Wednesday, January 20, 2016

जब तीन मंजिला भवन को बिना तोड़े किया शिफ्ट

कोलकाता के नादिया में हाईवे की जद में आ रहे एक मकान को अपनी जगह से हटाकर 70 फुट पीछे खिसकाया गया है। इस कारनामे को हरियाणा की टीडीबीडी इंजीनियरिंग वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने किया है। कंपनी का दावा है कि वह तीन मंजिला मकान को भी लिखित गारंटी के साथ अपने स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर पहुंचा सकती है। आइए जानते हैं कैसे एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जाता है घर। किसी भी घर को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए सबसे पहले उस स्थान पर एक फाउंडेशन तैयार किया जाता है, जहां घर को ले जाना होता है। इसके बाद कंपनी अपने औजारों की मदद से घर के किनारे से मिट्टी खोदकर घर के नीचे की तरफ जगह बनाते हैं। वहां से 5-6 लेयर निकाल दी जाती हैं, जिससे कि टूल्स फिट करने की जगह बन जाती है। थोड़ी जगह होते ही घर को कई सारे जैक के सहारे से ऊपर उठाया जाता है। घर ऊपर उठाकर उसके नीचे रोलर फिट कर दिए जाते हैं। इन रोलरों पर घर को बड़ी ही सावधानी के साथ धीरे-धीरे खिसकाया जाता है और घर को उस स्थान पर ले जाकर रख दिया जाता है, जहां पहले से घर के लिए फाउंडेशन बनाई होती है।
कंपनी के नाम पर लिम्का बुक में दो रिकॉर्ड भी दर्ज हैं। इसमें एक रिकॉर्ड घर शिफ्ट करने का है और दूसरा रिकॉर्ड रोटेशन का है। कंपनी के इंजीनियर एक दिन में किसी भी घर को 15-20 फुट तक शिफ्ट कर देते हैं। कंपनी ने जब एक मंदिर को 30 डिग्री तक अपनी जगह पर घुमाया था, जिसके बाद कंपनी के इस कारनामे को लिम्का बुक में दर्ज किया गया। इसके अलावा 2013 में कंपनी ने तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक मंदिर को अपनी जगह से करीब 46 फुट दूर खिसका दिया। ये कारनामा भी लिम्का बुक में दर्ज किया गया। यह बिल्डिंग 35 साल पुरानी थी, जो तीन मंजिला थी। इसका वजन 400 टन था और पूरी बिल्डिंग 2400 स्क्वायर फुट में बनी थी। बिल्डिंग को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कुल 22 दिनों का समय लगा।
कितना आता है खर्चा?
कंपनी की तरफ से प्रति स्क्वायर फुट घर को 1 मीटर खिसकाने के लिए करीब 300 रुपए लिए जाते हैं। कंपनी के चीफ इंजीनियर गुरदीप सिंह के अनुसार जगह के हिसाब से खर्चा अधिक भी हो सकता है।
इस तरह अगर आपका घर 1000 स्क्वायर फुट का है और आप उसे 1 मीटर खिसकवाते हैं, तो इसके लिए आपको 3 लाख (300x1000=3,00,000) रुपए का भुगतान करना होगा।

Monday, January 18, 2016

अब प्‍लेन क्रेश में खत्‍म नहीं होगी जिंदगियां

प्‍लेन क्रेश होने पर भी लोगों की जिंदगियां बच|ने का तरीका निकल आया है। एक आविष्‍कारक ने डिटेचेबल केबिन की कल्‍पना और इसके डिजाइन के साथ यह बात साबित की। विमान दुर्घटना से बचने के लिए एक रूसी आविष्‍कारक ने टाटरेन्‍को ब्‍लादिमीर निकोलाईविच पिछले तीन साल से इस प्रोजेक्‍ट पर काम कर रहे थे। इस वीडियो में बताया गया है कि आखिर किस तरह से उड़ान के दौरान आपातकालीन परिस्थिति में यह काम करेगा। यह एक डिटेचेबल केबिन होगा जो कि कभी भी टेकऑफ, उड़ान के दौरान या लैंडिंग के समय निकाला जा सकेगा और यात्रियों को सुरक्षित जमीन पर पहुंचाएगा। केबिन से पैराशूट अटैच रहेगा जो कि एयरक्राफ्ट से इसके लोयर कैप्‍सूल को अलग करने पर अपने आप खुद जाएगा जो कि यात्रियों को सुरक्ष‍ित जमीन या पानी में उतार सकेगा।इस प्रोटोटाइप में केबिन के नीचे स्‍टोरेज स्‍पेस भी डिजाइन किया है ताकि यात्रि‍यों का निजी सामान न खोना पड़े।इस इनोवेशन को लेकर दर्शकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है जिसमें कुछ ने आइडिया को सपोर्ट किया है तो कुछ इसे अव्‍यावहारिक मान रहे हैं।




आप बिन बीमा कागजात के चला सकेंगे वाहन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया मुहिम को बढ़ावा देने के लिए आईआरडीए वाहन के कागजों को डिजिटल फोर्मेट में करने में जुट गया है। भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण ने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ई-वाहन बीमा योजना की शुरूआत की है। 
इसके बाद वाहन स्वामियों को कार या दो पहिया वाहन सड़क पर ले जाते वक्त बीमा के कागजात साथ रखने की आवश्यकता नहीं रहेगी। हालांकि यह योजना केवल तेलंगाना में शुरू हुई है। आईआरडीए धीरे-धीरे इसे अन्य राज्यों में शुरू करने की कवायद में जुटी है। ई-वाहन बीमा योजना के अंतर्गत मोटर गाड़ियों के बीमा को ऑनलाइन जारी किया जाता है। इसमें एक क्‍विक रेस्पोंस (QR) कोड वाहन बीमा कराने वाले के नंबर पर भेजा जाता है। इस क्यू आर कोड में पॉलिसी की पूरी डिटेल दी जाती है और यातायात पुलिस इस कोड को स्कैन कर वाहन की पूरी जानकारी ले लेटी है।इस योजना को कारगर बनाने के लिए भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण ने 1 दिसंबर 2015 से तेलंगाना में बीमा कंपनियों को ई-वाहन बीमा के साथ पेपर में भी बीमा जारी करने के लिए कहा है ताकि खामियों को दूर कर इसे देशभर में लागू किया जा सके। 
बीमा खरीदे जाने पर या रीन्‍यू करने पर बीमा को डिजिटल फार्मेट में बीमा खरीदने वाले को भेज दिया जाता है। इसे स्मार्टफोन पर पढ़ा जा सकता है। अगर बीमा खरीदने वाले का ई-मेल नहीं है तो उसे बीमा की डिटेल के साथ एक एसएमएम भेजा जाता है। इस योजना के अमल में आने के बाद गलत बीमा कागजातों के साथ वाहन चलाने वालों पर लगाम लगेगी, क्योंकि जैसे ही क्‍यू आर कोड स्कैन किया जाएगा गाड़ी की असलियत सामने आ जाएगी। साथ ही बीमा कंपनियों का कहना है कि बीमा डिजिटल होने के बाद उनके खर्चों में कमी आएगी जिसे वह डिस्काउंट के रूप में बीमा धारकों को दे सकेंगी।

Sunday, January 17, 2016

अब सुप्रीम कोर्ट देखेगा पत्रकारों का उत्पीड़न

सुप्रीम कोर्ट मे 12 जनवरी को लम्बे समय से अटके पड़े मजीठिया मामले की सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगई ने देश भर के अखबारो मैँ मजीठिया वेज बोर्ड लागू नहीं करने पर नाराजगी जाहिर की। पत्रकार और पत्रकार संगठनो की तरफ से सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंजाल्विस , परमानंद पाण्डेय ने बहस की शुरुआत की उन्होंने बताया कि अभी तक कई राज्यों ने रिपोर्ट पेश नहीं की है। दूसरी तरफ अखबारो में पत्रकारों का उत्पीड़न हो रहा है। उनहे नौकरी से निकाला जा रहा है। उनके तबादले किए जा रहे है। इस पर जस्टिस गोगई ने पीड़ित पत्रकारों को दो सप्ताह में एडिशनल अफिडिविट पेश करने को कहा। साथ ही सभी राज्यों को दो सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।

मजीठिया मामला : सुप्रीम कोर्ट का मैसेज लाउड ऐंड क्लियर

सुप्रीम कोर्ट में 12 जनवरी को मजीठिया को लेकर एक मजेदार वाक्‍या हुआ। मामले की सुनवाई करीब आठ महीने के बाद शुरू हुई थी। न्‍यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कहा कि मजीठिया के क्रियान्‍वयन की रिपोर्ट उन्‍होंने पढ़ ली है। इससे साफ है कि देश भर के अधिकतर अखबार मालिकान ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू नहीं की है। कुछ राज्‍यों ने अपनी रिपोर्ट नहीं भेजी थी। उन्‍होने उन्‍हें रिपोर्ट पेश करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया। इसके बाद एक जूनियर वकील ने दैनिक जागरण के वरिष्‍ठ वकील कपिल सिब्‍बल को अपने साथियों और सलमान खुर्शीद तथा अभिषेक मनु सिंघवी जैसे बड़े वकीलों से यह कहते सुना कि कोर्ट का मैसेज लाउड ऐंड क्लियर है. इससे पहले दैनिक जागरण का केस देख रहे वरिष्‍ठ वकील पीपी राव पहली ही सुनवाई के बाद केस से हट गए थे। बताया जाता है कि राव ने अखबार मालिकान के लिए इसे बहुत कमजोर केस माना था।

Friday, January 15, 2016

गूगल मैप बताएगा, आप कहां जाने वाले हैं

गूगल मैप्स का एंड्रॉयड ऐप अब यह भी बताएगा कि आप कहां जाने वाले हैं। दरअसल गूगल ने मैप्‍स सर्विस के इस साल के पहले अपडेट में यह नया फीचर जोड़ा है, जिसमें ड्राइविंग मोड और कई अन्य फीचर भी मिलेंगे।
गूगल मैप्स के नए अपडेट में सबसे खास फीचर है 'स्मार्ट' ड्राइविंग मोड। जो यूजर की लोकेशन हिस्ट्री और वेब सर्च का इस्तेमाल करके ट्रैफिक अपडेट देता है। इसके साथ गन्तव्य तक पहुंचने में लगने वाला अनुमानित समय भी बताता है। हालांकि एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्‍टम की समीक्षा करने वाले समूह का मानना है कि नए ड्राइविंग मोड में कुछ खामियां भी हैं जिस वजह इस फीचर को ऑन करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। गूगल मैप्स के नए एंड्रॉयड अपडेट में वॉयस असिस्टेंस को चालू और बंद करने के लिए ऑन-स्क्रीन विकल्‍प मिलेगा। पहले यह विकल्‍प ऑडियो टोगल ओवरफ्लो मेन्यू में था, जिस वजह से ड्राइव करते समय इसे ऑन या ऑफ करना मुश्किल था। उल्‍लेखनीय है कि गूगल मैप्स के इंटरफेस में भी बदलाव किए गए हैं। अब आपको इसकी स्‍क्रीन पर लोकेशन सेटिंग्स तथा टाइमलाइन सेटिंग्स का स्विच मिलेगा। अब यूजर अपने डेटा की खपत को भी कंट्रोल कर सकते हैं।


एटीएम बन जाएंगे अब बैंक

नई दिल्ली। अब आपको बैंकिंग सर्विसेज के लिए ब्रांच जाने की जरूरत नहीं रहेगी। आरबीआई ने बैंकों के लिए एटीएम पर सर्विसेज देने के नियम आसान कर दिए हैं। इसआरबीआई ने बैंकों के लिए एटीएम पर सर्विसेज देने के नियम आसान कर दिए हैं। इस बदलाव के बाद अब आपको एटीएम से रेलवे टिकट, बिजली बिल, टेलिफोन बिल, कुकिंग गैस बिल, चेक बुक इश्यू करने, बैंक स्टेटमेंट, पैसे जमा करने, निकालने, फंड ट्रांसफर, बैंक को ई-मेल करने जैसी सुविधाएं मिल जाएंगी। क्या होगा फायदा आरबीआई द्वारा बृहस्पतिवार को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, बैंक अब ऑफसाइट एटीएम पर कई सारी सुविधाएं दे सकेंगे। ऑफसाइट एटीएम उसे कहा जाता है, जो कि बैंक की ब्रांच से दूर स्थित होते हैं। नए नियम के बाद कस्टमर को बैंक से मिलने वाली सामान्य सर्विसेज एटीएम से ही मिल जाएंगी। ऐसे में कस्टमर को बैंक जाने की बहुत कम जरूरत पड़ेगी।
 कौन सी मिलेंगी सर्विसेज 
*किसी भी बैंक अकाउंट में फंड ट्रांसफर की सुविधा   
*खरीद सकेंगे रेलवे टिकट   
*बिजली बिल, टेलिफोन बिल कुकिंग गैस
*बिल का पेमेंट 
*बैंक के प्रोडक्ट की पूरी जानकारी 
*बैंक को भेज सकेंगे ई-मेल 
*बैंक स्टेटमेंट 
*पिन चेंज 
*चेक बुक की डिमांड 
*बैलेंस का अपडेट ले सकेंगे

Thursday, January 14, 2016

एक मिनट में कपड़े सुखाने वाली मशीन

आप भी कहीं घूमने जाते हैं तो उन्हीं गंदे बदबूदार कपड़ों से परेशान हो जाते हैं न! अब हर जगह तो आपको न वॉशिंग मशीन मिलने वाली है न इतनी सुविधा कि कपड़े धुल कर सुखा सकें। लेकिन ये नई मशीन बिना आपका बोजा बढ़ाए ऐसा कर सकती है।
सिडनी के रहने वाले एक छात्र माथ्यू कॉरी ने ड्राई-गो नाम की 400 ग्राम की एक मशीन बनाई है जो सिर्फ एक मिनट में कपड़े सुखा देगी।इस मशीन में बने छेद गीले कपड़ों से पानी सोक कर उसे भाप में बदल देते हैं। इसके लिए कपड़ों को इस मशीन में लगी दो प्लेटों के बीच रखना होता है, बंद करना होता है और एक मिनट में सारे कपड़े सूख जाते हैं।डेलीमेल की खबर के मुताबिक कॉरी को ये आईडिया अपनी एशिया की यात्रा के दौरान आया जहां उन्होंने लोगों को बसों की खिड़कियों पर अपने गीले मोजे, रुमाल सुखाते देखा। तभी उन्होंने तय किया कि ऐसी मशीन बनाई जाए जिसे आसानी से साथ भी ले जा पाएं और काम भी हो जाए।

Wednesday, January 13, 2016

अपने EPF को ऑनलाइन ट्रांसफर करें

हर नौकरीपेशा शख्स ने कभी न कभी नौकरी जरूरी बदली होगी। नौकरी बदलने से पैसे तो बढ़ते ही हैं, पर साथ में आता है पेपरवर्क का प्रेशर। कुछ लोगों के लिए यह किसी सिरदर्द से कम नहीं। सबसे मुश्किल पेपरवर्क तो आपकी सैलेरी से कटने वाले एक अहम हिस्से से जुड़ा है। 
हम बात कर रहे हैं कर्मचारी भविष्य निधि (Employee Provident Fund) की। बोलचाल की भाषा में हम इसके लिए पीएफ (PF) शब्द का भी इस्तेमाल करते हैं। हममें से ज्यादातर लोग नौकरी में रहते शायद ही कभी EPF अकाउंट नंबर और कंपनी कोड की परवाह करते हैं। जब नई नौकरी में इनकी जरूरत पड़ती है तो तुरंत ही परेशान हो जाते हैं। दरअसल, EPF को नई कंपनी में ट्रांसफर करने के लिए इन जानकारियों की जरूरत होती है। वैसे आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं, आप नीचे दिए गए निर्देशों का पालन करके अपने EPF को ऑनलाइन ट्रांसफर कर सकते हैं।
1. सबसे पहले यह जांच लें कि आपका EPF अकाउंट ट्रांसफर हो सकता है या नहीं। ऐसा करने के लिए आपको EPFO की वेबसाइट पर जाना होगा।
2. वेबसाइट का इस्तेमाल करने के लिए आपको कई डिटेल की जरूरत पड़ेगी, जैसे कि आपकी नई और पुरानी कंपनी ने आपके पीएफ अकाउंट को किस राज्य में रजिस्टर कराया है। इसके अलावा यह अकाउंट किस पीएफ (PF) ऑफिस में आता है। आपको ये सारे डिटेल ड्रॉप-डाउन मेन्यू में सेलेक्ट करने होंगे।
3. इसके अलावा आपको अपनी नई व पुरानी कंपनी के रीजन, ऑफिस और इस्टेब्लिशमेंट कोड की भी जरूरत पड़ेगी। सबसे अहम यह है कि आप PF नंबर भी खोज लें। ये सारी जानकारियां कंपनी के अकाउंट डिपार्टमेंट से हासिल की जा सकती हैं।
4. एक बार जब आपने सारी जानकारी जुटा ली है, तो चेक एलिजिब्लिटी (Check Eligibility) पर क्लिक करें।
5. इसके बाद एक पॉप के जरिए पता चलेगा कि आपका अकाउंट ट्रांसफर के लिए मान्य है या नहीं। अगर आपका अकाउंट पीएफ ट्रांसफर के लिए मान्य है, तो EPFO की वेबसाइट पर अकाउंट बनाएं।
6. साइन इन करने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस जैसे किसी फोटो आईडी की जरूरत होगी। यहां पर आईडी नंबर लिखकर साइन इन करें। साइनअप प्रोसेस में आपके नंबर पर वेरिफिकेशन कोड भेजा जाना भी शामिल है। इसलिए सारे डिटेल भरें और PIN हासिल करें।
7. स्क्रीन के निचले हिस्से में दिख रहे बॉक्स में PIN डालें और सब्मिट (Submit) पर क्लिक करें।
8. अगले पेज पर आपको कंफर्मेशन मैसेज मिलेगा। इसके बाद Please click here to continue further पर क्लिक करें।
9. अब EPFO Member Claims Portal पर जाएं और लॉग इन करें। बायीं तरफ आप लॉग इन बॉक्स देख पाएंगे। इसके बाद डॉक्यूमेंट टाइप चुनें (रजिस्ट्रेशन के दौरान इस्तेमाल किए आईडी को चुनें), फिर अपना आईडी और मोबाइल नंबर डालें।
10. साइन इन (Sign In) पर क्लिक करें। इसके बाद एक पेज लोड होगा, जिसमें सारे विकल्प मौजूद होंगे।
11. टॉप बार पर बने क्लेम (Claim) लिंक पर माउस को ले जाएं। इसके बाद रिक्वेस्ट फॉर ट्रांसफर ऑफ अकाउंट (Request for transfer of account) पर क्लिक करें।
12. अब आपको पीएफ ट्रांसफर फॉर्म को भरना होगा। यह तीन हिस्सों में बंटा हुआ है।
पहले हिस्से में आपकी व्यक्तिगत जानकारियां शामिल हैं। आपके नाम और ईमेल आईडी के अलावा आपको अपना बैंक अकाउंट नंबर डालने की जरूरत पड़ेगी, साथ में बैंक का IFSC कोड भी।
दूसरे हिस्से में आपसे पिछले पीएफ अकाउंट नंबर का डिटेल मांगा जाएगा। अगर आपको इसकी पूरी जानकारी नहीं है, तो आप पीएफ नंबर के बगल में बने फील्ड के डिटेल जानने के लिए 'Click here' पर क्लिक कर सकते हैं। तीसरे हिस्से में आपके मौजूदा पीएफ अकाउंट नंबर के डिटेल की जरूरत पड़ेगी। एक बार फिर अगर आपको इसकी जानकारी नहीं है, तो आप पीएफ नंबर के बगल में बने फील्ड के डिटेल जानने के लिए 'Click here' पर क्लिक कर सकते हैं।
1. आपको अपने क्लेम को पुरानी या नई कंपनी से अटेस्ट करवाना होगा। अपनी सुविधा के अनुसार फॉर्म के निचले हिस्से में पुरानी कंपनी या नई कंपनी चुनें। वैसे पुरानी कंपनी से अटेस्ट करवाने पर ट्रांसफर का निपटारा तेजी से होता है। याद रहे कि अटेस्टेशन अनिवार्य है।
2. आपने फॉर्म पूरा भर दिया है, अब प्रिव्यू (Preview) पर क्लिक करें।
3. आपने जो भी जानकारी मुहैया कराई है, उसका प्रिव्यू देख पाएंगे। कोई जानकारी गलत न हो, इसलिए फॉर्म को दोबारा जांच लें। अगर आपको कुछ बदलना है तो To change information, click here पर क्लिक करें। ऐसा करने से आप एक बार फिर पुराने पेज पर चले जाएंगे।
4. अगर आप आश्वस्त हैं कि आपकी द्वारा दी गई जानकारियां पूरी तरह से सही हैं, तो कैप्चा कोड भर दें। इसके बाद फॉर्म के निचले हिस्से में लिखे GET PIN पर क्लिक करें।
5. फिर I Agree को चेक करें।
6. आपको एसएमएस के जरिए PIN मिलेगा। इसके बाद I Agree के नीचे बने बॉक्स में PIN डालें, फिर सब्मिट (Submit) पर क्लिक कर दें।
7. बधाई हो! आपने PF ट्रांसफर क्लेम कर दिया है। आप यहां पर क्लिक करके अपने क्लेम का स्टेटस जान सकते हैं।

Thursday, January 7, 2016

एक डिवाइस से साफ होंगे कपड़े

यदि आपको कपड़े धोना हों तो आप साबुन या फिर वॉशिंग मशीन के बारे में सोचेंगे। लेकिन अब एक ऐसी डिवाइस आ गई है, जिससे कपड़े भी धुल जाएंगे और साबुन या मशीन चलाने की नौबत भी नहीं आएगी।
साबुन से भी छोटे आकार की डॉल्‍फी नाम की डिवाइस, आपके कपड़ों से मैल हटाएगी और इसके लिए आपके हाथों को मेहनत नहीं करनी होगी।
इस डिवाइस का उपयोग करने के लिए आपको एक टब या सिंक में कपड़ों के साथ डिटर्जेंट डालना होगा। इसके बाद डिवाइस ऑन करते ही इसकी अल्‍ट्रासॉनिक टेक्‍नोलॉजी आपके कपड़ों की सारी मैल हटा देगी। इस गैजेट से कपड़े साफ करने में अधिकतम 30 मिनट का समय लगेगा।
कैसे काम करेगी
डॉल्‍फी टॉयलेट सोप के आकार की इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइस है जो अल्‍ट्रासॉनिक साउंडवेव्‍स रिलीज करती है। जैसे ही इसे पानी और डिटर्जेंट के घोल में डालकर ऑन किया जाता है, इसके ट्रांसड्यूसर झाग बनाते हैं और हाई प्रेशर बबल्‍स का तेज दबाव बनने से कपड़ों की मैल ढीली होकर निकलने लगती है। यह आकार में काफी छोटा और हैंडी है। इसलिए इसे घर के साथ ही होटल या वर्कप्‍लेस में भी ले जाया जा सकता है। इस डिवाइस से कॉटन, सिल्‍क और लेस सहित किसी भी किस्‍म के कपड़ों को साफ किया जा सकता है। डॉल्‍फी गैजेट की कीमत 109 डॉलर (7275 रुपए लगभग) है।