Thursday, December 4, 2014

अब बनेंगे डिजिटल लॉकर, डॉक्यूमेंट्स रहेंगे सुरक्षित

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा। महाराष्ट्र की तर्ज पर अब पूरे देश में डिजिटल लॉकर (ई-लॉकर) की सुविधा शुरू की जा सकती है। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस योजना को आरंभ करने के लिए अन्य मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श कर रहा है। 
डिजिटल लॉकर सुविधा को शुरू करने से प्रमाण पत्र, डिग्री, प्रॉपर्टी के कागजात व अन्य जरूरी दस्तावेज को हर जगह लेकर नहीं घूमना पड़ेगा। बार-बार जरूरत पड़ने वाले इन दस्तावेज को डिजिटल लॉकर के जरिए एक जगह पर डिजिटल रूप में सुरक्षित रखा जा सकता है। किसी नागरिक के आधार कार्ड का नंबर डिजिटल लॉकर का पासवर्ड होगा।
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव आरएस शर्मा ने बताया कि अभी इस स्कीम को प्रायोगिक तौर पर महाराष्ट्र और एनएसडीएल के साथ शुरू किया गया है। भारत को पूर्ण रूप से डिजिटल बनाने के तहत डिजिटल लॉकर सुविधा को पूरे देश में लागू करने की तैयारी की जा रही है। हर नागरिक के पास अगर पांच जरूरी दस्तावेज भी हैं, तो 1.2 अरब जनसंख्या वाले देश में 6 अरब दस्तावेज को डिजिटल करना पड़ेगा।
हाल ही में महाराष्ट्र में शुरू किए गए डिजिटल लॉकर सुविधा कार्यक्रम के तहत हर व्यक्ति, जिसके पास आधार कार्ड नंबर है, इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकता है। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से ई-लॉकर डॉट महाराष्ट्र डॉट जीओवी डॉट इन नामक वेबसाइट बनाई गई है, जिस पर जाकर अपने आधार कार्ड नंबर की मदद से कोई व्यक्ति अपना खाता (अकाउंट) खोल सकता है। 
इस अकाउंट में वह अपने दस्तावेजों की प्रति को स्कैन कर उसे सुरक्षित रख सकता है। शर्मा कहते हैं कि इस सुविधा से किसी नागरिक को सरकारी विभाग में अपने दस्तावेजों को प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं होगी। सरकारी विभाग खुद उसके दस्तावेज देख लेगा। डिजिटल लॉकर की सुविधा को इस प्रकार विकसित किया गया है कि कोई तीसरा उस जानकारी को हासिल नहीं कर सकता। 

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