दिनेश माहेश्वरी
कोटा. बिजनेस इनिशिएटिव डायरेक्शनंस (बीडीआई) की ओर से पेरिस में आयोजित समारोह में कोटा के भामाशाह मंडी में स्थित फर्म उत्तम ट्रेडिंग कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर शिवकुमार जैन को इंटरनेशनल लीडरशिप इन क्वालिटी अवाॅर्ड से नवाजा गया। समारोह में 74 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। जैन को यह अवार्ड गोल्ड केटेगरी में दिया गया। इसके अलावा समारोह में डायमंड और सिल्वर केटेगरी में कंपनियों का सम्मान किया गया है।
जैन ने बताया कि भारत से करीब सात से आठ लाख बोरी धनिया प्रतिवर्ष निर्यात किया जाता है। कोटा संभाग भी लीडिंग एक्सपोर्टर है। हाड़ौती से ही तीन लाख बोरी हर साल निर्यात की जाती है। राजस्थान में 70 लाख बोरी का उत्पादन होता है। जिसमें हाड़ौती के धनिए को श्रेष्ठ माना जाता है।
उन्होंने बताया कि हाड़ौती का धनिया खुशबूदार हाेता है। इसमें तेल की मात्रा मात्र 600 ग्राम प्रति क्विंटल होती है। धनिए में गंदगी की मात्रा एक प्रतिशत से कम होती है। पावडर वाले धनिए की विशेष मांग विदेशों में होती है। इन्हीं मानकों के आधार पर धनिए को ग्रेडिंग दी जाती है।
हाड़ौती बन सकता है कृषि हब
काॅन्फ्रेंस में बताया गया कि विदेशों में भारतीय कृषि उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। कोटा को कृषि हब के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। लेकिन सरकार द्वारा कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। कोटा में दो कराेड़ बोरी कृषि जिंसों के भंडारण की क्षमता है। क्वालिटी प्रबंधन से जुड़ी कई स्थानीय और बाहर की कंपनियां यहां काम कर रही हैं।
अवार्ड के लिए यूं हुआ सलेक्शन
जैन ने बताया कि बीआईडी के पेरिस के आयातकों से बात की। आयातकों ने कोटा की फर्म के नाम का सुझाव दिया। फिर वहां की एंबेसी ने इंडियन एंबेसी से जानकारी ली। इंडियन एंबेसी ने राजस्थान सरकार से संपर्क किया। इसके बाद जैन को आमंत्रण पत्र भेजा गया।
कोटा. बिजनेस इनिशिएटिव डायरेक्शनंस (बीडीआई) की ओर से पेरिस में आयोजित समारोह में कोटा के भामाशाह मंडी में स्थित फर्म उत्तम ट्रेडिंग कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर शिवकुमार जैन को इंटरनेशनल लीडरशिप इन क्वालिटी अवाॅर्ड से नवाजा गया। समारोह में 74 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। जैन को यह अवार्ड गोल्ड केटेगरी में दिया गया। इसके अलावा समारोह में डायमंड और सिल्वर केटेगरी में कंपनियों का सम्मान किया गया है।
जैन ने बताया कि भारत से करीब सात से आठ लाख बोरी धनिया प्रतिवर्ष निर्यात किया जाता है। कोटा संभाग भी लीडिंग एक्सपोर्टर है। हाड़ौती से ही तीन लाख बोरी हर साल निर्यात की जाती है। राजस्थान में 70 लाख बोरी का उत्पादन होता है। जिसमें हाड़ौती के धनिए को श्रेष्ठ माना जाता है।
उन्होंने बताया कि हाड़ौती का धनिया खुशबूदार हाेता है। इसमें तेल की मात्रा मात्र 600 ग्राम प्रति क्विंटल होती है। धनिए में गंदगी की मात्रा एक प्रतिशत से कम होती है। पावडर वाले धनिए की विशेष मांग विदेशों में होती है। इन्हीं मानकों के आधार पर धनिए को ग्रेडिंग दी जाती है।
हाड़ौती बन सकता है कृषि हब
काॅन्फ्रेंस में बताया गया कि विदेशों में भारतीय कृषि उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। कोटा को कृषि हब के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। लेकिन सरकार द्वारा कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। कोटा में दो कराेड़ बोरी कृषि जिंसों के भंडारण की क्षमता है। क्वालिटी प्रबंधन से जुड़ी कई स्थानीय और बाहर की कंपनियां यहां काम कर रही हैं।
अवार्ड के लिए यूं हुआ सलेक्शन
जैन ने बताया कि बीआईडी के पेरिस के आयातकों से बात की। आयातकों ने कोटा की फर्म के नाम का सुझाव दिया। फिर वहां की एंबेसी ने इंडियन एंबेसी से जानकारी ली। इंडियन एंबेसी ने राजस्थान सरकार से संपर्क किया। इसके बाद जैन को आमंत्रण पत्र भेजा गया।
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