कोटा। ऊर्जा स्त्रोत से दूर बिना बिजली के तार के अपना स्मार्टफोन चार्ज करने या टेलीविजन चालू करने की कल्पना को शोधकर्ताओं ने संभव बना दिया है। शोधकर्ताओं ने बेतार ऊर्जा की दूरी में सुधार करते हुए इसकी रेंज को पांच मीटर तक बढ़ा दिया है।
द कोरिया एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर चुन टी रिम व उनके सहयोगियों ने डाइपोल कॉइल रिजोनंट सिस्टम (डीसीआरएस) का प्रोटोटाइप विकसित किया है
जो पांच मीटर की दूरी से एलईडी टेलीविजन को चालू कर सकेगा। रिम ने बताया कि डीसीआरएस की मदद से एक बड़े एलईडी टेलीविजन और 40 वाट के तीन पंखों को पांच मीटर की दूरी से संचालित किया जा सकेगा।
हमारी प्रौद्योगिकी ने "रिमोट पावर डिलीवरी मैकेनिज्म" की संभावना को साबित कर दिखाया है। इस तकनीक पर अभी तक किसी ने काम नहीं किया है। शोधकर्ताओं ने एक कुंडलीदार संरचना तैयार की है जिसमें दो ध्रुवों वाले चुंबक लगे हैं। पहले चुंबक का इस्तेमाल चुंबकीय क्षेत्र पैदा करने के लिए किया जाता है जबकि दूसरे का इस्तेमाल विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने के लिए। रिम ने बताया, जिस तरह हम आज कहीं भी वाई फाई क्षेत्र बना लेते हैं वैसे ही हम वाई पावर क्षेत्र भी बना सकेंगे जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बिना बिजली के तार के विद्युत ऊर्जा उपलब्ध कराएगा।
द कोरिया एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर चुन टी रिम व उनके सहयोगियों ने डाइपोल कॉइल रिजोनंट सिस्टम (डीसीआरएस) का प्रोटोटाइप विकसित किया है
जो पांच मीटर की दूरी से एलईडी टेलीविजन को चालू कर सकेगा। रिम ने बताया कि डीसीआरएस की मदद से एक बड़े एलईडी टेलीविजन और 40 वाट के तीन पंखों को पांच मीटर की दूरी से संचालित किया जा सकेगा।
हमारी प्रौद्योगिकी ने "रिमोट पावर डिलीवरी मैकेनिज्म" की संभावना को साबित कर दिखाया है। इस तकनीक पर अभी तक किसी ने काम नहीं किया है। शोधकर्ताओं ने एक कुंडलीदार संरचना तैयार की है जिसमें दो ध्रुवों वाले चुंबक लगे हैं। पहले चुंबक का इस्तेमाल चुंबकीय क्षेत्र पैदा करने के लिए किया जाता है जबकि दूसरे का इस्तेमाल विद्युत ऊर्जा प्राप्त करने के लिए। रिम ने बताया, जिस तरह हम आज कहीं भी वाई फाई क्षेत्र बना लेते हैं वैसे ही हम वाई पावर क्षेत्र भी बना सकेंगे जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बिना बिजली के तार के विद्युत ऊर्जा उपलब्ध कराएगा।
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