 

.वायरस के बच्चे!
 

.एक्सेल की करप्ट फाइल कहीं के...
 

.एक क्लिक मारूंगी, तो ज़मीन से डिलीट होकर...
 

सीधे कब्र में जाकर इंस्टॉल हो जाएगा!'

अब सूइसाइड की कोशिश पर भी मिलेगा इंश्योरेंस कवर

देश के बाहर पढ़ रहे स्टूडेंट्स अब तकरीबन हर चीज के लिए बीमा कवर पा सकेंगे। इसमें ड्रग और अल्कोहल रीहैब, कैंसर स्क्रीनिंग, अबॉर्शन, स्पोर्ट्स इंजरी के साथ सूइसाइड की कोशिश तक शामिल है। ऐसे पैरंट्स जिनके बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं, अक्सर इस चिंता में होते हैं कि उनके बच्चे का इंश्योरेंस कवर पर्याप्त नहीं है। बात जब विदेशी प्रोवाइडर से कोई पॉलिसी लेने की आती है तो उसकी लागत भी एक बड़ा मुद्दा बन जाती है। हालांकि, अब ऐसे पैरंट्स के लिए भारतीय बीमा कंपनियां कुछ और विकल्प पेश कर रही हैं।
बेल बॉन्ड्स, अबॉर्शन तक का कवर
आईसीआईसीआई लोंबार्ड, बजाज आलियांज जनरल और टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस जैसी भारतीय बीमा कंपनियां ऐसे प्लान ऑफर कर रही हैं, जो विदेश में किसी स्टूडेंट के सामने आ सकने वाला लगभग हर तरह का खर्च कवर करते हैं। इनमें पुलिस के हत्थे चढ़ जाने पर बेल बॉन्ड्स भरने, ड्रग और अल्कोहल की लत छुड़वाने के लिए रिहैबिलिटेशन और अबॉर्शन के खर्च से लेकर सूइसाइड की कोशिश तक के मामलों में कवर है। अगर पैरंट्स अपने बीमार बच्चे की देखभाल के लिए इमर्जेंसी विजिट करें तो उसका कवर भी इन प्लांस में है।
बढ़ी इंडियन कंपनियों के इंश्योरेंस की मांग
इंडियन कंपनियों के लिए स्टूडेंट ट्रैवल इंश्योरेंस बड़ा कारोबार नहीं है, लेकिन अब इसमें तेजी आने लगी है और वे इसे छोड़ना नहीं चाहतीं। उन्होंने ऐसी पॉलिसीज लॉन्च की हैं, जो फॉरन इंस्टिट्यूट्स की ज्यादातर डिमांड्स पूरी करती हैं। पैरंट्स के लिए लागत विदेशी कंपनियों को चुकाए जाने वाले प्रीमियम के आधे तक है।
2011 से 2014 तक भारतीय कंपनियों से कवर लेने वालों की संख्या कुल स्टूडेंट्स के 30 पर्सेंट से बढ़कर 60 पर्सेंट हो गई। इंडस्ट्री एग्जेक्युटिव्स का कहना है कि इसमें एक्सपैंडेड प्लांस और कम लागत का बड़ा हाथ है। पहले भारतीय कंपनियों के प्लांस वे सभी चीजें कवर नहीं करते थे जिसकी मांग फॉरन यूनिवर्सिटीज करती थीं। ऐसे में उन्हें वहां की कंपनियों से हाई-प्रीमियम इंश्योरेंस लेना पड़ता था।
पैरंट्स को लुभा रही है कम लागत
अमेरिका में अपने 18 साल के बेटे को पढ़ा रहे मुंबई के हेमंत अशार चाहते हैं कि अमेरिकी इंश्योरर से लिया गया कवर किसी भारतीय कंपनी के पास ट्रांसफर हो जाए। उनका बेटा पिछले साल बीबीए डिग्री के लिए सदर्न कैलीफोर्निया के मार्शल स्कूल ऑफ बिजनस में गया था। शुरुआती पॉलिसी में स्टडी-इंटरप्शन कवर शामिल था। इस साल उन्होंने पाया कि वह ऐसा ही कवर काफी कम लागत में इंडियन इंश्योरर से पा सकते हैं।
आईसीआईसीआई लोंबार्ड के अंडरराइटिंग और क्लेम्स मामलों के चीफ संजय दत्ता ने कहा कि 2012 से जब यूनिवर्सिटीज की ओर से व्यापक कवरेज की डिमांड आने लगी तो इंडियन इंश्योरर्स को भी कदम बढ़ाने पड़े।
इंडियन जनरल इंश्योरर्स अब जो स्टूडेंट ट्रैवल पॉलिसीज पेश करते हैं, उनमें कैंसर की जांच, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, स्पोर्ट्स इंजरीज, बच्चे के जन्म और फिजियोथेरेपी का खर्च भी शामिल होता है। 

स्टडी इंटरप्शन कवर भी पॉप्युलर हो रहा है, जिसमें अगर स्टूडेंट किसी ऐक्सिडेंट या बीमारी के कारण पढ़ाई पूरी नहीं कर पाता है तो उसकी रिपीट सेमेस्टर फीस बीमा कंपनी चुकाती है। बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस ने इस साल सूइसाइड कवर भी पेश किया है, जिसमें खुदकुशी की कोशिश के चलते हॉस्पिटलाइजेशन की लागत कवर होती है।

क्या आप फोन का पासवर्ड भूल गए हैं? ये रहा उपाय

आज स्मार्टफोन की तादाद दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और उसके साथ ही बढ़ रही है मोबाइल की समस्याएं। ये समस्याएं आपको अक्सर परेशान कर देती हैं जैसे मोबाइल का धीमा हो जाना, अपने आप रिस्टार्ट होना तथा डाटा बैकअप में चले जाना आदि। इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए हम फोन का डाटा डिलीट करते हैं, फोन को रिस्टार्ट करते हैं और जब भी कुछ नहीं होता तो फैक्ट्री रिसेट करते हैं।
यह सब करने के बाद अगर फोन ठीक से काम करने लगा तो आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और यदि इससे भी बात नहीं बनी तो आप सर्विस सेंटर के चक्कर लगाने और फोन पर होने वाले खर्च के बारे में सोच कर ही चिंता में पड़ जाते हैं। पैटर्न लॉक भी एक बड़ी समस्या है, अपना पासवर्ड भूल जाने पर आपको सर्विस सेंटर के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
हालांकि सर्विस सेंटर भी वही करेगा जो हम आपको बता रहे हैं लेकिन इसके लिए आपसे वह ढेर सारे पैसे ऐंठ लेगा। आप अपने फोन को हार्ड रिसेट कर सकते हैं। याद रहे कि इससे फोन का सारा डाटा नष्ट हो जएगा और फोन के आपके सेटिंग्स भी खत्म हो जाएंगे। आपके सामने फोन सिर्फ उन एप्लिकेशन और गेम्स के साथ होगा जैसा आप खरीदकर लाए थे।

अगर आपके पास है सैमसंग स्मार्टफोन
1) हार्ड रिसेट से पहले फोन को ऑफ करें।
2) उसके बाद फोन के पावर बटन के साथ वॉल्यूम अप/वॉल्यूम डाउन बटन का इस्तेमाल करें।
3) कुछ सेकेंड के उपरांत रिबूट का ऑप्शन दिखेगा।
4) यहां डिलीट ऑल यूजर डाटा ऑप्शन दिखेगा। उस पर क्लिक करने पर फोन का सारा डाटा डिलीट तो होगा ही किंतु आपकी समस्या का समाधान भी हो जाएगा।
इसका परीक्षण सैमसंग गैलेक्सी आई9000, गैलेक्सी वाई एस5360, गैलेक्सी एस4 और गैलेक्सी एस5 पर किया गया है।
अगर करते हों माइक्रोमैक्स का इस्तेमाल
1) फोन को ऑफ करें।
2) पावर बटन के साथ वॉल्यूम अप/वॉल्यूम डाउन को प्रेस करें।
3) स्क्रीन पर रिकवरी मोड व फैक्ट्री मोड दिखाई देंगे। आप रिकवरी मोड का चुनाव करें।
4) इससे फोन रिबूट हो जाएगा। माइक्रोमैक्स फोन के हार्ड रिबूट का तरीका लगभग एक होता है लेकिन हमने ए27,ए37, ए67 और ए1166 एचडी पर परीक्षण किया।
कार्बन स्मार्टफोन यूजर्स के लिए
1) सबसे पहले मोबाइल फोन की बैटरी को 100 प्रतिशत तक चार्ज करें।
2) मोबाइल फोन को ऑफ करें और वॉल्यूम बटन व कंट्रोल को प्रेस करें।
3) कम से कम 10 से 15 सेकेंड के बाद आपको स्क्रीन पर रिकवरी मैन्यू दिखाई देगा।
4) वॉल्यूम बटन के माध्यम से स्क्रोल ऑप्शन का उपयोग किया जा सकता है।
5) उसके बाद वाइप डाटा और फैक्ट्री रिसेट ऑप्शन के बाद रिबूट नॉउ ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपका फोन हार्ड रिबूट हो जाएगा अर्थात फोन का पूरा डाटा डिलीट हो जाएगा।
6) मैन्यू से बाहर आने के लिए पावर बटन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कार्बन फोन में हार्ड रिबूट करने के लिए हमने ए1, ए25, ए90 और ए2 पर परीक्षण किया।
अगर नोकिया आशा हो तो
1) सबसे पहले फोन को ऑफ करें
2) 8 के साथ 3 तथा कॉल बटन को एक साथ प्रेस करें।
3) कुछ समय इंतजार करें जब तक नोकिया लोगो स्क्रीन पर न आ जाए।
4) इसके बाद फोन हार्ड रिसेट हो जाएगा।
इसके अतिरिक्त आशा सीरीज में हार्ड रिसेट के लिए कुछ कोड का भी इस्तेमाल किया जाता है। जैसे आशा 200 में *#7370# टाइप करें, आशा 311 में 12345 टाइप कर हार्ड रिसेट कर सकते हैं। वहीं *#7370# इस कोड के अतिरिक्त *#7380# भी टाइप कर सकते हैं।
करते हों नोकिया लूमिया सीरीज का इस्तेमाल
यदि आप नोकिया विंडोज आधारित फोन पासवर्ड भूल गए हैं या फोन थोड़ी परेशानी कर रहा है तो इन आसान तरीको का इस्तेमाल कर हार्ड रिसेट कर सकते हैं।
1) पहले लूमिया 1020 को ऑफ करें।
2) वॉल्यूम अप/डाउन के साथ पावर बटन प्रेस करें।
3) उसके बाद स्क्रीन पर रिबूट का ऑप्शन आएगा और क्लिक करने पर आपका रिसेट हो जाएगा।
इसका परीक्षण हमने लूमिया 1020 पर किया है।
*सभी टच स्क्रीन फोन हार्ड रिबूट का तरीका लगभग एक जैसा है। कीपैड फोन में यह तरीका अलग हो सकता है।
*हार्ड रिबूट के दौरान किसी भी तरह की डाटा क्षति के लिए मॉय मोबाइल उत्तरदायी नहीं होगा।
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एटीएम कार्ड ब्लॉक बताकर कर ली ऑनलाइन शॉपिंग

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
कहीं आपका एटीएम कॉर्ड ब्लॉक बताकर कोई आपके खाते से तो ऑनलाइन शॉपिंग तो नहीं कर रहा है। हाल ही में एक ग्राहक के खाते से किसी ने 21900 रुपए की ऑनलाइन शॉपिंग कर ली। इस ग्राहक ने भीमगंज थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई है। एक ही बैंक के 14 ग्राहकों ने इस तरह के फोन कॉल्स आने की शिकायत भी बैंक में दर्ज कराई है।
रेलवे के लोको पायलट विकास कुमार शर्मा का खाता डीआरएम कार्यालय परिसर स्थित एसबीबीजे में है। उनके पास 16 जून को मोबाइल नंबर 08651905977 से एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने उनसे कहा कि कि मैं एसबीआई की एटीएम मुंबई शाखा से राकेश तिवारी बोल रहा हूं। आपका एटीएम कार्ड ब्लॉक हो गया है। यदि आप अपना एटीएम कार्ड रिन्यू कराना चाहते हैं तो मुझे अपना खाता नंबर और एटीएम कार्ड का 16 अंकों का नंबर दे दें। शर्मा ने जानकारी दे दी।
तिवारी ने कहा कि हमारी बैंक की एसबीआई एसीएस शाखा से छह अंकों का नंबर आएगा। वह आपको तुरंत मुझे बताना होगा। उसके बाद आपको चार अंकों का पासवर्ड दूंगा, जिससे 24 घंटे के अंदर आपका एटीएम कार्ड रिन्यू हो जाएगा। शर्मा ने बताया कि मुझे एसबीआई एसीएस शाखा से मैसेज आया। तिवारी का कॉल आया तो उसने मुझे एक चार अंकों का नंबर 6987 दिया। उसके बाद शर्मा खाते से 1900, 5000, 10000 और 5000 रुपए डेबिट हो गए। शर्मा ने बताया कि धोखेबाज व्यक्ति का मोबाइल नंबर अभी भी चालू है। उसे ट्रेस कराने के लिए उन्होंने शहर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी लिखित शिकायत की है। उधर, एसबीबीजे डीआरएम शाखा के अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि करीब 14 ग्राहकों ने इसी तरह की शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें दो के खातों से ऑनलाइन शॉपिंग हो चुकी है।
 कैसे बचें धोखे से

- बैंक अधिकारियों का कहना है कि कभी भी बैंक फोन या मोबाइल पर आपके एटीएम या बैंक खाते की जानकारी नहीं मांगता है।
- ग्राहक के पास इस तरह के कोई अननोन फोन कॉल्स आए तो तुरंत बैंक मैनेजर या संबंधित अधिकारी से संपर्क करें।- कभी किसी को एटीएम का पिन नंबर, कार्ड नंबर, कार्ड की एक्सपायरी डेट, सीक्रेट कोड न बताएं।

Friday, June 20, 2014

आलू के वायदा कारोबार पर रोक

कोटा। वायदा बाजार नियामक एफएमसी ने आलू के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी है। यह जुलाई, अगस्त और सितंबर सौदों के लिए प्रभावी होगी। आलू के बढ़ते दामों को देखते हुए नियामक की ओर से यह फैसला किया गया है।
केंद्र में नई सरकार के आने के साथ ज्यादातर सब्जियों के दामों में तेजी आई है। प्याज का निर्यात घटाने और घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए मंगलवार को सरकार की ओर से प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 300 डॉलर प्रति टन कर दिया गया।
आलू का निर्यात घटाने के लिए भी वह जल्द ही एमईपी तय कर सकती है। वर्तमान में जिंस एक्सचेंज एमसीएक्स पर ही आलू का सक्रिय व्यापार हो रहा है, जबकि एनसीडीईएक्स पर यह न के बराबर है।
एमसीएक्स ने एक सर्कुलर जारी कर बताया कि नियामक के निर्देश के बाद आलू के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी गई है। यह 18 जून से प्रभावी है। व्यापारियों की ओर से आलू की खरीदारी पर अंकुश लगाने के लिए एमसीएक्स ने मार्जिन मनी को भी पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया है।
एक्सचेंज में मार्जिन मनी को जमा करने के बाद ही वे वायदा कारोबार में हिस्सा ले सकेंगे। खुदरा और थोक दोनों ही बाजारों में आलू और प्याज की कीमतें तेज बनी हुई हैं।

फेसबुक का नया फोटो, विडियो शेयरिंग एप स्लिंगशॉट

 फेसबुक ने स्मार्टफोन के लिए फोटो, विडियो शेयर के लिए एक नया एप स्लिंगशॉट लांच किया है। इस एप के जरिए शेयर की गई चीजें अपने आप डिलीट हो जाएंगी। इसके लिए आपको फेसबुक अकाउंट की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। यह काफी हद तक स्नैपचैट एप जैसा है। स्नैपचैट ने पिछले महीने विडियो और टेक्स्ट चैट का ऑप्शन जोड़ा है।
स्लिंगशॉट पर आप अपने मोबाइल नंबर से साइन-अप करके फोन की कॉन्टैक्ट लिस्ट में मौजूद लोगों से या फेसबुक फ्रेंड्स को खोजकर जुड़ सकते हैं। स्लिंगशॉट के जरिए भेजी गई तस्वीरें देखने के तुरंत बाद डिलीट हो जाएंगी। यह यूजर की प्राइवेसी को और स्ट्रांग बनाएगा। व्हाट्सएप की तरह आपके मोबाइल में मौजूद कांटेक्ट्स इसमें अपने आप जुड़ जाएंगे।
व्‍हाट्सएप की तरह मोबाइल नंबर के साथ काम करेगा
बशर्ते कि आपके कॉन्टेक्ट्स ने भी स्लिंगशॉट डाउनलोड कर रखा हो। इस एप के लिए आपको फेसबुक अकाउंट की जरूरत नहीं है। व्हाट्सएप की तरह यह मोबाइल नंबर के साथ काम करेगा। फेसबुक का यह एप ऐसे समय में आया है, जब मोबाइल मैसेजिंग सर्विस जोर पकड़ रही है और यह फेसबुक यूजर्स की संख्या को प्रभावित कर रही है। इसलिए फेसबुक नए एप डेवलप कर रहा है। इस एप को एंड्रायड और आईओएस पर लांच किया गया है। फिलहाल इसे केवल अमेरिकी लोग इस्तेमाल कर सकते हैं, उम्मीद है कि जल्द ही इसे दुनिया के बाकी देशों के यूजर्स को भी उपलब्ध कराया जाएगा।
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जी हां, अब जल्द ही आ सकता है 5 जी नेटवर्क

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
दुनिया के कोने-कोने में लोगों को दूरसंचार के जरिए जोड़े रखने के लिए विभिन्न कंपनियों ने पहले 2जी, फिर 3जी नेटवर्क बनाया। अब तो यह भी सुनने में आ रहा है कि लोग जल्द ही 4 जी नेटवर्क का इस्तेमाल भी कर सकेंगे। इस सबसे परे एक और खबर यह आ रही है कि लोगों को दूरसंचार क्षेत्र में और भी सहूलियतें मुहैया कराने के लिए कुछ कंपनियां 5 जी नेटवर्क तक को लाने में जुटी हैं।

खबर यह है कि यूरोपीय आयोग व दक्षिण कोरियाई सरकार के बीच एक डील की गई है जिसके अंतर्गत दोनों आयोग मिलकर 5 जी नेटवर्क को लोगों के बीच लाने की कोशिश में लगे हैं। इस संदर्भ में हाल ही में दक्षिणी कोरिया के सियोल शहर में एक अनुबंध भी साइन किया गया है।अब यूरोप व कोरिया मिलकर 5 जी नेटवर्क से संबंधित शोध में जुटे हैं व साथ ही हार्मनाइज्ड रेडियो स्पेक्ट्रम व वैश्रि्वक 5 जी मानकों की मदद से इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने में लगे हैं। दोनों आयोगों की मेहनत को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमें वर्ष 2015 के अंत तक 5 जी से संबंधित कुछ तथ्यों की प्राप्ति हो सकती है। फिलहाल इस प्रोजेक्ट से जुड़ी टीम की सबसे पहली चुनौती है इस साल के अंत तक एक सर्वश्रेष्ठ टाइम टेबल बनाना जिसके फलस्वरूप काम को तेजी से किया जा सके।

ऑल इंडिया आईआईटी टॉपर की सफलता की कहानी पढ़िए उन्हीं की जुबानी

जब ग्यारहवीं की पढ़ाई शुरू की तो सिलेबस देखने के बाद झटका लगा। दसवीं के कम्परेजन में 11 वीं और 12 वीं का सिलेबस बहुत ज्यादा टफ है। तो शुरू में तो ऐसा लगा था कि चीजें बहुत मुश्किल होने वाली हैं लेकिन जब पढ़ना शुरू किया तो ये पता लगा कि आईआईटी और 12वीं का सिलबेस लगभग एक जैसा ही है। ऐसा नहीं था कि मैंने 11वीं में कम पढ़ा और 12 वीं में ज्यादा पढ़ना शुरू कर दिया।
 
स्कूल रेगुलर जाता था। और वहां जो भी असाइनमेंट्स दिए जाते थे वो सब टाइमली करता था। ऐसे में 12 वीं बोर्ड के लिए एक्सट्रा पढ़ाई की जरूरत नहीं हुई। और 97 परसेंट भी स्कोर कर पाया।  मेरी तैयारी का दायरा एनसीईआरटी की बुक्स और कोचिंग के नोट्स तक सीमित नहीं था। मैंने फॉरन ऑथर्स जैसे  ईएम पुरुल और क्लिपनर  की भी बुक पढ़ी ताकि मेरे कॉन्सेप्ट स्ट्रांग हो पाएं।सफर के समय में भी करता था पढ़ाई
रोज कोचिंग नहीं जाता था। वीकएंड पर और वेकेशन पर कोटा जाकर एलेन में पढ़ता था। मेरे शहर उदयपुर से कोटा का तीन घंटे का सफर है। सफर के इन तीन घंटों में भी रिविजन करता था। मैं जानता था ये दो साल जिंदगी में फिर कभी लौटकर नहीं आने वाले। मैं खुद को रिलेक्स करने के लिए सिर्फ डेढ़ घंटा टीवी और स्पोर्ट्स को दे पाता था। फोकस की बात की जाए तों फिजक्स, कैमिस्ट्री मैथ्स तीनों को बराबर वेटेज दिया। हालांकि कैमिस्ट्री में थोड़ा कंफर्ट कम था। पढ़ने का मेरा कोई फिक्स शेड्यूल नहीं था। तीन घंटे के स्लॉट में पढ़ता था क्योंकि पेपर में तीन घंटे के स्टैमिना की जरूरत होती है। मेरे पिता भी आईआईटी दिल्ली से पासआउट हैं। उन्होंने मुझे गाइड किया है तो प्रेशर को हैंडल करना भी सिखाया। 11 वीं से ही मैंने तैयारी शुरू की थी। इन दो सालों में ना जाने कितनी बार उन्होंने मुझे कहा है कि अगर आईआईटी में सलेक्शन नहीं होता है तो कहीं और हो जाएगा। इसलिए मैं रिलेक्स था। मैं सिलेबस में बंधकर नहीं बल्कि ज्यादा नॉलेज के दम पर क्वालिफाई करना चाहता हूं।
तीन घंटे के स्लॉट में जब पढ़ता था तो मैथ्स और फिजिक्स से शुरू करता था क्योंकि ये इंटेनसिव होते हैं। और फिर कैमिस्ट्री का नंबर आता था। मुझे कोर्स को खत्म करने की जल्दी नहीं थी। कई बार 15-15 दिन लग जाते थे एक टॉपिक को क्लियर करने में। मैथ्स और कैमिस्ट्री  में जहां में सॉल्विंग पर फोकस रहता था और कैमिस्ट्री में लर्निंग और ग्रेबिंग पर। मेरी मैमोरी फोटोग्राफिक है और मैं बहुत ऑर्गेनाइज्ड रहता हूं। मुझे पता है मेरे छोटे से छोटे नोट्स कहां और कैसे रखे हैं। ऐसे में ढूंढने में मेरा टाइम वेस्ट नहीं होता। अब आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करना चाहता हूं।

स्टूडेंट्स के लिए टॉपर के टिप्स
  * कोर्स बहुत लैंदी हैं, ऐसे में ग्यारहवी की शुरुआत से लेकर एग्जाम तक अपना एनर्जी लेवल और कंटीन्यूटी बनाए रखें।
   * कोचिंग के दौरान टेस्ट सीरीज में कभी अच्छे मार्क्स आते हैं तो कभी खराब। ऐसे में खुद की पॉजिटिविटी बनाए रखना जरूरी है। टेस्ट सीरीज में जब मेरे मार्क्स जब भी खराब आते तो मैं अपनी कमियों का एनालिसिस करता था।
   * मैं तीन घंटे के स्लॉट में पढ़ता था, पेपर तीन घंटे का होता है। स्टैमिना मेंटेन करना जरूरी है।
  *बाकी स्टूडेंट्स की तरह तैयारी के दौरान मैंने भी सिली मिस्टेक्स  कीं, लेकिन अपनी गलतियों को गलती से भी  नहीं दोहराया।
   * पढ़ने के लिए तीन घंटे का स्लॉट फिक्स था लेकिन खुद को टाइट शेड्यूल में नहीं बांधा।
   *मैथ्स में ज्यादा से ज्यादा क्वैश्चन सॉल्व किए ताकी स्पीड और एक्यूरेसी बनी रहे। वहीं कैमिस्ट्री में मैं कॉन्सेप्ट को समझता था।

Thursday, June 19, 2014

बनारसी साड़ी की बढ़ेगी शान

कोटा। दुनियाभर में मशहूर बनारस की साड़ियां और भदोही के आलीशान कारपेट से संकट के बादल छटने वाले हैं। देश के नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव से पहले बनारस के उद्यमियों से किए वादे पूरा करने जा रहे हैं। नई सरकार ने देशभर की एमएसएमई इकाइयों के पुनरुद्धार के लिए योजना का रोडमैप तैयार कर लिया है, जिसमें वाराणसी को भी प्राथमिकता दी गई है।
 कुटीर उद्योगों के लिए घोषणा जल्‍द

केंद्रीय एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र ने वाराणसी में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि सरकार यहां के हस्‍तशिल्‍प और हथकरघा उद्योगों के लिए प्‍लान तैयार कर रही है। मंत्री ने कहा कि शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में चल रहे कुटीर उद्योगों के नई योजनाओं की घोषणा जल्‍द ही की जाएगी। मिश्रा ने कहा कि योजना के विकास से संबंधित अगली बैठक 26 जून को की जाएगी।
हथकरघा और कारपेट बुनकरों की चुनौतियां
बड़ी मशीनों और कल कारखानों के आने के बाद वाराणसी के विश्‍व प्रसिद्ध कुटीर उद्योग पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वाराणसी साड़ी उद्योग की राह में आने वाली पांच बड़ी मुश्‍किलेंः
 महंगा कच्‍चा माल  

वाराणसी साड़ी के लिए लगने वाले सिल्‍क और कच्‍चे माल के दामों में वृद्धि के चलते बुनकरों के लिए साड़ी बनाना मुश्किल पड़ रहा है। मानवकल्याण संघ (एचडब्‍लूए) के निदेशक डॉ रजनीकांत का कहना है सिल्‍क के दाम काफी ज्‍यादा हैं और इसके ऊपर से आयातित वस्‍तुओं पर सरकार की एं‍टी डंपिंग ड्यूटी ने बुनकरों का प्राफिट मार्जिन छीन लिया है।
विदेशी सिल्‍क पर भारी आयात कर

साड़ी बनाने के लिए 80 प्रतिशत सिल्‍क चीन से बाकि 20 प्रतिशत कर्नाटक से आयात किया जाता है। इससे पहले की यूपीए सरकार ने आयात कर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया था। इसकी वजह से बुनकरों को मिलने वाली प्रॉफिट काफी कम हो गई।
पारदर्शिता की कमी
तमाम महंगाई के बावजूद बनारसी साडि़यों पर बुनकरों को लाभ मिलता, लेकिन भ्रष्‍ट सरकारी अधिकारियों की लूट खसोट के चलते कल्‍याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुंच पाता। रजनीकांत के अनुसार, “ करीब 600 को-ऑपरेटिव सोसायटी हैं, जिनमें से केवल 50 को ही पारदर्शी और सही पाया गया, बाकि भ्रष्‍टाचार और घूसखोरी में लिप्‍त हैं।
 

फूड प्रोसेसिंग के लिए संभावना तलाशेंगे उद्यमी व वैज्ञानिक

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
हाड़ौती में पैदा होने वाले अरबों रुपए के खाद्यान्न की फूड प्रोसेसिंग के लिए कृषि विश्वविद्यालय ने हाल ही में उद्यमियों एवं कृषि वैज्ञानिकों की एक सेल का गठन किया है। सेल इस बात की संभावनाएं तलाशेगी कि किस खाद्यान्न पर आधारित उद्योग लगाने के प्रयास किए जाएं।
कृषि विश्वविद्यालय के उप कुलपति जेएस सोलंकी ने बताया कि सेल के गठन का उद्देश्य यही है कि किसानों द्वारा पैदा किए जाने वाले खाद्यान्न से उन्हें कैसे ज्यादा से ज्यादा फायदा हो। हाड़ौती में सोयाबीन, धनिया एवं चावल जैसे खाद्यान्न के अलावा आंवला, टमाटर, संतरा आदि कई वेजीटेबल एवं फ्रूट भी पैदा होते हैं। परन्तु किसान को उनका लाभकारी मूल्य नहीं मिल पाता है। मधुमक्खी पालन के जरिए शहद उत्पादन के काम को बढ़ावा देने के लिए भी विश्वविद्यालय प्रयासरत है। ऐसी कई संभावनाएं है, जिनको मूर्तरूप देने के लिए सेल के माध्यम से प्रयास किए जाएंगे। किसान खेत में पैदा होने वाली उपज सीधे मंडी में ले जाकर बेच देते हैं, उन्हें इसकी उपज का पूरा दाम नहीं मिल पाता। इसी बात को ध्यान में रखकर सेल बनाई गई है।
किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रोत्साहित करेंगे
उन्होंने बताया कि उन्होंने उद्यमियों को कहा है कि उद्योग लगाने की पहल तो उन्हें ही करनी है, लेकिन सरकार इसमें क्या सहायता कर सकती है। इसके लिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाएगा। किसानों को भी उन्नत खेती के लिए प्रोत्साहित करने का काम सेल करेगी। उद्यमी, किसान एवं वैज्ञानिक तीनों मिलकर एक ही दिशा में आगे बढ़ेंगे तो उद्योग लगेंगे। इस मामले में सेल की दूसरी बैठक जल्दी बुलाई जाएगी।

यह शामिल हैं सेल में
चेयरमैन कृषि विश्वविद्यालय के उप कुलपति जेएस सोलंकी, सेक्रेटरी डॉ. ममता तिवारी, कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर, विज्ञान केन्द्र के डॉ. जीएल गर्ग एवं शहर के लघु उद्यमी समेत 22 सदस्य शामिल हैं

शादी में पांच लाख से अधिक खर्च किया, तो सरकार लगाएगी टैक्स

कोटा। अगर आप शानोशौकत दिखाते हुए शादी करने के हिमायती हैं, तो यह खबर पढ़ना आपके लिए जरूरी है। दरअसल कर्नाटक सरकार इस तरह की शादियों पर लक्जरी टैक्स लगाने वाली है। प्रस्ताव के अनुसार, 5 लाख रुपए से अधिक खर्च वाली शादियों पर टैक्स लगाया जा सकता है। इसके अलावा उन शादियों पर भी टैक्स लगाया जा सकता है जिसमें 1,000 से अधिक लोगों को बुलाया गया हो। कर्नाटक सरकार की कैबिनेट जून के आखिर में इस मसले पर विचार करने वाली है।
 कैसे लगेगा टैक्स
 ऐसी शादियों पर टैक्स लगाने के लिए विशेष अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। ये अधिकारी अचानक शादी के मौके पर जा कर निरीक्षण करेंगे और खर्च का आकलन करने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा उन वेंडरों से भी भुगतान के बारे में पूछताछ की जाएगी, जिनके पास इस तरह की शादियों का ठेका होगा। हालांकि इस तरह की शादियों पर कितना टैक्स लगेगा, यह अभी तय नहीं है।   
 सरकार का रॉबिनहुड स्टाइल
 प्रस्ताव है कि इस तरीके से जो टैक्स वसूला जाएगा, उसे गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी के लिए खर्च किया जाएगा। कर्नाटक के विधि मंत्री टी बी जयचंद्रा के अनुसार, इस कलेक्शन के जरिए इंटर कास्ट मैरिज करने वाले लोगों की भी मदद की जाएगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि इस बारे में अंतिम फैसला लोगों की राय जाने बगैर नहीं किया जाएगा। खबर यह भी है कि राज्य कांग्रेस का एक धड़ा इस तरह का टैक्स लगाए जाने के पक्ष में नहीं है।

डॉगीज की खुराफातें


पर्यावरण मंजूरी की आवेदन प्रक्रिया होगी डिजिटल

कोटा। वन एवं पर्यावरण संबंधी मंजूरी की आवेदन प्रक्रिया को सरकार डिजिटल करने जा रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर एवं निवेश परियोजनाओं में तेजी लाने और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की कवायद के मद्देनजर केंद्र सरकार ने सभी वन मंजूरी की प्रक्रियाओं का 1 जुलाई से डिजिटाइजेशन करने का फैसला किया है। इसके तहत मंजूरी के लिए आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके साथ ही आवेदनों की स्थिति जानने के लिए ऑनलाइन ट्रैकिंग सेवा इस साल 1 सितंबर से शुरू कर दी जाएगी। उद्योग संगठन फिक्की की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘ऑप्टिमाइजिंग प्रोजेक्ट क्लीयरेंस फ्रेमवर्क फॉर स्टिम्युलेटिंग इनवेस्टमेंट्स’ में केंद्रीय सचिवालय में अतिरिक्त सचिव (प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप) अनिल स्वरूप ने कहा कि खानों के अन्वेषण के लिए मिली मंजूरियों को इस साल एक नवंबर से ऑनलाइन कर दिया जाएगा। इन कदमों से उम्मीद है कि निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और पिछले कुछ सालों के दौरान निवेश के गिरते ग्राफ को ऊपर लाने में मदद मिलेगी।
5,27,299 करोड़ रुपए की योजनाएं
फिक्की बड़ी परियोजनाओं की मंजूरी प्रक्रिया को आसान और तर्कसंगत बनाने के लिए प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप (पीएमजी) के साथ मिलकर काम कर रहा है।अबतक स्वरूप की अगुवाई वाला पीएमजी 5,27,299 करोड़ रुपये की 150 से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी दे चुका है। हालांकि, पीएमजी के पास इस समय 280 से अधिक ऐसी परियोजनाएं के आवेदन पड़े हैं, जिन्हें विभिन्न प्रकार की मंजूरी का इंतजार है।स्वरूप ने कहा कि पीएमजी नीतिगत मुद्दों पर भी नजर बनाए हुए है। एक बार निवेश परियोजनाओं की आवेदन प्रक्रिया को डिजिटल स्वरूप में बदलने का काम पूरा हो जाए, तो उसके बाद मंजूरी प्रक्रिया की रि-इंजीनियरिंग और उनकी बाधाएं दूर करने की कवायद शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें भी इस काम में पीएमजी को सहयोग दे रही हैं।जुलाई के अंत तक ज्यादा निवेश वाले 16 राज्यों में स्थानीय पीएमजी का गठन किया जाएगा। स्वरूप ने उद्योगों से राज्य सरकारों की वेबसाइटों का इस्तेमाल करने की अपील की है। इससे पीएमजी को उद्योगों की दिक्कतें समझने में मदद मिलेगी और उन्हें दूर करने की पहल की जा सकेगी

Wednesday, June 18, 2014

टैक्स रिफंड समय से न मिलने पर बाजार दर से मिलेगा ब्याज!

बजट पेश होने से ठीक पहले टैक्सेशन ढांचे में बदलाव की पहल हो गई है। पार्थसारथी शोम की अध्यक्षता वाले कमीशन ने टैक्सेशन व्यवस्था के ढांचे में काफी अहम बदलावों की सिफारिश की है। यदि इस कमीशन की सिफारिश मान ली गई तो वेल्थ रिटर्न को इनकम टैक्स रिटर्न के भीतर ही शामिल किया जा सकता है। अगर वेल्थ रिटर्न को इनकम टैक्स रिटर्न में ही शामिल कर दिया गया, तो लोगों को दो के बजाय केवल एक ही रिटर्न फाइल करना होगा। कमीशन ने कहा है कि टैक्स रिफंड में देरी होने पर बाजार दर से टैक्सपेयर्स को ब्याज अदा किया जाए।
 शोम कमीशन की अहम सिफारिशें
 इसके अलावा इसने पर्मानेंट एकाउंट नंबर (पैन) को कॉमन बिजनेस आइडेंटिफिकेशन नंबर (सीबीआईएन) में बदलने की भी सिफारिश की है। इसका मतलब यह हुआ कि ईपीएफओ, डीजीएफटी, सर्विस टैक्स, सेंट्रल एक्साइज, कस्टम्स सभी इस एक नंबर को ही इस्तेमाल करेंगे।
 समिति ने टैक्सपेयर्स से संबंधित जो सिफारिशें की हैं, वे इस प्रकार हैं-
    *परमानेंट  एकाउंट नंबर (पैन) को कॉमन बिजनेस आइडेंटिफिकेशन नंबर (सीबीआईएन) में बदल दिया जाए
    *सभी टैक्स कलेक्शन एजेंसियां विभिन्न उद्देश्यों के लिए सीबीआईएन का इस्तेमाल करें
    * एक बार सीबीआईएन प्रचलन में आ जाए, तो विभिन्न रजिस्ट्रेशन नंबर्स और पैन नंबर को कैंसिल,  सरेंडर    और डी-रजिस्टर करा दिया जाए
   * वेल्थ रिटर्न को इनकम टैक्स रिटर्न के भीतर ही शामिल किया जाए
    *एक तय समय अवधि के भीतर टैक्स रिफंड जारी किया जाए
  *  टैक्स रिफंड में देरी होने पर बाजार दर से टैक्सपेयर्स को ब्याज अदा किया जाए
    *टीडीएस के लिए पासबुक स्कीम की व्यवस्था की जाए। जैसे ही किसी पेमेंट में से टीडीएस कटे, इसे तुरंत ही  टैक्सपेयर के खाते में डाल दिया जाए। यह एक रनिंग बैलेंस वाले खाते की तरह काम कर सकता है
  *  टैक्सपेयर्स की दिक्कतों के हल के लिए जरूरी है कि लोकपाल के निर्णय टैक्स ऑफिसर्स पर बाध्यकारी हों
पिछले महीने दी थी रिपोर्ट
 टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन के ढांचे में सुधार के बारे में सलाह देने के लिए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा पार्थसारथी शोम की अध्यक्षता में इस कमीशन का गठन किया गया था। कमीशन ने पिछले महीने के आखिर में अरुण जेटली को अपनी आरंभिक रिपोर्ट दे दी। कल इसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया।

इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की तैयारी में सरकार

 विकास की आधुनिक सोच के तहत सरकार देश को इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की तैयारी में जुट गई है। इस दिशा में सरकार ने देश के आठ शहरों की पहचान की है, जहां इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग इकाई लगाने पर विभिन्न प्रोत्साहन और सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा चिप निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने सात ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टरों की स्थापना को भी बढ़ावा देने का निर्णय किया है।
 सरकार का इरादा देश में इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग की बुनियाद मजबूत करना है, ताकि इन उत्पादों के लिए आयात पर निर्भरता कम की जा सके। सेमी कंडक्टर चिप निर्माण के लिए आवश्यक फैब मैन्यूफैक्चरिंग को भी सरकार बड़े स्तर पर प्रोत्साहन देने जा रही है।

संचार, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री की पहली प्राथमिकता
संचार, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग उनकी प्राथमिकताओं में शीर्ष पर है। 'यह रोजगारोन्मुख उद्योग है और इससे करीब 2.8 करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा।' सब्सिडी के जरिये इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग इकाई लगाने के लिए जिन शहरों का चयन किया गया है, उनमें गाजियाबाद, वडोदरा, गांधीनगर, अहमदाबाद, औरंगाबाद, नासिक, ठाणे और नागपुर शामिल हैं। इसके अलावा भोपाल, हैदराबाद, महेश्वर, भिवाड़ी, जबलपुर, काकानाड और होसूर में ग्रीनफील्ड क्लस्टर लगाए जाने की योजना है। इन शहरों में इकाई लगाने पर मोडिफाइड स्पेशल इंसेंटिव पैकेज स्कीम के तहत सब्सिडी मिलेगी। स्कीम की अधिसूचना जुलाई, 2012 में ही जारी कर दी गई थी। लेकिन पिछली संप्रग सरकार ने इस दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया था। इस स्कीम के तहत नई इकाई लगाने या मौजूदा क्षमता के 25 फीसद विस्तार पर हुए पूंजी खर्च के रिफंड का प्रावधान है। सरकार ने अब इस स्कीम के तहत आठ नए शहरों को जोड़ा है। अपने मंत्रालय की प्राथमिकताएं गिनाते हुए प्रसाद ने दूरसंचार क्षेत्र की दोनों सरकारी कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के कायापलट पर जोर दिया। संचार मंत्री ने बताया कि दोनों कंपनियों के प्रबंधन को अपनी सेवाओं में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। इन कंपनियों की सेवाओं को निरंतर निगरानी में रखा जाएगा। इसके लिए संचार मंत्री ने अपने चैंबर में ही मॉनीटरिंग की व्यवस्था की है। जहां तक डाक विभाग के आधुनिकीकरण का सवाल है प्रसाद ने बताया कि सरकार का जोर पोस्टल बैंकिंग पर है। इससे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
इन शहरों में मिलेगी सब्सिडी
गाजियाबाद, वडोदरा, गांधीनगर, अहमदाबाद, औरंगाबाद, नासिक, ठाणे और नागपुर।

Tuesday, June 17, 2014

मसाला नहीं औषधि भी है हींग

हींग का उपयोग भारत में कई सौ सालों से मसाले के रूप में किया जा रहा है। दाल हो या सब्जी, साधारण खाने में हींग का छौंक लगाने से स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। हींग केवल रसोई में काम आने वाला मसाला ही नहीं है, यह एक बेहतरीन औषधि भी है। हींग फेरूला-फोइटिडा नाम के पौधे का रस है। इस पौधे के रस को सुखा कर हींग बनाई जाती है। इसके पौधे 2 से 4 फीट तक ऊंचे होते हैं। 
ये पौधे विशेष रूप से ईरान, अफगानिस्तान, तुर्केमिस्तान, बलूचिस्तान, काबुल औैर खुरासान के पहाड़ी क्षेत्रों में होते हैं। वहां से हींग पंजाब और मुंबई आती है। महर्षि चरक के अनुसार, हींग दमा के रोगियों के लिए रामबाण औषधि है। यह कफ का नाश करने वाली, गैस की समस्या से राहत देने वाली, लकवा के रोगियों के लिए फायदेमंद व आंखों के लिए भी बेहद लाभदायक होती है। जानिए इसके कुछ खास उपाय-
 1- सौंठ, कालीमिर्च, छोटी पीपल, अजवाइन, सफेद जीरा, काला जीरा, शुद्ध घी में भुनी हींग और सेंधा नमक सब समान मात्रा में लेकर बारीक पीस लें। इस चूर्ण का रोजाना खाने के बाद 2 से 4 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ सेवन करें। इसके नियमित सेवन से पेट में गैस की समस्या खत्म हो जाएगी।
 2- हींग को पानी में घोलकर नाभि के आसपास लेप करने से या घी में भुनी हींग शहद में मिलाकर खाने से पेटदर्द में लाभ होता है।

3- हींग का एक छोटा-सा टुकड़ा पानी से निगल लेने पर पेटदर्द से बहुत जल्दी राहत मिलती है।
 4- पेटदर्द में 2 ग्राम हींग को आधा किलो पानी में उबालें, जब चौथाई पानी बच जाए तो इस पानी को हल्का ठंडा कर पिएं।

5- हींग को पानी में मिलाकर घुटनों पर लेप करने से घुटनों का दर्द दूर हो जाता है।6- दांतों में दर्द हो तो दर्द वाले स्थान पर हींग लगा लें या हींग का टुकड़ा रख लें। राहत मिलेगी।
 7- हींग को पानी में उबालकर कुल्ला करने से भी दांतों के दर्द में राहत मिलती है।
8- सर्दी के कारण सिरदर्द हो रहा हो तो पानी में थोड़ी हींग घोल लें। इस पानी को सिर पर लगाएं। सिरदर्द में तुरंत आराम मिलेगा।

9- हींग को पानी में घोलकर उसकी कुछ बूंदें रोजाना नाक में डालें। इस उपाय से माइग्रेन की समस्या में बहुत आराम मिलता है।
10- पसलियों में दर्द हो तो पानी में हींग घोलकर पसलियों पर लेप करें, आराम मिलेगा।
11- बच्चों को न्यूमोनिया में हींग का पानी थोड़ी-थोड़ी मात्रा में देते रहने से बहुत आराम मिलता है।
12- भोजन में हींग के नियमित सेवन से महिलाओं के गर्भाशय का संकुचन होता है और मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
13- यदि आपको दाद की समस्या है तो गन्ने के रस में सिरके के साथ थोड़ा हींग पाउडर मिलाएं। सुबह-शाम दाद पर लगाएं। कुछ ही दिनों में दाद खत्म हो जाएगा।
14- पुराने गुड़ में थोड़ी-सी हींग मिलाकर सेवन करने से हिचकी तुरंत बंद हो जाती है।
15- यदि कोई जहर खा ले तो उसे तुरंत हींग का पानी पिलाएं। ऐसा करने से उल्टी के द्वारा जहर बाहर निकल जाता है और जहर का प्रभाव खत्म हो जाता है।
16- हिस्टीरिया के रोगी को हींग सुंघाने पर तुरंत होश आ जाता है।
17- हींग का नियमित सेवन करने से लो-ब्लड प्रेशर और दिल से संबंधित बीमारियां होने की संभावना कम हो जाती हैं।
18- पित्ती यानी अर्टिकेरिया की समस्या होने पर हींग को घी में मिलाकर शरीर पर मलें, बहुत जल्दी लाभ होगा।
19- हींग को आक के फूल के साथ पीसकर छोटी-छोटी गोली बनाकर रख लें। ये गोलियां गर्म पानी से लें। खांसी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
20- यदि आपका गला बैठ जाए तो हींग को उबले हुए पानी में घोलकर इस पानी से गरारे करें। यह दिन में 2-3 बार करें। आपका गला ठीक हो जाएगा।

Monday, June 16, 2014

अब ऑन लाइन फ्रॉड से बचाएगा बीमा

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के चीफ (अंडरराइटिंग एंड क्लेम) संजय दत्ता ने अमर उजाला को बताया कि कंपनी ने हाल ही में साइबर लायबिलिटी के नाम से उत्पाद लांच किया है। जिसके तहत बैंक और ई-कॉमर्स जैसे कारोबार करने वाली कंपनियों को साइबर फ्रॉड के मामलों पर बीमा कवर मिलता है। दत्ता के अनुसार इसके लिए कंपनियों की तरफ से अच्छा रिस्पांस मिल रहा है
बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के चीफ टेक्निकल ऑफीसर टीए रामा लिंगम ने बताया कि कंपनी ने साइबर फ्रॉड को बीमा कवर देने के लिए प्रोडक्ट फाइल किया है। इसके जरिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के तहत होने वाले फ्रॉड को कवर किया जाएगा।
इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक निजी क्षेत्र की दो से तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियां साइबर फ्रॉड को बीमा कवर देने वाले उत्पाद को लांच करने की तैयारी में हैं। कंपनियों के अनुसार साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों की वजह से बैंकों के पास खासतौर से क्लेम की मांग आ रही है, जिसे देखते हुए इंडस्ट्री इस तरह के उत्पाद की जरूरत महसूस कर रही है।

कैसे होगा फायदा
बैंक या ई-कॉमर्स कंपनियां बीमा कंपनियों से साइबर फ्रॉड के मामलों को देखते हुए एकमुश्त राशि का बीमा कराएंगी। ऐसे में जब किसी ग्राहक या उपभोक्ता को साइबर फ्रॉड के जरिए धन की चपत लगेगी, तो उसे क्लेम मिलने में कहीं ज्यादा आसानी होगी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि बैंक या कंपनी को पता होगा कि उसे फ्रॉड पर बीमे की सुरक्षा मिलेगी।

एमबीए की 9000 सीटों पर आए 100 स्टूडेंट, अब मिली सीधे प्रवेश की छूट

कोटा। देशभर  में एमबीए कॉलेजों में एडमिशन के लिए हुई सीमेट-2014 प्रवेश परीक्षा इस साल पूरी तरह विफल हो गई है। राज्य के शिक्षा विभाग ने इस साल सभी 84 मैनेजमेंट कॉलेजों में एमबीए में प्रवेश लेने की सीधी छूट दे दी है। सीधा प्रवेश 30 जून तक लिया जा सकेगा। 9 हजार सीटें भरने के लिए हुई काउंसलिंग में 100 से भी कम स्टूडेंट ने एडमिशन लिया।
 राज्य समन्वयक डीएन व्यास के अनुसार, इसके बाद 15 मैनेजमेंट कॉलेजों ने इस साल सत्र बंद रखने के लिए आवेदन कर दिया। प्रतिदिन 3-4 कॉलेज सत्र बंद रखने के लिए विभाग को आवेदन कर रहे हैं। सीमेट के स्टेट कॉर्डिनेटर टेक्सटाइल इंजीनियरिंग कॉलेज भीलवाड़ा ने राज्य के स्टूडेंट्स को छूट दी है कि वे अंडर ग्रेजुएशन में 48 फीसदी माक्र्स पर भी एमबीए में सीधे एडमिशन ले सकते हैं। एमबीए में घटती रुचि के कारण राज्य में मात्र तीन साल में मैनेजमेंट कॉलेजों की संख्या घटकर इस साल 134 से 84 रह गई है।
क्यों हुआ ऐसा
> मार्केट में डिमांड बहुत कम और एमबीए ग्रेजुएट्स की संख्या ज्यादा।
> आईआईएम और प्रमुख प्राइवेट बी-स्कूलों की साख कई गुना बेहतर।
> प्राइवेट यूनिवर्सिटी में पहले एडमिशन हो जाने से एमबीए कॉलेज खाली रह गए।
> साल में दो बार सीमेट होने के बावजूद छात्रों की रुचि नहीं।
ये कदम उठाने होंगे
> सरकार रेगुलेशन बनाए। कंट्रोलर की भूमिका छोड़कर फीस कॉलेजों को तय करने दे, जो कॉलेज अच्छा पढ़ाएंगे छात्र वहां जाएंगे।
> कॉलेज फैकल्टी को एआईसीटीई के नियमानुसार वेतन दें।
> सीमेट देने वाले अंतिम छात्र को भी प्रवेश मिल रहा है, फिर सीधे प्रवेश की छूट दी जा रही है, ऐसे में गुणवत्ता में सुधार कैसे होगा।
 

SMS के जरिए कराऐं ट्रेन टिकट बुक

कोटा। अब आप घर बैठे ही अपने मोबाइल से एसएमएस द्वारा रेलवे   टिकट की बुकिंग करा सकते हैं। रेलवे एक जुलाई से यात्रियों को यह सुविधा देने जा रही है। इसके तहत रेलवे के अधिकृत नंबर 139 और 5676714 पर एसएमएस कर किसी भी ट्रेन में रिजर्वेशन कराया जा सकता है। रेलवे की इस पहल से टिकट बुकिंग  में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने में भी मदद मिलेगी।
मोबाइल नंबर को रजिस्टर्ड कराना होगा जरूरी
 यात्री जिस मोबाइल से टिकट बुकिंग कराना चाहते हैं, पहले उन्हें आईआरसीटीसी अकाउंट और बैंक में अपने उस मोबाइल का नंबर रजिस्टर्ड कराना होगा। साथ ही टिकट का पैसा पेमेंट करने के लिए चार नंबर का मोबाइल मनी आईडेंटिफायर (एमएमआईडी) कोड की जरूरत होगी। इसके लिए यात्रियों को बैंक के साइट पर  या बैंक से संपर्क करना होगा। इस  सर्विस की सुविधा 26 बैंकों को दी गई है। इसमें सभी नेशनलाइज बैंक शामिल हैं।
 ऐसे होगा 139 पर रिजर्वेशन 
 मोबाइल नंबर पर टू स्टार्ट, एसएमएस, बुक, ट्रेवल तिथि (दिनांक व माह) टाइप करना है। फिर उसे 139 नंबर पर एसएमएस कर देना होगा। एक बार में छह पैसेंजर का रिजर्वेशन होगा। उसके  बाद एक मैसेज रेलवे की ओर से आएगा। जिसमें रेलवे के द्वारा भेजे गये फॉरमेट को भरना होगा। जिसमें ट्रांजेक्शन आईडी, टिकट अमाउंट, सर्विस चार्ज, टोटल एमाउंट, सीट स्टेटस और पेमेंट की स्थिति के बारे में बताएगा। फिर पेंमेट करने के  लिए एसएमएस करना होगा। एसएमएस  पे आईएमपीएस आईआरसीटीसी यूजर आईडी टाइप कर 139 पर भेज देना है। उसके बाद उपभोक्ता को सात अंकों का एक ट्रांजेक्शन आईडी मिलेगा। उसमें टिकट और सर्विस चार्ज और सीट स्टेटस की स्थिति के बारे में बताया जाएगा।
 ऐसे होगा कैंसिलेशन
 टिकट कैंसिलेशन के लिए पहले सीएएन, पीएनआर नंबर, आईआरसीटीसी, यूजर आईडी, लिखकर 139 पर भेज देना है। इससे टिकट कैंसिल हो जायेगा।
 5676714 पर कराएं बुकिंग 
 पहले एसएमएस स्टार्ट आईआरसीटीसी यूजर आईडी 5676714 पर भेजना होगा। यह मैसेज फिर से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से भेजना होगा। फॉरमेट के अनुसार पहले बुक, यात्रा की तिथि, (दिन, माह व वर्ष) ट्रेन नंबर, श्रेणी, यात्री के नाम, उम्र, लिंग देना होगा। इस माध्यम से केवल चार यात्रियों की बुकिंग होगी।
 सुबह में पांच घंटा  नहीं होगा टिकट बुक 
 सुबह आठ से दोपहर 12 बजे तक किसी भी श्रेणी में टिकट का आरक्षण संभव नहीं होगा। टिकट आरक्षण के लिए केवल अंग्रेजी का ही उपयोग करना होगा।


Sunday, June 15, 2014

आइना बदल सकता है भाग्य

 आईना, जिसके बगैर आपकी खूबसूरती अधूरी है समझिए। वह आईना ही है, जो आपकी खूबसूरती को आपके कॉन्फिडेंस के साथ जोड़े रखता है। लेकिन, वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि आईना यदि सही दिशा और सही स्थिति में हो तो आपका फायदा और न हो तो आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। आइए, जानें घर में कहां और कैसे रखें इसे...
आप जहां रह रहे हों या जहां आपका ऑफिस हो वहां उत्तर-पूर्व दिशा में दर्पण लगाना चाहिए। आप देखेंगे कि इसके लगाते ही आय में वृद्धि तो शुरू होगी ही साथ ही कमाई के रास्ते आनेवाली बाधाएं भी दूर होंगी।
आईना लगाते समय यह जरूर ध्यान रखें कि उस आईने में किसी शुभ वस्तु का प्रतिबिंब नज़र आ रहा हो। यह आपके भाग्य में वृद्धि लाता है।आईना ऐसी जगह न हो, जिसके ठीक सामने आपके घर या ऑफिस की कोई खिड़की या दरवाजा हो। ध्यान रखिए कि किसी भी कमरे में चारों और आईना नहीं लगाना चाहिए। जानते हैं? घर में ऐसी व्यवस्था घर के लोगों में उलझन पैदा कर देती है। यदि घर का कोई हिस्सा ऐसा हो, जहां अक्सर अंधेरा ही छाया रहता है तो ऐसे जगह गोल आईना लगाकर रखें। यह निगेटिव एनर्जी को भगाने की क्षमता रखता है।
यदि आपके बेडरूम में बेड के ठीक सामने कोई आईना हो तो उसे फौरन हटाएं, क्योंकि यह आपके शादीशुदा लाइफ में बाधाएं खड़ी कर सकता है। कहते हैं आईना जितना बड़ा और हल्का हो, उसे उतना ही बेहतरीन माना जाता है। घर में आईने की संख्या चाहे कितनी हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन यह जरूरी है कि आईने ने अलग-अलग टुकड़ों को एकसाथ जोड़कर एक जगह न रखें, क्योंकि इस तरह के आईने में आपका शरीर खंडित नजर आएगा औऱ यह शुभ नहीं माना जाता।वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि आईने के ढक कर रखना चाहिए। बेहतर है कि आईने को अपनी अलमारियों के अंदर फिट कराएं या फिर ऐसा ड्रेसिंग टेबल हो जिसका आईना उसे खोलने के बाद नज़र आता हो।आईना घर की दीवारों पर न तो ज्यादा ऊपर और न ही ज्यादा नीचे लगाएं, वर्ना घर के लोगों को शारीरिक तकलीफ से गुजरना पड़ सकता है।

अब इशारे से काम करेगा स्मार्टफोन

स्मार्टफोन निर्माता कंपनी जोलो ने स्मार्टफोन क्यू1200 बाजार में उतारा है। कंपनी ने इस फोन में कई शानदार फीचर्स शामिल किए हैं। इसे डुअल विंडोज के साथ पेश किया गया है जिसके माध्यम एक साथ दो विंडोज को आसानी से एक्सेस करने में सक्षम है। इसकी कीमत  13,999 रुपए है । 
 जोलो क्यू1200 की सबसे बड़ी खास बात ये है कि इसमें गेस्चर कंट्रोल तकनीक दी गई है जिसके चलते यह यूजर के इशारे समझकर काम करने लगता है। यानि यूजर जो इसकी स्क्रीन लिखेगा यह फोन वही ऑप्शन खोल देगा।
गेस्चर तकनीक वाले जोलो क्यू1200 स्मार्टफोन की स्क्रीन यदि ऑफ है और आपको कैमरा ऑन करना है तो बस स्क्रीन पर उंगली से अंग्रेजी का सी अक्षर लिख दीजिए। यदि आपको इसें अनलॉक करना है तो बस अपना हाथ हिला दीजिए यह फट से अनलॉक हो जाएगा। इतना ही नहीं बल्कि आप इसमें हाथ की हरकत से पिक्चर एक्सेस करने के साथ-साथ वीडियो बदलने और ट्रैक भी बदल सकते हैं।
एक नजर स्पेसिफिकेशन पर
जोलो क्यू1200 के अन्य तकनीकी पक्ष पर नजर डालें तो इसमें 5 इंच का एचडी आईपीएस डिस्‍प्ले दिया गया है जिस पर धूल-मिट्टी से बचाव के लिए गोरिल्ला ग्लास 3 का उपयोग किया गया है।
वहीं फोन में मैटेलिक डिजाइन की यूनिबॉडी के साथ डुअल स्पीकर और डॉल्बी साउंड तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया है। जोलो क्यू1200 एंड्रॉयड ऑपरेटिंग 4.2 जेलीबीन पर आधारित है जो कि नए एंड्रॉयड ऑपरेटिंग 4.4 किटकैट पर भी अपग्रेडेबल है।
1.3 गीगाहर्ट्ज डुअलकोर प्रोसेसर का उपयोग किया गया है जो कि मल्टी टास्क और एप्लिकेशन पर बेहतरीन कार्य करने में सक्षम है। वहीं फोन में फोटोग्राफी के लिए 8 मेगापिक्सल कैमरा है इसके अतिरिक्त वीडियो कॉलिंग के लिए 2 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा भी उपलब्ध है। फोन में 1जीबी रैम और 8जीबी इंटरनल स्टोरेज के अतिरिक्त माइक्रोएसडी कार्ड के द्वारा 32 जीबी एक्सपेंडेबल मैमोरी स्टोरेज की जा सकती है। पावर बैकअप के लिए फोन में 2,000 एमएएच की बैटरी दी गई है जो कि कंपनी के अनुसार 2जी नेटवर्क पर 418 स्टैंडबाय टाइम और 15 घंटे का टॉकटाइम देती है साथ ही 3जी नेटवर्क पर 385 घंटे का स्टैंडबाय टाइम तथा 9 घंटे का टॉकटाइम देने में सक्षम है।

Saturday, June 14, 2014

सोने ने दी लोहे को सीख

किसी नगर में एक सुनार की दुकान थी। वह आभूषणों का निर्माण करने के साथ-साथ उन्हें बेचने का काम भी करता था। उसका कारोबार बहुत अच्छा चलता था और उसकी दुकान में कई आदमी काम करते थे। दुकान पर अक्सर ग्राहकों की भीड़ लगी रहती। यह देख एक दिन सुनार ने सोचा कि ग्राहकों को बैठने के लिए बड़ी जगह देना चाहिए।
यह सोचकर सुनार ने आभूषण निर्मित करने वाले एक कारीगर को दुकान के बाहर थोड़ी-सी जगह में बैठा दिया। अब वह दुकान के बाहर एक कोने में बैठते हुए वहीं सोने को गलाता और उसे हथौड़े से कूट-पीटकर सुंदर गहने बनाता।
एक दिन जब सुनार की दुकान पर बैठा कारीगर स्वर्ण आभूषण बनाने के लिए सोने को गला रहा था तो उसमें से सोने का एक कण उछलकर छिटकते हुए पास की दुकान में गरम लोहे के कण के साथ जा मिला। वहां पहुंचकर सोने के कण ने देखा कि लोहे के कण बहुत उदास हैं।
यह देख सोने के कण ने उनकी उदासी का कारण पूछा। इस पर एक लोहे का कण बोला - भाई, हमारी उदासी का कारण यह है कि हमें रोज आग में तपना और पिटना पड़ता है। यह सब बर्दाश्त नहीं होता। यह सुनकर सोने के कण ने कहा - 'यह सब तो हम स्वर्ण कणों साथ भी होता है।
पर हम तो उदास नहीं होते। लोहे के कण ने जबाब दिया - तुम्हारी बात अलग है। तुम्हें तो कोई और पीटता है। हमें तो हमारे ही अपने सगे जोर-जोर से पीटते रहते हैं। तुम नहीं समझ सकते कि अपनों से पिटने का दर्द क्या होता है!
इस पर सोने का कण बोला - 'तुम इस पिटाई को अन्यथा क्यों लेते हो? अगर हमें पीटा जाता है तो सिर्फ हमारा रूप संवारने और सुंदर आकार देने के लिए, ताकि हम लोगों के काम आ सकें।
तुम्हें तो और भी खुश होना चाहिए, क्योंकि तुम्हारे अपने ही तुम्हारा भविष्य संवार रहे हैं। भविष्य संवारने और दूसरों के काम आने के लिए अगर हमें थोड़ी-बहुत तकलीफ भी उठाना पड़े तो खुशी-खुशी उठाना चाहिए।" यह सुनकर लोहे के कणों की उदासी दूर हो गई।

ग्लोबल वार्मिंग से बचाव पर कोटा निगम भी बनाएगा प्रोजेक्ट

कोटा| क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को कम करने के लिए कोटा नगर निगम प्रोजेक्ट बनाएगा। इसके लिए नगर निगम में  जर्मनी में बैठे डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के प्रतिनिधियों व निगम के अधिकारियों के बीच वेब पर सेमिनार हुई। जिसमें प्रतिनिधियों ने इसके चैलेंज और प्रक्रिया की जानकारी दी। महापौर डॉ. रत्ना जैन के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग से लडऩे और ग्रीन सिटी के कॉन्सेप्ट को बढ़ावा देने के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ संस्था द्वारा दुनिया के 150 से अधिक शहरों से प्रोजेक्ट तैयार करवाती है। पिछले साल भारत से कोच्ची, कोयम्बटूर व हैदराबाद के प्रोजेक्ट सर्वे में शामिल किए गए थे।

53 की उम्र में 119 डिग्री लीं, अब 200 का टारगेट

किसी को विश्वास नहीं होगा कि विशाखापट्टनम के छोटे से गांव रेदा गड्डी में होटल में चाय पिलाने और कप-प्लेट धोने वाले सुधाकर आज केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) में एडीशनल डायरेक्टर जनरल हैं। 53 साल की उम्र में 119 डिग्री डिप्लोमा हासिल कर लिए हैं। 
इसमें उन्होंने 5 सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन, 30 सब्जेक्ट में पीजी, 11 सब्जेक्ट में पीएचडी, 4 में डाक्टरेट, 36 में पीजी डिप्लोमा और 10 सब्जेक्ट व्यवसाय में कोर्स कर चुके हैं। यहीं नहीं हिन्दी, तेलुगु और अंग्रेजी में भी विभिन्न डिग्रियां हासिल की हैं।
कोटा कार्यालय के निरीक्षण के दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने अपने संघर्ष की कहानी बताई। उन्होंने बताया कि उनका टारगेट शेष तीन साल में 200 कोर्स करने का है। उन्होंने पढ़ाई का मंत्र बताया कि हर दिन वो सुबह दो से तीन घंटे रेगुलर पढ़ाई करते हैं। प्रो. सुधाकर ने बताया कि शुरुआती दौर में मजदूरी की है। माता-पिता अनपढ़ थे, लेकिन मन में दृढ़ निश्चय था कि खूब पढऩा है। उनका दावा है कि नागपुर महाराष्ट्र के श्रीकांत जिचकर ने जीवन भर 25 डिग्रियां और बैंगलुरु कर्नाटक के यज्ञनेश्वरन ने 32 डिग्रियां हासिल की थी। दोनों अब इस दुनिया में नहीं है। अब वो देश में पहले व्यक्ति है जिनके पास ये डिग्री-डिप्लोमा है।

कलेक्ट्रेट में सरकारी बाबुओं की तरह काम कर रहे दलाल

कोटा। कलेक्ट्रेट परिसर की सिंगल विंडो में दलाल काम कर रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने लगातार शिकायतों के बाद शुक्रवार को यहां छापा मारा तो ५ दलाल काम करते मिल गए। इनमें मनीष नामक व्यक्ति कंप्यूटर पर फॉर्म की एंट्री कर रहा था और राजेन्द्र प्रजापति, सुरेंद्र, नरेन्द्र व एक अन्य फार्मों की छंटाई। स्थायी कर्मचारी सुनील कुमार से पूछा तो उसने बताया कि वो तो सहयोग कर रहे हैं। भेंट-पूजा देने वालों को ये दलाल एक दिन में जन्म-मृत्यु, जाति और ऐसे ही अन्य प्रमाण पत्र बनाकर दे देते हैं।
विंडो पर रोजाना दोपहर एक बजे तक आवेदन लिए जाते हैं। तब तक दलालों की आवाजाही ना के बराबर रहती है। लेकिन, इसके बाद कागजात का काम शुरू होता है, तो विंडो पर दलालों का कब्जा हो जाता है। वो ही आवेदनों की छंटाई करते हैं और एंट्री भी। जिनसे भेंट-पूजा मिल चुकी होती है उनका काम तेजी से होता है। शाम तक प्रमाण पत्र बनाकर दे भी दिए जाते हैं। लेकिन, जो लोग नियमित प्रक्रिया के तहत आवेदन करते हैं, उन्हें प्रमाणपत्र मिलने में ३ दिन तक लग जाते हैं। लाइन में लगना और अन्य झंझट अलग। इधर, तहसीलदार और कलेक्टर का कहना है कि वे दलालों की सक्रियता से अनजान हैं। खड़े होकर फॉर्म की छटाई और कंप्यूटर में डाटा एंट्री करते ये शख्स दलाल हैं।

Friday, June 13, 2014

10-30 लाख रुपए सस्ती हुईं कारें

कोटा। लग्जरी कारों की कीमत अब कम होती जा रही है। कई कार कंपनियों ने हाल में लग्जरी गाड़ियों को भारत में  ही असेंबल करने का फैसला किया है। वे भारत से इंजन और कार के दूसरे जरूरी पार्ट्स तैयार कर रही हैं। पिछले एक-दो महीन में लग्जरी कारों की कीमत में 10 लाख से 30 लाख रुपए तक की कमी आई है।
जगुआर एक्सजे
टाटा के मालिकाना हक वाली जगुआर की कार एक्सजे सेडान की कीमत 25 लाख कम हो चुकी है, जिसके चलते इस कार की कीमत 91 लाख रह गई है।पुणे प्लांट में असेंबलिंग और एक ही प्लेटफॉर्म पर एक से ज्यादा गाड़ियां बनाने के चलते जगुआर दाम कम कर पाई है। विदेश से बनी-बनाई गाड़ी इंपोर्ट करने पर 100 फीसदी और उससे अधिक कर चुकाना होता है। वहीं स्थानीय असेंबल्ड कार पर सिर्फ 30 फीसदी ही कर देना होता है।

मर्सिडीज एस क्लास
मर्सिडीज एस क्लास 500 भारतीय बाजार 1.35 करोड़ (एक्स-शोरूम पुणे) में मिल रही है, जो पहले से 30 लाख रुपए सस्ती है। मर्सिडीज एस क्लास 500 के अलावा जर्मनी की कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज ने अब अपनी सबसे लग्जरी कार एस-क्लास का भारत में उत्पादन शुरू कर दिया है। कंपनी पुणे के चाकन स्थित प्लांट से एस-क्लॉस बॉडी का पहली बार उत्पादन कर रही है। कंपनी ने डीजल वेरिएंट में एस-क्लास 350 सीडीआई को लांच किया है, जिसकी कीमत 1.07 करोड़ रुपये (एक्स-शोरूम पुणे) रखी गई है। कंपनी चाकन स्थित प्लांट की उत्पादन क्षमता भी बढ़ा रही है, जो साल 2014 के अंत तक मौजूदा 10,000 कारों से बढ़कर 20,000 तक हो जाएगी।
बीएमडब्ल्यू एक्स5
एसयूवी थर्ड जेनरेशन बीएमडब्ल्यू एक्स5 को भारत में 70.90 लाख में लॉन्च किया गया था, इसका नया मॉडल करीब 10 लाख रुपए सस्ता पड़ रहा है। बीएमडब्‍ल्यू एक्स5 को भारत में ही असेंबल किया गया है। बीएमडब्ल्यू एक्स5 का कार के पुराने वर्जन को देश में आयात किया जाता था। नई एक्स5 मौजूदा वर्जन से ज्यादा हल्की और बड़ी है। कार में 8 स्पीड ऑटोमैटिक गियर का इस्तेमाल किया गया है जो 0 से 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार मात्र 6.9 सेकेंड में पकड़कर सकती है। कार की टॉप स्पीड 230 किलोमीटर प्रतिघंटा है। बीएमडब्‍ल्यू एक्स5 3.0 लीटर 6 सिलेंडर ट्विन टर्बोचार्ज्ड डीजल इंजन का इस्तेमाल किया है जो 262पीएस का पावर और 560एनएम का टार्क देने में समक्ष है। एक्स5 में ड्राइव डायनैमिक कंट्रोल स्विच का इस्तेमाल किया गया है जिससे ड्राइवर को सुविधाजनक ड्राइविंग करने का आनंद आता है।

एटीएम होगा सेफ, बैंकों की पूरी है तैयारी

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
बैंक अब एटीएम में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए ई-सर्विलांस का सहारा ले रहे हैं। यानी, एटीएम के अंदर किसी तरह की गतिविधियों पर न केवल 24 घंटे निगरानी होगी, बल्कि किसी तरह की संदेहास्पद गतिविधि पर बैंक और पुलिस को भी तुरंत अलर्ट पहुंचेगा। ई-सर्विलांस प्रणाली को आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक जहां अपना चुके हैं, वहीं सरकारी बैंक एसबीआई, पीएनबी, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया जैसे बैंक पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक इस प्रणाली को बैंकों के लिए अनिवार्य करने पर भी वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक चर्चा कर रहे हैं।
6,000 एटीएम में ई-सर्विलांस
बैंकों के अनुसार यह प्रणाली गार्ड रखने की तुलना में 60-70 फीसदी सस्ती है, वहीं मौजूदा प्रणाली की तुलना में कहीं ज्यादा प्रभावी है। इस मामले पर पंजाब नेशनल बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैंक ने 6,000 एटीएम में ई-सर्विलांस लगाने के लिए टेंडर निकाला है। यह प्रणाली जहां लागत में सस्ती है, वहीं सुरक्षा के मामले में भी कहीं ज्यादा प्रभावी है।

ई-सर्विलांस सिस्टम देने वाली कंपनी सिक्योरेंस सिस्ट्मस प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी सुनील उदूपा ने बताया कि कंपनी ने करीब 3,000 एटीएम के लिए ई-सर्विलांस की सेवाएं दी है। जिसमें आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके अलावा सरकारी बैंक एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया आदि ने भी पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए हैं।
कैसे काम करता है सिस्टम
ई-सर्विलांस देने वाली कंपनी टेलीकॉम कंपनियों के जरिए एटीएम की नेटवर्किंग करती है। कंपनी के तहत आने वाले एटीएम की सेंट्रलाइज्ड निगरानी होती है। सर्विलांस करने वाली कंपनी एटीएम में किसी तरह की असामान्य गतिविधि होने पर न केवल ऑडियो के जरिए अपराधी को डराती है, बल्कि एटीएम में लगा एक सायरन भी बजता है, जो 2 किलोमीटर की रेंज तक सुनाई देता है। इसके अलावा कंपनी बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत सतर्क करती है। सुनील उदूपा के अनुसार विकसित देशों में एटीएम की सुरक्षा 100 फीसदी ई-सर्विलांस के जरिए ही होती है। जहां अपराधी भगाने या पकड़वाने में 99.6 फीसदी सफलता की दर है।

Thursday, June 12, 2014

गर्ल्स पता कर सकती हैं, फेसबुक पर कौन दोस्त है, कौन दुश्मन

फेकऑफ एप्लिकेशन
फेसबुक पर अधिकतर यूजर्स फर्जी अकाउंट खोलकर लोगों को धोखा देने का काम करते हैं लेकिन फेसबुक पर इस तरह के धोखे से बच सकते हैं। इस्राइली डेवलपर एलिरन ने फेकऑफ नाम से एक एप्लिकेशन बनाया है जिसके माधयम से गर्ल्स ये पता कर सकती है कि फेसबुक पर कौन उनका दोस्त है, कौन उनका दुश्मन? कंपनी के संस्थापक एलिरन सहचर, ने कहा है की भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए फेक ऑफ अगले साल तक मुफ्त कर दिया गया है। भारत में हाल ही मैं इंटरनेट शोषण के काफी मामले सामने आए हैं जो मां बाप के लिए सबसे चिंता का विषय है। इस ऐप से माता-पिता अपने बच्चों को फर्जी प्रोफाइल से बचा सकते हैं और इंटरनेट पर अवांछित यूजर को ब्लॉक करके एक सेफ ब्राउजिंग कर सकते हैं।

एक टेस्ट से सच बाहर
यह ऐप किसी भी फेसबुक प्रोफाइल या पेज के 365 दोनों के एक्टिविटी के आधार पर एक अल्गोरिथ्मिक टेस्ट लेगा और उसका रिजल्ट 1 से लेकर 10 के रूप में देगा। जिसमें 1 का अर्थ 'सावधान 'और 10 का अर्थ 'सेफ़ ' होना है। पूरे साल में किसी अननोन प्रोफाइल के फोटो, वीडियो और गतिविधियों को अपने मीटर माप कर गर्ल्स को यह भरोसा दिलता है कि वे फेसबुक पर सेफ हैं। यह आपके उन सभी उपयोगकर्ताओं को हटाने में मददगार साबित होगी जो आपको बेवजह पिंग करते रहते हैं या आपके प्रोफाइल से फोटो अथवा विडियो कॉपी करके उसका गलत इस्तेमाल करते हैं। इस ऐप से कहीं से कॉपी करी हुए फोटो के बारे में भी जानकारी मिल जाती है।
एक मजबूत हथियार
आज युवा वर्ग जिनके जरूरतों के लीस्ट में रोटी, कपड़ा और मकान के बाद फेसबुक ने अपना नाम दर्ज कर लिया है। इस सोशल साइट पर वे अपने विचार रखते हैं चाहे वो पॉलिटिक्स हो या‌ फिल्मी सितारों का गॉसिप हो। आज भारत युवाओंका देश है और गर्ल्स भी पुरानी घिसी  पिटी मान्यताओं  को तोड़ रही है तब एलरिन ने फेकऑफ एप्प के रूप उन्हें फेसबुक पर भी अपनी बात रखने के लिए एक मजबूत हथियार दे दिया है। फेकऑफ एप्प ने फेसबुक को गर्ल्स के लिए और भरोसे मंद बना दिया है। पहले इस ऐप के लिए पैसे लगते थे पर, गर्ल्स फेसबुक पर अपने को सुरक्षित माने इसके लिए एलरिन ने इसे फ्री रखने का निश्चय किया है, वो भी पुरे एक साल के लिए।

कारों से महंगी ये बाइक्स भारतीयों को बना रही हैं दीवाना


इन मोटरसाइकिलों की क़ीमत 31 लाख रुपए तक हैं और उनके लिए ये विलासिता, शान और शौक़ का प्रतीक है। इन महँगी गाड़ियों पर पैसा लुटाने वाले भारतीयों की तादाद तेज़ी से बढ़ रही है और दुनिया भर में इस तरह की महँगी मोटरसाइकिलें बनाने वाली कंपनियां इस बाज़ार में जगह बनाने के लिए तैयार हैं।
अमरीकी ब्रांड 'इंडियन मोटरसाइकिल' ने हाल ही में गुड़गाँव में अपना पहला शोरूम खोला है। ब्रितानी ब्रांड 'ट्रायम्फ़' ने जनवरी में बंगलौर में अपना पहला डीलरशिप स्टोर खोला था। इतालवी कंपनी 'डुकाटी' ने इस साल भारतीय बाज़ार में उतरने की घोषणा कर दी है।

पुरानी बात नहीं है जब 2007 में भारतीय बाज़ार में 1000 सीसी की सुपरबाइक 'आर-वन' उतारने वाली यामाहा पहली कंपनी थी। इसके अगले साल ही सुज़ुकी ने 1300 सीसी की 'हायाबुसा' उतारी और 2009 में होंडा ने 'सीबीआर1000आरआर' उतारी थी। लेकिन वो 'हार्ले डेविडसन' थी जिसने 2010 में भारत में पहला शोरूम खोला।
हार्ले डेविडसन
और उसके साथ ही भारत में महँगी सुपरबाइकों का बाज़ार तय हो गया। उसने बिक्री के बाद की सेवाओं और 'इंडिया बाइक वीक' जैसे सालाना कार्यक्रमों के ज़रिए लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। 'इंडिया बाइक वीक' की दूसरी कड़ी का आयोजन इस साल जनवरी में किया गया था। 2007 में उसने 200 सुपरबाइक बेची थी जबकि बिक्री का ये आंकड़ा अब बढ़कर 400 बाइक सालाना पर पहुँच गया है। हालांकि भारत में हर महीने बिकने वाले आठ लाख मोटरसाइकिलों की तुलना में ये आंकड़े बेहद मामूली से लगते हैं लेकिन हार्ले डेविडसन की सालाना बिक्री दो अंकों में बढ़ रही है और भारत की सड़कों पर इसकी चार हज़ार मोटरसाइकिलें मौजूद हैं। हार्ले डेविडसन इंडिया के अनूप प्रकाश कहते हैं, "यहाँ का बाज़ार उम्मीदें जगाने वाला है। ग्लोबल ब्रांड्स के लिए लोग चाहत रखते हैं। कारोबार और मौज मस्ती दोनों के लिहाज से ही यहाँ सुविधाएँ बढ़ रही हैं और तेजी से तरक्की हो रही है। भारत और चीन दुपहिया वाहनों के मामले में दुनिया के दो बड़े बाज़ार हैं और मोटरसाइकिलों के मामले में तो भारत कहीं आगे है। इसलिए हम यहाँ मजबूती से टिके हुए हैं।"
ब्रितानी मोटरसाइकिल ब्रांड ट्रायम्फ़
हार्ले डेविडसन ने इस साल भारतीय बाज़ार में 'स्ट्रीट-750' उतारी जो पाँच लाख रुपये से कम क़ीमत की थी। कंपनी का इरादा शहरी नौजवानों को अपनी ओर खींचने का था। ट्रायम्फ ग्राहकों को डिज़ाइन, रंग और फीचर्स चुनने का मौका दे रहा है।
ट्रायम्फ के प्रबंध निदेशक विमल सम्बली कहते हैं कि इन महँगी मोटरसाइकिलों के ज्यादातर ख़रीददारों की उम्र 25 से 40 साल के बीच है और वे बड़े शहरों में रहते हैं। उन्होंने अभी तक 200 ट्रायम्फ बाइक्स की बुकिंग कराई है जिनमें 50 मोटरसाइकिलें भारतीय सड़कों पर उतर भी गई हैं।
इंडियन मोटरसाइकिल 40 साल की उम्र पार कर चुके ख़रीददारों से फासला बना अपनी रणनीति तय कर रहा है। नतीजतन इसमें कोई शक़ नहीं कि उसकी क़ीमतें 40 हज़ार अमरीकी डॉलर या तकरीबन 23 लाख रुपये से ज्यादा की हैं।
चढ़ता बाज़ार
कंपनी के अधिकारी पंकज दुबे कहते हैं, "बाज़ार के इस आखिरी सिरे पर हर साल शायद 200 बाइक्स बेची जाती हैं। हमें बाज़ार के 10 से 15 फ़ीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है।"हालांकि 23 लाख रुपये ख़र्च करने के लिए ज्यादातर ग्राहकों के पास पैसा नहीं होगा लेकिन महंगी मोटरसाइकिलों के चढ़ते बाज़ार ने मायापुरी जैसी जगहों में छोटे छोटे स्तरों पर फलते फूलते कारोबार को भी सहारा दिया है।पुरानी बुलेट की रिपेयर करने वाली 'ओल्ड दिल्ली मोटर साइकिल्स' के मालिक बॉबी सिंह कहते हैं कि उनके पास ग्राहकों की पसंद के मुताबिक डिजाइन बनवाने वाले लोगों का आना लगातार बढ़ता जा रहा है।