दिनेश माहेश्वरी
कोटा। सर्विस टैक्स जमा करने में हुई भूल कंपनियों पर भारी पड़ सकती है। हाल ही में मुंबई के सर्विस टैक्स-1 कमिश्नरेट ने एक ट्रेड नोटिस जारी किया है। जिसमें सर्विस टैक्स को दूसरी मद में जमा करने की गलती को अक्षम्य माना है। ऐसे में यदि कोई कंपनी गलत अकाउंट नंबर पर सर्विस टैक्स जमा करती है तो उसे दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा।
इस आदेश को स्पष्ट करते हुए कमिश्नर ने बताया है कि गलत अकाउंट में सर्विस टैक्स जमा करने के संबंध में कमिश्नरेट के पास बड़ी संख्या में प्रार्थनापत्र प्राप्त हो रहे हैं। जिसमें दो प्रकार की गलतियां प्रमुखता से सामने आई हैं। इसमें पहली गलती सर्विस टैक्स गलत अकाउंट कोड में अदा करने से संबंधित है।
ऐसी गलती गलत अकाउंटिंग कोड की डेटा एंट्री के कारण होता है। इसमें या तो एक ही सेवा के अकाउंट कोड या फिर एजुकेशन सेस के अकाउंटिंग कोड में जमा हो जाती है। इस प्रकार एक ही सर्विस टैक्स कोड की दशा में एसेसी को डिप्टी कमिश्नर(टेक्निकल) को सर्विस टैक्स अदायगी के चालान के साथ लिखित में सूचना देनी होगी।वहीं, प्राय: सामने आने वाली दूसरी प्रकार की गलती किसी और असेसी के सर्विस टैक्स कोड में अपना सर्विस टैक्स अदा करने से जुड़ी होती है। यह गलती मुख्यतया तब होती है जब एसेसी के पास विभिन्न कमिश्नरेट या फिर एक ही कमिश्नरेट की विभिन्न शाखाओं में एक ही पैन पर कई सारे सर्विस टैक्स कोड होते हैं। इसमें वे मामले भी शामि होते हैं जिसमें एसेसी द्वारा तय स्थान से बिजनेस रोक देने की दशा में रजिस्ट्रेशन के निरस्त हो जाते हैं। वहीं गलती से इन्हीं गलत सर्विस टैक्स कोड में सर्विस टैक्स जमा कर दिया जाता है।
इसके अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंसल्टेंट द्वारा भी नियोक्ता के गलत सर्विस टैक्स कोड में टैक्स अदा करने के अनेक मामले कमिश्नरेट में आते हैं। इन प्रार्थनापत्रों में कई नियोक्ता सर्विस टैक्स की राशि को एक कोड से दूसरे सर्विस टैक्स कोड में स्थानांतरित करने की मांग करते हैं।
इन मामलों की जांच के बाद यह बात साफ कर देना बहुत जरूरी है कि मौजूदा समय में गलत सर्विस टैक्स कोड में जमा की गई राशि को सही टैक्स कोड में ट्रांसफर करने की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि कानूनी संस्था जिसके एक ही पैन नंबर पर विभिन्न टैक्स कोड हैं, उसके लिए भी एक सर्विस टैक्स कोड से दूसरे सर्विस कोड में राशि का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है।
हालांकि, गलती के सुधार के लिए कुछ कानूनी उपचार अवश्य दिए गए हैं। सर्विस टैक्स के नियम 6(4ए) गलत अदा किया सर्विस टैक्स को अगले महीने या फिर तिमाही में समायोजित किया जा सकता है। वहीं सेंट्रल एक्साइज टैक्स एक्स के सेक्शन 11बी के तहत एसेसी रिफंड के लिए आवेदन दे सकता है। इन उपायों के बावजूद एसेसी को अपने सही सर्विस टैक्स कोड में टैक्स अदा करना होगा। देरी के चलते आप पर ब्याज की मार भी पड़ सकती है।
कोटा। सर्विस टैक्स जमा करने में हुई भूल कंपनियों पर भारी पड़ सकती है। हाल ही में मुंबई के सर्विस टैक्स-1 कमिश्नरेट ने एक ट्रेड नोटिस जारी किया है। जिसमें सर्विस टैक्स को दूसरी मद में जमा करने की गलती को अक्षम्य माना है। ऐसे में यदि कोई कंपनी गलत अकाउंट नंबर पर सर्विस टैक्स जमा करती है तो उसे दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा।
इस आदेश को स्पष्ट करते हुए कमिश्नर ने बताया है कि गलत अकाउंट में सर्विस टैक्स जमा करने के संबंध में कमिश्नरेट के पास बड़ी संख्या में प्रार्थनापत्र प्राप्त हो रहे हैं। जिसमें दो प्रकार की गलतियां प्रमुखता से सामने आई हैं। इसमें पहली गलती सर्विस टैक्स गलत अकाउंट कोड में अदा करने से संबंधित है।
ऐसी गलती गलत अकाउंटिंग कोड की डेटा एंट्री के कारण होता है। इसमें या तो एक ही सेवा के अकाउंट कोड या फिर एजुकेशन सेस के अकाउंटिंग कोड में जमा हो जाती है। इस प्रकार एक ही सर्विस टैक्स कोड की दशा में एसेसी को डिप्टी कमिश्नर(टेक्निकल) को सर्विस टैक्स अदायगी के चालान के साथ लिखित में सूचना देनी होगी।वहीं, प्राय: सामने आने वाली दूसरी प्रकार की गलती किसी और असेसी के सर्विस टैक्स कोड में अपना सर्विस टैक्स अदा करने से जुड़ी होती है। यह गलती मुख्यतया तब होती है जब एसेसी के पास विभिन्न कमिश्नरेट या फिर एक ही कमिश्नरेट की विभिन्न शाखाओं में एक ही पैन पर कई सारे सर्विस टैक्स कोड होते हैं। इसमें वे मामले भी शामि होते हैं जिसमें एसेसी द्वारा तय स्थान से बिजनेस रोक देने की दशा में रजिस्ट्रेशन के निरस्त हो जाते हैं। वहीं गलती से इन्हीं गलत सर्विस टैक्स कोड में सर्विस टैक्स जमा कर दिया जाता है।
इसके अलावा चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंसल्टेंट द्वारा भी नियोक्ता के गलत सर्विस टैक्स कोड में टैक्स अदा करने के अनेक मामले कमिश्नरेट में आते हैं। इन प्रार्थनापत्रों में कई नियोक्ता सर्विस टैक्स की राशि को एक कोड से दूसरे सर्विस टैक्स कोड में स्थानांतरित करने की मांग करते हैं।
इन मामलों की जांच के बाद यह बात साफ कर देना बहुत जरूरी है कि मौजूदा समय में गलत सर्विस टैक्स कोड में जमा की गई राशि को सही टैक्स कोड में ट्रांसफर करने की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां तक कि कानूनी संस्था जिसके एक ही पैन नंबर पर विभिन्न टैक्स कोड हैं, उसके लिए भी एक सर्विस टैक्स कोड से दूसरे सर्विस कोड में राशि का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है।
हालांकि, गलती के सुधार के लिए कुछ कानूनी उपचार अवश्य दिए गए हैं। सर्विस टैक्स के नियम 6(4ए) गलत अदा किया सर्विस टैक्स को अगले महीने या फिर तिमाही में समायोजित किया जा सकता है। वहीं सेंट्रल एक्साइज टैक्स एक्स के सेक्शन 11बी के तहत एसेसी रिफंड के लिए आवेदन दे सकता है। इन उपायों के बावजूद एसेसी को अपने सही सर्विस टैक्स कोड में टैक्स अदा करना होगा। देरी के चलते आप पर ब्याज की मार भी पड़ सकती है।
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