दिनेश माहेश्वरी
कोटा। आयकर अधिनियम, 1960 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपनी आय घोषित करता है तो उस पर उसे अपने इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार, आयकर का भुगतान करना होता है। लेकिन यदि वह आयकर अधिकारी को अपनी आय का सही सोर्स बताने में असफल रहता है तो उसे भुगतान की जाने वाली आयकर राशि का 200 पर्सेंट भुगतान करना पड़ सकता है। जब से सरकार ने 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट का चलन बंद करने की घोषणा की है, देशभर में यह माहौल बन रहा है कि लोगों को अपनी पूरी कमाई या बड़ी राशि सरकार को देनी पड़ सकती है। यही स्पष्टीकरण बार-बार वित्त मंत्री अरुण जेटली और भारतीय रिजर्व बैंक दे रहे हैं।
उदाहरण के लिए सरकार ने कहा है कि मौजूदा दौर में यदि कोई व्यक्ति 2.5 लाख रुपये की अघोषित आय को अपने बैंक खाते में जमा करता है, तो उसे कोई आयकर नहीं देना पड़ेगा। लेकिन इसके बाद जो भी रकम वह जमा करेगा, उस पर उसे न केवल उसके आयकर स्लैब के अनुसार, आयकर देना पड़ेगा, बल्कि पेनल्टी भी देनी पड़ सकती है। जैसे यदि कोई व्यक्ति 5 लाख रुपये घोषित करता है तो 5 लाख रुपये पर टैक्स राशि हुई 75,000 रुपये। लेकिन इसमें से 2.5 लाख रुपये छूट सीमा है। अब शेष अतिरिक्त 2.5 लाख रुपये पर ही आयकर स्लैब के अनुसार, 2.5 लाख रुपये पर 25,000 रुपये टैक्स देना होगा। यदि वह इस आयकर अधिकारी को इस अतिरिक्त 2.5 लाख रुपये का सोर्स समझाने में विफल रहता है तो उसे 25,000 रुपये का 200 पर्सेंट यानी 50,000 रुपये पेनल्टी देनी होगी। अर्थात कुल 75,000 रुपया देना होगा।
इसी तरह कोई 1 करोड़ रुपये घोषित करता है तो पहले 2.5 लाख रुपये पर कोई कर नहीं। लेकिन दूसरे 2.50 लाख रुपये पर उसे 10 पर्सेंट के हिसाब से 25 हजार रुपया देना होगा। फिर अगले स्लैब 5 लाख रुपये पर 20 पर्सेंट कर है तो 1 लाख रुपये और टेक्स लगेगा। बचे 90 लाख पर 30 पर्सेंट की दर से टैक्स लगा 27 लाख रुपये। अर्थात कुल टैक्स हुआ 28.25 लाख रुपये। यह कर तो उसे देना ही होगा चाहे यह घोषित धन वैध है या काला धन। लेकिन वह आयकर अधिकारी को इस 1 करोड़ रुपये के सोर्स बताने में असमर्थ रहा तो उसे 200 पर्सेंट पेनल्टी बन रहे आयकर पर 56.50 लाख रुपये देना होगा अर्थात कुल आयकर राशि 84.75 लाख रुपये हुई।
काला धन क्या है ?
काले धन का मतलब ऐसे धन से है जो कानूनी रूप से घोषित या दिखाया नहीं गया हो या जिसकी गणना नहीं हुई है। मुंबई में अनेक सेक्टर जैसे रियल इस्टेट, बुलियन, एंटरटेनमेंट, होटल आदि हैं जहां अथाह काला धन लगा हुआ है, इसीलिए इसी सेक्टर के लोगों को ज्यादा दिक्कत हो रही है।
एक जाने माने चार्टड अकाउंटेंट का कहना है कि 'देश में इस समय करीब 25 लाख करोड़ रुपये के नोट सर्कुलेशन में हैं। स्वयं वित्तमंत्री ने कहा है कि इसमें से 85 पर्सेंट नोट 500 रुपये और 1000 रुपयों के हैं। हमारा अध्ययन है कि इसमें से आधा रुपया पाकिस्तान में छापा गया है और भारत के भ्रष्ट राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों के पास है। सरकार की मौजूदा डिमोनिटाइजेशन की नीति से यह आधा रुपया चलन से बाहर हो जाएगा। लेकिन इन नोटों की जरूरत इकानॅमी को है इसलिए रिजर्व बैंक ने 5 लाख करोड़ रुपये के 2000 रुपये और 500 रुपये के नए नोट छापे हैं।'
कोटा। आयकर अधिनियम, 1960 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अपनी आय घोषित करता है तो उस पर उसे अपने इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार, आयकर का भुगतान करना होता है। लेकिन यदि वह आयकर अधिकारी को अपनी आय का सही सोर्स बताने में असफल रहता है तो उसे भुगतान की जाने वाली आयकर राशि का 200 पर्सेंट भुगतान करना पड़ सकता है। जब से सरकार ने 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट का चलन बंद करने की घोषणा की है, देशभर में यह माहौल बन रहा है कि लोगों को अपनी पूरी कमाई या बड़ी राशि सरकार को देनी पड़ सकती है। यही स्पष्टीकरण बार-बार वित्त मंत्री अरुण जेटली और भारतीय रिजर्व बैंक दे रहे हैं।
उदाहरण के लिए सरकार ने कहा है कि मौजूदा दौर में यदि कोई व्यक्ति 2.5 लाख रुपये की अघोषित आय को अपने बैंक खाते में जमा करता है, तो उसे कोई आयकर नहीं देना पड़ेगा। लेकिन इसके बाद जो भी रकम वह जमा करेगा, उस पर उसे न केवल उसके आयकर स्लैब के अनुसार, आयकर देना पड़ेगा, बल्कि पेनल्टी भी देनी पड़ सकती है। जैसे यदि कोई व्यक्ति 5 लाख रुपये घोषित करता है तो 5 लाख रुपये पर टैक्स राशि हुई 75,000 रुपये। लेकिन इसमें से 2.5 लाख रुपये छूट सीमा है। अब शेष अतिरिक्त 2.5 लाख रुपये पर ही आयकर स्लैब के अनुसार, 2.5 लाख रुपये पर 25,000 रुपये टैक्स देना होगा। यदि वह इस आयकर अधिकारी को इस अतिरिक्त 2.5 लाख रुपये का सोर्स समझाने में विफल रहता है तो उसे 25,000 रुपये का 200 पर्सेंट यानी 50,000 रुपये पेनल्टी देनी होगी। अर्थात कुल 75,000 रुपया देना होगा।
इसी तरह कोई 1 करोड़ रुपये घोषित करता है तो पहले 2.5 लाख रुपये पर कोई कर नहीं। लेकिन दूसरे 2.50 लाख रुपये पर उसे 10 पर्सेंट के हिसाब से 25 हजार रुपया देना होगा। फिर अगले स्लैब 5 लाख रुपये पर 20 पर्सेंट कर है तो 1 लाख रुपये और टेक्स लगेगा। बचे 90 लाख पर 30 पर्सेंट की दर से टैक्स लगा 27 लाख रुपये। अर्थात कुल टैक्स हुआ 28.25 लाख रुपये। यह कर तो उसे देना ही होगा चाहे यह घोषित धन वैध है या काला धन। लेकिन वह आयकर अधिकारी को इस 1 करोड़ रुपये के सोर्स बताने में असमर्थ रहा तो उसे 200 पर्सेंट पेनल्टी बन रहे आयकर पर 56.50 लाख रुपये देना होगा अर्थात कुल आयकर राशि 84.75 लाख रुपये हुई।
काला धन क्या है ?
काले धन का मतलब ऐसे धन से है जो कानूनी रूप से घोषित या दिखाया नहीं गया हो या जिसकी गणना नहीं हुई है। मुंबई में अनेक सेक्टर जैसे रियल इस्टेट, बुलियन, एंटरटेनमेंट, होटल आदि हैं जहां अथाह काला धन लगा हुआ है, इसीलिए इसी सेक्टर के लोगों को ज्यादा दिक्कत हो रही है।
एक जाने माने चार्टड अकाउंटेंट का कहना है कि 'देश में इस समय करीब 25 लाख करोड़ रुपये के नोट सर्कुलेशन में हैं। स्वयं वित्तमंत्री ने कहा है कि इसमें से 85 पर्सेंट नोट 500 रुपये और 1000 रुपयों के हैं। हमारा अध्ययन है कि इसमें से आधा रुपया पाकिस्तान में छापा गया है और भारत के भ्रष्ट राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों के पास है। सरकार की मौजूदा डिमोनिटाइजेशन की नीति से यह आधा रुपया चलन से बाहर हो जाएगा। लेकिन इन नोटों की जरूरत इकानॅमी को है इसलिए रिजर्व बैंक ने 5 लाख करोड़ रुपये के 2000 रुपये और 500 रुपये के नए नोट छापे हैं।'
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