कोटा। अगली बार जब भी कोई प्रोडक्ट ऑनलाइन खरीदने का फैसला करें तो उसकी वॉरंटी और सेवा पात्रता के बारे में जरूर पूछताछ कर लें। आधे से ज्यादा ऑनलाइन शॉपर्स को कम से कम एक बार वॉरंटी देने से मना कर दिया जाता है।
कीमतों के बारे में तुलनात्मक जानकारी मुहैया कराने वाली वेबसाइट माईस्मार्टप्राइस की तरफ से कराए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक ऑनलाइन शॉपिंग के बाद प्रॉडक्ट पर वॉरंटी क्लेम करने वाले 54 प्रतिशत लोगों को कम से कम एक बार वॉरंटी देने से इनकार किया गया।
सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले 55 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वॉरंटी क्लेम की प्रक्रिया पूरी होने में एक माह से ज्यादा वक्त लगता है, जबकि 45 प्रतिशत लोगों का कहना है कि ऑनलाइन खरीदी गई चीजों पर वॉरंटी क्लेम पूरा होने में आम तौर पर एक या दो हफ्ते लगते हैं।
माईस्मार्टप्राइस का कहना है कि वॉरंटी से इनकार किया जाना और इसकी प्रक्रिया पूरी होने में देरी सर्विस सेंटर्स और संबंधित ब्रांड्स के बीच विवाद की वजह से होती है। इसका एक कारण वॉरंटी का दावा करने वाले ग्राहक के इलाके में सर्विस सेंटर न होना भी हो सकता है।
ग्राहकों की चूक
कई बार रिटेलर की तरफ से भेजे गए बिल गुम हो जाने या वॉरंटी बुक पर रिटेलर की मुहर न होने की स्थिति में भी वॉरंटी क्लेम से इनकार किया जाता है।
माईस्मार्टप्राइस के सह-संस्थापक सीताकांत रे ने कहा, "यह खुशी की बात है कि कुछ ब्रांड केवल ऑनलाइन उपलब्ध हैं, लेकिन यह निराशाजनक है कि कुछ ब्रांड ऑनलाइन बिक्री के बाद सर्विस या वॉरंटी से इनकार करते हैं।" रे ने यह भी कहा कि जब कभी किसी खराब प्रॉडक्ट की डिलीवरी हो जाए, तो ऐसी स्थिति में स्टोर और ब्रांड को मिलकर समस्या सुलझाना चाहिए।
वॉरंटी क्लेम जरूरी
सर्वेक्षण में 20,000 से ज्यादा ऑनलाइन शॉपर्स शामिल किए गए। इसमें एक बात प्रमुख रूप से सामने आई कि वॉरंटी से मना करने पर ग्राहकों को निराशा होती है। कई बार वॉरंटी क्लेम की प्रक्रिया पूरी होने में जरूरत से ज्यादा समय लगने पर भी परेशानी होती है।
कीमतों के बारे में तुलनात्मक जानकारी मुहैया कराने वाली वेबसाइट माईस्मार्टप्राइस की तरफ से कराए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक ऑनलाइन शॉपिंग के बाद प्रॉडक्ट पर वॉरंटी क्लेम करने वाले 54 प्रतिशत लोगों को कम से कम एक बार वॉरंटी देने से इनकार किया गया।
सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले 55 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वॉरंटी क्लेम की प्रक्रिया पूरी होने में एक माह से ज्यादा वक्त लगता है, जबकि 45 प्रतिशत लोगों का कहना है कि ऑनलाइन खरीदी गई चीजों पर वॉरंटी क्लेम पूरा होने में आम तौर पर एक या दो हफ्ते लगते हैं।
माईस्मार्टप्राइस का कहना है कि वॉरंटी से इनकार किया जाना और इसकी प्रक्रिया पूरी होने में देरी सर्विस सेंटर्स और संबंधित ब्रांड्स के बीच विवाद की वजह से होती है। इसका एक कारण वॉरंटी का दावा करने वाले ग्राहक के इलाके में सर्विस सेंटर न होना भी हो सकता है।
ग्राहकों की चूक
कई बार रिटेलर की तरफ से भेजे गए बिल गुम हो जाने या वॉरंटी बुक पर रिटेलर की मुहर न होने की स्थिति में भी वॉरंटी क्लेम से इनकार किया जाता है।
माईस्मार्टप्राइस के सह-संस्थापक सीताकांत रे ने कहा, "यह खुशी की बात है कि कुछ ब्रांड केवल ऑनलाइन उपलब्ध हैं, लेकिन यह निराशाजनक है कि कुछ ब्रांड ऑनलाइन बिक्री के बाद सर्विस या वॉरंटी से इनकार करते हैं।" रे ने यह भी कहा कि जब कभी किसी खराब प्रॉडक्ट की डिलीवरी हो जाए, तो ऐसी स्थिति में स्टोर और ब्रांड को मिलकर समस्या सुलझाना चाहिए।
वॉरंटी क्लेम जरूरी
सर्वेक्षण में 20,000 से ज्यादा ऑनलाइन शॉपर्स शामिल किए गए। इसमें एक बात प्रमुख रूप से सामने आई कि वॉरंटी से मना करने पर ग्राहकों को निराशा होती है। कई बार वॉरंटी क्लेम की प्रक्रिया पूरी होने में जरूरत से ज्यादा समय लगने पर भी परेशानी होती है।
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