Wednesday, April 16, 2014

बनेंगे लोन के नियम आसान

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
  होम लोन ट्रांसफर करवाने की इच्छा रखने वाले ग्राहकों को मौजूदा बैंक खुद मदद करेंगे। रिजर्व बैंक ने ऐसे लोगों की सहूलियत के लिए कई सुझाव दिए हैं। आरबीआई ने लोन देने और उस पर ब्याज लगाने की पूरी प्रक्रिया बदलने के नियम प्रस्तावित कि

ए हैं। इन नियमों के मुताबिक बैंकों को लोन के अनुबंध पर हस्ताक्षर करते समय ही ग्राहक को लोन से बाहर निकलने के विकल्प देने होंगे। यह बताना होगा कि साल में वे किन तारीखों को ब्याज दरों में बदलाव कर सकते हैं। आरबीआई की ड्राफ्ट रिपोर्ट के मुताबिक बैंक पुराने और नए ग्राहकों के बीच कोई भेदभाव नहीं करेंगे।
प्रीपेमेंट पर एक ईएमआई बचेगी
प्रस्तावित नियमों के अनुसार यदि कोई ग्राहक लोन की रकम निर्धारित समय से पहले लौटाएगा (प्रीपेमेंट) तो उसकी पूरी एक ईएमआई बच जाएगी। आरबीआई ने सुझाव दिया है कि बैंक जिस दिन प्रीपेमेंट होता है, उसी दिन से ब्याज दर घटा दें। ग्राहक की ईएमआई की तारीख का इंतजार न करें। फिलहाल बैंक ग्राहक की ईएमआई के दिन प्रीपेमेंट की रकम क्रेडिट करते हैं।
लोन लेने की समान प्रक्रिया
आरबीआई के मुताबिक लोन लेने की प्रक्रिया सभी बैंकों में एक सी होनी चाहिए। इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) को इसके नियम बनाने चाहिए। रिजर्व बैंक के मुताबिक यदि ग्राहक लोन ट्रांसफर करना चाहता है तो बैंक आपस में सीधे केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) दस्तावेज ले लें। जो बैंक लोन ट्रांसफर में ग्राहक की मदद नहीं करेंगे, उन पर पेनल्टी का भी प्रस्ताव है।
बेस रेट सिस्टम की पहल
आरबीआई ने आईबीए से इंडियन बैंक बेस रेट सिस्टम बनाने के लिए कहा है। यह लिबोर की तरह भारत में बेसरेट का बेंचमार्क होगा। शुरूआत में इसे होम लोन के लिए लागू किया जाएगा। केंद्रीय बैंक के मुताबिक ग्राहकों की शिकायत पर वरिष्ठ प्रबंधन को भी ध्यान देना चाहिए। फिलहाल आरबीआई ने इन सुझावों पर राय मांगी है। उम्मीद जताई जा रही है कि इन्हें जल्द लागू किया जाएगा।

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