कोटा। सोलर एनर्जी के क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए राज्यों ने कवायद तेज कर दी है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब जैसे राज्य न सिर्फ मेगा सोलर पावर प्लांटों की स्थापना पर जोर दे रहे हैं। वहीं घरों और व्यवासियक इमारतों पर छोटे सोलर प्लांटों के जरिए पैसा कमाने के मौके भी दे रहे हैं।
अतिरिक्त बिजली पावर ग्रिड से जोड़कर बेच सकेंगे
राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सोलर एनर्जी को बेचने की सुविधा दी जा रही है। इसके तहत सौर ऊर्जा संयंत्र द्वारा उत्पादित की गई अतिरिक्त बिजली पावर ग्रिड से जोड़कर राज्य सरकार को बेचा जा सकेगा। वहीं उत्तर प्रदेश ने सोलर पावर का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहन स्कीम शुरू की है। इसके तहत सोलर पैनल के इस्तेमाल पर बिजली बिल में छूट मिलेगी।
कैसे कमाएं पैसे
घर की छत पर सोलर प्लांट लगाकर बिजली बनाई जा सकती है। इसके बाद लोकल बिजली कंपनियों से टाइअप करके बिजली बेच सकते हैं। इसके लिए लोकल बिजली कंपनियों से आपको लाइसेंस भी लेना होगा। फिर बिजली कंपनियों के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट करना होगा। सोलर प्लांट लगाने के लिए टोटल इनवेस्टमेंट प्रति किलोवाट का 60-80 हजार रुपए होगा। राज्य सरकारें इसके लिए स्पेशल ऑफर भी दे रही हैं। इसके बाद प्लांट लगाकर बिजली बेचने पर आपको प्रति यूनिट 7.75 रुपए की दर से पैसा मिलेगा।
सोलर एनर्जी उत्पादक राज्य
छतें बनेंगी पावर हाउस
बड़े सोलर प्लांटों के साथ घरों की छतों पर छोटे-छोटे सोलर प्लांटों को प्रोत्साहित करने के लिए चंडीगढ़ सरकारों ने स्पेशल ऑफर पेश किए हैं। चंडीगढ़ सरकार ने घरों से सोलर फोटोवोल्टिक पावर प्लांट से बिजली ग्रिड में बेचने की स्कीम शुरू की है। इसके लिए सरकार की ओर से प्रति यूनिट 7.75 रुपए की दर निर्धारित की गई है। घर से सोलर प्लांट से बनने वाली बिजली की ट्रेडिंग ज्यादा से ज्यादा 500 किलोवॉट तक ही की जा सकती है। 500 वॉट का सोलर पैनल लगाने वाले को बिजली की ट्रेडिंग करने की परमिशन नहीं दी जाएगी।
राजस्थान सरकार करेगी पावर पर्चेज एग्रीमेंट
वहीं राजस्थान ने भी सोलर पैनल लगा कर बनी सरप्लस सौर ऊर्जा सरकारी बिजली कंपनी को बेचने का अनुमति प्रदान की है। हालांकि इसके लिए जल्द ही दरें तय की जाएंगी। इस संबंध में पिछले दिनों नियामक आयोग में दायर याचिका पर नियामक आयोग ने विचार कर दरें तय कर दी हैं। सरकार यह बिजली साढ़े सात रुपये प्रति यूनिट में खरीदेगी। सरकार को बिजली बेचने के लिए संबंधित व्यक्ति को 31 मार्च 2015 तक सरकार के साथ पावर पर्चेज एग्रीमेंट करना होगा।
अतिरिक्त बिजली पावर ग्रिड से जोड़कर बेच सकेंगे
राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सोलर एनर्जी को बेचने की सुविधा दी जा रही है। इसके तहत सौर ऊर्जा संयंत्र द्वारा उत्पादित की गई अतिरिक्त बिजली पावर ग्रिड से जोड़कर राज्य सरकार को बेचा जा सकेगा। वहीं उत्तर प्रदेश ने सोलर पावर का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहन स्कीम शुरू की है। इसके तहत सोलर पैनल के इस्तेमाल पर बिजली बिल में छूट मिलेगी।
कैसे कमाएं पैसे
घर की छत पर सोलर प्लांट लगाकर बिजली बनाई जा सकती है। इसके बाद लोकल बिजली कंपनियों से टाइअप करके बिजली बेच सकते हैं। इसके लिए लोकल बिजली कंपनियों से आपको लाइसेंस भी लेना होगा। फिर बिजली कंपनियों के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट करना होगा। सोलर प्लांट लगाने के लिए टोटल इनवेस्टमेंट प्रति किलोवाट का 60-80 हजार रुपए होगा। राज्य सरकारें इसके लिए स्पेशल ऑफर भी दे रही हैं। इसके बाद प्लांट लगाकर बिजली बेचने पर आपको प्रति यूनिट 7.75 रुपए की दर से पैसा मिलेगा।
सोलर एनर्जी उत्पादक राज्य
गुजरात
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860 मेगावॉट
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राजस्थान
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667 मेगावॉट
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महाराष्ट्र
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237 मेगावॉट
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मध्य प्रदेश
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195 मेगावॉट
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आंध्रप्रदेश
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93 मेगावॉट
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तमिलनाडु
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32 मेगावॉट
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कर्नाटक
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31 मेगावॉट
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बड़े सोलर प्लांटों के साथ घरों की छतों पर छोटे-छोटे सोलर प्लांटों को प्रोत्साहित करने के लिए चंडीगढ़ सरकारों ने स्पेशल ऑफर पेश किए हैं। चंडीगढ़ सरकार ने घरों से सोलर फोटोवोल्टिक पावर प्लांट से बिजली ग्रिड में बेचने की स्कीम शुरू की है। इसके लिए सरकार की ओर से प्रति यूनिट 7.75 रुपए की दर निर्धारित की गई है। घर से सोलर प्लांट से बनने वाली बिजली की ट्रेडिंग ज्यादा से ज्यादा 500 किलोवॉट तक ही की जा सकती है। 500 वॉट का सोलर पैनल लगाने वाले को बिजली की ट्रेडिंग करने की परमिशन नहीं दी जाएगी।
राजस्थान सरकार करेगी पावर पर्चेज एग्रीमेंट
वहीं राजस्थान ने भी सोलर पैनल लगा कर बनी सरप्लस सौर ऊर्जा सरकारी बिजली कंपनी को बेचने का अनुमति प्रदान की है। हालांकि इसके लिए जल्द ही दरें तय की जाएंगी। इस संबंध में पिछले दिनों नियामक आयोग में दायर याचिका पर नियामक आयोग ने विचार कर दरें तय कर दी हैं। सरकार यह बिजली साढ़े सात रुपये प्रति यूनिट में खरीदेगी। सरकार को बिजली बेचने के लिए संबंधित व्यक्ति को 31 मार्च 2015 तक सरकार के साथ पावर पर्चेज एग्रीमेंट करना होगा।
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