Friday, November 7, 2014

Wednesday, November 5, 2014

सेब बिका सब्जी के दाम


सोने- चांदी की खरीदारी का मोह


Monday, November 3, 2014

1 जनवरी 2015 तक बदल लें अपना पुराना नोट, नहीं तो होगी मुश्किल

दिनेश  माहेश्वरी 
कोटा। नकली नोट पर लगाम लाने के लिए सरकार ने एक कड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत सारे पुराने नोटों को बदला जाएगा। जी हां, आपकी जेब में 500, 100, 1000 आदि के नोट हैं तो एक बार उसकी तारीख जरूर देख लें। कहीं आपका ये नोट वर्ष 2005 से पहले के तो नहीं हैं। अगर ऐसा है तो अब यह आपके किसी काम के नहीं रहेंगे।
दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 जनवरी 2015 के बाद इन नोटों को लेने से इंकार कर दिया है। नकली करंसी पर लगाम लगाने के लिए पिछले साल ही केंद्र सरकार ने वर्ष 2005 से पहले छपे नोट वापस लेने का फैसला किया था। सरकार ने नोट वापस करने की अंतिम तारीख 31 मार्च 2014 रखी थी, लेकिन अब सरकार 1 जनवरी 2015 तक नोट वापस लेगी। तो तैयार हो जाइए नोट वापस करने का आपके पास यह अंतिम मौका है। अगर 1 जनवरी 2015 तक दिए गए तारीख से पहले के नोट आपने वापस नहीं किए तो बाद में आपको पछताना पड़ सकता है। क्योंकि उक्त तिथि के बाद ये नोट बेकार हो जाएंगे और बैंक इन्हें नहीं लेगा। अब सरकार के इस फैसले की न सिर्फ सराहना की जा रही है बल्कि इस कदम से नकली नोटों के इस्तेमाल पर भी रोक लगेगी।

Friday, October 31, 2014

दिल मंदिर नहीं

लड़का (लड़की से)- जानेमन, इस दिल में आ जा ना!


लड़की (लड़का से)- सैडल निकालू क्या?


लड़का - पगली, यह मंदिर नहीं..ऐसे ही आ जा।


Thursday, October 23, 2014

ये है डायमंड व्यवसाई सावजीभाई ढोलकिया की दरियादिली

कोटा। दिवाली पर गुजरात में सूरत  के हीरे व्यवसायी सावजीभाई ढोलकिया की दरियादिली की चर्चा पूरे देश में है। हरिकृष्णा एक्सपोर्ट के चेयरमैन सावजीभाई ने अपने 1200 कर्मचारियों को ऐसे गिफ्ट दिए कि लोग दंग रह गए। इन्होंने 525 कर्मचारियों को 3.5 लाख रुपए की हीरे की जूलरी दी। उन 200 कर्मचारियों को दो कमरे के फ्लैट मिले हैं जिनके पास घर नहीं थे। इसके साथ ही 491 कर्मचारियों को गिफ्ट में कार मिली। कंपनी ने इसे लॉयल्टी बोनस कहा है। सावजीभाई ने कहा कि अब वह हीरे की पॉलिश करने वाले अपने कर्मचारियों को डायमंड इंजीनियर  कहा करेंगे। ढोलकिया ने 1991 में अपने तीन भाइयों के साथ मिलकर एक करोड़ रुपए की रकम से बिजनस की शुरुआत की थी। आज की तारीख में इनका बिजनस 6000 करोड़ रुपए का हो गया है।
इस अरबपति बिजनस मैन की खास बातें
ढोलकिया ने कहा कि मेरे पास कुछ भी नहीं था। मैंने जीरो से शुरुआत की थी। ईश्वर की इनायत है कि मैं इस मुकाम तक पहुंचा। ढोलकिया ने कहा कि हम अपने कर्मचारियों की ईमानदारी और मेहनत के दम पर ही यहां तक पहुंचे हैं। ऐसे में मुनाफा मैं अकेले नहीं पचा सकता। सावजीभाई ने पिछली दिवाली में भी 100 कर्मचारियों को कार तोहफे के रूप में दी थी। उन्होंने कहा कि जो भी मेरे पास है वह कुदरत की देन है। अभी तक मेरा अनुभव है कि देने से कम नहीं होता है। ये तो प्रकृति का नियम है कि एक दाना बोने से 100 दाने का उत्पादन होता है।
आज तक हमने जो दिया है उससे ज्यादा ही मिला है। ढोलकिया ने कहा, 'मैंने विश्लेषण किया कि आखिर 1 करोड़ से 6 हजार करोड़ तक पहुंचने में किसका सबसे ज्यादा योगदान है? फिर हमने सोचा कि हमारे 12 सौ कर्मचारियों की सबसे बड़ी भूमिका है। मैंने 6000 कर्मचारियों में 1200 सबसे मेहनती कर्मचारियों का चुनाव किया। मैंने अपने बेटे को न्यू यॉर्क से एमबीए कराया है। उससे स्टडी कराई कि हमारे बिजनस के फैलाव में किनका सबसे ज्यादा योगदान है।' ढोलकिया ने कहा कि हमने अपने कर्मचारियों को बहुत नहीं दिया है। जो भी दिया है वह थोड़ा है। इनकी मेहनत के आगे कुछ भी नहीं है। मेरा मानना है कि इससे मेरे और कर्मचारी प्रेरणा लें। ढोलकिया ने कहा, 'मैंने तोहफे देने में 50 करोड़ खर्च किए। मैंने सोचा था कि सबको गाड़ी दूं। बाद में पता चला कि 200 लोगों के पास घर नहीं है इसके बाद योजना में बदलाव किया गया। जिसके पास घर भी था और गाड़ी भी उसकी पत्नी को जूलरी दी गई। 451 लोगों को कारें दीं। मेरा मानना है कि इससे दूसरी कंपनियों को भी प्रेरणा मिलेगी। मैंने अपने कर्मचारियों के लिए क्रिकेट, वॉलिबॉल, टेनिस कोर्ट, स्विमिंग पूल और जिम की भी व्यवस्था की है।'
मेरे कर्मचारी पढ़े लिखे नहीं हैं लेकिन वे किसी कुशल इंजिनियर से कम नहीं हैं। इंडिया में इंजिनियर की जितनी सैलरी नहीं है उससे कई गुना ज्यादा मैं सैलरी देता हूं। मेरे 1200 कर्मचारियों ने 10 करोड़ का टीडीएस भरा है। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उनकी सैलरी कितनी होगी। मैं सोशल बिजनस कर रहा हूं। मेरे कर्मचारी देश के 21 राज्यों से हैं। ये 361 गांव से ताल्कुकात रखते हैं। इन सभी के माता-पिता को मैं जानता हूं। अपने कर्मचारियों के माता-पिता को तीर्थ यात्रा कराता हूं। मेरा बिजनस करने का तरीका यही है। मैं बिजनस में सोशल जिम्मेदारी उठाता हूं। मेरा मानना है कि पैसा देने से लोगों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। ढोलकिया ने कहा कि मैं पहले देता हूं तब लेता हूं।