बिजनेस रिपोर्टर . कोटा
महंगी कार खरीदने का शौक भी अब और महंगा हो 1 जून से एक प्रतिशत टीसीएस (टैक्स कनेक्टेड एट सोर्स) यानी 10 हजार रुपए लगेगा। डीलर यह राशि एकत्र कर आयकर विभाग में खरीदार के नाम से जमा करवाएगा। हाल ही में पारित फाइनेंस बिल में यह प्रावधान लागू किया गया है।
इसी तरह एक जून से कमीशन और दलाली पर 5 प्रतिशत टीडीएस (टैक्स डिडजाएगा। 10 लाख से अधिक की कार खरीदने वालों पर एक्टेड एट सोर्स) कटेगा। कमीशन एजेंट या दलाल को अब 15 हजार से अधिक की दलाली देने पर 5 प्रतिशत टीडीएस काटना होगा। इससे दलालों का पैसा टीडीएस में नहीं फंसेगा। टीसीएस और टीडीएस के नए प्रावधान एक जून 2016 से लागू हो जाएंगे।
दो लाख से अधिक की नकद खरीद पर
सीए प्रमोद लाहोटी ने बताया कि यदि विक्रेता द्वारा एक ही बिल में दो लाख से अधिक का कोई सामान बेचा जाता है और उस बिल में कोई भी राशि नकद प्राप्त कर ली जाती है तो पूरी बिल राशि पर एक प्रतिशत टीसीएस एकत्र कर आयकर की धारा 206-सी के अनुसार जमा करना होगा। इसी तरह किसी एडवोकेट, इंजीनियर, डॉक्टर, अस्पताल, सीए आदि के द्वारा एक ही बार में दो लाख से अधिक की सेवा दी गई है और उसमें कुछ राशि नकद ले ली गई है तो बिल की कुल राशि का एक प्रतिशत टीसीएस एकत्र कर आयकर विभाग में जमा करवाना होगा। उदाहरण के लिए किसी व्यापारी ने 2.50 लाख का माल किसी को बेचा। इसके बदले खरीदार ने 2.45 लाख का चेक और 5000 रुपए नकद दिए। विक्रेता को पूरे 2.50 लाख की राशि पर एक प्रतिशत की दर से 2500 रुपए टीसीएस काट कर आयकर विभाग को जमा कराना होगा। चाहे खरीदार ने माल व्यापार के लिए खरीदा हो या निजी उपयोग के लिए टीसीएस काटना जरूरी है।
महंगी कार खरीदने का शौक भी अब और महंगा हो 1 जून से एक प्रतिशत टीसीएस (टैक्स कनेक्टेड एट सोर्स) यानी 10 हजार रुपए लगेगा। डीलर यह राशि एकत्र कर आयकर विभाग में खरीदार के नाम से जमा करवाएगा। हाल ही में पारित फाइनेंस बिल में यह प्रावधान लागू किया गया है।
इसी तरह एक जून से कमीशन और दलाली पर 5 प्रतिशत टीडीएस (टैक्स डिडजाएगा। 10 लाख से अधिक की कार खरीदने वालों पर एक्टेड एट सोर्स) कटेगा। कमीशन एजेंट या दलाल को अब 15 हजार से अधिक की दलाली देने पर 5 प्रतिशत टीडीएस काटना होगा। इससे दलालों का पैसा टीडीएस में नहीं फंसेगा। टीसीएस और टीडीएस के नए प्रावधान एक जून 2016 से लागू हो जाएंगे।
दो लाख से अधिक की नकद खरीद पर
सीए प्रमोद लाहोटी ने बताया कि यदि विक्रेता द्वारा एक ही बिल में दो लाख से अधिक का कोई सामान बेचा जाता है और उस बिल में कोई भी राशि नकद प्राप्त कर ली जाती है तो पूरी बिल राशि पर एक प्रतिशत टीसीएस एकत्र कर आयकर की धारा 206-सी के अनुसार जमा करना होगा। इसी तरह किसी एडवोकेट, इंजीनियर, डॉक्टर, अस्पताल, सीए आदि के द्वारा एक ही बार में दो लाख से अधिक की सेवा दी गई है और उसमें कुछ राशि नकद ले ली गई है तो बिल की कुल राशि का एक प्रतिशत टीसीएस एकत्र कर आयकर विभाग में जमा करवाना होगा। उदाहरण के लिए किसी व्यापारी ने 2.50 लाख का माल किसी को बेचा। इसके बदले खरीदार ने 2.45 लाख का चेक और 5000 रुपए नकद दिए। विक्रेता को पूरे 2.50 लाख की राशि पर एक प्रतिशत की दर से 2500 रुपए टीसीएस काट कर आयकर विभाग को जमा कराना होगा। चाहे खरीदार ने माल व्यापार के लिए खरीदा हो या निजी उपयोग के लिए टीसीएस काटना जरूरी है।
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