दिनेश माहेश्वरी
कोटा। राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर से एंट्री टैक्स वसूली पर रोक संबंधी 500 से अधिक याचिकाएं खारिज होने के बाद वाणिज्यिक कर विभाग कोटा जोन की 200 से अधिक फर्मों से वसूली के लिए अब नोटिस जारी करेगा।
जोन में वर्तमान में करीब 125 करोड़ रुपए एंट्री टैक्स का बकाया चल रहा है। वाणिज्यिक कर उपायुक्त एनके गुप्ता ने बताया कि 53 कमोडिटी ऐसी हैं जिनको स्वयं के उपयोग के लिए राज्य के बाहर से मंगाने पर एंट्री टैक्स लागू होता है। जिसमें प्रमुख रूप से बिजली के उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण एवं गैस आदि शामिल हैं।
पिछले 15 सालों में एंट्री टैक्स को लेकर जोन की करीब 200 से अधिक फर्मों ने हाईकोर्ट से स्टे ले रखा था। जिसमें से कुछ फर्मों को 100 प्रतिशत और कुछ को 50 प्रतिशत तक छूट का लाभ मिला हुआ था। इनमें प्रमुख रूप से गेल गैस लि., जेके सिंथेटिक्स एवं जेके सीमेंट आदि कंपनियां शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिन कमोडिटी पर वैट लगता है, उन पर एंट्री टैक्स लागू नहीं है।
उन्होंने बताया कि एंट्री टैक्स को लेकर किसी ने जोधपुर और किसी ने जयपुर हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की थीं। इनमें से फिलहाल जयपुर हाईकोर्ट का निर्णय चुका है। इसलिए कोर्ट के निर्णय की प्रति आने के बाद उसके आदेश में क्या लिखा है। उसके अनुरूप वसूली की कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि एंट्री टैक्स की बकाया राशि 125 करोड़ रुपए पर विभाग ब्याज समेत वसूलेगा। इसके लिए नोटिस की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
ज्ञातव्य है कि हाईकोर्ट ने राज्य के बाहर से आने वाली वस्तुओं पर वर्ष 1999 में लगाए गए करीब 1100 करोड़ रुपए से संबंधित एंट्री टैक्स की वसूली पर लगी रोक को सोमवार को हटा दिया। साथ ही एंट्री टैक्स की वसूली वैधानिकता को चुनौती देने वाली 526 याचिकाओं को खारिज कर दिया।
कोटा। राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर से एंट्री टैक्स वसूली पर रोक संबंधी 500 से अधिक याचिकाएं खारिज होने के बाद वाणिज्यिक कर विभाग कोटा जोन की 200 से अधिक फर्मों से वसूली के लिए अब नोटिस जारी करेगा।
जोन में वर्तमान में करीब 125 करोड़ रुपए एंट्री टैक्स का बकाया चल रहा है। वाणिज्यिक कर उपायुक्त एनके गुप्ता ने बताया कि 53 कमोडिटी ऐसी हैं जिनको स्वयं के उपयोग के लिए राज्य के बाहर से मंगाने पर एंट्री टैक्स लागू होता है। जिसमें प्रमुख रूप से बिजली के उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण एवं गैस आदि शामिल हैं।
पिछले 15 सालों में एंट्री टैक्स को लेकर जोन की करीब 200 से अधिक फर्मों ने हाईकोर्ट से स्टे ले रखा था। जिसमें से कुछ फर्मों को 100 प्रतिशत और कुछ को 50 प्रतिशत तक छूट का लाभ मिला हुआ था। इनमें प्रमुख रूप से गेल गैस लि., जेके सिंथेटिक्स एवं जेके सीमेंट आदि कंपनियां शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिन कमोडिटी पर वैट लगता है, उन पर एंट्री टैक्स लागू नहीं है।
उन्होंने बताया कि एंट्री टैक्स को लेकर किसी ने जोधपुर और किसी ने जयपुर हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की थीं। इनमें से फिलहाल जयपुर हाईकोर्ट का निर्णय चुका है। इसलिए कोर्ट के निर्णय की प्रति आने के बाद उसके आदेश में क्या लिखा है। उसके अनुरूप वसूली की कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि एंट्री टैक्स की बकाया राशि 125 करोड़ रुपए पर विभाग ब्याज समेत वसूलेगा। इसके लिए नोटिस की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
ज्ञातव्य है कि हाईकोर्ट ने राज्य के बाहर से आने वाली वस्तुओं पर वर्ष 1999 में लगाए गए करीब 1100 करोड़ रुपए से संबंधित एंट्री टैक्स की वसूली पर लगी रोक को सोमवार को हटा दिया। साथ ही एंट्री टैक्स की वसूली वैधानिकता को चुनौती देने वाली 526 याचिकाओं को खारिज कर दिया।
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