Saturday, March 29, 2014

बढ़ रही फीस, महंगा होगा एमबीए करना

दिनेश माहेश्वरी कोटा
देश के टॉप बिजनेस स्कूलों में से कम से कम 10 ने या तो फीस बढ़ा दी है या इसमें 6 से 19 पर्सेंट तक के इजाफे का मन बना लिया है। फीस में बढ़ोतरी 2016 की क्लास के लिए की गई है। बी-स्कूल फीस बढ़ोतरी के पीछे महंगाई और बढ़ते ऑपरेशनल खर्चों की दलील दे रहे हैं।
XLRI, इंटरनेशनल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (IMI), MDI गुड़गांव, एस पी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, XIM भुवनेश्वर और IIM रांची जैसे मैनेजमेंट संस्थानों ने फीस में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है जबकि IIM कलकत्ता, IIM कोझिकोड, IIM उदयपुर और वीस्कूल अगले दो से तीन हफ्तों में फीस बढ़ाने पर फैसला कर लेंगे।
अनुमान के मुताबिक, दो साल के प्रोग्राम के लिए फीस में बढ़ोतरी 50,000 रुपये से लेकर 2.5 लाख रुपये की रेंज में होगी। मैनेजमेंट संस्थानों में फीस बढ़ोतरी का फैसला ऐसे वक्त हो रहा है, जब सुस्त होती इकनॉमी और निराशाजनक प्लेसमेंट्स के चलते एमबीए कोर्स की पॉपुलैरिटी घट रही है। पिछले साल सितंबर में कैट एप्लिकेंट्स की संख्या 7 साल के लो लेवल पर चली गई थी।
इसके बावजूद ज्यादातर बी-स्कूलों का कहना है कि फीस में बढ़ोतरी करना उनकी मजबूरी है क्योंकि इनफ्लेशन, ऊंचे अडमिनिस्ट्रेशन खर्च और फैकल्टी मेंबर्स की बढ़ती सैलरी का बोझ काफी बढ़ गया है। मिसाल के तौर पर, IIM कलकत्ता जैसे कुछ इंस्टीट्यूट्स ने पिछले चार साल से फीस नहीं बढ़ाई है। इसने 2010 में फीस 50 फीसदी बढ़ाकर 13.5 लाख रुपये कर दी थी। IIM कलकत्ता के डायरेक्टर सैबल चट्टोपाध्याय के मुताबिक, 'अप्रैल में बोर्ड मीटिंग में इस बारे में फैसला लिया जाएगा।' उन्होंने तो इस पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया कि कितनी फीस बढ़ाई जाएगी, लेकिन दो सीनियर फैकल्टी मेंबर्स ने ईटी को बताया है कि IIM कलकत्ता फैकल्टी काउंसिल फीस को बढ़ाकर 16 लाख रुपये करने के पक्ष में है, जो मौजूदा फीस से करीब 19 फीसदी ज्यादा है। एक फैकल्टी मेंबर ने कहा, 'अगर फीस नहीं बढ़ाई जाती है तो फैकल्टी पर रेवेन्यू हासिल करने के दूसरे तरीकों में शामिल होने का भारी प्रेशर होगा।' यह कदम कुछ स्टूडेंट्स के लिए संस्थान का चुनाव करने पर असर डाल सकता है, हालांकि एजुकेशन लोन की उपलब्धता से यह असर ज्यादा नहीं होगा। एमबीए एंट्रेस एग्जाम की तैयारी कराने वाली चेन ट्रिंफैंट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एजुकेशन के वीपी अजय एंटनी ने कहा, 'ऐसे स्टूडेंट्स जिनके हाथ में एक साथ कई ऑफर्स होते हैं, उनके लिए इंस्टीट्यूट के फाइनल सेलेक्शन के वक्त फीस एक बड़ा पहलू साबित होगी।'

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