Monday, December 1, 2014

उद्योगों को राहत, ग्रीन कैटेगरी में नहीं देनी होगी कंवर्जन फीस

कोटा  । ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रीन कैटेगरी का उद्योग लगाने के लिए कृषि भूमि के भूरूपांतरण पर अब कन्वर्जन शुल्क नहीं देना होगा। राज्य सरकार ने आदेश जारी कर ग्रीन कैटेगरी के उद्योगों के लिए कृषि भूमि को गैर- कृषि भूमि में परिवर्तन पर लगने वाले शुल्क को समाप्त कर दिया है।
 सरकार का यह फैसला ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग लगाने के इच्छुक उद्यमियों को राहत देने वाला है। अब तक गांवों में ग्रीन कैटेगरी के उद्योग के लिए कृषि भूमि का रूपांतरण करवाने की एवज में उद्यमी को 5 रुपए प्रति वर्गमीटर या डीएलसी का 0.5 प्रतिशत अथवा जमीन की रजिस्ट्री के लिए चुकाई गई कुल कीमत का 5 प्रतिशत देना होता था। राज्य सरकार ने इसके लिए राजस्थान भू-राजस्व नियम 2007 में संशोधन किया है जिसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। प्रदेश में ग्रीन कैटेगरी के उद्योगों की संख्या लाखों में है। सरकार ने नियम में संशोधन के साथ ही यह भी सख्ती से लागू की है कि ग्रीन कैटेगरी के उद्योग लगाने के लिए भू-परिवर्तन शुल्क में छूट मिलने के बाद उद्यमी दूसरी श्रेणी के उद्योग में परिवर्तित नहीं कर सकेगा। ऐसा करने पर उसका भूरूपांतरण रद्द कर दिया जाएगा।
 क्या है ग्रीन कैटेगरी इंडस्ट्री
 राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योगों को रेड, ओरेंज और ग्रीन श्रेणियों में विभाजित किया हुआ है। इसमें रेड श्रेणी के उद्योग सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले होते हैं। ऑरेंज इससे कम तथा ग्रीन कैटेगरी के उद्योग सबसे कम प्रदूषण छोड़ने वाले होते हैं। ग्रीन कैटेगरी इंडस्ट्री में प्रिंटिंग प्रेस, पोल्ट्री फार्म, टेफलॉन के उत्पाद, 2500 से 20 हजार वर्गमीटर तक के बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट समेत 86 तरह के उद्योग शामिल हैं।

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