कोटा। छोटे और मझोले कारोबारियों की शिकायतों का जल्द निपटारा हो सकेगा। सरकार एमएसएमई सेक्टर के लिए एक अपीलीय अथॉरिटी बनाने जा रही है। जहां पर कारोबारियों की सभी शिकायतों का निपटारा होगा। अपीलीय अथॉरिटी बनाने के लिए एमएसएमई एक्ट 2006 में संशोधन किया जाएगा। जिस संबंध में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय ने संशोधन प्रस्ताव को संबंधित पक्षों के पास भेज दिया है। मंत्रालय की योजना है कि संशोधन को फरवरी में होने वाले बजट सत्र तक संसद से पारित करा लिया जाय।
शिकायतों का जल्द होगा निपटारा
अभी एसएमई को अपनी शिकायतों के निपटारे के लिए सीधे न्यायालय का सहारा लेना पड़ता है। जहां पर मामले लंबे समय तक लंबित रहते हैं। नए प्रस्ताव में एमएसएमई सेक्टर के लिए अपीलीय अथॉरिटी बनाई जाएगी। जो कि केवल एसएमई के मामलों की सुनवाई करेगी। ऐसे में एसएमई की शिकायतों का जल्द निपटारा हो सकेगा। जिस तरह पर टेलीकॉम सहित दूसरे सेक्टर के लिए अपीलीय अथॉरिटी काम करती हैं।
कैसे होगा काम
मंत्रालय द्वारा भेजे गए संशोधन प्रस्ताव के तहत एक नेशनल बोर्ड फॉर माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम प्राइजेज का गठन किया जाएगा। जिसके तहत अपीलीय अथॉरिटी काम करेगी। जिसमें एक चेयरमैन और दो सदस्य शामिल होंगे। चेयरमैन किसी सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में कम से कम 5 साल तक न्यायधीश के रूप में अनुभव रखने वाला होगा। जबकि बाकी के 2 सदस्यों का चुनाव इकोनॉमिक्स और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन क्षेत्र से किया जाएगा। इसके अलावा अपीलीय अथॉरिटी की बेंच राज्य स्तर पर भी खोले जाने का प्रस्ताव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय ने दिया है।
एसएमई की क्या है समस्या
छोटे और मझोले कारोबारियों को सबसे ज्यादा समस्या भुगतान की है। जिसमें 45 दिन में पेमेंट का प्रावधान होने के बाद भी बड़े कॉरपोरेट देर से भुगतान करते हैं। इसके साथ ही टैक्सेशन और दूसरी शिकायतें कारोबारियों की बनी रहती है। केवल एमएसएमई के लिए अपीलीय अथॉरिटी होने से कारोबारियों की शिकायतों का हल करना आसान हो जाएगा। देश में अभी 2.61 करोड़ छोटे और मझोले कारोबारी हैं, जिनकी अकेले मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 38-40 फीसदी हिस्सेदारी है।
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