Sunday, April 27, 2014

ऐसे करें अपना होमलोन शिफ्ट

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा। क्या आप होमलोन शिफ्ट करना चाहते हैं? अगर आप ऐसा चाहते हैं तो इसकी कोई न कोई वजह आपके पास जरूर होगी। लेकिन क्या इस बाबत फैसला लेने से पहले आपने सभी पहलुओं पर विचार किया? जानिए उन मुद्दों के बारे में जो आपको होमलोन शिफ्ट करते समय पता होने चाहिए..
ज्यादातर लोग होम लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में इसलिए शिफ्ट करते हैं क्योंकि नए और पुराने कस्टमर के इंटरेस्ट रेट में काफी अंतर होता है। आप जिस बैंक में होम लोन शिफ्ट कर रहे हैं, अगर वह पुराने बैंक से ठीक-ठाक कम ब्याज ले रहा तो लोन शिफ्ट करना चाहिए। अगर किसी कस्टमर को होम लोन ईएमआई चुकाने में दिक्कत हो रही है, तो वह अपने बैंक से लोन पीरियड बढ़ाने के लिए कह सकता है।
अगर आपका मौजूदा बैंक इससे मना करता है, तो होम लोन दूसरे बैंक में शिफ्ट करना चाहिए। अगर मौजूदा बैंक अच्छी सर्विस नहीं दे रहा है, तो भी होम लोन शिफ्ट किया जा सकता है।
इंटरेस्ट रेट चेक करें
आप जिस बैंक में होमलोन शिफ्ट कर रहे हैं, क्या उसने रेट बढ़ाने के मौजूदा दौर में ब्याज बढ़ाया है। अगर उसने ऐसा नहीं किया है, तो हो सकता है कि लोन शिफ्ट करने के बाद ऐसा हो जाए। होम लोन तभी शिफ्ट करना चाहिए, जब ब्याज दरों में कम से कम 0.50 पर्सेंट का अंतर हो। शुरुआती सालों में लोन शिफ्ट करने का ज्यादा फायदा होता है। फ्लोटिंग रेट होम लोन के मामले में आपका मौजूदा बैंक प्री-पेमेंट पेनाल्टी नहीं ले सकता। हो सकता है कि नया बैंक भी 0.5-1.5 पर्सेंट की प्रोसेसिंग फीस माफ कर दे। इसके बावजूद लोन शिफ्टिंग फ्री ऑफ कॉस्ट नहीं होती। इसमें वक्त भी लगता है और काफी पेपरवर्क करना पड़ता है।
 बैंक से मोलभाव करें
अगर आपका बैंक नए कस्टमर से जो ब्याज ले रहा है और आप जो इंटरेस्ट रेट दे रहे हैं, उसमें ज्यादा फर्क है तो मौजूदा बैंक से मोलभाव करने की कोशिश करें। कई बार बैंक कस्टमर गंवाने के डर से इंटरेस्ट रेट कम कर देते हैं। बैंक कन्वर्जन ऑप्शन भी देते हैं। इसमें आप 0.5-1.5 पर्सेंट की फीस देकर ब्याज दर कम करवा सकते हैं। इस तरह के मामलों में अक्सर इंटरेस्ट रेट नए कस्टमर के बराबर कर दिया जाता है। हालांकि दोनों ऑप्शंस की कॉस्ट की तुलना करना जरूरी है। 
नए बैंक की शर्तें देखें
नया बैंक लोन शिफ्ट करने की आपकी एप्लिकेशन कई बातें देखकर मंजूर करता है। इसमें सबसे बड़ी बात पुराने बैंक में आपका रीपेमेंट रिकॉर्ड होता है। अगर यह ठीक नहीं है, तो आपकी रिक्वेस्ट ठुकराई जा सकती है। अगर आपने अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के लिए लोन लिया है, तो नया बैंक तभी उसे शिफ्ट करने की इजाजत देगा, जब वह प्रॉपर्टी उसके प्री-अप्रूव्ड लिस्ट में हो। बैंक अक्सर वैसी प्रॉपर्टी को लेकर भी डरते हैं, जिसका काम देर से चल रहा हो। मार्जिन रिक्वायरमेंट का भी पता लगाएं। अगर यह ज्यादा है और आपका लोन शुरुआती स्टेज में है, तो जेब से ज्यादा पैसा देने के लिए तैयार रहना चाहिए।
तरीका और कॉस्ट
होम लोन शिफ्ट करने के लिए आपको पहले मौजूदा बैंक से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना होगा। इसके साथ लोन पर बकाया प्रिंसिपल के लिए भी डॉक्युमेंट लेने की जरूरत पड़ेगी। इन्हें नए बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के पास जमा कराइए। वह इनकी उसी तरह जांच करेंगे, जिस तरह से नए कस्टमर के लिए की जाती है। मसलन- इसमें लोन लेने की योग्यता, प्रॉपर्टी की कानूनी जांच आदि। जब नया बैंक पेपरवर्क पूरा कर लेगा, तो वह लोन का मूलधन पुराने बैंक को चुकाएगा। इसके बदले पुराना बैंक प्रॉपर्टी के कागजात नए बैंक को देगा। होम लोन ट्रांसफर में प्रोसेसिंग फीस के अलावा कुछ दूसरी कॉस्ट भी होती हैं। इसमें लीगल चार्जेज, वैल्यूएशन फीस, स्टांप ड्यूटी शामिल होते हैं। हालांकि हो सकता है कि नया बैंक प्रोसेसिंग फीस माफ कर दे।

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