Sunday, September 27, 2015

एप जो बना देंगे आपके ट्रेन के सफर को और भी आसान

जब आए दिन किसी न किसी वजह से ट्रेन में सफर करना पड़े और कनफर्म टिकट न हो या ट्रेन लेट होने पर जानकारी पहले से न मिल पाए तो सफर मुश्किल हो जाता है। लेकिन ये एप आपकी सारी दिक्कतें दूर कर सकती हैं जिससे आफ जब चाहें टिकट बुक कर सकते हैं और अपनी ट्रेन की स्थिति पता कर सकते हैं।
आईआरसीटीसी यानि भारतीय रेलवे की आईआरसीटीसी कनेक्ट नाम की ऑफीशियल एप से टिकट बुक करना, कैंसल करना और ट्रेन ढूंढना आराम से कर सकते हैं। यह आपके आने वाली यात्रा से जुड़ी जानकारियां भी देता है। एंड्रॉएड फोन पर इसे गूगल प्ले से डाउनलोड कर सकते हैं।
अक्सर ऐसा हो जाता है कि अगर आपको रात के 3 बजे किसी स्टेशन पर उतरना है तो रात भर इसी चिंता में नींद नहीं आती कि कहीं स्टेशन छूट न जाए। लेकिन इंडियन ट्रेन अलार्म एक ऐसा एप है जो आपको आपके स्टेशन आने से 5 या 25 किमी पहले ही सूचित कर देता है। बस आपको अलार्म लगाने की जरूरत है। इसमें ज्यादा बैटरी भी नहीं खर्च होती।इक्सीगो इंडियन रेल एंड ट्रेन एप में लगभग हर फीचर है जो आपको अपनी अलगी यात्रा तय करने में मदद कर सकते हैं। पीएनआर स्टेटस से लेकर टिकट बुक करने तक, हर काम आसानी से हो जाता है। 2500 से भी ज्यादा ट्रेनों की जानकारी उपलब्ध रहती है।
इक्सीगो ने ही पीएनआर स्टेटस के लिए अलग से भी एप बनाई है जिसमें हालांकि केवल पीएनआर स्टेटस पता करने की सुविधा है लेकिन यह बहुत तेज है। यह आपके फोन मेसेज से खुद ही अगली यात्रा का पीएनआर पता कर लेता है और स्टेटस बता देता है। यह खुद ही पुराने और आग जरूरत पड़ने वाले पीएनआर नंबरों को अलग अलग कर देता है।
रेल यात्री एप दूसरों से अलग है। यह बताता है कि आपके सबसे पास वाले स्टेटश पर कौन सी नई ट्रेनें हैं औऱ किसका रास्ता बदल गया है। साथ ही इसमें जीपीएस लोकेटर भी है।
जहां पहले आईआऱसीटीसी के अलावा किसी और साइट से ऑनलाइन टिकट बुक करना संभव नहीं था वहां अब आईआरसीटीसी ने क्लियरट्रिप के साथ साझेदारी कर ली है जिससे आप एक निश्चत समय पर उनकी एप या साइट से टिकट बुक कर सकते हैं। बाकी सभी जरूरी जानकारी भी इससे मिल जाती हैं।

ऑनलाइन करें, उद्योग आधार रजिस्‍ट्रेशन

नई दिल्‍ली। नए कारोबार का रजिस्‍ट्रेशन कराना अब बेहद आसान हो गया है। मात्र एक पेज का फार्म भर कर कारोबारी उद्योग आधार रजिस्‍ट्रेशन नंबर हासिल कर सकते हैं। माइक्रो, स्‍माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज मिनिस्ट्रिी ने अधिसूचना जारी कर उद्योग आधार स्‍कीम की शुरुआत कर दी है। 
आधार नंबर से कराएं रजिस्‍ट्रेशन 
इस फार्म को ऑनलाइन भी भरा जा सकता है। इसके लिए कारोबारी को अपने आधार नंबर की डिटेल देनी होगी। मंत्रालय ने स्‍पष्‍ट किया है कि कारोबारी अपने एक आधार नंबर के जरिए एक से अधिक कारोबार रजिस्‍टर करा सकते हैं। उन्‍हें अलग अलग कारोबार के लिए उद्योग आधार नंबर जारी किए जाएंगे।
यहां कराएं रजिस्‍ट्रेशन http://msme.gov.in 
ईमेल पर मिलेगा आधार नंबर 
उद्योग आधार के लिए आवेदन करने के बाद फार्म में भरे गए ईमेल आईडी पर कारोबारी का यूनिक उद्योग आधार नंबर भेजा जाएगा।
किसी डॉक्‍यूमेंट की जरूरत नहीं
 उद्योग आधार के लिए आवेदन करते वक्‍त केवल एक पेज का फार्म भरना होगा, जो सेल्‍फ सर्टिफिकेशन पर आधारित होगा। इसके साथ किसी तरह के  किसी डॉक्‍यूमेंट अपलोड करने की जरूरत नहीं होगी।
ऑफलाइन भी हो सकता है 
आवेदन जिन कारोबारियों के पास ऑनलाइन सुविधा नहीं है, वे जिला उद्योग केंद्रों में जाकर फार्म भर सकते हैं। जिला उद्योग केंद्र द्वारा कारोबारी के फार्म... के आधार पर ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा।.


Saturday, September 26, 2015

अब शोरूम से भी कीजिए ऑनलाइन शॉपिंग


कोटा। जर्मन स्पोर्टसवियर ब्रॉड एडीडास जल्द ही भारत में एक ओमनी चैनल मॉडल लाने वाला है। इस मॉडल के लांच होने के बाद कोई भी कस्टमर किसी भी स्टोर पर रहकर दूसरे शहर के स्टोर से सामान मंगा सकता है। 
अगर आपको दिल्ली के एडीडास के शोरुम पर कोई चीज पंसद ना आए तो निराश ना हो बस वहां रखे टेबलेट पर अपना पसंदीदा सामान चुने और ऑडर कर दें। इसके बाद उस स्टोर की जिम्मेदारी होगी कि आपका सामान घर तक पहुंचाए। इसके चलते एडीडास ने कई सारी लॉजिस्टिक्स कंपनियों को अपने साथ जोड़ा है। इसमें फेडएक्स, ईकॉम एक्सप्रेस और ब्लूडार्ट प्रमुख है। इस व्यवस्था के लांच होने के बाद एडीडास भारत में लगभग 15% तक अपना बाजार बढ़ा सकता है। उसके व्यवसाय को 15% तक का फायदा होगा। 
इस लांच के बाद बड़े ई-कॉमर्स चैन को थोड़ा झटका जरूर लगेगा। इससे लांच के बाद सामान पसंद ना आने पर दुकान से चले जाने वाले खरीदार अब रुकेगें क्योंकि उनके पास बेहतर विकल्प होंगे। 
दुकान पर रखे टेबलेट पर चुनकर निश्चिंत हो जाएगें कि सामान घर अपने आप पहुंच जाएगा। पूरे देश में लगभग 750 के ऊपर स्टोर हैं। 2017 तक सभी इस मॉडल को फॉलो करगें। 

Friday, September 25, 2015

अब ATM से  मिलेंगे 50 रूपये के नोट

कोटा। आने वाले समय में  बैंक के एटीएम  से 1000, 500 रूपये  व 100 रूपये के साथ 50 रूपये के नोट भी मिलेंगे । आरबीआई ने  बैंक  से कहा है कि लोग की परेशानियों  को ध्यान  में  रखते एटीएम  में  50 के नोट भी डाले जाए।  ताकि ग्राहक  को छोटे नोट भी मिल सकें । 
आरबीआई की  सलाह पर कुछ बैंक ने अपने एटीएम  में  50 के नोट डालने शुरू कर  दिए  हैं । अधिकरियों  का कहना है कि आने वाले दिनों में  सभी बैंक में यह सुवधा शुरू  हो जाएगी। 

ई-रिटर्न अब पहले से भरे मिलेंगे फॉर्म्स

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा। इलेक्ट्रॉनिक तरीके से आयकर रिटर्न भरने को लोकप्रिय बनाने के लिए सीबीडीटी पहले से ही भरे हुए फॉर्म्स उपलब्ध कराने की योजना पर काम कर रहा है। इसमें एक करदाता की आय और अन्य अहम जानकारियों के बारे में आंकड़े ऑटोमेटिक अपलोड हो जाएंगे। 
आयकर विभाग की शीर्ष नीति निर्माता संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) करदाता फ्रेंडली इस सुविधा को अगले वित्त वर्ष से लागू करने की पूरी कोशिश कर रहा है। इस साल अगस्त में शुरू नए ई-फाइलिंग सिस्टम के तहत ही यह कदम उठाया जा रहा है। 
अगस्त में शुरू किए गए सिस्टम में आयकर रिटर्न को आधार नंबर, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम आदि से जोड़ते हुए उसे ऑनलाइन वेरिफिकेशन करने की सुविधा दी गई है। पांच लाख से कम आय वाले छोटे करदाता और रिफंड का दावा न करने वाले इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड का फायदा उठा सकते हैं। 
सीबीडीटी की चेयरपर्सन अनीता कपूर ने कहा कि विभाग पहले से ही भरे फॉर्म में अधिक से अधिक एंट्री करने की संभावना पर काम कर रहा है, जिससे कि करदाता के लिए ई-रिटर्न भरना और आसान हो जाए। विभाग की कोशिश तकनीकी विकास के साथ बेहतर सुविधाएं लाना है जिससे कि करदाता का जीवन आसान हो सके। उन्होंने कहा कि इस तकनीक का फायदा शुरुआत में छोटे करदाताओं तक पहुंचाने का प्रस्ताव है, जो एक पेज का आईटीआर (आईटीआर-1) भरते हैं। 
उन्होंने बताया कि विभाग का मानना है कि पूर्व के रिकार्ड के मुताबिक आय के आंकड़े ऑटोमेटिक अपलोड हो जाने से करदाता अपना आयकर रिटर्न ज्यादा आसानी से भर सकेगा। 
इतना ही नहीं इसमें जहां कहीं भी कोई बदलाव या संशोधन होगा करदाता उसे अपने से कर लेगा। हम करदाता को अपने आंकड़े बदलने या उसे सुधारने का मौका देने के साथ आयकर रिटर्न भरने को आसान बनाना चाहते हैं।

Thursday, September 24, 2015

अब मोबाइल एप पर मिलेंगे आपके डिजिटल हस्ताक्षर

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।  अब आपको डिजिटल हस्ताक्षर लेने के लिए इधर उधर भटकना नहीं होगा। अगले पांच-छह महीनों में डिजिटल हस्ताक्षर आपके स्मार्टफोन पर मोबाइल एप के जरिए उपलब्ध होंगे। आप केवल एक वन टाइम पासवर्ड का इस्तेमाल कर किसी भी आनलाइन दस्तावेज पर अपने डिजिटल हस्ताक्षर कर पाएंगे।1डिजिटल हस्ताक्षरों की सुलभता का सबसे बड़ा फायदा देश में ई-गवर्नेस के सपने को साकार करने में होगा। यही वजह है कि इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय  डिजिटल हस्ताक्षर आम जन को सुलभ बनाने की परियोजना पर काम कर रहा है।मंत्रालय  ने इस योजना के तहत दो संस्थाओं सी-डेक और साफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क आफ इंडिया (एसटीपीआइ) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। सी-डेक ने डिजिटल हस्ताक्षर उपलब्ध कराने के लिए खुद का साफ्टवेयर बनाया है तो एसटीपीआइ इसके लिए पीपीपी आधार पर भागीदार तलाश रहा है।जल्दी ही भागीदार के नाम पर अंतिम मुहर लग जाएगी। उसके बाद अगले चार-पांच महीने में साफ्टवेयर और मोबाइल एप तैयार कर लिया जाएगा। इसके बाद लोगों को डिजिटल हस्ताक्षर की सुविधा सुलभ हो जाएगी। वर्तमान में डिजिटल हस्ताक्षर जारी करने वाली कुछ चुनिंदा एजेंसियां हैं। ये एजेंसियां सालाना फीस लेकर डिजिटल हस्ताक्षर देती हैं। इसमें एक समस्या यह है कि अभी डिजिटल हस्ताक्षर डोंगल में दिए जाते हैं। इसलिए जब भी डिजिटल हस्ताक्षर करने के लिए आपको डोंगल अपने साथ रखना होता है।
 डोंगल के गुम होने की स्थिति में आपके डिजिटल हस्ताक्षर के गलत इस्तेमाल की भी आशंका बनी रहती है। लेकिन एसटीपीआइ ने डिजिटल हस्ताक्षर सुलभ कराने की जो योजना तैयार की है उसमें आप मोबाइल एप के जरिए अपने डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल जब और जहां चाहे कर पाएंगे। इसे प्राप्त करना बेहद सस्ता और आसान हो जाएगा। एसटीपीआइ इसकी लाइसेंसिंग अथारिटी होगी और एक एजेंसी के तौर पर डिजिटल हस्ताक्षर उपलब्ध कराएगी। डिजिटल हस्ताक्षर इस्तेमाल करने वाले लोगों के वेरिफिकेशन के लिए आधार संख्या का इस्तेमाल किया जाएगा। यानी आपको डिजिटल हस्ताक्षर करने के लिए अपने आधार नंबर की आवश्यकता होगी1एक बार यह शुरू हो जाने पर ई-गवर्नेस की अवधारणा को जमीन पर लाने की रफ्तार तेज हो सकेगी। डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए लोग कहीं भी रहते हुए किसी भी चीज के लिए आनलाइन आवेदन कर सकेंगे। पासपोर्ट से लेकर किसी भी सरकारी दस्तावेज की प्राप्ति के लिए आवेदन करने के लिए स-शरीर उपस्थित रहना जरूरी नहीं होगा। इनकम टैक्स रिटर्न भरने में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे सरकारी कामकाज में ई-गवर्नेस का समावेश होगा।  यह काफी महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। इससे न केवल डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल आसान हो जाएगा बल्कि सुरक्षित भी होगा। आधार के साथ जुड़े होने की वजह से इसके दुरुपयोग की आशंकाएं भी न्यूनतम हो जाएंगी। साथ ही इसके इस्तेमाल की लागत भी बेहद कम होगी। इसके लिए डिजिटल हस्ताक्षर के इस्तेमाल के हिसाब से मूल्य चुकाना होगा जो राय के मुताबिक बहुत कम होगा।

Wednesday, September 23, 2015

अब मोबाइल एप से लीजिये पीएफ खाते के जानकारी

कोटा। सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के सदस्यों के लिए मोबाइल आधारित तीन सेवाएं लांच की हैं। केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने मंगलवार को भविष्य निधि में योगदान करने वालों के लिए मोबाइल एप, एसएमएस आधारित यूनिवर्सल अकाउंट एक्टिवेशन और मिस्ड कॉल सेवाओं को औपचारिक तौर पर शुरू कर दिया।
इन सेवाओं के जरिये सदस्य अब मोबाइल फोन के जरिये अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर खातों को सक्रिय कर सकेंगे। पीएम में योगदान करने वाले कर्मचारी इसके जरिये पीएफ खाते में जमा रकम का जायला लेने के अलावा कई अन्य जानकारियां भी हासिल कर सकेंगे। इसी तरह ईपीएफ पेंशनर को मोबाइल एप के जरिये पेंशन बंटवारे की जानकारी मिल सकेगी।
श्रम और रोजगार मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस एप को ईपीएफओ की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। ईपीएफओ पहले ही एक एसएमएस सुविधा चला रहा है, जिससे कर्मचारी पीएफ में अपने योगदान और जमा रकम की जानकारी हासिल कर सकते हैं। 
अब सिर्फ मिस्ड कॉल देने पर भी आपको यह जानकारी मिल सकती है। यह सुविधा सिर्फ उन लोगों को मिलेगी, जिनका यूएएन एक्टिव है। केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री दत्तात्रेय ने बताया कि तीनों नई सेवाओं से पीएफ में योगदान करने वाले 3.54 करोड़ सदस्यों को फायदा होगा। 
नई सेवाओं 49.22 लाख पेंशनर्स और 6.1 लाख कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। इस समय लगभग 1.80 यूएएन एक्टिव हैं। 58.72 लाख यूएएन आधार से जुड़े हैं और 1.82 करोड़ यूएएन बैंक खातों से। 


Monday, September 21, 2015

सेल्फी के बाद इन ऐप्स का करें इस्तेमाल

यू-कैम: यू-कैम ऐप आपकी सेल्फी को परफेक्ट बनाता है। यह ऐप सेल्फी पिक्चर में कई तरह के इफेक्ट डालने के साथ-साथ एक फोटो में कई चेहरों को डिटेक्ट करने में भी मदद करता है।  इस ऐप की मदद से आप सेल्फी को एडिट कर सकते हैं। इस ऐप की मदद से सेल्फी में चेहरे की झुर्रियों और मार्क्स को भी छिपा सकते हैं।
सेल्फी कैमरा: आपके एंड्रॉयड फोन में सेल्फी कैमरा ऐप आपकी सेल्फी को गुड लुकिंग तो बनाता है और आपकी स्किन की रंगत को भी निखारता है। अगर आप अपनी सेल्फी फोटो को डिफरेंट लुक देना चाहते हैं तो इस ऐप में 20 ऐसे फिल्टर भी हैं। इस ऐप की मदद से आप अपनी स्किन की चमक को भी बढ़ा सकते हैं।
इंस्टा सेल्फी कैम: इंस्टा सेल्फी कैम एक ऐसा ऐप है, जो आपकी सेल्फी का कोलाज बनाने, फोटो एडिट करने, फ्रेमिंग, एडिटिंग और कई तरह के इफेक्ट देने में मदद करता है। इस ऐप में 30 तरह के अलग-अलग टेम्‍प्लेट्स भी हैं, जिन्हें आप अपनी सेल्फी पिक्चर के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। यह ऐप आपको अपनी सेल्फी आसानी से सोशल मीडिया पर शेयर करने की आजादी भी देता है।
इंस्टा सेल्फी कैम: इंस्टा सेल्फी कैम एक ऐसा ऐप है, जो आपकी सेल्फी का कोलाज बनाने, फोटो एडिट करने, फ्रेमिंग, एडिटिंग और कई तरह के इफेक्ट देने में मदद करता है। इस ऐप में 30 तरह के अलग-अलग टेम्‍प्लेट्स भी हैं, जिन्हें आप अपनी सेल्फी पिक्चर के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। यह ऐप आपको अपनी सेल्फी आसानी से सोशल मीडिया पर शेयर करने की आजादी भी देता है।
रेस्ट्रो सेल्फी: उफ! सेल्फी पिक्चर का कलर ब्राइट नहीं है। ऐसा अक्सर आपके साथ भी होता होगा। रेस्ट्रो सेल्फी ऐप, सेल्फी के दीवानों की ऐसी ही परेशानी आसानी से दूर करता है। इस ऐप में आप अपने पिक्चर को खुद बना सकते हैं, कलर बैलेंस कर सकते हैं और अपनी पिक्चर को क्रॉप भी कर सकते हैं। अगर आपको पिक्चर में ब्राइटनेस या क्रंट्रास्ट भी घटानी या बढ़ानी हो, तो यह काम भी ऐप करेगा। बस फोटो को अपनी पंसद के हिसाब से एडिट कीजिए और इस ऐप की मदद से आसानी से सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए।

क्यों रिजेक्ट हो जाता है आपका LOAN

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा । लोन लेने के इच्छुक लोगों के लिए ‘क्रेडिट स्कोर’ कोई अनजाना शब्द नहीं है। उन्‍हें इस बात की चिंता बनी रहती है कि कहीं खराब क्रेडिट स्कोर की वजह से उनका एप्लिकेशन रिजेक्ट न हो जाए। क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (सिबिल), जिसे आम बोलचाल में क्रेडिट ब्यूरो भी कहा जाता है, लोगों और संस्थाओं के कर्ज व क्रेडिट कार्ड के भुगतान से संबंधित आंकड़ों का संग्रह करती है। ये आंकड़े इसे बैंक और अन्य ऋणदाता मासिक आधार पर उपलब्ध कराते हैं। कंपनी इन्हीं आंकड़ों के आधार पर इनकी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (सीआईआर) और क्रेडिट स्कोर तय करती है।
क्या है क्रेडिट स्कोर का उपयोग
बैंकों और अन्य ऋणदाताओं की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर सिविल लोगों की क्रेडिटवर्दिनेस (ऋणपात्रता) से संबंधित क्रेडिट स्कोर तय किया जाता है। इस स्कोर के आधार पर बैंक और अन्य लेंडर (ऋणदाता) लोगों के लोन एप्लिकेशंस (ऋण आवेदनों) का मूल्यांकन करते हैं। दरअसल, किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर उसके कर्जदाता के लिए पहले प्रभाव के रूप में काम करता है। किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होता है, उसके कर्ज स्वीकृत होने की संभावनाएं उतनी ही अधिक होती हैं।
किन बातों से प्रभावित होता है क्रेडिट स्कोर
किसी व्यक्ति के क्रेडिट स्कोर को कई बातें प्रभावित करती हैं। आपके क्रेडिट कार्ड के मौजूदा बैलेंस में लगातार बढ़ोत्‍तरी का आपके क्रेडिट स्कोर पर निगेटिव इम्पैक्ट (नकारात्मक प्रभाव) पड़ता है। इसके अतिरिक्त यदि आप अपनी ईएमआई देने में बार-बार चूक जा रहे हैं और कर्ज की अदायगी में आपसे लगातार देरी हो रही है, तो भी आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ेगा। यही नहीं, अगर आपने कम अवधि में ही कई कर्ज ले लिए हैं तो इस बात का भी गलत असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ सकता है, क्योंकि इससे यह पता चलता है कि आपके ऊपर मौजूदा कर्ज का भार बढ़ गया है।
कैसे सुधारें क्रेडिट स्कोर
भले ही आपका क्रेडिट स्कोर तय करना सिबिल के हाथ में हो, लेकिन इसे सुधारना आपके हाथ में है। इसके लिए जरूरी हैं कुछ बातें। यदि आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अपने ड्यू बैलेंस को हमेशा कम रखें। इसके अलावा आप अपने कर्जों की सभी किस्तों की समय से अदायगी करते रहें। यदि आपने कई कर्ज ले रखे हैं तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इसमें सुरक्षित (सिक्योर्ड) और असुरक्षित (अनसिक्योर्ड) कर्जों का अनुपात ठीक रहे।
आपके लोन पोर्टफोलियो में असुरक्षित कर्ज अधिक न हों, तो बेहतर होगा। इसके अतिरिक्त, कर्ज के लिए अधिक आवेदन नहीं करना एक अच्छी रणनीति हो सकती है। साथ ही यह भी याद रखें कि आपके साथ विभिन्न कर्जों में जो सहआवेदनकर्ता हैं, उनके द्वारा भुगतान में कोई गलती नहीं होनी चाहिए, इसलिए उनके खातों के ऊपर भी एक नजर रखना जरूरी है।

Sunday, September 20, 2015

राजस्‍थान में अब शुरू होगी डिजिटल मार्केटिंग स्‍कीम

कोटा । राजस्‍थान में एसएमई इंडस्‍ट्रीज के प्रोडक्‍ट जल्‍द ही ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म पर उपलब्‍ध होंगे। नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ एंटरप्रेन्‍योरशिप एंड स्‍माल्‍ बिजनेस डेवलपमेंट (निसबड) की ओर से छोटे व्यवसायियों को डिजिटल मार्केटिंग से जोड़ने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।
एमएसएमई के सहायक निदेशक अजय शर्मा के मुताबिक आज ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म छोटे कारोबारियों को ग्‍लोबल मार्केट से जोड़ने का महत्‍वपूर्ण जरिया है। इसे देखते हुए निसबड की ओर से एक विशेष प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। इसके पहले उद्यमियों के लिए एसएमई इंडस्‍ट्री के लिए भारतीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड ने एक पोर्टल चालू किया है। इसमें उद्यमी अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेच भी सकते हैं।
एनएसआईसी के इस पोर्टल www.msmeshopping.com की बिजनेस टू कस्टमर यानी बी2सी की सुविधा के जरिये इस पोर्टल की पंजीकृत इकाइयों में तैयार सामान ग्राहक ऑनलाइन खरीद सकेंगे। ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत कर छोटे उद्योगों को बड़ी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। लघु उद्योगों के सामने धन जुटाने और माल बेचने की बड़ी समस्या होती है। पोर्टल के जरिये अब ग्राहक लघु उद्योगों में तैयार माल को पसंद कर सकेंगे और खरीदारी का ऑर्डर दे सकेंगे।

Saturday, September 19, 2015

जीमेल के ये फीचर आप, जानेंगे तो जरूर इस्तेमाल करेंगे

गूगल की मशहूर ईमेल सेवा जीमेल के बिना तो अब हम अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसके बावजूद जीमेल के बहुत से फीचर्स से हम आज भी अनजान हैं, जबकि ये फीचर्स हमारी कार्यप्रणाली को आसान बना सकते हैं। ऐसे कई फीचर्स हैं, जिन्हें गूगल क्रोम ऐप स्टोर पर जाकर थर्ड पार्टी एक्सटेंशन एडऑन करके अपने जीमेल से जोड़ा जा सकता है। साथ ही कई फीचर्स हमें गूगल लैब से भी मिल सकते हैं, जो कि जीमेल की सेटिंग्स में जाकर आसानी से इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
प्री-शेड्यूल मैसेज: अगर दोस्त का बर्थ-डे या कोई जरूरी तारीख भूल जाते हैं या फिर ऑफिस की कोई जानकारी किसी खास समय पर देना चाहते हैं, तो यह फीचर आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। प्री-शेड्यूल मैसेज की मदद से पहले से कम्पोज और फॉरवर्ड की गई मेल निर्धारित तारीख या समय पर डिलिवर हो जाती है। आप हर महीने दस फ्री मैसेज भेज सकते हैं। इससे ज्यादा मैसज भेजने पर आपको पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
स्नूज ई-मेल: अक्सर आपके पास ऐसे मेल आते हैं, जो आपके लिए जरूरी तो होते हैं, पर उस दिन नहीं, जिस दिन वो फॉरवर्ड किए गए हों। ऐसे में उस मेल को याद रखना सबसे बड़ी चुनौती हो जाती है। आपकी इस समस्या का समाधान गूगल क्रोम का एक्सटेंशन स्नूज ई-मेल कर सकता है। इसका इस्तेमाल करके आप इनबॉक्स में नीचे दब चुके मेल को अपनी जरूरत के समय अपनी आंखों के सामने, यानी इनबॉक्स के टॉप में पाएंगे।
आपका मेल पढ़ा गया या नहीं: आप अपने मेल के जवाब का इंतजार करते रहते हैं और सामने से जवाब आता है कि सॉरी मेल देखा ही नहीं। ऐसे में मजबूरन हमें उसकी बात पर भरोसा करना पड़ता है। पर, अब ऐसा नहीं होगा। अब आप गूगल क्रोम के ट्रैकिंग एक्सटेंशंस की मदद से यह जान सकते हैं कि आपका मेल पढ़ा गया या नहीं। इतना ही नहीं, आपको यह भी मालूम चल जाएगा कि आपका मेल कितनी बार खोला गया। मेल खोलते वक्त वो शख्स कहां था और उसने किस डिवाइस पर आपका मेल खोला था।
मेल यूज करें ऑफलाइन: गूगल का एक ऐप ‘जीमेल ऑफलाइन’ भी है। इसको अपने पीसी, लैपटॉप या मोबाइल पर डाउनलोड करके आप बिना इंटरनेट कनेक्शन के अपने मेल पढ़ सकते हैं। आप इन ईमेल्स को मैनेज करने के साथ वो मैसेज कंपोज भी कर सकते हैं, जिन्हें आप ऑनलाइन होने के बाद किसी को भेजना चाहते हैं। ट्रायल के तौर पर आप इसे तीस दिनों तक फ्री में इस्तेमाल कर सकते हैं।
एसएमएस पर होगा मेल: दौड़ती-भागती जिंदगी में हर वक्त ऑनलाइन रहना मजबूरी है। कई बार ऐसा कर पाना मुमकिन नहीं होता। ऐसे में आपका कोई जरूरी मेल न छूटने पाए, इसके लिए आप ‘अवे फाइंड’ नाम की एक पेड सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके चलते आपको बार-बार मेल चेक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मेल आपके फोन के मैसेज बॉक्स में ब्लिंक करने लगेगा।
साथ चेक करें कई मेल: अगर आप व्यस्त हैं और आपके इनबॉक्स में ढेर सारे मेल आ चुके हैं। तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। गूगल लैब में एक आसान तरीका है, जिससे आप कई सारे ईमेल एकांउट एक साथ चेक कर सकते हैं। गूगल लैब का इस्तेमाल जीमेल लॉग-इन करके सेटिंग में जाकर किया जा सकता है।
मेल आते ही रिप्लाई: अगर आप छुट्टी पर हैं और चाहते हैं कि कोई आपको इस बीच डिस्टर्ब न करे, तो गूगल लैब में आपकी इस समस्या का भी समाधान है। गूगल लैब के फीचर से आप कुछ खास एकाउंट्स से आने वाली मेल्स का जवाब पहले से ही कम्पोज करके रख सकते हैं। उन एकाउंट्स से आपके इनबॉक्स में आने वाली मेल का जवाब अपने आप फॉरवर्ड हो जाएगा।

Friday, September 18, 2015

पत्रकार संगठनों में अखबार मालिकों की घुसपैठ

पत्रकार संगठनों में अखबार मालिकों की घुसपैठ हो चुकी है।  नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) जिसे हम श्रमजीवी  पत्रकारों का संगठन मानते थे।  उसमें भी अखबार मालिक पदाधिकारी बन  बैठे हैं।  ऐसे में लगता नहीं की पत्रकारों के हितों के लिए कोई संघर्ष करेगा।  बल्कि मैंने तो यहाँ तक देखा है। पदाधिकारी मालिकों की चापलूसी  कर हमेशा अपनी नौकरी  बचाने और प्रमोशन पाने के हथकंडे अपनाते हैं। राजस्थान में जार के प्रदेश अध्यक्ष खुद तीन अखबार निकालते हैं।  रिछपाल पारीक  जो आजतक किसी अख़बार के संवाददाता नहीं रहे, उन्हें जार ने अपना संरक्षक बना रखा है।  क्योकि वह आत्मदीप के खास हैं।  मजीठिया के लिए बेचारे पत्रकार मालिकों की प्रताड़ना सहने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट में अपने हक़ के लिए अकेले ही लड़ रहे हैं। 
जबकि होना तो यह चाहिए की सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू कराने  के लिए केंद्र और राज्य सरकारों पर दबाव बनाया जाना चाहिए।  हाल  ही कोटा में नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) का अधिवेशन हुआ था।  उसमें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की ओर से पांच लाख रुपये का डोनेशन और एक वक्त का खाना दिया गया।  पदाधिकारी सहायता पाकर बहुत खुश हुए।  इस मौके पर बजाये सहायता लेने के सरकार से मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन लागू करने और  नहीं लागू करने वाले अखबारों के विज्ञापन बंद करने की  बात करते. अभी भी मौका है दिल्ली में संसद पर प्रदर्शन करें।  प्रधान मंत्री को ज्ञापन दें. ताज्जुब तो इस बात का है सुप्रीम कोर्ट का आदेश ताक में रखने वाले आदर्शवादी बातें छापते हैं।  एक अखबार नो नेगेटिव न्यूज की बात करता है और अपने ही कर्मचारियों का शोषण करता है।  

ई-मेल पढ़कर कमाएं पैसा, एक महीने में मिलेंगे 10 हजार रु.

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा।  कम आमदनी और छोटी सेविंग्स के जरिए घर खर्च चलाना बेहद मुश्किल होता है। खासकर मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए पैसा कमाने के कम ही ऑप्शन हैं। ऐसे में इंटरनेट एक ऐसा जरिया है, जिससे घर बैठे भी कमाई की जा सकती है। अगर ईमेल मार्केटिंग के बारे में बात की जाए तो वर्चुअल वर्ल्ड में इसका खास महत्व है। रोजाना कई तरह की मेल सेवाओं का प्रयोग आप करते हैं, लेकिन क्या कभी सोचा है कि आप मेल पढ़कर भी पैसा कमा सकते हैं। मनी भास्कर आपको ऐसी ही कुछ वेबसाइट के बारे में बताने जा रहा है, जहां से आप मेल और सर्वे के माध्यम से पैसा कमाया जा सकता है। ये पैसा महिला या पुरुष कोई भी कमा सकता है।
1. मनी मेल डॉट कॉम(www.Moneymail.in)
इस वेबसाइट पर आप दिन में 15 मिनट का समय निकालकर ई-मेल पढ़कर कमाई कर सकते हैं। इसके जरिए 10,000 रुपए तक एक महीने में कमा सकते हैं। एक ईमेल पढ़ने पर आपको 20 पैसे से लेकर 200 रुपए तक दिए जाते हैं। इसके लिए आपको हर रोज अपने अकाउंट पर लॉग इन करना होगा और इनबॉक्स में मेल पढ़ने होंगे। अपने किसी दोस्त का अकाउंट बनवाने पर आपको 100 रुपए तक दिए जाते हैं।
2. सेंडर अर्निंग डॉट कॉम (www.Sendearnings.com)
इस वेबसाइट पर भी आप ईमेल, सर्वे, ऑनलाइन शॉपिंग के माध्यम से पैसा कमा सकते हैं। पहले आपको अकाउंट बनाना होगा और अपना रजिस्ट्रेशन कन्फर्म कराना होगा। यहां आपको एक ईमेल पढ़ने पर 1 डॉलर यानी करीब 60 से 65 रुपए(डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत के अनुसार) दिया जाता है। अगर आपने 6 महीने में एक बार इस साइट पर विजिट नहीं किया, तो आपका अकाउंट डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा। पेमेंट के लिए आवेदन करते समय आपके अकाउंट में कम से कम 30 डॉलर यानी तकरीबन 1800 से 2000 रुपए होने चाहिए।
3. मैट्रिक्स मेल डॉट कॉम (www.matrixmails.com)
ई-मेल के जरिए पैसा कमाने के लिए ये वेबसाइट एक बेहतर विकल्प है। साल 2002 से यह वेबसाइट काम कर रही है। इस वेबसाइट के माध्यम से आप ईमेल पढ़ते हुए, ऑफर्स के माध्यम से, साइट विजिट करें और अन्य लोगों को इसकी जानकारी देकर पैसे कमा सकते हैं। आप 25 से 50 डॉलर तक यानी तकरीबन 3000 रुपए एक घंटे में कमाए जा सकते हैं।
4. कैश फॉर ऑफर डॉट कॉम (www.Cash4offers.com)
इस वेबसाइट के माध्यम से भी आप पैसा कमा सकते हैं। जब आप वेबसाइट के गोल्ड मेंबर बन जाते हैं, तो 72 घंटे से भी कम समय में आपको पेमेंट कर दी जाती है। आप ईमेल पढ़कर, सर्वे के द्वारा, कैश ऑफर्स के माध्यम से, ऑनलाइन गेम्स खेलकर और दोस्तों का अकाउंट बनवाकर पैसा कमा सकते हैं। वेबसाइट पर साइन इन करते ही आपको करीब 5 डॉलर यानी 300 से 350 रुपए तक मिलते हैं।
5. पैसा लाइव डॉट कॉम (www.Paisalive.com)
अगर आप एक भी पैसा निवेश किए बिना तेजी से पैसा कमाना चाहते हैं तो यह वेबसाइट आपको ये मौका देती है। पैसा लाइव में अकाउंट बनाते ही आपको 99 रुपए मिलेंगे। अपने 10 दोस्तों को इसके बारे में बताकर उनका अकाउंट बनवाने पर भी आपको तुरंत 10 रुपए मिलेंगे। पहले 10 दोस्तों के बाद हर दोस्त पर आपको 2 रुपए मिलेंगे। इनबॉक्स में मेल पढ़ने पर आपको 25 पैसे से 5 रुपए तक मिलेंगे। वेबसाइट 15 दिन में एक बार चेक से पेमेंट करती है।

70 हजार रुपए में रूफटॉप सोलर प्‍लांट

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा।   केंद्र सरकार एक ऐसी स्‍कीम लेकर आई है, जिसमें आप महज 70 हजार रुपए खर्च कर 25 साल तक मुफ्त बिजली पा सकते हैं। हर महीने आपके बि‍जली के भारी-भरकम बिल की टेंशन खत्‍म करने के लिए यह एक अच्‍छा ऑफर है। दरअसल, सोलर पैनल लगाने वालों को केंद्र सरकार का न्‍यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालयपर 30 फीसदी सब्सिडी मुहैया करा रहा है। बिना सब्सिडी के रूफटॉप सोलर पैनल लगाने पर करीब 1 लाख रुपए का खर्च आता है।
आइए समझते हैं कैसे...
एक सोलर पैनल की कीमत तकरीबन एक लाख रुपए है। राज्यों के हिसाब से यह खर्च अलग होगा। सब्सिडी के बाद एक किलोवॉट का सोलर प्लांट मात्र 60 से 70 हजार रुपए में कहीं भी इन्स्टॉल करा सकते हैं। वहीं, कुछ राज्य इसके लिए अलग से अतिरिक्त सब्सिडी भी देते हैं।
कहां से खरीदें सोलर पैनल
> सोलर पैनल खरीदने के लिए आप राज्य सरकार की रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट अथॉरिटी से संपर्क कर सकते हैं।
> राज्यों के प्रमुख शहरों में कार्यालय बनाए गए हैं।
> हर शहर में प्राइवेट डीलर्स के पास भी सोलर पैनल उपलब्ध हैं।
> अथॉरिटी से लोन लेने के लिए पहले संपर्क करना होगा।
> सब्सिडी के लिए फॉर्म भी अथॉरिटी कार्यालय से ही मिलेगा।
25 साल होती है सोलर पैनलों की उम्र
सोलर पैनलों की उम्र 25 साल की होती है। यह बिजली आपको सौर ऊर्जा से मिलेगी। इसका पैनल भी आपकी छत पर लगेगा। यह प्लांट एक किलोवाट से पांच किलोवाट क्षमता तक होंगे। यह बिजली न केवल निशुल्क होगी, बल्कि प्रदूषण मुक्त भी होगी।
पांच सौ वाट तक के सोलर पैनल मिलेंगे। सरकार की तरफ से पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर यह पहल शुरू की गई है। जरूरत के मुताबिक, पांच सौ वाट तक की क्षमता के सोलर पावर पैनल लगा सकते हैं। इसके तहत पांच सौ वाट के ऐसे प्रत्येक पैनल पर 50 हजार रुपए तक खर्च आएगा।

Saturday, September 12, 2015

मजीठिया वेतनमान : अभी भी है रिपोर्ट का इंतजार

समाचार पत्र संस्थानों में मजीठिया वेतनमान लागू हुआ या नहीं उक्त संबंध में श्रम विभाग को जांच करके तीन माह के भीतर रिपोर्ट पेश करने की समय सीमा निश्चित की गई थी लेकिन समय बीत गया अब तक कई राज्य सरकारों ने रिपोर्ट नहीं भेजी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई की तारीख का एलान ना होना कई संदेहों को जन्म देता है। इससे साफ है कि सुप्रीम कोर्ट अब भी रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि जिन समाचार पत्र संस्थानों के खिलाफ शिकायत की गई उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी नहीं दी तो सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी संस्थान कौन सी है जिसे समाचार पत्र संस्थान जानकारी देंगे। जाहिर सी बात है कि समाचार पत्र संस्थान के मालिकों को किसी का भय नहीं है। अब जब बार-बार नोटिस भेजोगे तो कुछ भी जवाब दें देंगे। जो मूल विषय का संतोषजनक जवाब नहीं होगा।
सभी का इशारा एक तरफ
मजीठिया वेतनमान को लेकर जो लीपापोती हो रही है उसका इशारा एक तरफ जाता है कि किसी ने मजीठिया वेतनमान लागू नहीं किया है। फिर भी है सुप्रीम कोर्ट उक्त मामले में सुनवाई की तारीख का ऐलान क्यों नहीं कर रहा है। उक्त मामले में अनावश्यक देरी होने से वर्षों से न्याय की उम्मीद लगाए पत्रकारों का दर्द बढ़ता जा रहा है। जाहिर सी बात है कि किसी प्रकरण में ज्यादा समय देने का मतलब है कि आरोपी को बचाव के लिए अवसर देना है। इस देरी से केस की दिशा बदल जाएगी और प्रेस मालिक कोई नई परिभाषा गढ़ देंगे।

महेश्वरी प्रसाद मिश्र
पत्रकार

Friday, September 11, 2015

बिना VISA 59 देशों में ट्रैवल कर सकते हैं इंडियन्स

नई दिल्ली. इंडियन पासपोर्ट होल्डर्स को शायद यह पता न हो कि दुनिया के कुछ देश ऐसे हैं, जहां बिना वीजा के ट्रैवल किया जा सकता है। भारतीय सरकार इस बात की इजाजत देती है। हालांकि, जो लोग लगातार ट्रैवल करते हैं उन्हें इस कंट्री के बारे में पता हो सकता है, लेकिन बाकी नागरिकों के लिए यह अच्छी खबर है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन पासपोर्ट होल्डर्स 59 देशों में बिना वीजा के ट्रैवल कर सकते हैं। इनमें से कुछ देशों में आपको वीजा ऑन अराइवल की सुविधा भी है।
पावरफुल पासपोर्ट की लिस्ट जारी
ग्लोबल फाइनेंस एडवाइजरी फर्म अर्टन कैप्टिल ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी कर उन देशों की लिस्टिंग की है, जिनके पासपोर्ट सबसे पावरफुल हैं। ऐसे देश दूसरे देशों में बिना वीजा के अपने नागरिकों को घूमने की इजाजत देते हैं। इनमें सबसे पावरफुल पासपोर्ट स्वीडन का है, जो अपने नागरिकों को 174 देशों में बिना वीजा के ट्रैवल करने की इजाजत देता है।
इंडियन्स कर सकते हैं 59 देश में ट्रैवल
दुनिया के सिर्फ 59 देश ऐसे हैं, जहां इंडियन पासपोर्ट होल्डर बिना वीजा के ट्रैवल कर सकते हैं। इस मामले में पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत से काफी पीछे हैं।
किन देशों में नहीं लगता इंडियन्स का वीजा
भूटान  ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड कुक आइलैंड डोमनि‍क
अल सल्‍वाडोर ग्रेनेडा हांगकांग जमैका माइक्रोनेशि‍या
नेपाल नेऊ सेंट किट्स एंड नेविस सेंट विन्सेट एंड द ग्रेनाडाइन्स समाओ (Samoa)
सेशेल्‍स (Seychelles) त्रिनिदाद एंड टोबैगो(Trinidad and Tobago)
टर्क्स एंड काइकोस(Turks and Caicos) वनुआटू(Vanuatu)
इन देशों में मिलेगा वीजा ऑन अराइवल
कम्बोडिया (Cambodia) केप वर्डे (Cape Verde) कोमरोस (Comoros)\ इक्वाडोर (Ecuador) इथोपिया (Ethiopia) फि‍जी (Fiji) इंडोनेशिया (Indonesia) जॉर्डन (Jordan)केन्या (Kenya)
लाओस (Laos) मेडागास्कर (Madagascar) मालदीव (Maldives) मॉरीशस (Mauritius) पलाउ (Palau)थाईलैंड (Thailand)टुवालू (Tuvalu) युगांडा (Uganda)

WhatsApp यूजर्स खतरे में

कोटा। अगर आप व्हाट्सऐप का वेब वर्जन यूज करते हैं तो संभल जाइए। व्हाट्सऐप वेब वर्जन में एक गंभीर तकनीकी समस्या सामने आर्इ है। इसकी वजह से आपका सिस्टम हमेशा के लिए खराब हो सकता है। माना जा रहा है कि इस समस्या के चलते 20 करोड़ यूजर पर असर पड़ेगा। सिक्युरिटी फर्म चेक प्वाइंट के मुताबिक अगर आपने व्हाट्सऐप वेब पर आने वाला एक खास तरह कोड आेपन कर लिया तो आपका सिस्टम वायरस से इंफेक्टेड हो जाएगा।
मिला नया बग
व्हॉट्सऐप वेब (WhatsApp Web), लोकप्रिय इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप व्हॉट्सऐप का वेब आधारित इंटरफेस सिस्टम है। इसमें एक नया बग पाया गया है। सिक्युरिटी फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक हैकर्स इसके जरिए आपके कम्प्यूटर में घूस सकते हैं। व्हॉट्सऐप वेब का यह इंफेक्टेड बग अब तक 20 करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित कर सकता है।
क्या है गड़बड़ी
व्हाट्सऐप में गड़बड़ी की वजह वर्चुएल बिजनेस कार्ड हैंडलिंग सिस्टम है। इसमें मौजूद सिक्युरिटी एरर के कारण कोर्इ भी हैकर आपकी काॅन्टेक्ट लिस्ट में जाकर उसके नाम से आपको वर्चुएल बिजनस कार्ड भेज सकता है। यह बिजनेस कार्ड जैसे ही आप क्लिक करते हैं वैसे ही वायरस आपके सिस्टम में प्रवेश कर जाता है। जब यूजर्स कॉन्टेक्ट्स लिस्ट को खोलता है तो यह बॉट, रैंसमवेयर और अन्य मैलवेयर फाइलों को फैलाना शुरू कर देता है। हालांकि, व्हाट्सऐप को इस बारे में सूचित कर दिया गया है और व्हाट्सऐप ने इस बग को दूर करने के लिए अपडेट भी निकाल दिया है। कंपनी के मुताबिक, व्हॉट्सऐप के इस बग को दूर करने के लिए नई व्हॉट्सऐप वेब अपडेट v0.1.4481 जारी किया गया है।
इस तरह इस्तेमाल करें WhatsApp Web
सबसे पहले आपको यह ‌सुनिश्चित करना होगा कि आप अपने स्मार्टफोन में वॉट्सऐप का लेटेस्ट वर्जन इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं। इसलिए मोबाइल में वॉट्सऐप को अपडेट करें। मोबाइल में वॉट्सऐप अपडेट करने के बाद आपको वॉट्सऐप मेन्यू में एक नया ऑप्शन WhatsApp Web दिखाई देगा। गूगल क्रोम ब्राउजर खोलें और वेब एड्रेसबार में web.whatsapp.com टाइप करें। क्रोम ब्राउजर में web.whatsapp.com ओपेन करने के बाद यहां आपको क्यूआर कोड (QR code) ‌दिखाई देगा। अब अपना मोबाइल उठाएं और वॉट्सऐप मेन्यू में जाकर WhatsApp Web विकल्प को चुनें।
WhatsApp Web चुनते ही कैम स्केनर ऑन हो जाता है। अब मोबाइल से कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखने वाले क्यूआर कोड को स्कैन करें। इस तरह आपका फोन और व्हाट्सऐप डाटा ब्राउजर से जुड़ जाएगा। आपका व्हाट्सऐप मोबाइल डाटा कम्प्यूटर से सिंक हो जाएगा और आप रियल टाइम में मोबाइल और कम्प्यूटर दोनों पर वॉट्सऐप मैसेज देख पाएंगे।

Thursday, September 10, 2015

बैंक में सोना जमा करने पर मिलेगा ब्याज

कोटा। घरों में रखे सोने को बाहर निकालने के लिए कैबिनेट ने गोल्‍ड मोनेटाइजेशन स्‍कीम को मंजूरी दे दी है। इसका असर ज्वैलरी की कंपनियों के स्टॉक्स पर देखने को मिल रहा है। खासकर गितांजली जेम्स, राजेश एक्सपोर्ट्स, रेनासा ज्वैलरी, श्री गणेश ज्वैलरी, टीबीजेड और पीसी ज्वैलर में 15 फीसदी तक का उछाल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की मीटिंग में गोल्‍ड मोनेटाइजेशन और सॉवरेन गोल्‍ड बांड स्‍कीम को अनुमति दी गई। आम आदमी से लेकर मंदिर, ट्रस्‍ट और बड़े बिजनेसमैन गोल्‍ड मोनेटाइजेशन स्‍कीम में इन्‍वेस्‍टमेंट कर सकेंगे।
वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट ने बताया कि गोल्‍ड बांड स्‍कीम के तहत एक्‍चुअल सोना खरीदने की जरूरत नहीं होगी। यह भारत सरकार की ओर से रिजर्व बैंक जारी करेगा। इसकी बिक्री भारतीय इकाइयां ही कर सकेंगी, एक व्‍यक्ति एक साल में 500 ग्राम से अधिक सोना नहीं खरीद सकेगा। इस पर ब्‍याज की गणना समय-समय पर की जाएगी। इसका रिडम्‍पशन भी पोस्‍ट ऑफिस, बैंक, एनबीएफसी में होगा, जिसे पहले से अधिकृत किया जाएगा।
वित्‍त मंत्री जेटली ने बताया कि गोल्‍ड मोनेटाइजेशन स्‍कीम को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसके तहत जिन लोगों के पास गोल्‍ड बेकार पड़ा है, वो बैंक के पास इसे जमा कर सकते हैं। यह शार्ट, मीडियम और लांग टर्म के लिए होगा। इस बेकार पड़े सोने को बैंकिंग सिस्‍टम में डालने से देश को भी फायदा होगा और इस पर ब्‍याज भी मिलेगा।
गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम पर टैक्स मिलेगी छूट
गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत टैक्स छूट मिलेगी, लेकिन इसको सीआरआर का हिस्सा नहीं बनाया गया है। स्कीम के तहत गोल्ड जमा करने पर 2.5 फीसदी की दर से ब्याज मिल सकता है। गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत ब्याज दर समय-समय पर वित्त मंत्रालय और आरबीआई मिलकर तय करेंगे। इस स्कीम के तहत सोने की ईंट, सोने का बार और सोने के सिक्के जमा करने की छूट होगी।
एक साल में कर सकते हैं 500 ग्राम तक सोना जमा
सूत्रों के अनुसार गोल्‍ड मोनेटाइजेशन स्कीम में 500 ग्राम तक सोना जमा करने पर कस्टमर को किसी तरह की रसीद नहीं देने की सुविधा दी जा सकती है। अधिकारी के अनुसार बैंक के तरफ से यह सुझाव आया है कि ज्यादातर लोग सोने की खरीदारी पर रसीद नहीं लेते हैं। ऐसे में इस तरह की सुविधा देनी चाहिए। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग स्कीम से जुड़ सके। ऐसे कस्टमर से केवल एड्रेस प्रूफ के साथ सेल्फ डिक्लेयरेशन लेने की जरूरत होगी। जबकि 500 ग्राम से ज्यादा सोना जमा करने पर खरीदारी की रसीद के साथ पैन कार्ड आदि लेने का विकल्प देना चाहिए। अधिकारी के अनुसार इस प्रावधान को लागू करने से ज्यादा से ज्यादा लोग स्कीम से जुड़ेंगे।
मंदिर और ट्रस्ट से सेल्फ सर्टिफिकेशन
एक अनुमान के मुताबिक भारत में मंदिर , ट्रस्ट और लोगों के घरों में करीब 24 हजार टन सोना पड़ा है। अधिकारी के अनुसार इसे स्कीम से जोड़ने के लिए जरूरी है, कि मंदिर, ट्रस्ट का भरोसा हासिल किया जाय। इसे देखते हुए उनके द्वारा जमा किए गए सोने के लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन की सुविधा देने पर विचार किया जा रहा है। जिससे वह आसानी से स्कीम से जुड़ सकें।

Wednesday, September 9, 2015

होटल, हॉस्पिटल के लिए सरकार देगी 5 करोड़ रुपए तक का लोन

कोटा। राजस्थान राजस्थान वित्त निगम ने युवा उद्यमियों के लिए होटल, चिकित्सालय स्थापित करने, स्वयं का उद्योग लगाने के इच्छुक युवाओं को 5 करोड़ रुपए तक का ऋण देने की योजना शुरू की है.
निगम के शाखा प्रबंधक के के व्यास ने बताया कि योजना के तहत 90 लाख रुपए तक के ऋण के लिए राज्य सरकार द्वारा Žयाज में 6 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है. अत: इस योजना के तहत प्रभावी रूप से 7.5 प्रतिशत की वार्षिक दर से तिमाही अन्तराल पर ब्याज देना होगा. योजना के तहत लाभ लेने के इच्छुक अभ्यर्थी 30 सितम्बर तक रानी बाजार चौपड़ा कटला परिसर स्थित निगम की बीकानेर शाखा में आवेदन जमा करवा सकते हैं. उन्होंने बताया कि योजना में भाग लेने के लिए आवेदनकर्ता की आयु 45 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए व आवेदनकर्ता को आईटीआई/ डिप्लोमा या स्नातक होना चाहिए.
व्यास ने बताया कि आवेदनकर्ता के पास उद्योग लगाने के लिए औद्योगिक क्षेत्र में भूमि की व्यवस्था हो एवं होटल व्यवसाय व चिकित्सालय के लिए जिला मुख्यालय पर वाणिज्यक भूमि की व्यवस्था होना आवश्यक है. साथ ही कंपनी या भागीदारी की अवस्था में सभी भागीदारों व निदेशकों की आयु 45 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए तथा सभी आवेदकों को आईटीआई/डिप्लोमा या स्नातक होना चाहिए. ऋण व Žयाज की अदायगी 7 वर्ष में 12 माह के मोरेटेरिम के आधार पर होगी.

Friday, September 4, 2015

हैकर्स पर आप भी रख सकते हैं नजर

दुनिया भर में कंप्यूटर नेटवर्क की खामियों का फायदा उठाकर हैकर्स उसे निशाना बनाते हैं। अब हनीपॉट नामक एक ई-खबरी मौजूद है, जो हैकर्स के बारे में सारी जानकारियां जुटाकर आपकी मदद कर सकता है।
किसी कंपनी, सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्‍थान या फिर निजी उपयोग से जुड़े दस्तावेज काफी अहम होते हैं। लंबे समय तक इस तरह के दस्तावेजों को गत्ते की फाइलों में पैक कर स्टील की अलमारियों में लॉक करके रखा जाता था। बड़ी कंपनियों में तो कैबिनेट या लॉकर में रखकर इन फाइलों को आग, पानी और चोरों से सुरक्षित रखने की कोशिश की जाती रही है। पहले आपने वॉचमन, सीसीटीवी, फायर प्रूफ कैबिनेट और अलग कमरे की व्यवस्‍था करके अपने डाटा को सुरक्षित रखा।
लेकिन जिंदगी में लगातार बढ़ते तकनीक के दखल के बाद कागज की फाइलों और लॉकर्स की जगह कंप्यूटर्स ले चुके हैं। मतलब आपका तमाम डाटा डिजिटल या वर्चुअल फॉर्मेट में कंप्यूटर्स में कैद है। आप सोचते हैं कि फाइलें कंप्यूटर में बंद हैं, तो भला किसी को कैसे दिखेंगी? लेकिन आपको क्या मालूम कि उस कंप्यूटर में कौन सा चोर प्रोग्राम आ छिपा है, जो फाइलों को कॉपी करके अपने कंट्रोल सेंटर को भेज रहा है।
आपकी इस लापरवाही का फायदा उठाकर आपके कंप्यूटर नेटवर्क पर बाहर से कोई हैकर हमला कर सकता है और आपके कंप्यूटर में कोई चोर प्रोग्राम डाल सकता है। हैकर्स की इन करतूतों पर नजर रखने के लिए आपको चाहिए एक ′ई-खबरी′, जो आपको सतर्क करे और यह बता सके कि किस तरह के हमले आपके कंप्यूटर नेटवर्क पर हो रहे हैं।
इंटरनेट पर यह काम करने के लिए अब ′हनीपॉट′ नामक एक ऐसा टूल मौजूद है, जो हैकर्स को झांसा देकर उन्हें हमला करने के लिए उकसाता है। ′हनीपॉट′ के जाल में फंसने के बाद यह सिस्टम हैकर्स से जुड़ी कई तरह की जानकारियां आपको दे सकता है। इससे आपको पता चल सकता है कि हैकर्स दुनिया के कौन से हिस्से में बैठा है और वो आपके कंप्यूटर को हैक करने के लिए किस तरह की सॉफ्टवेयर, वायरस या मालवेयर और तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। इस तरह की जानकारी मिलने के बाद आप अपने कंप्यूटर को सुरक्षित रखने के लिए मजबूत रणनीति बना सकते हैं और ऐसे हैकर्स के हमले को विफल कर सकते हैं।
′हनीपॉट′ को लिनक्स सिस्टम पर स्थापित किया जाता है, इसका कोई लाइसेंस का खर्च नहीं है और न ही कोई भारी भरकम सर्वर की जरूरत। भारत में ′इंडियन हनीपॉट प्रोजेक्ट′ के वलंटियर्स इस काम में निशुल्क मदद करते हैं। इन वलंटियर्स ने कुछ शहरों में ′हनीपॉट′ लगा रखे हैं, जिससे साइबर हमलावरों के हमलों से जुड़ी तमाम जानकारियां मुहैया कराते हैं। यह जानकारी देश की साइबर सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
यह एक बहुत ही सस्ता उपकरण है, जिसे अब तक ज्यादा पहचान नहीं मिली है। इसकी जानकारी कॉलेजों के कंप्यूटर लैब, कंप्यूटर हैकर या तकनीकी जानकार लोगों के पास मिलेगी। आपको भी यह सस्ता ई-खबरी अपने नेटवर्क में बैठा लेना चाहिए। अगर आप कॉलेज में छात्र हैं या अध्यापक, तो अपने कंप्यूटर लैब में एक ′हनीपॉट′ की स्थापना कर उसकी गतिविधियों का अध्ययन करें। इससे साइबर सुरक्षा से जुड़ी बहुत सी बातें आपको पता चल जाएंगी।

एजुकेशन लोन और स्कालरशिप एक ही पोर्टल से

दिल्ली। अगर आप उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए लोन लेना चाहते हैं तो चिंता की कोई बात नहीं, सरकार ने अब एजुकेशन लोन लेना बेहद आसान कर दिया है। सरकार ने प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी कार्यक्रम के अंतर्गत स्कॉलरशिप के साथ ही एजुकेशन लोन स्कीम्स की प्रक्रिया को आसान बनाने और इनकी निगरानी के लिए पूरी तरह सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पर आधारित फाइनेंशियल ऐड अथॉरिटी का प्रस्ताव किया था, जिसके तहत एक पोर्टल https://www.vidyalakshmi.co.in/Students/index की शुरुआत की गई है। इसके माध्यम से एजुकेशन लोन के अलावा स्कॉलरशिप भी हासिल की जा सकती है। सरकार ने इस पोर्टल को गरीब और वंचित तबके के बच्चों को ध्यान में रखते हुए पेश किया है।
लोन लेने की क्या है प्रक्रिया, कैसे कर सकते हैं आवेदन
इसके माध्यम से सिर्फ तीन आसान स्टेप्स से एजुकेशन लोन हासिल किया जा सकता है। सबसे पहले आपको इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उसके बाद एक फॉर्म भरना होगा। इस फॉर्म की खासियत यह है कि इसके माध्यम से आप कई बैंकों में एजुकेशन लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
पोर्टल की क्या हैं खासियत
विद्यालक्ष्मी पोर्टल छात्र-छात्राओं को बैंकों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले एजुकेशन लोन और सरकारी स्कॉलरशिप्स से जुड़ी जानकारियां और एप्लीकेशन जमा कराने की सुविधा देता है। इसकी खासियत इस प्रकार हैः
*बैंकों की एजुकेशन लोन स्कीम्स से संबंधित जानकारियां
*छात्र-छात्राओं के लिए एक समान एजुकेशनल लोन एप्लीकेशन
*एजुकेशनल लोन के लिए कई बैंकों में आवेदन
*बैंकों को छात्रों की लोन एप्लीकेशन डाउनलोड करने की सुविधा
*बैंकों को लोन प्रोसेसिंग स्टेटस अपलोड करने की सुविधा
*छात्र-छात्रों को एजुकेशनल लोन से संबंधित शिकायतों/पूछताछ के लिए बैंकों को ई-मेल भेजने की सुविधा
*सरकारी स्कॉलरशिप्स के बारे में सूचना और एप्लीकेशन के लिए नेशनल स्कॉलरशिप्स पोर्टल का लिंकेज
पोर्टल के माध्यम से इन बैंकों से हासिल कर सकते हैं लोन
विद्यालक्ष्मी पोर्टल के माध्यम से 15 बैंकों से एजुकेशन लो हासिल किया जा सकता है। ये बैंक इस प्रकार हैं-
भारतीय स्टेट बैंक , आईडीबीआई बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक
कॉरपोरेशन बैंक , देना बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, ओबीसी, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, विजया बैंक
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक
क्या होगी इंटरेस्ट रेट
इस पोर्टल के माध्यम से मिलने वाले एजुकेशन लोन के लिए इंटरेस्ट रेट बैंक और उनकी योजनाओं के आधार पर होंगी। इसलिए आवेदक को लॉगइन के बाद लोन सर्च पेज पर इंटरेस्ट के बारे में जांच कर लेनी चाहिए।