Tuesday, November 15, 2016

नोट बदलने की आसान तरकीबें खोज ली

1. महंगे सामान खरीदे
पुराने नोट निकालने के लिए लोगों ने कई जगह इलेक्ट्रॉनिक और महंगे सामान ज्यादा दामों पर खरीदने का सौदा कारोबारियों से कर लिया। कारोबारियों ने भी इस खरीद को पीछे की तारीख में दिखाने का काम किया। 
2. दिहाड़ी पर बदल रहे
कुछ लोग 200 से 300 रुपये तक की दिहाड़ी पर मजदूरों को लाइन में लगवा रहे हैं। मजदूर दिनभर लाइन में लगकर नोट बदलते हैं बदले में उन्हें उनकी दिहाड़ी दे दी जाती है।
3. आधे दिन की हाजिरी
एक कंपनी के अधिकारी ने बताया कि उनके यहां जो लेबर कार्यरत है उसे सुबह फॉर्म भरकर और पुराने नोट थमाकर बैंकों में भेज दिया जाता है। घंटों लाइन में लगकर वह नोट बदलकर लाते हैं तो उनकी आधे दिन की हाजिरी लगा दी जाती है।
4. एडवांस में भुगतान
सरकार द्वारा कहा गया है कि केंद्रीय भंडार पर फिलहाल पुराने 500-1000 के नोट चलेंगे। ऐसे में लोग यहां जान-पहचान निकालकर एडवांस भुगतान कर रहे हैं और सामान जरूरत पड़ने पर ले लेते हैं।
5. कमीशनखोरों के जरिए
लोग कमीशनखोरों से भी नोट बदलाने को मजबूर हैं। ऐसे व्यक्ति 500 या 1000 रुपये के बदले में कमीशन देकर बाकी पैसे वापस ले रहे हैं। कमीशनखोर इन रुपयों को अपने ‘जुगाड़ों’ से बैंक में जमा करा रहे हैं।
6. पेट्रोल पंपों का इस्तेमाल
तमाम लोग पेट्रोल पंपों कर्मियों से अपने संबंधों का इस्तेमाल कर 500 या 1000 रुपये के बदले खुले पैसे ले रहे हैं। ऐसे ही एक पेट्रोल पंपकर्मी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि वह खुद तीन-चार दिनों में अब तक 50 हजार रुपये तक की राशि बदल चुका है।
7. अभी पैसे लें, बाद में चुकाएं
ऐसी खबरें भी हैं कि कई पैसे वाले लोगों ने अपने नौकरों और कर्मचारियों को थोड़ा-थोड़ा नकद लोन के रूप में दे दिया और उनसे यह पैसा बिना ब्याज के किस्तों पर नए नोटों के रूप में चुकाने को कहा है।

Saturday, November 12, 2016

1 करोड़ रुपये जमा करने पर देने पड़ सकते हैं 84.75 लाख टैक्स

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
आयकर अधिनियम, 1960 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपनी आय घोषित करता है तो उस पर उसे अपने इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार, आयकर का भुगतान करना होता है। लेकिन यदि वह आयकर अधिकारी को अपनी आय का सही सोर्स बताने में असफल रहता है तो उसे भुगतान की जाने वाली आयकर राशि का 200 पर्सेंट भुगतान करना पड़ सकता है। जब से सरकार ने 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट का चलन बंद करने की घोषणा की है, देशभर में यह माहौल बन रहा है कि लोगों को अपनी पूरी कमाई या बड़ी राशि सरकार को देनी पड़ सकती है। यही स्पष्टीकरण बार-बार वित्त मंत्री अरुण जेटली और भारतीय रिजर्व बैंक दे रहे हैं।
उदाहरण के लिए सरकार ने कहा है कि मौजूदा दौर में यदि कोई व्यक्ति 2.5 लाख रुपये की अघोषित आय को अपने बैंक खाते में जमा करता है, तो उसे कोई आयकर नहीं देना पड़ेगा। लेकिन इसके बाद जो भी रकम वह जमा करेगा, उस पर उसे न केवल उसके आयकर स्लैब के अनुसार, आयकर देना पड़ेगा, बल्कि पेनल्टी भी देनी पड़ सकती है। जैसे यदि कोई व्यक्ति 5 लाख रुपये घोषित करता है तो 5 लाख रुपये पर टैक्स राशि हुई 75,000 रुपये। लेकिन इसमें से 2.5 लाख रुपये छूट सीमा है। अब शेष अतिरिक्त 2.5 लाख रुपये पर ही आयकर स्लैब के अनुसार, 2.5 लाख रुपये पर 25,000 रुपये टैक्स देना होगा। यदि वह इस आयकर अधिकारी को इस अतिरिक्त 2.5 लाख रुपये का सोर्स समझाने में विफल रहता है तो उसे 25,000 रुपये का 200 पर्सेंट यानी 50,000 रुपये पेनल्टी देनी होगी। अर्थात कुल 75,000 रुपया देना होगा।
इसी तरह कोई 1 करोड़ रुपये घोषित करता है तो पहले 2.5 लाख रुपये पर कोई कर नहीं। लेकिन दूसरे 2.50 लाख रुपये पर उसे 10 पर्सेंट के हिसाब से 25 हजार रुपया देना होगा। फिर अगले स्लैब 5 लाख रुपये पर 20 पर्सेंट कर है तो 1 लाख रुपये और टेक्स लगेगा। बचे 90 लाख पर 30 पर्सेंट की दर से टैक्स लगा 27 लाख रुपये। अर्थात कुल टैक्स हुआ 28.25 लाख रुपये। यह कर तो उसे देना ही होगा चाहे यह घोषित धन वैध है या काला धन। लेकिन वह आयकर अधिकारी को इस 1 करोड़ रुपये के सोर्स बताने में असमर्थ रहा तो उसे 200 पर्सेंट पेनल्टी बन रहे आयकर पर 56.50 लाख रुपये देना होगा अर्थात कुल आयकर राशि 84.75 लाख रुपये हुई।

काला धन क्या है ?
काले धन का मतलब ऐसे धन से है जो कानूनी रूप से घोषित या दिखाया नहीं गया हो या जिसकी गणना नहीं हुई है। मुंबई में अनेक सेक्टर जैसे रियल इस्टेट, बुलियन, एंटरटेनमेंट, होटल आदि हैं जहां अथाह काला धन लगा हुआ है, इसीलिए इसी सेक्टर के लोगों को ज्यादा दिक्कत हो रही है।
एक जाने माने चार्टड अकाउंटेंट का कहना है कि 'देश में इस समय करीब 25 लाख करोड़ रुपये के नोट सर्कुलेशन में हैं। स्वयं वित्तमंत्री ने कहा है कि इसमें से 85 पर्सेंट नोट 500 रुपये और 1000 रुपयों के हैं। हमारा अध्ययन है कि इसमें से आधा रुपया पाकिस्तान में छापा गया है और भारत के भ्रष्ट राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों के पास है। सरकार की मौजूदा डिमोनिटाइजेशन की नीति से यह आधा रुपया चलन से बाहर हो जाएगा। लेकिन इन नोटों की जरूरत इकानॅमी को है इसलिए रिजर्व बैंक ने 5 लाख करोड़ रुपये के 2000 रुपये और 500 रुपये के नए नोट छापे हैं।'

Thursday, November 10, 2016

सैटेलाइट से पकड़े जाएंगे छुपा रखे नोट

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने नई सिरीज के जो 500 और 2000 रुपए के नोट जारी किए हैं, उनमें ऐसी कई विशेषताएं हैं, जिनकी अब तक कल्पना भी मुश्किल थी। इनकी एक खूबी यह है कि इसमें लगे एक विशेष टैग से यह पता चल जाएगा कि किस सीरियल नंबर का नोट कहां पड़ा है। यह जानकारी तब भी मिल जाएगी, जब नोट जमीन में 120 मीटर नीचे कहीं रखा हो।रिफ्लेक्टर की तरह काम करेगा सिग्नल 2000 रुपए का प्रत्येक नोट आरएफआईडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टैग लगा होगा। इन्हें किसी पावर सोर्स की जरूरत नहीं होगी और यह सिग्नल रिफ्लेक्टर की तरह काम करेगा।ऐसे काम करेगी यह तकनीक जब कोई सैटेलाइट लोकेशन के लिए सिग्नल भेजेगा, तो आरएफआईडी टैग लोकेशन और सीरियल नंबर से संबंधित सिग्नल सैटेलाइट को वापस भेज देगा। मतलब नोट किस जगह पर है, इसकी सटीक जानकारी मिल जाएगी। आरएफआईडी टैक को हटाया या नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता। ऐसा करने से नोट क्षतिग्रस्त हो जाएगा।क्या होगा फायदा चूंकि हर आरएफआईडी टैग वाली करेंसी ट्रैस की जा सकती है, लिहाजा कौन सा नोट कहां है, इसकी जानकारी आसानी से मिल जाएगी। यदि भारी मात्रा में नोट बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के अतिरिक्त किसी अन्य संदिग्ध जगह लंबे समय तक पड़े रहेंगे, तो इसकी सूचना आयकर विभाग के पास पहुंच जाएगी, ताकि इसकी जांच की जा सके।नई सिरीज के 500 के नोट 500 रुपए के नए नोट रंग, आकार, थीम व सिक्योरिटी फीचर्स की जगह और डिजाइन के मामले में मौजूदा नोट से बिलकुल अलग हैं। नए नोट की साइज 63 मिमी गुणा 150 मिमी है। इसका रंग स्टोन ग्रे है, जबकि पिछले हिस्से पर मुख्य तस्वीर लाल किले की है।नई सिरीज के 2000 के नोट महात्मा गांधी (न्यू) सिरीज के तहत नई डिजाइन में 2000 रुपए के नोट के पिछले हिस्से में मुख्य तस्वीर मंगलयान है। इसका रंग मैजेंटा है, जबकि साइज 66 मिमी गुना 166 मिमी है। नए नोट इस तरह तैयार किए गए हैं कि इन्हें कॉपी करना मुश्किल होगा।

Wednesday, November 9, 2016

नोट बंद: घबराए नहीं, ये हैं उपाय

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
काले धन पर लगाम लगाने के लिए ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सरकार ने 500 और 1000 रुपये के मौजूदा नोटों को अमान्य करार दे दिया है। अब इन नोटों के जरिए लेन-देन नहीं किया जा सकता है। काले धन वालों को झटका लेने के लिए सरकार की तरफ से अचानक इस तरह का फैसला लिया जाना जरूरी था, लेकिन इससे फौरी तौर पर आम लोगों की भी परेशानी बढ़ गई है। घबराने की जरूरत नहीं है, आम लोगों के लिए ये हैं उपाय:
1. शांत रहें, आपके पास पुराने नोटों को बैंक या पोस्ट ऑफिस में बदलने या जमा करने के लिए 50 दिन हैं। बाकी नोट और सिक्के पहले की तरह चलते रहेंगे।
2. इमरजेंसी की जरूरतों के लिए ये उपाय हो सकते हैं-
सरकार की तरफ से मेडिकल इमरजेंसी जैसी स्थितियों के लिए कुछ छूट दी गई है। 8 नवंबर की आधी रात से अगले 72 घंटों तक यानी 11 नवंबर की आधी रात तक सरकारी अस्पतालों में 500 और 1000 के पुराने नोट स्वीकार किए जाएंगे। इस दौरान सरकारी अस्पतालों के दवाखानों में डॉक्टरों की पर्ची पर दवा खरीदने में पुराने नोटों का इस्तेमाल हो सकता है।

रेल टिकट बुकिंग और एयर ट्रेवल बुकिंग लिए पहले 72 घंटों तक पुराने नोटों का इस्तेमाल हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेश से आने या विदेश जाने वाले यात्रियों के लिए 5 हजार रुपये मूल्य के पुराने नोटों को बदले जाने की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
शुरुआती 72 घंटों के लिए सरकारी कंपनियों के अधिकृत पेट्रोल, डीजल और सीएनजी स्टेशनों, दूध के बूथों, सरकारी को-ऑपरेटिव स्टोर्स पर पुराने नोट चलेंगे।
इलेक्ट्रॉनिक फंड पेमेंट, क्रेडिट और डेबिट कार्ड से लेन-देन पर कोई रोक नहीं
3. वॉलिट्स, घर की आलमारी, ड्रावर्य, बैंक के लॉकर्स समेत उन सभी जगहों पर जहां-जहां आपने करंसी रखी हो वहां से नोट इकट्ठा कर लें।
4. इन नोटों में से 500 और 1000 के नोटों को छांट लें और अच्छे से गिन लें।
5. जाहिर है, बैंकों और डाक घरों में 10 नवंबर से लंबी कतारें रहेंगी, इसलिए इसके लिए तैयार रहें। 10 नवंबर से 24 नवंबर तक 4 हजार रुपये मूल्य तक के पुराने नोट बदले जा सकेंगे। 25 नवंबर के बाद यह सीमा बढ़ाई जाएगी। अपने साथ आईडी कार्ड ले जाना न भूलें।
6. शुरुआत में हर दिन सिर्फ 10 हजार रुपये और हर सप्ताह 20 हजार रुपये ही निकाले जा सकेंगे, इसलिए जहां तक संभव हो, खरीदारी के लिए क्रेडिट/डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करें।
7. अगर 30 दिसंबर तक आप अपने सभी पुराने नोट नहीं जमा कर पाते हैं तो कोई बात नहीं। तब भी आपके पास एक रास्ता होगा। आप आरबीआई के अधिकृत कार्यालयों पर अपना आईडी कार्ड दिखाकर एक घोषणा पत्र भरकर 31 मार्च 2017 तक इन पुराने नोटों को जमा कर सकेंगे।
9. जहां तक संभव हो, जो भी नोट जमा करें या बदलें उसके सीरियल नंबर की सूची तैयार रखें। आरबीआई पहले ही ऐलान कर चुका है कि बैंक या डाक घरों में जमा या एक्सचेंज किए जा रहे नोटों पर नजर रखी जाएगी। बहुत मुमकिन है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी इस पर नजर रखेगी कि कौन कितना धन जमा या एक्सचेंज कर रहा है, इसलिए उतना ही नोट बदलें जितने के बारे में आप टैक्स डिपार्टमेंट को एक्सप्लेन करना चाह रहे हैं।

जीएसटी का रजिस्ट्रेशन देशभर में शुरू,

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का रजिस्ट्रेशन देशभर में शुरु हो गया है। जागरण डॉट कॉम की बिजनेस टीम आपको इस खबर के माध्यम से जीएसटी रजिस्ट्रेशन से जुड़ी 8 खात बातें बताने जा रही है। जागरण की बिजनेस टीम ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन के मामले में ई-मुंशी के टैक्स एक्सपर्ट अंकित गुप्ता से बात करके कुछ जानकारियां हासिल की हैं।गौरतलब है जीएसटी कानून को आजाद भारत का सबसे बड़ा कर सुधार बताया जा रहा है और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इसे हर हाल में 1 अप्रैल 2017 तक लागू करना चाहता है।
1. जीएसटी का रजिस्ट्रेशन 8 नवंबर 2016 से शुरु हो गया।
आप www.gst.gov.in. पर जाकर ऐसा कर सकते हैं।
2. निर्धारित विवरण भरने और साक्ष्यों के प्रस्तुत करने के लिए सत्यापित पैन कार्ड ही मान्य होगा।दनदनाती गोलियों के बीच बुलेटप्रूफ कार से बचाई घायलों की जान
3. सभी करदाताओं को जीएसटी कानून के अंतर्गत पंजीकृत किया जाएगा। आप जीएसटी सिस्टम पोर्टल पर जा सकते हैं और खुद को पंजीकृत करवा सकते हैं।
4. जीएसटी सिस्टम पोर्टल में खुद को पंजीकृत करने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपके पास निम्नलिखित जानकारियां और दस्तावेज उपलब्ध हैं या नहीं...राज्य/केंद्र अधिकारियों से प्राप्त प्रोविजनल आईडीराज्य/केंद्र अधिकारियों से प्राप्त पासपोर्ट वैध ई-मेल एड्रैसवैध मोबाइल नंबरबैंक अकाउंट नंबरबैंक आईएफएससी कोड
5. दस्तावेज:(a) व्यापार के संवैधानिक सबूत/ दस्तावेज(i) साझेदारी की फर्म में, पार्टनरशिप फर्म की पार्टनरशिप डीड की कॉपी (पीडीएफ या जेपीईजी फार्मेट में अधिकतम 1एमबी तक)(ii) व्यापार के अन्य रूप में व्यापार इकाई के पंजीकरण प्रमाण पत्र (पीडीएफ या जेपीईजी फार्मेट में अधिकतम 1एमबी तक)(b) प्रमोटर्स/पार्टनर्स/एचयूएफ के कर्ता के फोटोग्राफ (जेपीईजी फार्मेट में अधिकतम 100 केबी तक)(c) नियुक्ति का हस्ताक्षर युक्त अधिकृत सबूत (पीडीएफ और जेपीईजी फार्मेट में अधिकतम 1 एमबी साइज)(d) अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता की तस्वीर (जेपीईजी फार्मेट में अधिकतम 100 केबी तक)(e) बैंक पासबुक का पहला पन्ना जिसमें बैंक अकाउंट नंबर का विवरण हो, ब्रांच का पता, खाताधारक का पता और लेन-देन का कुछ ब्यौरा (पीडीएफ और जेपीईजी फॉर्मेट में अधिकतम 1 एमबी साइज)
6. रजिस्ट्रेशन के लिए राज्यवार समय-सीमा निर्धारित की गई है...- गुजरात और महाराष्ट्र- 14 नवंबर से 29 नवंबर- उत्तर प्रदेश, दिल्ली, जम्मू, हरियाणा और पंजाब- 16 दिसंबर से 31 दिसंबर- पुदुचेरी और सिक्किम- 8 नवंबर से 23 नवंबर- कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक- 1 जनवरी 2017 से 15 जनवरी(इन सभी के लिए रजिस्ट्रेशन की अवधि 15 दिन है)7. सर्विस टैक्स अदा करने वालों के लिए यह अवधि 30 दिन है, जो कि 1 जनवरी 2017 से 31 जनवरी 2017 तक है।

Saturday, November 5, 2016

4 स्लैब वाले GST से आपकी जेब पर कितना असर


दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
. सरकार ने गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के लिए चार स्तर के टैक्स स्ट्रक्चर का ऐलान किया है। इसके बाद जीएसटी को लेकर मार्केट की राय में अहम बदलाव हो सकता है। जीएसटी में इस बात का ध्यान रखा गया है कि आम आदमी की जेब पर ज्यादा बोझ न पड़े।
 खाद्यान्न समेत आम इस्तेमाल की आधी चीजों पर जीरो टैक्स लगेगा। हालांकि ये चीजें जीएसटी का हिस्सा तो होंगी लेकिन इन पर जीरो टैक्स होने से आम आदमी की जेब पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा रोजमर्रा की अन्य वस्तुओं पर जीएसटी दरें मौजूदा टैक्स स्लैब से कम रखी गई हैं। आइए जानते हैं जरूरी चीजों पर मौजूदा टैक्स स्लैब क्या है और जीएसटी की प्रस्तावित दरें कितनी हैं, जिससे यह जानना आसान हो जाएगा कि आपकी जेब पर इसका कितना असर
चाय  जीएसटी से आपकी चाय थोड़ी सस्ती हो सकती है। जीएसटी की नई दरों के हिसाब से देखें तो टाटा टी प्रीमियम के 1 किलोग्राम पैक का मौजूदा MRP अभी 420 रुपये है, जिस पर 5.66 फीसदी टैक्स लगता है। एमआरपी पर प्रभावी जीएसटी 4.76 फीसदी होगा। इस पर आपको 0.9 फीसदी टैक्स की बचत होगी।
जैम किसान जैम के 700 ग्राम की एमआरपी 175 रुपये है, जिस पर मौजूदा टैक्स 5.66 फीसदी है। एमआरपी पर प्रभावी जीएसटी 4.76 फीसदी होगा। इस पर भी टैक्स में 0.9 फीसदी बचत होगी।
फुटवेअर बाटा प्रॉडक्ट की मौजूदा एमआरपी 799 रुपये पर है जिस पर अभी 15.04 फीसदी टैक्स है, जबकि 15.25 फीसदी जीएसटी लागू होगा। इस पर आपकी जेब पर बोझ पड़ेगा यानी 0.2 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा।
मोबाइल  माइक्रोमैक्स कैनवस 6 का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) 13,999 रुपये है, जिस पर मौजूदा टैक्स 19.63 फीसदी है। इस पर जीएसटी की दर 15.25 लागू होगी यानी टैक्स में 4.4 फीसदी की बचत होगी।
बोतलबंद पानी 1 लीटर वाले बिसलेरी की बोतल की कीमत 20 रुपये है। इस पर मौजूदा टैक्स 18.38 फीसदी है। जीएसटी की दर 21.88 फीसदी लागू होगी यानी इस पर 3.5 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा।
नहाने वाला साबुन  125 ग्राम के सिंथॉल डेओ साबुन की कीमत 117 रुपये है, जिस पर मौजूदा टैक्स 20.25 फीसदी है। इस पर 21.88 फीसदी जीएसटी लागू होगा यानी इस पर भी 1.6 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा।
टीवी एलईडी  सैमसंग के 40 इंच वाले एलईडी टीवी की मौजूदा कीमत 53,000 रुपये है और इस पर टैक्स 19.63 फीसदी है जबकि 21.88 फीसदी जीएसटी लागू होगा। इस पर 2.3 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा।
साइकल हीरो स्प्रिंट साइकल की कीमत 5,839 रुपये है, जिस पर मौजूदा टैक्स 9.26 फीसदी है। इस पर जीएसटी की प्रभावी दर 10.71 फीसदी होगी यानी 1.5 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा।
कलम यूनिबॉल की कीमत 50 रुपये है, जिस पर मौजूदा टैक्स 13.16 फीसदी है। इस पर 15.25 फीसदी जीएसटी लगेगा यानी 2.1 फीसदी ज्यादा टैक्स देना होगा।
खाद्य तेल, मसाला, चाय और कॉफी खाने वाले तेल, मसाला, चाय, कॉफी पर अभी 9 फीसदी टैक्स लगता है जबकि जीएसटी की दर 5 फीसदी है। यानी रोजाना के इस्तेमाल की इन चीजों पर आपको टैक्स में 4 फीसदी बचत होगी।
कंप्यूटर्स और प्रोसेस्ड फूड कंप्यूटर्स और प्रोसेस्ड फूड्स अभी 9%-15% वाले टैक्स स्लैब में है। इन पर जीएसटी की दर 12 फीसदी है। इन सामानों पर भी कुल मिलाकर आम आदमी को फायदा होगा।
साबुन, तेल और शेविंग स्टिक्स ये सामान मौजूदा समय में 15%-21% टैक्स स्लैब में है। इस पर जीएसटी दर 18 फीसदी है। इसमें भी आम आदमी को फायदा होगा।
वाइट गुड्स  ज्यादातर वाइट गुड्स जैसे एलईडी टीवी सेट्स आदि पर आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ जाएगा। मौजूदा समय में जहां इन चीजों पर 21 फीसदी टैक्स लगता है, वहीं इनके लिए 28 फीसदी जीएसटी दर का ऐलान किया गया है। यानी इन सामानों पर आपको पहले के मुकाबले 7 फीसदी ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा।
सोना सोने पर सर्विस टैक्स रेट्स और जीएसटी पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

Tuesday, November 1, 2016

निष्क्रिय पीएफ खातों पर 8.8 पर्सेंट का ब्याज देगी सरकार

हैदराबाद / केंद्र सरकार देश के करीब 9.70 करोड़ एंप्लॉयीज को दिवाली गिफ्ट देने की तैयारी कर रही है। सरकार की ओर से जल्दी ही निष्क्रिय पीएफ अकाउंट्स में जमा राशि पर 8.8 पर्सेंट का ब्याज दिए जाने का ऐलान किया जा सकता है। केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी। दत्तात्रेय ने कहा, 'इनऑपरेटिव यानी निष्क्रिय अकाउंट पर 2011 के बाद से ब्याज का भुगतान नहीं किया गया है। अब पीएम नरेंद्र मोदी और फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेटली के आदेश के बाद हम इन खातों पर भी ब्याज का भुगतान करने जा रहे हैं।'
 केंद्रीय मंत्री ने बताया, 'मैंने इस प्रस्ताव से संबंधित फाइल पर पहले ही साइन कर दिए हैं। जल्दी ही इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। इन खातों पर हम 8.8 पर्सेंट की दर से ब्याज देंगे। इस अधिसूचना से देश के करीब 9.70 करोड़ एंप्लॉयीज को फायदा मिलने वाला है। यह लोगों को दिवाली का गिफ्ट है। एक सप्ताह के भीतर इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।' मंत्री ने कहा कि अधिकारियों ने पता लगाया है कि देश भर में निष्क्रिय पीएफ खातों में 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा है।
 मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'ईपीएफ में लोग जब तक चाहें अपना फंड जमा रख सकते हैं। जब तक निष्क्रिय खातों पर भी लोगों को सरकार की ओर से ब्याज मिलेगा, वह पैसों की निकासी नहीं करना चाहेंगे। यह सुरक्षित निवेश भी है। आज नहीं तो कम हमें दावेदार को उसकी राशि देनी ही होगी। इसलिए इसमें अनक्लेम्ड अमाउंट जैसा कुछ भी नहीं है।' सरकारी नियम के मुताबिक अब तक किसी ईपीएफ खाते में 36 महीने तक कोई राशि न जमा होने के बाद उसे निष्क्रिय मान लिया जाता था।