Monday, November 30, 2015

स्‍मार्टफोन चार्ज करने की झंझट खत्‍म करेगा नया टचस्‍क्रीन

ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने नई तरह के टचस्‍क्रीन मटेरियल को खोजा है जो सूर्य की सीधी रोशनी में उच्‍च दृश्‍यता वाली है और इसे चलने के लिए काफी कम पावर की आवश्‍यकता है।
नये मटेरियल की क्षमता देखने के लिए कंज्‍यूमर इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स में कुछ बड़े प्‍लेयर्स के साथ टीम अभी भी बात-चीत कर रही है कि यह नया मटीरियल अगले कुछ सालों में वर्तमान के एलसीडी टचस्‍क्रीन की जगह ले सकता है या नहीं। बॉडी टेक्‍नोलॉजीज द्वारा विकसित, नयी टेक्‍नोलॉजी कंज्‍यूमर्स को उनके स्‍मार्टफोन के प्रतिदिन के चार्जिंग की समस्‍या से निजात दिला सकती है।
एक रिसर्चर पिमैन होसैनी ने कहा, ‘हम नए बाजार का निर्माण कर सकते हैं। आपको प्रत्‍येक रात को स्‍मार्टवॉच को चार्ज करना पड़ता है लेकिन अब आपके पास ऐसा स्‍मार्टवॉच या स्‍मार्ट ग्‍लास होगा जिसे अधिक पावर की जरूरत न हो, आप इसे हफ्ते में एक बार चार्ज करेंगे।‘शोधकर्ताओं का कहना है कि उनका अल्‍ट्रा-थिन डिस्‍प्‍ले मटेरियल सीधी सूर्य की रोशनी में भी काफी अच्‍छे रेज्‍योलूशन के साथ बेहतर रंग दिखाता है।


Saturday, November 28, 2015

नाइट मुफ्त कॉलिंग के नाम पर बीएसएनएल का ग्राहकों के साथ धोखा

बीएसएनएल बेसिक फोन उपभोक्ताओं के साथ धोखा कर रहा है।  रातभर निशुल्क कॉलिंग  के नाम पर भी बिल में जीरो बताकर कॉल का चार्ज लगा रहा था, अब खुले आम इसका चार्ज मांग रहा है। 
यह प्लान अब 220 रुपये महंगा हो गया है। ग्राहकों को अब 1980 रुपये की वार्षिक दर पर इस प्लान का लाभ मिलेगा। निगम अफसरों ने इसे लागू कर दिया है। भारत दूरसंचार निगम लिमिटेड ने बेसिक फोन उपभोक्ताओं को रात में निशुल्क कॉलिंग की सुविधा का लाभ देने का निर्णय लिया था। उपभोक्ताओं को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए पहले 1760 रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से जमा करने पड़ते थे। बीएसएनएल का यह प्लान लागू होते ही उपभोक्ताओं ने नए बेसिक फोन कनेक्शन करा लिए थे। पर अब इस प्लान की नई दरें निर्धारित कर दी गई हैं। उपभोक्ताओं को अब प्रति वर्ष 220 रुपये अधिक खर्च करने पड़ेंगे। 1980 रुपये वार्षिक दर जमा कर उपभोक्ता रात में निशुल्क कॉलिंग का लाभ उठा सकेंगे। पहले इस प्लान के अंतर्गत ग्राहक रात में 9 बजे से सुबह 7 बजे तक ऑल इंडिया में किसी भी फोन पर निशुल्क कॉलिंग कर सकते थे।




Friday, November 20, 2015

पत्रकारों के वेतन में 65 फीसदी वृद्धि की सिफारिश

 पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए गठित मजीठिया वेज बोर्ड ने अखबारी और एजेंसी कर्मियों के लिए 65 प्रतिशत तक वेतन वृद्धि की सिफारिश की है तथा साथ में मूल वेतन का 40 प्रतिशत तक आवास भत्ता और 20 प्रतिशत तक परिवहन भत्ता देने का सुझाव दिया है।
न्यायमूर्ति जी आर मजीठिया के नेतृत्व वाले वेतन बोर्ड ने शुक्रवार को यह भी सिफारिश की कि नए वेतनमान जनवरी 2008 से लागू किए जाएं। बोर्ड ने पहले ही मूल वेतन का 30 प्रतिशत अंतरिम राहत राशि के रूप में देने का ऐलान कर दिया था। मजीठिया ने केंद्रीय श्रम सचिव पी के चतुर्वेदी को रिपोर्ट सौंपी। चतुर्वेदी ने आश्वासन दिया कि सरकार इस रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद इसे जल्द से जल्द लागू कराने का प्रयास करेगी। बोर्ड ने 35 प्रतिशत वैरिएबल पे देने की सिफारिश की है। समाचार पत्र उद्योग के इतिहास में किसी वेतन बोर्ड ने इस तरह की सिफारिश पहली बार की है।
मजीठिया वेतन बोर्ड ने पत्रकारों और अन्य अखबारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु बढ़ाकर 65 साल करने, महंगाई भत्ते के मूल वेतन में शत प्रतिशत न्यूट्रलाइजेशन और विवादों के निपटारे के लिए स्थायी न्यायाधिकरण बनाने की सिफारिश की है। न्यायमूर्ति मजीठिया ने संवाददाताओं से कहा कि इस बार की रिपोर्ट में सबसे निचले ग्रेड के लिए भी अच्छे वेतन की सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि नए फार्मूले के अनुसार पत्रकार और गैर पत्रकार कर्मचारियों का मूल वेतन उसके वर्तमान मूल वेतन और डीए में, 30 प्रतिशत अंतरिम राहत राशि और 35 प्रतिशत वैरिएबल पे को जोडकर तय किया गया है। महंगाई भत्ता मूल वेतन में शत प्रतिशत 'न्यूट्रलाइजेशन' के साथ जुड़ेगा। ऐसा अब तक केवल सरकारी कर्मचारियों के मामले में होता आया है।
वेतन बोर्ड ने 60 करोड़ रुपये या इससे अधिक के सकल राजस्व वाली समाचार एजेंसियों को शीर्ष श्रेणी वाले समाचार पत्रों के साथ रखा है। इस प्रकार समाचार एजेंसी पीटीआई शीर्ष श्रेणी में जबकि यूएनआई दूसरी श्रेणी में रखी गई है। मजीठिया बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार आवास भत्ता एक्स श्रेणी के शहरों के लिए मूल वेतन का 40 प्रतिशत होगा, जो दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूर, हैदराबाद, चंडीगढ़, अहमदाबाद, कानपुर, लखनऊ और नागपुर पर लागू होगा। वाई श्रेणी के शहरों के लिए यह मूल वेतन का 30 प्रतिशत होगा। वाई श्रेणी के शहरों में आगरा, अजमेर, अलीगढ़, इलाहाबाद, अमृतसर, बरेली, बीकानेर, भोपाल, भुवनेश्वर, कोयंबटूर, दुर्गापुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जमशेदपुर, कोच्चि, कोटा, मदुरै, मेरठ, पटना, पुणे, रायपुर, राजकोट, रांची, श्रीनगर, सूरत, तिरूवनंतपुरम, बड़ोदरा, वाराणसी, विशाखापट्टनम, मंगलौर, पुडुचेरी, धनबाद, देहरादून, जम्मू, जामनगर आदि शामिल हैं। शेष अन्य शहरों को जेड श्रेणी में रखा गया है, जहां के कर्मचारियों को एचआरए मूल वेतन का 20 प्रतिशत मिलेगा।
वेतन बोर्ड ने वार्षिक वेतन बढ़ोतरी की दर पहली से चौथी श्रेणी के लिए छह प्रतिशत, पांचवीं और छठीं के लिए पांच प्रतिशत, सात से नौ के लिए चार, दस से 11 के लिए तीन प्रतिशत तय की है। मजीठिया बोर्ड ने जनवरी 2008 में अंतरिम राहत घोषित की थी और इसी तारीख से कर्मियों को एरियर मिल सकेगा। इसके अलावा बोर्ड ने एक्स श्रेणी के शहरों के लिए 20 प्रतिशत परिवहन भत्ता, वाई श्रेणी के लिए 10 प्रतिशत और जेड श्रेणी के लिए पांच प्रतिशत परिवहन भत्ता देने की सिफारिश की है।
बोर्ड ने रात्रि भत्तों में भारी बढ़ोतरी करते हुए इसे पहली और दूसरी श्रेणी के लिए सौ रुपये, तीसरी और चौथी के लिए 75 रुपये तथा पांचवीं से 11श्रेणी के लिए 50 रुपये तय कर दिया है। इसके अलावा 1000 रुपये मासिक 'कठिनाई भत्ता' निर्धारित किया है। एलटीए दो साल में एक बार मिलेगा और मूल वेतन के बराबर होगा। बोर्ड ने मेडिकल भत्ते में बढ़ोतरी करते हुए इसे पहली और दूसरी श्रेणी के लिए 1000 रुपये मासिक, तीसरी और चौथी श्रेणी के लिए 500 रुपये मासिक किया है। जिन लोगों पर ईएसआई लागू है, वे ये भत्ता हासिल नहीं कर सकेंगे। बोर्ड ने एरियर का भुगतान तीन समान किस्तों में करने की सिफारिश की है।
इस बीच कांफेडरेशन आफ न्यूजपेपर एंड न्यूजएजेंसी इम्प्लाइज आर्गेनाइजेशन्स के महासचिव एम एस यादव ने कहा कि वेतन बोर्ड अध्यक्ष ने श्रमजीवी पत्रकार एवं अन्य कर्मचारी कानून में प्रदत्त अधिकारों से वंचित रखते हुए बोर्ड सदस्यों को कई महत्वपूर्ण मसलों पर वोटिंग नहीं करने दिया लेकिन 'इस बात की खुशी है कि कई महत्वपूर्ण मांगों पर बोर्ड ने सकारात्मक फैसला लिया है और दीर्घकाल में इससे कर्मचारियों को फायदा होगा। रिटायरमेंट आयु बढ़ाना, वैरिएबल पे और परिवहन भत्ता इनमें से एक है।' कान्फेडरेशन में शामिल इंडियन जर्नलिस्टस यूनियन के अध्यक्ष सुरेश अखौरी, नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स-आई के वरिष्ठ नेता डॉ. नंद किशोर त्रिखा, आल इंडिया न्यूजपेपर इम्प्लाइज फेडरेशन के महासचिव मदन तलवार, फेडरेशन आफ पीटीआई इम्प्लाइज यूनियन्स के अध्यक्ष जान सी गोन्जाल्विस, यूएनआई वर्कर्स यूनियन के नेता एम एल जोशी ने वेतन बोर्ड को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी।
31 दिसंबर 2010 को समाचार एजेंसी भाषा द्वारा जारी किया गया समाचार-

मजीठिया : मीडियाकर्मी एरियर के साथ अंतरिम राहत भी करें क्‍लेम

हममें से कई साथियों ने मजीठिया वेतनमान के अनुसार अपने एरियर के क्‍लेम उप श्रम आयुक्‍त या संबंधित अदालतों में लगा दिए हैं या लगाने जा रहे हैं। साथियों एरियर का क्‍लेम बनाते हुए आप 30 प्रतिशत के अंतरिम राहत को जोड़ना ना भूलें। अंतरिम राहत 1 जनवरी 2008 से 10 नवंबर 2011 तक के कार्यकाल पर लागू होंगी। अंतरिम राहत की राशि पर आप 24 प्रतिशत तक का साधारण या सालाना चक्रवृद्वि ब्‍याज मांग सकते हैं। इसके अलावा चक्रवृद्वि ब्‍याज दर की गणना प्रतिदिन या महीने के अनुसार भी की जा सकती है।

कौन हैं हकदार

1.   जिन संस्‍थानों में मजीठिया लागू नहीं किया गया और अंतरिम राहत भी नहीं दी गई।
2.   जिन संस्‍थानों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मजीठिया वेतनमान तो लागू कर दिया, परंतु वेजबोर्ड लागू करने से पहले अंतरिम राहत नहीं दी थी।

पत्रकारों को आनलाइन रियायती रेलवे टिकट उललब्ध हों

उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने  राज्यपाल श्र रामनाईक से मुलाकात कर मान्यता प्राप्त संवाददाताओं को मिल रही रियायती रेल टिकट की सुविधा इंटरनेट से भी उपलब्ध कराने के लिए रेलमंत्री से पहल करने की मांग की। राज्यपाल के माध्यम से रेलमंत्री से मांग की गई है कि पत्रकारों को  रेल किराए में पचास प्रतिशत की उपलब्ध छूट को गरीबरथ व दूरंतों ट्रेनों में भी अनुमन्य कराया जाए। मान्यता समिति के अध्यक्ष प्रांशु मिश्र व सचिव नीरज श्रीवास्तव के नेतृत्व मे समिति के शिष्टमंडल ने पत्रकारीय कार्यों के लिए अचानक की जाऩे वाली रेलयात्राओं में आ रही कठिनाइयों की ओर ध्यानाकर्षण करते हुए यह मांग की कि चलती ट्रेन में भी पत्रकारों को एक सहयोगी के साथ रियायती टिकट जारी हो सकें। राज्यपाल से वार्ता के दौरान मीडिया में आए परिवर्तनों का उल्लेख हुआ और इसके मद्देनजर श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम, 1955 की परिधि में इलेक्ट्रानिक चैनलों, वेब पोर्टलों, मोबाइल न्यूज नेटवर्क जैसे नव समाचार माध्यमों में कार्यरत पत्रकारों व मीडियाकर्मियों को भी सम्मिलित कर उन्हें सेवा सुरक्षा और कार्य दशाएं निर्धारित करने के लिए भारत सरकार से यथोचित संशोधन करने की मांग भी की गई।

Tuesday, November 17, 2015

इन्श्योरेंस क्लेम में फ्रॉड पड़ेगा भारी

इन्श्योरेंस क्लेम लेने में फ्रॉड करना भारी पड़ सकता है। कंपनियां अब बैंकों की तरह सिस्टम डेवलप करने के करीब पहुंच गई हैं। इसके तहत अगर किसी बीमाधारकया उसके नॉमिनी ने क्लेम लेने में फ्रॉड किया, तो उन्हें इन्श्योरेंस कंपनियां ब्लैकलिस्ट कर सकती है। इसके अलावा जिन कस्टमर का रिकार्ड अच्छा होगा, उनको कंपनियां सस्ते इन्श्योरेंस का फायदा देंगी। इसके लिए जल्द ही बैंकों के क्रेडिट इनफार्मेशन ब्यूरो की तरह इन्श्योरेंस सेक्टर का सिस्टम काम करना शुरू करेगा। क्या है तैयारी इंडस्ट्री सूत्रों के अनुसार जिस तरह बैंक किसी व्यक्ति को लोन देने से पहले उसका क्रेडिट रिकार्ड देखते है , उसी तरह का सिस्टम अब इन्श्योरेंस सेक्टर में डेवलप किया जा रहा है। जहां पर किसी व्यक्ति का इन्श्योरेंस करने से पहले उसकी पूरी हिस्ट्री देखी जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा, कि आवेदक का प्रीमियम देने का रिकार्ड कैसा रहा है। इसके अलावा उसका क्लेम रिकार्ड कैसा है। इसके आधार पर उसकी रेटिंग होगी। जिस व्यक्ति का रिकार्ड अच्छा होगा, उसे न केवल इन्श्योरेंस आसानी से मिलेगा, बल्कि कंपनियां उससे प्रीमियम भी कम लेंगी। जिस व्यक्ति का रिकार्ड अच्छा होगा, उसे न केवल इन्श्योरेंस आसानी से मिलेगा, बल्कि कंपनियां उससे प्रीमियम भी कम लेंगी। वहीं जिसका रिकार्ड अच्छा नहीं है  उसे कंपनियां ब्लैक लिस्ट भी कर सकती हैं। जैसे की अभी लोन देते वक्त बैंक करते हैं। 

Monday, November 9, 2015

सरकारी सिक्कों से बाजार के सिक्के सस्ते

धनतेरस के शुभ मौके पर सोने व चांदी के सिक्के कोटा सर्राफा बाजार में सरकार एजेंसियों के मुकाबले कम दाम पर बेचे जा रहे हैं। सर्राफा कारोबारियों के मुताबिक सोने व चांदी के भाव अभी गत तीन-चार महीनों के न्यूनतम स्तर पर हैं जो खरीदारी के लिए काफी अनुकूल है। शनिवार को सोने का भाव 25900 रुपये प्रति 10 ग्राम तो चांदी 35500 रुपये प्रति किलोग्राम रहा। 
कोटा  के सर्राफा बाजार कूचां महाजनी में सोने के 5 ग्राम के सिक्के 13700 रुपये में बेचे जा रहे हैं तो 10 ग्राम के सोने के सिक्के के दाम 26700 रुपये बताए गए। ये सिक्के हॉलमार्क 999 है। 
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से जारी किए गए 5 ग्राम व 10 ग्राम के अशोक चक्र वाले सोने के सिक्के की बिक्री सरकारी एजेंसी क्रमश: 14,530 रुपये व 28,755 रुपये में की जा रही है। इस सिक्के में एकतरफ महात्मा गांधी की तस्वीर है तो दूसरी तरफ अशोक चक्र है। सुरक्षा के लिहाज से इन सिक्कों में एक अलग प्रकार की लाइनिंग दी गई है ताकि कोई नकल नहीं हो सके। एमएमटीसी के 5 ग्राम के सिक्के 14,165 रुपये में बेचे जा रहे हैं।एमएमटीसी के 10 ग्राम के सिक्के 28,220 रुपये में उपलब्ध है। एमएमटीसी ने अधिक से अधिक लोगों को धनतेरस के मौके पर सोने के सिक्के बेचने के लिए 0।5 ग्राम व 1,2 ग्राम के सिक्कों को भी बाजार में उतारा है। 0.5 ग्राम के सिक्के के दाम 1445 रुपये, 1 ग्राम के 2865 रुपये तो 2 ग्राम के सिक्कों के दाम 5700 रुपये रखे गए हैं। 100 ग्राम के सोने के सिक्के का भाव 275630 रुपये है। एमएमटीसी चांदी के 10 ग्राम के सिक्के 540 रुपये, 20 ग्राम के सिक्के 1050 रुपये तो 50 ग्राम के सिक्के 2520 रुपये में बेच रही है। 
सर्राफा कारोबारियों के मुताबिक अब तक सर्राफा की बिक्री सुस्त रही है, लेकिन उन्हें धनतेरस से दीपावली के दौरान बिक्री में बढ़ोतरी का अनुमान है। हालांकि सरकारी एजेंसी एमएमटीसी ने पिछले दस दिनों में देशभर में लगी अपनी प्रदर्शनी में लगभग 30 करोड़ रुपये की बिक्री की है और पिछले साल के मुकाबले एजेंसी को बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद है।

Saturday, November 7, 2015

कन्फर्म टिकट रद्द करना अब महंगा पड़ेगा

रेलवे ने टिकट रद्द कराने पर काटे जाने वाले रिफंड शुल्क में अनापशनाप बढ़ोतरी कर दी है। अब आरक्षित श्रेणी के कंफर्म टिकट रद्द कराने पर दोगुना शुल्क कटेगा। यदि ट्रेन छूटने में चार घंटे से कम समय बचा है तो कंफर्म टिकट रद्द कराने पर कोई रिफंड नहीं मिलेगा। नए नियम 12 नवंबर से लागू होंगे।
द्वितीय श्रेणी के अनारक्षित, आरएसी व वेटलिस्ट टिकटों को रद्द कराने पर अब 15 रुपये के स्थान पर 30 रुपये, जबकि द्वितीय (रिजर्व) व अन्य श्रेणियों के टिकटों पर 30 रुपये के स्थान पर 60 रुपये रिफंड शुल्क के तौर पर काटे जाएंगे। कंफर्म आरक्षित टिकटों के मामले में ट्रेन प्रस्थान समय से 48 घंटे पहले टिकट रद्द कराने पर फर्स्ट एसी में 120 रुपये की जगह 240 रुपये, सेकंड एसी में 100 रुपये की जगह 200 तथा थर्ड एसी में 90 रुपये की जगह 180 रुपये रिफंड चार्ज वसूला जाएगा।इसी प्रकार गैर वातानुकूलित सेकंड क्लास स्लीपर का कंफर्म टिकट रद्द कराने पर 60 रुपये की जगह 120 रुपये, जबकि सामान्य सेकंड क्लास का टिकट रद्द कराने पर 30 की जगह 60 रुपये रिफंड शुल्क कटेगा। ट्रेन छूटने के 48 घंटे पहले से लेकर 12 घंटे पहले तक कंफर्म टिकट रद्द कराने पर किराये का 25 फीसद अथवा उपरोक्त नियमानुसार न्यूनतम राशि (जो अधिक हो) रिफंड के रूप में काटी जाएगी। अभी यह नियम 48 घंटे पहले से छह घंटे पहले तक रद्द कराने पर लागू है।
इसी प्रकार ट्रेन छूटने के 12 घंटे पहले से लेकर चार घंटे पहले तक कंफर्म टिकट रद्द कराने पर उपरोक्त नियमानुसार न्यूनतम अथवा किराये की 50 फीसद राशि (जो अधिक हो) काटी जाएगी। इसके बाद कोई रिफंड नहीं मिलेगा। अभी यह नियम छह घंटे पहले से दो घंटे पहले तक के रद्द्दीकरण पर लागू है। यानि ट्रेन छूटने के दो घंटे बचे हैं और आप कंफर्म टिकट रद्द कराते हैं तो अभी कुछ रिफंड मिलता है। अब वह नहीं मिलेगा। रिफंड के लिए अब ट्रेन छूटने के चार घंटे पहले ही टिकट रद्द कराना होगा।
इसी प्रकार आंशिक रूप से कंफर्म टिकटों के मामले में ट्रेन छूटने के एक घंटे बाद तक ही रिफंड लिया जा सकेगा। अभी दो घंटे बाद तक यह सुविधा है। आरएसी और वेटलिस्ट टिकटों में भी ट्रेन छूटने के एक घंटे बाद तक ही रिफंड (क्लरिकल चार्ज काटने के बाद) मिलेगा। उसके बाद नहीं। अभी तीन घंटे बाद तक रिफंड मिलता है। रेल मंत्रालय के अनुसार जिन स्टेशनों पर कार्य के घंटों के बाद रिजर्व (पीआरएस) या अनरिजर्व (यूटीएस) या करेंट काउंटर खुले नहीं होंगे, वहां चुनिंदा यूटीएस काउंटर पर अनरिजर्व और रिजर्व दोनों तरह के टिकटों का रिफंड लिया जा सकेगा।

Friday, November 6, 2015

सीएफसीएल लगाएगी कोटा में एक और यूरिया प्लांट

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा।  गढ़ेपान में चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लि . (सीएफसीएल) एक और यूरिया प्लांट  लगाएगी। इस साइट पर कंपनी के 2 प्लांट पहले से चल रहे हैं। नए प्लांट पर कंपनी 5940 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसकी उत्पादन क्षमता 1.34 मिलियन मीट्रिक टन सालाना होगी। दो दिन पहले दिल्ली में हुई कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी भी दे दी गई है। 
नए और पुराने प्लांट मिलाकर हर साल 3.34 मिलियन मीट्रिक टन यूरिया उत्पादन करेंगे, जो देश में एक साइट पर कहीं भी नहीं है। ऐसे में कोटा जिला देश का सबसे बड़ा यूरिया उत्पादक हो जाएगा। उच्च तकनीक पर बनने वाले नए प्लांट के लिए कंपनी 4950 करोड़ रुपए उधार लेगी, जबकि शेष राशि आंतरिक सोर्सेज से जुटाएगी। कंपनी ने 3 नवंबर को ही हुई बैठक के तत्काल बाद बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) पर इसका आफिशियल कॉर्पोरेट अनाउंसमेंट भी कर दिया है। आगामी एक साल में इसका काम शुरू होने के आसार है। 
सीएफसीएल सबसे बड़ी यूरिया उत्पादक कंपनी
सीएफसीएल प्राइवेट सेक्टर की सबसे बड़ी यूरिया उत्पादक कंपनी है। सरकारी क्षेत्र की कंपनियां प्रोडक्शन के मामले में जरूर सीएफसीएल से आगे हैं। लेकिन सरकारी सेक्टर में भी किसी कंपनी की एक साइट पर इतनी उत्पादन क्षमता नहीं है। देश को हर साल करीब 30 मिलियन मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत होती है। अब देश की जरूरत का 11.13 प्रतिशत यूरिया गढ़ेपान में बन जाएगा। गढ़ेपान में वर्तमान में सीएफसीएल के दो प्लांट हैं। पहला प्लांट (गढ़ेपान-1) वर्ष 1994 और दूसरा प्लांट (गढ़ेपान-2) वर्ष 1999 में शुरू किया गया था। दोनों प्लांट 1-1 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता वाले हैं। वर्तमान में कंपनी देश के करीब 11 राज्यों में यूरिया सप्लाई करती है। 
बढ़ेंगे रोजगार के अवसर 
नएप्लांट के बाद स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कंपनी सूत्रों ने बताया कि एक प्लांट से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर कई लोगों को रोजगार मिलता है। सीधे तौर पर प्लांट में तो करीब 100 लोगों को ही काम मिलता है, लेकिन अन्य लेबर वर्क्स में सैकड़ों लोगों की जरूरत और होती है। कोटा में अरसे बाद कोई कंपनी बड़ा निवेश करने को सहमत हुई है। बीते करीब एक दशक का यह बड़ा निवेश माना जा रहा है। 

Thursday, November 5, 2015

दाल महंगी तो कोटा की कचौरी हो गई छोटी

दिनेश माहेश्वरी | कोटा
दालें महंगी होने का असर अब कोटा की कचौरी पर भी दिखने लगा है। व्यापारियों ने दाम तो नहीं बढ़ाए, हां वजन जरूर कम कर दिया। अब ज्यादातर दुकानों पर साइज छोटी करके कचौरी 60 की जगह 50 ग्राम की बनाई जा रही है, जो 5 से 10 रुपए प्रति नग तक बिक रही है। 
कचौरी का वजन विक्रेताओं ने इस तरह कम किया कि रोज कचौरी खाने वालों को भी एकदम से उसका पता नहीं लग पाता। लेकिन, गौर से देखें तो कचौरी साइज में छोटी नजर आएगी। कुछ नामी विक्रेताओं से जब कचौरी की साइज छोटी होने के बारे में भास्कर ने पूछा तो पहले तो उन्होंने मना कर दिया। परन्तु आखिर उनकी जुबान से निकल ही गया कि हां दाल की मात्रा कम कर दी है। दूसरे ने कहा कि 60 ग्राम की जगह 50 से 55 ग्राम की हो गई है।रतलामी कचौरी वाले रूपचंद जैन और रतन कचौरी वाले मनोज जैन का तर्क है कि कचौरी में काम आने वाली उड़द मोगर दाल 80 रुपए किलो की जगह 160 से 170 रुपए किलो पड़ रही है। चना दाल 40 की जगह 60 से 65 रुपए किलो हो गई है। ऐसे में कचौरी विक्रेताओं का मार्जिन भी घट रहा है। इसकी क्षतिपूर्ति के लिए ही कचौरी के दाम नहीं बढ़ाकर वजन कम किया है। एक दशक पहले तक कचौरी 80 से 85 ग्राम तक की होती थी, किंतु जैसे-जैसे महंगाई बढ़ती गई, कचौरी का साइज घटने के साथ दाम भी बढ़ गए। वर्तमान में शहर के नामी कचौरी विक्रेता 7 से लेकर 10 रुपए प्रति नग की दर पर कचौरी बेच रहे हैं। जबकि छोटे दुकानदार 5 से 6 रुपए में उनसे बड़ी कचौरी बेच रहे हैं। बड़े दुकानदारों का दावा है कि वे मूंगफली के तेल में बनाते हैं, जबकि छोटे दुकानदार सोया रिफाइंड में। इसलिए उनके यहां दाम ज्यादा हैं। 
एक कचौरी पर कितनी लागत 
कुछछोटे कचौरी विक्रेताओं का कहना है कि एक कचौरी की लागत 3.50 से 4 रुपए आती है। दुकानदार उसे 5 से लेकर 10 रुपए तक में बेचते हैं। मूंगफली तेल का तेल फिलहाल 1500 से 1600 रुपए का टिन है। 
नयापुरा की एक दुकान पर बिकती कचौरी। 
रोजाना 5 लाख कचौरी की खपत 
शहरमें छोटे-बड़े सभी दुकानदार मिलकर कम से कम पांच लाख कचौरी रोजाना बेचते हैं। समोसे की बिक्री अलग है। अगर केवल कचौरी की बिक्री का आंकड़ा निकालें तो कम से कम 35 से 40 लाख रुपए रोजाना का बिजनेस है। 
विधानसभा,संसद और विदेशों तक मांग : कचौरीविक्रेताओं के अनुसार कोटा कचौरी का नाम संसद तक फेमस है। यहां के जनप्रतिनिधि कोटा की बनी कचौरियां लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचाते हैं। यहां तक कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी तक यहां की कचौरी का स्वाद चख चुके हैं। यहां के व्यक्ति विदेश में जाकर जॉॅब करते हैं, लेकिन जब आते हैं तो 200 से 300 कचौरी एक साथ पैक कराकर अपने साथ ले जाते हैं। 

Tuesday, November 3, 2015

पासवर्ड भूल गए तो इस तरह ओपेन करें फोन

अगर आप कभी गलती से अपने एंड्रॉयड डिवाइस का पिन, पासवर्ड या पैटर्न लॉक भूल जाएं तो आपको लग सकता है कि ये काफी परेशानी की बात है। लेकिन कई ऐसे तरीके हैं जिनको अपनाने पर आपका फ़ोन काम कर सकता है। सिक्योरिटी के लिहाज़ से ये सुनने में आपको खतरनाक लग सकता है पर ऐसा करना संभव है। इसके कुछ तरीकों के बारे में जानिए...नए एंड्रॉयड टैबलेट और स्मार्टफोन से जुड़ी 'एंड्रॉयड डिवाइस मैनेजर' नाम की एक सर्विस होती है। अगर आप अपने गूगल अकाउंट से लॉग्ड-इन हैं, तो किसी भी डिवाइस से इस सर्विस का फायदा उठा सकते हैं। बस अपने गूगल अकाउंट से लॉग इन कीजिए और शुरू हो जाइए।एंड्रॉयड डिवाइस मैनेजर' पर लॉग इन करने के बाद आपकी स्क्रीन पर जो 'लॉक' बटन है उसे क्लिक करने पर आपको नया पासवर्ड देना पड़ेगा। ये पुराने पासवर्ड को मिटा कर नया पासवर्ड आपके अकाउंट के नाम कर देगा। उसके बाद एक बार फिर लॉक बटन पर क्लिक कर दीजिए।अगर आपके पास सैमसंग फ़ोन है तो 'फाइंड माई मोबाइल की मदद ले सकते हैं। अपने सैमसंग अकाउंट से लॉग इन कीजिए और स्क्रीन के बाईं तरफ 'लॉक माई स्क्रीन' पर क्लिक कीजिए।
उसके बाद अपना नया पिन डाल दीजिए और स्क्रीन के निचले हिस्से में 'लॉक' पर क्लिक कर दीजिए। उसके चंद मिनट के अंदर आपके पुराने पासवर्ड या पिन की जगह नया पिन काम करने लगेगा। लेकिन अगर आपने सैमसंग अकाउंट सेट अप नहीं किया है तो ये तरीका कामयाब नहीं होगा। 
एक और विकल्प हो सकता है 'फॉरगॉट पैटर्न' इस्तेमाल करना। ये एंड्रॉयड 4.4 या उससे पहले के स्मार्टफोन पर काम करेगा।
पांच बार कोशिश करने के बाद आपके स्क्रीन पर लिखा एक मैसेज आएगा जो कहेगा 'ट्राई अगेन इन 30 सेकंड्स'। उसी समय नीचे आपको लिखा दिखेगा 'फॉरगॉट पैटर्न?' वहां पर अपने गूगल अकाउंट के बारे में जानकारी देकर लॉग-इन कीजिए। उसके बाद गूगल आपके ईमेल पर आपका अन-लॉक पैटर्न भेज सकता है या आप उसी समय नया पैटर्न बना सकते हैं।अगर आप चाहें तो अपनी पासवर्ड फाइल को डिलीट कर सकते हैं और उसके बाद स्मार्टफोन को एक्सेस करना मिनटों का काम होगा। अगर आपके फोन पर पहले से USB डिबगिंग एनेबल किया हुआ है, तो ही ये काम करेगा। अपने कंप्यूटर को स्मार्टफोन से डेटा केबल के जरिए कनेक्ट कीजिए।