दिनेश माहेश्वरी
कोटा। फेसबुक सहित सोशल मीडिया के दूसरे माध्यमों से महंगी चीजों की नुमाइश अगले वित्त वर्ष से आपको महंगी पड़ सकती है। अगर आप ऐसा करेंगे तो आयकर विभाग की पैनी निगाह से बच नहीं पाएंगे। विभाग सोशल मीडिया पर दी जाने वाली जानकारियां 'प्रोजेक्ट इनसाइट' में शामिल करने की योजना पर काम कर ही है। प्रोजेक्ट इनसाइट से उन लोगों पर नजर रखी जाएगी, जो अपनी वास्तविक आय का खुलासा नहीं करते हैं। इस बारे में वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'अगर आप फेसबुक और सोशल मीडिया के दूसरे मंचों पर अपनी महंगी विदेशी यात्रा, लक्जरी चीजों का जिक्र करते हैं तो हम आपकी घोषित आय से यह जानकारी मेल कराएंगे।'
एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि प्रोजेक्ट इनसाइट सोशल डेटा माइनिंग के तहत सोशल मीडिया से सूचनाएं एकत्र करेगी। उन्होंने कहा, 'प्रोजेक्ट साइट मुख्यत: डेटा माइनिंग या दूसरे शब्दों में कहें तो सूचनाएं एकत्र करेगा। सोशल मीडिया पर भी इसकी नजर होगी।' प्रोजेक्ट इनसाइट पर काम शुरू हो गया है और यह 2017-18 से प्रभाव में आ जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या यह परियोजना अगले वित्त वर्ष से लागू हो जाएगी, इस पर अधिकारी ने कहा कि अभी सभी पहलुओं पर काम चल रहा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की सालाना रिपोर्ट और थर्ड पार्टी रिपोर्टिंग से काफी सूचनाएं प्राप्त होती है। चूंकि इन सभी सूचनाओं को मानव श्रम से खंगालना संभव नहीं है, इसलिए प्रोजेक्ट इनसाइट से ये सूचनाएं प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना से यह पता लगाया जाएगा कि किसी करदाता ने किस तरह खर्च किए और कहां निवेश किया। प्रोजेक्ट इनसाइट परियोजना पर करीब 1,000 करोड़ रुपये लागत आएगी।
कोटा। फेसबुक सहित सोशल मीडिया के दूसरे माध्यमों से महंगी चीजों की नुमाइश अगले वित्त वर्ष से आपको महंगी पड़ सकती है। अगर आप ऐसा करेंगे तो आयकर विभाग की पैनी निगाह से बच नहीं पाएंगे। विभाग सोशल मीडिया पर दी जाने वाली जानकारियां 'प्रोजेक्ट इनसाइट' में शामिल करने की योजना पर काम कर ही है। प्रोजेक्ट इनसाइट से उन लोगों पर नजर रखी जाएगी, जो अपनी वास्तविक आय का खुलासा नहीं करते हैं। इस बारे में वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'अगर आप फेसबुक और सोशल मीडिया के दूसरे मंचों पर अपनी महंगी विदेशी यात्रा, लक्जरी चीजों का जिक्र करते हैं तो हम आपकी घोषित आय से यह जानकारी मेल कराएंगे।'
एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि प्रोजेक्ट इनसाइट सोशल डेटा माइनिंग के तहत सोशल मीडिया से सूचनाएं एकत्र करेगी। उन्होंने कहा, 'प्रोजेक्ट साइट मुख्यत: डेटा माइनिंग या दूसरे शब्दों में कहें तो सूचनाएं एकत्र करेगा। सोशल मीडिया पर भी इसकी नजर होगी।' प्रोजेक्ट इनसाइट पर काम शुरू हो गया है और यह 2017-18 से प्रभाव में आ जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या यह परियोजना अगले वित्त वर्ष से लागू हो जाएगी, इस पर अधिकारी ने कहा कि अभी सभी पहलुओं पर काम चल रहा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की सालाना रिपोर्ट और थर्ड पार्टी रिपोर्टिंग से काफी सूचनाएं प्राप्त होती है। चूंकि इन सभी सूचनाओं को मानव श्रम से खंगालना संभव नहीं है, इसलिए प्रोजेक्ट इनसाइट से ये सूचनाएं प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना से यह पता लगाया जाएगा कि किसी करदाता ने किस तरह खर्च किए और कहां निवेश किया। प्रोजेक्ट इनसाइट परियोजना पर करीब 1,000 करोड़ रुपये लागत आएगी।
0 comments:
Post a Comment