दिनेश माहेश्वरी
कोटा। संभाग के व्यापारियों और उद्यमियों को जल्द ही अपना माल देश के दूर-दराज के हिस्सों में भेजने के लिए कंटेनर डिपो के माध्यम से सुविधा मिलेगी। सड़कों के रास्ते भेजने पर माल खराब होने और ज्यादा आर्थिक बोझ से भी मुक्ति मिल जाएगी। मंडाना के पास रावठा रोड स्थित अंतरराष्ट्रीय कॉनकोर डिपो पर जून तक डॉमेस्टिक सेवा शुरू हो जाएगी। व्यापारियों को रोड ट्रांसपोर्ट की अपेक्षा करीब 40 प्रतिशत की बचत होगी। फिलहाल सुविधा केवल विदेश के लिए है।
इस कंटेनर डिपो से फिलहाल निर्यात के लिए कोटा स्टोन, सेंड स्टोन और सोयाबीन की डीओसी ही भेजी जा रही है। डोमेस्टिक सेवा शुरू होने पर कोचीन, चेन्नई, कोलकत्ता, मुंबई एवं दिल्ली समेत किसी भी इंडस्ट्रियल टाउन पर व्यापारी एवं उद्यमी अपना माल भेज सकेंगे। कंटेनर डिपो के मैनेजर संतोष कुमार ने बताया कि डोमेस्टिक सेवा शुरू करने के लिए 26 हजार वर्गमीटर भूमि खरीदी जा चुकी है। इसको तैयार करने में १० करोड़ रुपए की लागत आएगी। कस्टम विभाग में परमिशन के लिए आवेदन किया जा चुका है। इसकी परमिशन आते ही सेवा शुरू कर दी जाएगी।
कोटा से गेहूं और धनिया भेजा जाता है दक्षिण भारत
व्यापारियों का कहना है कि वर्तमान में उन्हें ट्रकों से माल भेजना काफी महंगा पड़ता है। कोटा स्टोन तो सड़कें खराब होने से रास्ते में डैमेज हो जाता है। यदि डोमेस्टिक सेवा शुरू होती है, तो ट्रक की जगह वे कंटेनर से ही अपना माल भेजेंगे। कोटा से सबसे ज्यादा गेहूं और धनिया दक्षिण भारत में भेजा जाता है। खासतौर से केरल, कोट्टायम, कालिकट, कोयम्बटूर, पालघाट हुबली, रामालिंगम एवं बैंगलोर आदि स्थानों पर रेलवे के रैक भेजे जा सकते हैं।
समझें, कैसे सस्ता पड़ेगा कॉनकोर डिपो
व्यापारियों का कहना है कि रैक से भेजने में दो हजार रुपए प्रति टन और ट्रक से भेजने में तीन हजार रुपए प्रति टन भाड़ा लग जाता है। यानी एक हजार रुपए प्रति टन अधिक का खर्चा आता है। इसके बाद भी समय पर कई बार माल नहीं पहुंच पाता। व्यापारियों ने बताया कि इसी तरह धनिया आंध्रप्रदेश जाता है। ट्रक से भेजने में 4000 रुपए क्विंटल का भाड़ा लग जाता है। कंटेनर डिपो पर यदि रेलवे और ट्रकों की अपेक्षा सस्ता पड़ेगा तो उसी से भेजेंगे।
1200 कंटेनर हर माह होता है निर्यात
अंतरराष्ट्रीय कंटेनर डिपो पर हर माह 1200 से 1500 कंटेनर निर्यात के लिए भेजे जाते हैं। जिसमें 300 कंटेनर सोयाबीन की डीओसी और बाकी सेंड स्टोन एवं कोटा स्टोन के कंटेनर होते हैं।
कोटा। संभाग के व्यापारियों और उद्यमियों को जल्द ही अपना माल देश के दूर-दराज के हिस्सों में भेजने के लिए कंटेनर डिपो के माध्यम से सुविधा मिलेगी। सड़कों के रास्ते भेजने पर माल खराब होने और ज्यादा आर्थिक बोझ से भी मुक्ति मिल जाएगी। मंडाना के पास रावठा रोड स्थित अंतरराष्ट्रीय कॉनकोर डिपो पर जून तक डॉमेस्टिक सेवा शुरू हो जाएगी। व्यापारियों को रोड ट्रांसपोर्ट की अपेक्षा करीब 40 प्रतिशत की बचत होगी। फिलहाल सुविधा केवल विदेश के लिए है।
इस कंटेनर डिपो से फिलहाल निर्यात के लिए कोटा स्टोन, सेंड स्टोन और सोयाबीन की डीओसी ही भेजी जा रही है। डोमेस्टिक सेवा शुरू होने पर कोचीन, चेन्नई, कोलकत्ता, मुंबई एवं दिल्ली समेत किसी भी इंडस्ट्रियल टाउन पर व्यापारी एवं उद्यमी अपना माल भेज सकेंगे। कंटेनर डिपो के मैनेजर संतोष कुमार ने बताया कि डोमेस्टिक सेवा शुरू करने के लिए 26 हजार वर्गमीटर भूमि खरीदी जा चुकी है। इसको तैयार करने में १० करोड़ रुपए की लागत आएगी। कस्टम विभाग में परमिशन के लिए आवेदन किया जा चुका है। इसकी परमिशन आते ही सेवा शुरू कर दी जाएगी।
कोटा से गेहूं और धनिया भेजा जाता है दक्षिण भारत
व्यापारियों का कहना है कि वर्तमान में उन्हें ट्रकों से माल भेजना काफी महंगा पड़ता है। कोटा स्टोन तो सड़कें खराब होने से रास्ते में डैमेज हो जाता है। यदि डोमेस्टिक सेवा शुरू होती है, तो ट्रक की जगह वे कंटेनर से ही अपना माल भेजेंगे। कोटा से सबसे ज्यादा गेहूं और धनिया दक्षिण भारत में भेजा जाता है। खासतौर से केरल, कोट्टायम, कालिकट, कोयम्बटूर, पालघाट हुबली, रामालिंगम एवं बैंगलोर आदि स्थानों पर रेलवे के रैक भेजे जा सकते हैं।
समझें, कैसे सस्ता पड़ेगा कॉनकोर डिपो
व्यापारियों का कहना है कि रैक से भेजने में दो हजार रुपए प्रति टन और ट्रक से भेजने में तीन हजार रुपए प्रति टन भाड़ा लग जाता है। यानी एक हजार रुपए प्रति टन अधिक का खर्चा आता है। इसके बाद भी समय पर कई बार माल नहीं पहुंच पाता। व्यापारियों ने बताया कि इसी तरह धनिया आंध्रप्रदेश जाता है। ट्रक से भेजने में 4000 रुपए क्विंटल का भाड़ा लग जाता है। कंटेनर डिपो पर यदि रेलवे और ट्रकों की अपेक्षा सस्ता पड़ेगा तो उसी से भेजेंगे।
1200 कंटेनर हर माह होता है निर्यात
अंतरराष्ट्रीय कंटेनर डिपो पर हर माह 1200 से 1500 कंटेनर निर्यात के लिए भेजे जाते हैं। जिसमें 300 कंटेनर सोयाबीन की डीओसी और बाकी सेंड स्टोन एवं कोटा स्टोन के कंटेनर होते हैं।
0 comments:
Post a Comment