दिनेश माहेश्वरी
कोटा। आपकी पहचान बताने वाले पैन कार्ड और आधार कार्ड को अब आपकी शॉपिंग में शामिल किया जा रहा है। दरअसल, देश में काले धन को रोकने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेंटिग (एसआईटी) ने इस पर कई सुझाव दिए हैं। टीम ने लोगों की खरीदारी को भी पैन और आधार के दायरे में लाने की बात कही है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट को दिए गए सुझाव में एसआईटी ने कहा है कि एक लाख रुपए से अधिक की खरीददारी करने के लिए पैन नंबर बताने और आइडेंटिटी प्रूफ जैसे आधार जमा करना आनिवार्य किया जाए। इनमें नकदी के साथ-साथ चेक और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट को भी शामिल करने की बात कही गई है।
डाटाबेस होगा तैयार
एसआईटी ने शॉपिंग के पेमेंट के दौरान होने वाली ट्रांजैक्शन के दौरान दिए जाने वाले पैन, पासपोर्ट नंबर और ड्राइविंग लाइसेंस नंबर की डिटेल कैप्चर करने के लिए एक सेंट्रल 'नो योर कस्टमर' (केवाइसी) डेटाबेस तैयार करने का भी सुझाव दिया है।
नकदी रखने की सीमा भी होगी तय
एसआईटी ने यह भी सुझाव दिया है कि किसी भी व्यक्ति को अपने साथ ले जानी वाली नकदी की सीमा 10 या 15 लाख तय कर दी जाए और इससे अधिक रकम को जब्त कर लिया जाए। एसआईटी ने अवैध धन के ट्रांसपॉर्टेशन पर अंकुश लगाने की बात कही है। एक सीमा से ऊपर कैश ट्रांजैक्शन पर रोक लगाने वाले यूरोपीय नियम का हवाला देते हुए एसआईटी ने कहा है कि भारत में भी इसी प्रकार का सिस्टम अपनाया जाने पर जोर दिया है। हालांकि, सीमा इस तरह से तय की जाए जिससे आम आदमी का प्रतिदिन का ट्रांजैक्शन प्रभावित न हो।
क्वार्टरली हो रिव्यू
एसआईटी ने देश में कालाधन रोकने और आतंकी खतरों से बचने के लिए भारतीय एक्सपोर्ट और इंपोर्ट का अन्य देशों के एक्सपोर्ट और इंपोर्ट से मिलान किए जाने की भी सिफारिश की है। हालांकि, हर महीने ये संभव नहीं है तो इसे क्वॉर्टरली बेसिस पर कराना जरूरी है। इससे बिल को ज्यादा दिखाने या कम दिखाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा। इसमें एक्सपोर्ट बिल या शिपिंग बिल में विदेश भेजे जाने वाले सामान या मशीनरी की अंतर्राष्ट्रीय कीमत पर एक नया कॉलम शामिल किया जाए।
कोटा। आपकी पहचान बताने वाले पैन कार्ड और आधार कार्ड को अब आपकी शॉपिंग में शामिल किया जा रहा है। दरअसल, देश में काले धन को रोकने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेंटिग (एसआईटी) ने इस पर कई सुझाव दिए हैं। टीम ने लोगों की खरीदारी को भी पैन और आधार के दायरे में लाने की बात कही है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट को दिए गए सुझाव में एसआईटी ने कहा है कि एक लाख रुपए से अधिक की खरीददारी करने के लिए पैन नंबर बताने और आइडेंटिटी प्रूफ जैसे आधार जमा करना आनिवार्य किया जाए। इनमें नकदी के साथ-साथ चेक और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट को भी शामिल करने की बात कही गई है।
डाटाबेस होगा तैयार
एसआईटी ने शॉपिंग के पेमेंट के दौरान होने वाली ट्रांजैक्शन के दौरान दिए जाने वाले पैन, पासपोर्ट नंबर और ड्राइविंग लाइसेंस नंबर की डिटेल कैप्चर करने के लिए एक सेंट्रल 'नो योर कस्टमर' (केवाइसी) डेटाबेस तैयार करने का भी सुझाव दिया है।
नकदी रखने की सीमा भी होगी तय
एसआईटी ने यह भी सुझाव दिया है कि किसी भी व्यक्ति को अपने साथ ले जानी वाली नकदी की सीमा 10 या 15 लाख तय कर दी जाए और इससे अधिक रकम को जब्त कर लिया जाए। एसआईटी ने अवैध धन के ट्रांसपॉर्टेशन पर अंकुश लगाने की बात कही है। एक सीमा से ऊपर कैश ट्रांजैक्शन पर रोक लगाने वाले यूरोपीय नियम का हवाला देते हुए एसआईटी ने कहा है कि भारत में भी इसी प्रकार का सिस्टम अपनाया जाने पर जोर दिया है। हालांकि, सीमा इस तरह से तय की जाए जिससे आम आदमी का प्रतिदिन का ट्रांजैक्शन प्रभावित न हो।
क्वार्टरली हो रिव्यू
एसआईटी ने देश में कालाधन रोकने और आतंकी खतरों से बचने के लिए भारतीय एक्सपोर्ट और इंपोर्ट का अन्य देशों के एक्सपोर्ट और इंपोर्ट से मिलान किए जाने की भी सिफारिश की है। हालांकि, हर महीने ये संभव नहीं है तो इसे क्वॉर्टरली बेसिस पर कराना जरूरी है। इससे बिल को ज्यादा दिखाने या कम दिखाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा। इसमें एक्सपोर्ट बिल या शिपिंग बिल में विदेश भेजे जाने वाले सामान या मशीनरी की अंतर्राष्ट्रीय कीमत पर एक नया कॉलम शामिल किया जाए।
0 comments:
Post a Comment