Sunday, December 14, 2014

यूनीक आईडी के जरिए पकड़ी जा सकेगी टैक्स चोरी

कोटा। एक ही बैंक में अगर आपके अलग-अलग खाते हैं, तो उस पर बैंकों की नजर है। बैंक ऐसे ग्राहकों के सभी खातों को एक साथ लिंक कर उनकी यूनीक आईडी बना रहे हैं। ऐसा कर वह ग्राहक के सभी खातों की एक जगह जानकारी रखना चाहते है। जिससे किसी भी तरह की होने वाली टैक्स चोरी को पकड़ा जा सके।यूनीक कस्टमर आइडेंटिफिकेशन कोड (यूसीआईयसी) के लिए बैंकों ने अपने पुराने ग्राहकों को भी पत्र भेजना शुरू कर दिया है। जिससे कि वह बैंक को खुद अपने सभी तरह के खातों का ब्यौरा भेज दे। इसके बावजूद भी जो ग्राहक बैंक को जानकारी नहीं देंगे, तो फिर बैंक ग्राहक के पैनकार्ड, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर आदि के जरिए उनके अलग-अलग खातों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
 कैसे बनेगी यूनीक आईडी
 मान लीजिए कि आपका भारतीय स्टेट बैंक के विभिन्न शाखाओं में बचत खाता, आरडी खाता, एफडी खाता, लोन खाता या दूसरा कोई खाता है। तो उन सभी खातों को एक यूनीक आईडी के साथ लिंक कर दिया जाएगा। बैंक उस यूनीक आईडी के जरिए सभी खातों की एक साथ जानकारी प्राप्त कर लेगा। जिससे उसे पता चल जाएगा, कि ग्राहक के पास विभिन्न खातों में कितनी जमा पूंजी है, वह कौन-कौन सी सुविधाएं बैंक से ले रहा है। यह सब एक क्लिक पर बैंक के पास उपलब्ध होगा।
31 दिसंबर तक बैंकों को बना लेनी है यूनीक आईडी
 भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश के अनुसार सभी बैंकों को 31 दिसंबर तक अपने पुराने और नए ग्राहकों की यूनीक कस्टमर आईडेंटीफिकेशन कोड तैयार कर लेना है। ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक बैंक ने अपने ग्राहकों से अलग-अलगा खातों का विवरण मांगना शुरू कर दिया है। इसके अलावा बैंक की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन फार्म उपलब्ध है। जिसे ग्राहक किसी भी शाखा में जमा कर सकता है।

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