Tuesday, April 29, 2014

महंगे पर्सनल लोन की बजाय लें एफडी पर लोन

दिनेश माहेश्वरी
कोटा। 
अगर आपने किसी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट करवाया हुआ है, तो यह न सिर्फ आपके भविष्य के लिए पैसे जोड़ती है, बल्कि जरूरत पड़ने पर आपको महंगे पर्सनल लोन के जाल में फंसने से भी बचा लेती है। अचानक पैसों की जरूरत पड़ने पर हममें से ज्यादातर लोग बैंक से पर्सनल लोन लेने के बारे में सोचते हैं। अगर आपके बैंक में एफडी कराई हुई है, तो यह आपके लिए पैसों का बंदोबस्त करने का काम भी कर सकती है। महंगे और अनसिक्योर पर्सनल लोन लेने की बजाय एफडी पर लोन लेना बेहतर होता है। इससे आपको कई फायदे भी मिलते हैं।
कम ब्याज दर
पर्सनल लोन के मुकाबले एफडी पर लोन कम ब्याज दर पर मिल जाता है। चूंकि पर्सनल लोन के बदले बैंक के पास जमानत के तौर पर कुछ नहीं रखा जाता, यह अनसिक्योर की श्रेणी में आता है और बैंक इस पर भारी-भरकम ब्याज वसूलते हैैं। दूसरी ओर एफडी पर लोन लेते समय जमानत के तौर पर एफडी ही रखी जाती है, अत: इस तरह के लोन कम ब्याज पर मिल जाते हैं। आम तौर पर बैंक एफडी पर जितना ब्याज देते हैं, उससे एक या दो प्रतिशत ज्यादा ब्याज पर ऐसा लोन दे देते हैं।
एफडी बनी रहेगी
लोन लेने के बाद भी आपकी एफडी को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, बल्कि यह बनी रहेगी। इससे आप अपनी जरूरत को भी पूरा कर सकेंगे और आपकी बचत भी बरकरार रहेगी। साथ ही आप समय से पहले एफडी तुड़वाने पर लगने वाले शुल्क से भी बच सकेंगे।
आसान प्रक्रिया
एफडी पर लोन लेने की प्रक्रिया पर्सनल लोन के मुकाबले ज्यादा आसान है, क्योंकि ग्राहक की जानकारी बैंक के पास पहले से मौजूद रहती है। इसकी वजह से ऐसे लोन पर प्रोसेसिंग शुल्क भी पर्सनल लोन की तुलना में कम लगता है। एफडी पर लोन मंजूर भी जल्दी हो जाता है।
प्री-पेमेंट पैनल्टी नहीं
एफडी पर लिए गए लोन का समय से पहले भुगतान करने (प्री-पेमेंट) पर बैंक आपसे किसी तरह की पैनल्टी नहीं लेते। इसके उलट पर्सनल लोन के प्री-पेमेंट पर पैनल्टी देनी पड़ती है। यानी जब आपके पास लोन चुकाने जितने पैसे हों, आप भुगतान कर लोन खाता बंद करवा सकते हैं।
अवधि कम या ज्यादा
फिक्स्ड डिपॉजिट पर लिए गए लोन की अवधि आम तौर पर एफडी की अपनी अवधि जितनी बढ़ाई जा सकती है। इससे लोन लेने वाले को अपनी सुविधानुसार भुगतान की छूट मिलती है। पर्सनल लोन के भुगतान की अवधि बैंक तय करते हैं।

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