Saturday, April 19, 2014

जानें इन्वर्टर एसी के फायदे और नुकसान

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
मार्केट में एसी खरीदते वक्त कंफ्यूजन होना आम बात है लेकिन इस  इन्वर्टर एसी ने कंफ्यूजन और बढ़ा दिया है। क्या है इन्वर्टर एसी और क्या हैं इसके फायदे, आइये बताते हैं हम .....

 क्या इन्वर्टर एसी
जब भी इन्वर्टर एसी का नाम आता है, तो जहन में सबसे पहले घर में बिजली की लगातार सप्लाई के लिए लगाया जाने वाला इन्वर्टर ही दिमाग में आता है। कुछ लोग इसे इन्वर्टर से चलने वाला एसी समझते हैं। एसी में इन्वर्टर शब्द के इस्तेमाल का बस इतना ही फसाना है कि जिस तरह आपके घर का इन्वर्टर बिजली की सप्लाई को लगातार बनाए रखता है, वैसे ही इन्वर्टर एसी भी कूलिंग को लगातार बेहतर तरीके से मेनटेन करता है। यह ऐसा एसी है जिसमें तापमान को कंट्रोल करने के लिए बेहतर तकनीक है।
कैसे बना इन्वर्टर एसी सुपर सेवर
इन्वर्टर एसी को सुपर सेवर का नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इसमें बिजली की बचत होती है। साथ ही कंप्रेसर पर कम जोर पड़ने से एसी की लाइफ बढ़ती है। जहां आम एसी कूलिंग के लिए लगातार कंप्रेसर को चलाते हैं और जब कूलिंग सेट पॉइंट पर पहुंच जाती है तो कूलिंग को बंद करके फिर से तापमान के बढ़ने का इंतजार करते हैं और ऐसा होने पर दोबारा चालू हो जाते हैं। यह सारा कंट्रोल ऑटो कट मोड की तरह होता है। इससे अलग इन्वर्टर एसी में कंप्रेसर अपनी स्पीड को स्मार्ट तरीके से कम और ज्यादा कर सकता है। जैसे-जैसे एसी सेट पॉइंट पर पहुंचता है, इन्वर्टर एसी के कंप्रेसर की रफ्तार कम हो जाती है और फिक्स तापमान पर पहुंचते ही यह काफी धीमी हो जाती है। कंप्रेसर की रफ्तार का सीधा असर बिजली की खपत पर पड़ता है। इन्वर्टर एसी इस तरह स्टॉप-स्टार्ट साइकल को कम करते हैं और बचत करते हैं। इसकी यही खूबी इसे सुपर सेवर बनाती है। बिजली की बचत के साथ साथ यह एसी एक जैसा तापमान भी बरकरार रखता है। जब तक एसी को अधिकतम कूलिंग या हीटिंग पर न सेट कर दिया जाए, कंप्रेसर पर अधिकतम लोड नहीं पड़ता। इससे अलग नॉन इन्वर्टर एसी में लगातार कंप्रेसर पूरा जोर लगाता रहता है।
क्या है मार्केट का हाल
इन्वर्टर एसी तकनीक के लिहाज से भारतीय बाजारों के लिए नए हैं, फिर भी बिजली की बचत के चलते खासे पॉपुलर हो रहे हैं। अब तक मार्केट में हाई बीईई रेटिंग को लेकर काफी उत्साह देखा जाता था लेकिन इन्वर्टर एसी ने बिजली की बचत की लड़ाई को अगले लेवल पर पहुंचा दिया है। मार्केट का लगभग हर बड़ा ब्रैंड जैसे डाइकिन, एलजी, सैमसंग, हिताची, तोशीबा आदि इन्वर्टर एसी के ऑप्शन के साथ मौजूद हैं। इनकी शुरुआत 35 हजार रुपये के आसपास से होकर 1 लाख रुपये तक जाती है। अगर बेस प्राइस को लेकर चलें तो भी इन्वर्टर एसी आम 5 स्टार एसी से लगभग 5 हजार रुपये महंगा साबित होगा।
बचत का गणित
कंपनियां दावा करती हैं कि इन्वर्टर एसी साल में आपके बिजली के खर्च को 30 से 40 फीसदी तक कम कर सकते हैं। यह आंकड़ा 5 स्टार एसी को बेस बनाकर निकाला गया है। जब हमने इन्वर्टर एसी के यूजर से बात की तो उन्होंने इस बात को माना कि बिजली के बिल में कटौती तो हुई है लेकिन दी गई एक्सट्रा कीमत को वसूलने में कम से कम 5-6 साल का वक्त लगेगा।
3 स्टार एसी (1 टन ) : हर महीने खपत 1800 रुपये लगभग
5 स्टार एसी (1 टन ) : हर महीने खपत 1500 रुपये लगभग
इन्वर्टर एसी (1 टन ) : हर महीने खपत 1300 रुपये लगभग
(7 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से )
इस लिहाज से देखा जाए तो बचत तो हो रही है , लेकिन दावे से कम।
इन बातों का भी रखें ख्याल
- इन्वर्टर एसी का ऑप्शन केवल स्पिलट मॉडल में मौजूद है। मतलब विंडो एसी के यूजर्स के लिए अभी यह तकनीक नहीं है।
- जो लोग एसी का इस्तेमाल ज्यादा देर ( दिन में 10-12 घंटे या उससे ज्यादा ) तक करते हैं , इन्वर्टर एसी उनके लिए ही ज्यादा बचत करता है।
- 6 घंटे से कम इस्तेमाल करने वालों की बचत इतनी नहीं होती कि वह कीमत जल्दी वसूल सकें।
- नई और बेहतर तकनीक की वजह से मेंटेनेंस के लिहाज से यह कुछ महंगे साबित हो सकते हैं।
- इन्वर्टर एसी से बेहतर कूलिंग तभी संभव है जब इंसुलेशन बेहतर हो और कमरे के एरिया के हिसाब से एसी माकूल हो।

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