कोटा। भारतीय टेक्नॉलजी इंडस्ट्री ने उस वक्त नई ऊंचाइयों को छुआ जब देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विस प्रोवाइडर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने दुनिया के टॉप-10 ग्लोबल आईटी सर्विसेज कंपनियों में जगह बना ली। वर्ष 2012 में टीसीएस इस लिस्ट में 13वें स्थान पर थी लेकिन 2013 में वह 10वें स्थान पर पहुंच गई।
12 साल पहले जब टीसीएस का रेवेन्यू 1 अरब डॉलर था तब कंपनी के सीईओ एस रामादोरई ने वर्ष 2010 तक टीसीएस को दुनिया में टॉप-10 में जगह बनाने का लक्ष्य रखा था। लेकिन 2008-09 में आए आर्थिक मंदी के दौर के कारण कंपनी को इसे हासिल करने में थोड़ा ज्यादा वक्त लगा। लेकिन अब जबिक कंपनी दुनिया की टॉप-10 आईटी कंपनियों में शामिल हो गई है आने वाले सालों में इसकी रैंकिंग में तेजी से सुधार हो सकता है।
टीसीएस के आईटी सर्विसेज का रेवेन्यू लगभग 10.1 अरब डॉलर है (कुल रेवेन्यू लगभग 12.5 अरब डॉलर) है। आईबीएम (54.4 अरब डॉलर), फूजित्सू (32.1 अरब डॉलर), हेवलेट-पैकर्ड (29.2 अरब डॉलर) और असेंचर (25.4 अरब डॉलर) इस लिस्ट में टॉप पर हैं।
इस रिसर्च में कंपनियों के आईटी सर्विसेज की तुलना की गई है। इसमें बीपीओ, आरऐंडी सर्विसेज और सॉफ्टवेयर/हार्डवेयर प्रॉडक्ट्स को शामिल नहीं किया गया है। इसमें वर्ष 2013 के चार क्वॉर्टस के आंकड़ों को शामिल किया गया है। टीसीएस ने दसवें स्थान के लिए मॉन्ट्रियल स्थित आईटी सर्विसेज फर्म सीजीआई की जगह ली। भारतीय कंपनियां कॉग्निजेंट, इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल इस लिस्ट में क्रमशः 15वें, 18वेंस और 20वें नंबर पर हैं। इस रिसर्च को करने वाली फर्म एचएफएस का मानना है कि कॉग्निजेंट अगले 2-3 सालों में टॉप-10 में जगह बना सकती है और हो सकता है कि वह अमेरिकी कंपनी सीएससी की जगह ले। सीएससी के रेवेन्यू में पिछले साल एक साल पहले की तुलना में गिरावट आई थी।
12 साल पहले जब टीसीएस का रेवेन्यू 1 अरब डॉलर था तब कंपनी के सीईओ एस रामादोरई ने वर्ष 2010 तक टीसीएस को दुनिया में टॉप-10 में जगह बनाने का लक्ष्य रखा था। लेकिन 2008-09 में आए आर्थिक मंदी के दौर के कारण कंपनी को इसे हासिल करने में थोड़ा ज्यादा वक्त लगा। लेकिन अब जबिक कंपनी दुनिया की टॉप-10 आईटी कंपनियों में शामिल हो गई है आने वाले सालों में इसकी रैंकिंग में तेजी से सुधार हो सकता है।
टीसीएस के आईटी सर्विसेज का रेवेन्यू लगभग 10.1 अरब डॉलर है (कुल रेवेन्यू लगभग 12.5 अरब डॉलर) है। आईबीएम (54.4 अरब डॉलर), फूजित्सू (32.1 अरब डॉलर), हेवलेट-पैकर्ड (29.2 अरब डॉलर) और असेंचर (25.4 अरब डॉलर) इस लिस्ट में टॉप पर हैं।
इस रिसर्च में कंपनियों के आईटी सर्विसेज की तुलना की गई है। इसमें बीपीओ, आरऐंडी सर्विसेज और सॉफ्टवेयर/हार्डवेयर प्रॉडक्ट्स को शामिल नहीं किया गया है। इसमें वर्ष 2013 के चार क्वॉर्टस के आंकड़ों को शामिल किया गया है। टीसीएस ने दसवें स्थान के लिए मॉन्ट्रियल स्थित आईटी सर्विसेज फर्म सीजीआई की जगह ली। भारतीय कंपनियां कॉग्निजेंट, इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल इस लिस्ट में क्रमशः 15वें, 18वेंस और 20वें नंबर पर हैं। इस रिसर्च को करने वाली फर्म एचएफएस का मानना है कि कॉग्निजेंट अगले 2-3 सालों में टॉप-10 में जगह बना सकती है और हो सकता है कि वह अमेरिकी कंपनी सीएससी की जगह ले। सीएससी के रेवेन्यू में पिछले साल एक साल पहले की तुलना में गिरावट आई थी।
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