कोटा। शोधकर्ताओं ने एक ऐसा फार्मूला तैयार कर लिया है, जिसके जरिए एक सुपरसोनिक कार एयरोडायनामिक जरूरतों से तालमेल बिठाते हुए 1000 मील प्रति घंटा यानी 1600 किलोमीटर प्रति घंटे की रिकॉर्ड रफ्तार से फर्राटा भर सकेगी। स्वेंसिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने ये समझने की कोशिश की ये कार कैसे लहरयुक्त सुपरसोनिक धरातल पर चलेगी और इसके पहिए किस तरह घूमेंगे। इस संबंध में दक्षिण अफ्रीका के हाकसीन पैन में धरातल संबंधी रिकॉर्ड परीक्षण किए गए। ऐसा माना जा रहा है कि 800 मील प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने वाली कार वर्ष 2015 तक बनकर तैयार हो जाएगी जबकि 1000 मील प्रति घंटा की रफ्तार वाली कार वर्ष 2016 तक ही तैयार हो पाएगी।1000 मील प्रति घंटा की रफ्तार वाली कार बनाने के लिए अंतरिक्ष, एयरोनाटिक्स और फार्मूला वन इंजीनियरिंग साथ मिलकर काम करेंगे। इंजीनियरों का कहना है कि ब्लडहाउंड सुपरसोनिक कार आज का सबसे रोमांचक और गतिशील इंजीयरिंग चुनौती है।
जाहिर सी बात है कि जब इंजीनियरों ने ऐसा वाहन बनाने की सोची तो उनके सामने केवल एयरोडायनामिक चुनौतियां ही नहीं थीं बल्कि उन्हें जमीन पर ऐसी सतह भी विकसित करनी थी, जहां ये वाहन ट्रांससोनिक गति से सुरक्षित यात्रा कर सकें।
जाहिर सी बात है कि जब इंजीनियरों ने ऐसा वाहन बनाने की सोची तो उनके सामने केवल एयरोडायनामिक चुनौतियां ही नहीं थीं बल्कि उन्हें जमीन पर ऐसी सतह भी विकसित करनी थी, जहां ये वाहन ट्रांससोनिक गति से सुरक्षित यात्रा कर सकें।
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