कोटा। मेघा शाह (40 साल) एक अकाउंटेंट हैं और अमेरिका में रहती हैं। उन्हें उस समय झटका लगा जब डॉक्टर्स ने बताया कि उन्हें कैंसर है। मेघा को ल
गा कि अचानक उनकी जिंदगी तहस-नहस हो गई है। इसके बाद कुछ ऐसा चमत्कार हुआ जिसकी मेघा को उम्मीद नहीं थी।
सात हफ्तों के अंदर ही मेघा के ट्यूमर का साइज छोटा होने लगा। अभी डॉक्टर्स का कहना है कि उनका कैंसर धीरे-धीरे ठीक हो रहा है। क्या आपको पता है कि किस जादुई दवा से मेघा का कैंसर ठीक हो रहा है? वह जादुई दवा हैृ हल्दी। जी हां, हल्दी में कैंसर को खत्म करने के चमत्कारिक गुण हैं।
मेघा को 10 हफ्तों तक हर रोज 10 ग्राम हल्दी अपने खाने में इस्तेमाल करने की सलाह दी गई। इसका नतीजा यह हुआ कि उनकी हेल्थ में बहुत जल्द सुधार आने लगा। यहां तक कि उन्हें कीमोथेरेपी की जरूरत भी नहीं पड़ी। इस समय वह एक खुशहाल और हेल्दी जिंदगी जी रही हैं।
इंडियन ओरिजिन के डॉ. भरत अग्रवाल ने कैंसर के इलाज के लिए एक 'Lessons to be learnt about curcumin from clinical trials' नाम से एक स्टडी की है। मेघा शाह भी उस स्टडी का हिस्सा बनीं। डॉ. अग्रवाल ने अपने रीसर्च के नतीजों को गुजरात कैंसर ऐंड रीसर्च इंस्टिट्यूट (GCRI) में पेश किया। उन्होंने बताया कि अमेरिका में रह रहे 100 लोगों पर यह स्टडी की गई। इलाज के दौरान उन्हें अपने खाने में हल्दी का ज्यादा इस्तेमाल करने की सलाह दी। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि रीसर्च में यह बात सामने आई कि हल्दी के इस्तेमाल से कैंसर के रोगियों को काफी फायदा पहुंचाया जा सकता है।
गा कि अचानक उनकी जिंदगी तहस-नहस हो गई है। इसके बाद कुछ ऐसा चमत्कार हुआ जिसकी मेघा को उम्मीद नहीं थी।
सात हफ्तों के अंदर ही मेघा के ट्यूमर का साइज छोटा होने लगा। अभी डॉक्टर्स का कहना है कि उनका कैंसर धीरे-धीरे ठीक हो रहा है। क्या आपको पता है कि किस जादुई दवा से मेघा का कैंसर ठीक हो रहा है? वह जादुई दवा हैृ हल्दी। जी हां, हल्दी में कैंसर को खत्म करने के चमत्कारिक गुण हैं।
मेघा को 10 हफ्तों तक हर रोज 10 ग्राम हल्दी अपने खाने में इस्तेमाल करने की सलाह दी गई। इसका नतीजा यह हुआ कि उनकी हेल्थ में बहुत जल्द सुधार आने लगा। यहां तक कि उन्हें कीमोथेरेपी की जरूरत भी नहीं पड़ी। इस समय वह एक खुशहाल और हेल्दी जिंदगी जी रही हैं।
इंडियन ओरिजिन के डॉ. भरत अग्रवाल ने कैंसर के इलाज के लिए एक 'Lessons to be learnt about curcumin from clinical trials' नाम से एक स्टडी की है। मेघा शाह भी उस स्टडी का हिस्सा बनीं। डॉ. अग्रवाल ने अपने रीसर्च के नतीजों को गुजरात कैंसर ऐंड रीसर्च इंस्टिट्यूट (GCRI) में पेश किया। उन्होंने बताया कि अमेरिका में रह रहे 100 लोगों पर यह स्टडी की गई। इलाज के दौरान उन्हें अपने खाने में हल्दी का ज्यादा इस्तेमाल करने की सलाह दी। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि रीसर्च में यह बात सामने आई कि हल्दी के इस्तेमाल से कैंसर के रोगियों को काफी फायदा पहुंचाया जा सकता है।
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