Saturday, May 24, 2014
सत्ता का हाथी
छह अंधे बहुत दिनों से बेकार बैठे हुए थे। एक दिन उन्हें पता चला कि लोकतंत्र के जंगल में सत्ता का हाथी भटक रहा है। पहले वे एक हाथी को छूकर ज्ञानी हो चुके थे। उन्होंने सोचा, चलो इस बार सत्ता के इस हाथी का परीक्षण करते हैं। सभी उसके पास पहुंचे। पहले अंधे ने हाथी के पेट को हाथ लगाया तो वह बोला, ‘अरे यह तो दीवार है। यानी सत्ता दीवार होती है।’ बाकी अंधे बोले, ‘एक्सप्लेन इट।’ पहला अंधा बोला, ‘दीवार और सत्ता का निकट संबंध है। पहले वोटों के लिए जाति, धर्म, संप्रदाय की दीवारें खड़ी कर दो और फिर कुर्सी के लिए विचारधारा की दीवारों को गिरा दो। देखना, दिल्ली में एक-दो दिन में यही सब होने वाला है।’
अब दूसरा अंधा हाथी के मुंह की तरफ बड़ा। उसने सूंड को हाथ लगाया तो बोल उठा, ‘यह दीवार नहीं, सर्प है, घातक जहरीला सांप।’ उसने टीवी पर किसी के मुंह से सुन रखा था कि सत्ता जहर के समान होती है। तो उसने अपना फैसला सुना दिया कि सत्ता या तो सांपनाथ होती होगी या नागनाथ। वैसे भी पिछले डेढ़ महीनों के दौरान लोकतंत्र के जंगल में इतना विष वमन हो चुका था कि उसे यह फैसला करने में देर नहीं लगी। तीसरा अंधा हाथी की पूंछ के पास पहुंचा। उसे छूकर बोला, ‘सत्ता रस्सी होती है, रस्सी। इसके सहारे खुद ऊपर चढ़ते जाओ। फिर अपने सगे-संबंधियांे को भी चढ़ा लो। सुना है कि कोई जीजाश्री सत्ता की ऐसी ही रस्सी के सहारे काफी ऊपर तक पहुंच गए हैं।’ अब चौथे की बारी थी। उसने हाथी के पैर को छुआ तो ऐसा उत्साह से भर गया मानो सत्ता का रहस्य उसी ने ढूंढ़ लिया हो। चिल्लाकर बोला, ‘सत्ता और कुछ नहीं, पेड़ का तना है। आंधी चल रही हो तो इससे चिपक जाओ। उड़ोगे नहीं और फिर लता की तरह उस पर रेंगते रहो। देखना, अब जल्द ही ऐसी ही कई लताएं फलती-फूलती नजर एंगी।’पांचवें अंधे ने हाथी के कानों को छुआ तो बोला, ‘तुम सब गलत हो। सत्ता तो सूपड़ा है। सूपड़े का तो नेचर ही होता है कि जो काम के नहीं हैं, हल्के हैं, उन्हें झटक दो। भारी वहीं बने रहते हैं। पिछले 60 साल से सत्ता का यह हाथी ऐसे ही काम करते आया है।
’छठे ने सोचा, बहुत बकवास हो गई। मैं देखता हूं। वह हाथी के दांतों के पास पहुंचा और उन्हें छूकर बोलो, ‘अरे मूर्खो, सत्ता तो तलवार है, दोधारी तलवार। सही इस्तेमाल करोगे तो यह आपकी जीत का मार्ग प्रशस्त करेगी, लेकिन जरा-सी लापरवाही आपको ही काट देगी। सुना है कोई नया आदमी अब तलवार घुमाने आने वाला है।’तो छह अंधे, छह बातें। यानी कन्फ्यूजन ही कन्फ्यूजन। इतने में पास से एक समझदार किस्म का बंदा गुजरा। शायद वह कोई विश्लेषक था और पिछले डेढ़ महीने से टीवी पर आ-आकर और भी समझदार बन गया था। अब अंधों ने उसे ही फैसला करने को कहा। उसने कहा, ‘तुम सब सही हो। सत्ता का हाथी ऐसा ही होता है। अच्छी बात यह है कि तुम लोगों ने अंधे होकर भी सत्ता के इस हाथी को पहचान लिया, जबकि अनेक आंख वाले देखकर भी अंधे बने रहते हैं। इसीलिए सत्ता का यह हाथी अपनी चाल चलता रहता है।’

’छठे ने सोचा, बहुत बकवास हो गई। मैं देखता हूं। वह हाथी के दांतों के पास पहुंचा और उन्हें छूकर बोलो, ‘अरे मूर्खो, सत्ता तो तलवार है, दोधारी तलवार। सही इस्तेमाल करोगे तो यह आपकी जीत का मार्ग प्रशस्त करेगी, लेकिन जरा-सी लापरवाही आपको ही काट देगी। सुना है कोई नया आदमी अब तलवार घुमाने आने वाला है।’तो छह अंधे, छह बातें। यानी कन्फ्यूजन ही कन्फ्यूजन। इतने में पास से एक समझदार किस्म का बंदा गुजरा। शायद वह कोई विश्लेषक था और पिछले डेढ़ महीने से टीवी पर आ-आकर और भी समझदार बन गया था। अब अंधों ने उसे ही फैसला करने को कहा। उसने कहा, ‘तुम सब सही हो। सत्ता का हाथी ऐसा ही होता है। अच्छी बात यह है कि तुम लोगों ने अंधे होकर भी सत्ता के इस हाथी को पहचान लिया, जबकि अनेक आंख वाले देखकर भी अंधे बने रहते हैं। इसीलिए सत्ता का यह हाथी अपनी चाल चलता रहता है।’
Friday, May 23, 2014
23000 तक आ सकता है सोना
कोटा। आने वाले 3 से 4 महीनों में सोने के भाव 23,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक आ सकते हैं। पिछले दो दिन में सोने की कीमतों में 1000 रुपए तक की गिरावट आई है। हाजिर बाजारों में सोना 28,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के नीचे आ गया है। मुंबई, जयपुर और अहमदाबाद में भी सोने का दाम काफी गिर गया है। वहीं वायदा बाजार में सोना गिरावट के साथ 27,200 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है।
ज्वैलरों के मुताबिक अगले 3 से 4 महीने में सोना 23000-24000 रुपये हो जाएगी। दरअसल आरबीआई के सोने के आयात में ढील देने से सोने पर लगने वाला प्रीमियम कम हो गया है। जिसके कारण कीमतों में भारी गिरावट आई है।
क्यों आ रही गिरावट ?
पिछले साल आरबीआई ने वित्तीय घाटे को कम करने के लिए और रूपए को मजबूत करने सोने के इंपोर्ट के नियम सख्त कर दिए थे। सिर्फ बैंको को सोने के इंपोर्ट की इजाजत दी थी। लेकिन अब आरबीआई ने इन नियमों में ढील देकर स्टार ट्रेडिंग हाउस और प्रीमियर ट्रेडिंग हाउस को भी इंपोर्ट की मंजूरी दे दी है।
डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार मजबूत हो रहा है जिसके कारण सोने की कीमतों पर दबाव देखने को मिल रहा है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 11 महीने की ऊंचाई पर है। फॉरेक्स एक्सपर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में एक डॉलर की कीमत 58 रुपए से भी कम हो सकती है। जिससे सोना और सस्ता होगा।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1300 डॉलर नीचे कारोबार कर रहा है। जिसका असर घरेलू बाजार पर देखने को मिल रहा है। दरअसल, दुनिया भर के निवेशक अब सोने से पैसा निकाल रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड ईटीएफ एसपीडीआर गोल्ड की होल्डिंग गिरकर 780 टन के स्तर पर आ गई है, जो पिछले 6 साल का निचला स्तर है। पिछले 2 महीने में इसकी होल्डिंग से करीब 2,200 डॉलर बाहर हो चुके हैं।
ज्वैलरों के मुताबिक अगले 3 से 4 महीने में सोना 23000-24000 रुपये हो जाएगी। दरअसल आरबीआई के सोने के आयात में ढील देने से सोने पर लगने वाला प्रीमियम कम हो गया है। जिसके कारण कीमतों में भारी गिरावट आई है।
क्यों आ रही गिरावट ?
पिछले साल आरबीआई ने वित्तीय घाटे को कम करने के लिए और रूपए को मजबूत करने सोने के इंपोर्ट के नियम सख्त कर दिए थे। सिर्फ बैंको को सोने के इंपोर्ट की इजाजत दी थी। लेकिन अब आरबीआई ने इन नियमों में ढील देकर स्टार ट्रेडिंग हाउस और प्रीमियर ट्रेडिंग हाउस को भी इंपोर्ट की मंजूरी दे दी है।
डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार मजबूत हो रहा है जिसके कारण सोने की कीमतों पर दबाव देखने को मिल रहा है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 11 महीने की ऊंचाई पर है। फॉरेक्स एक्सपर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में एक डॉलर की कीमत 58 रुपए से भी कम हो सकती है। जिससे सोना और सस्ता होगा।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1300 डॉलर नीचे कारोबार कर रहा है। जिसका असर घरेलू बाजार पर देखने को मिल रहा है। दरअसल, दुनिया भर के निवेशक अब सोने से पैसा निकाल रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड ईटीएफ एसपीडीआर गोल्ड की होल्डिंग गिरकर 780 टन के स्तर पर आ गई है, जो पिछले 6 साल का निचला स्तर है। पिछले 2 महीने में इसकी होल्डिंग से करीब 2,200 डॉलर बाहर हो चुके हैं।
अब हवा से चलेगी गाड़ी
चंद महीनों बाद आपको गाड़ी दौड़ाने के लिए पेट्रोल, डीजल या अन्य किसी फ्यूल की जरूरत नहीं होगी। आपकी गाड़ी प्राकृतिक हवा से ऊर्जा लेकर चलेगी। सुनने में ये अजीब लग सकता है, लेकिन यह करिश्मा ग्वालियर के यादवेंद्र सिंह परिहार ने कर दिखाया है जो मथुरा के हिंदुस्तान कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में ऑटोमोबाइल की पढ़ाई कर रहे हैं।
यादवेंद्र की कार प्राकृतिक हवा का उपयोग करके अपने लिए ऊर्जा बनाएगी। इसके लिए किसी तरह के फ्यूल या अन्य मेंटेनेंस के भारी खर्चे की जरूरत नहीं पड़ेगी। कॉलेज के निदेशक डॉ. आरके उपाध्याय का कहना है कि ये ऑटोमोबाइल सेक्टर में नए युग की शुरुआत है। इस मॉडल के जरिए गाड़ी तैयार करने में जो भी खर्चा होगा, उसके लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इनके अलावा संस्थान के ऑटोमोबाइल उद्योग के विभागाध्यक्ष वाईसी धोटे ने इस खोज को कार सेक्टर में मील का पत्थर बताया है, क्योंकि ये ईंधन तो बचाएगी ही और ईको फ्रेंडली भी होगी।
इस तरह काम करेगी कार
यह एक हाइब्रिड कार है। सामान्य कारें पेट्रोल के अलावा बिजली से चलती हैं। लेकिन इनकी बैटरी क्षमता कम होती है, उसे बार-बार चार्ज करना पड़ता है। लेकिन यह कार उच्च दाब वाली हवा और बिजली का समावेश है। इसमें ला ऑयन बैटरी से बिजली दी जाएगी और हवा के लिए कार्बन फाइबर सिलेंडर लगाए गए हैं।
इसको चलाने के लिए सिर्फ एक दफा बिजली देनी होगी। इसके बाद चालीस किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड पकड़ने के बाद 4500 पीएसआई (ऊर्जा का मापक) पर एयर सिलेंडर में स्वत: हवा भरने लगेगी। इसका इंजन प्राकृतिक हवा को कंज्यूम करने लगेगा और गाड़ी दौड़ने लगेगी। अभी इसकी गति को चार सौ किलोमीटर तक ले जाने का प्रयास किया जा रहा है।
पेटेंट के लिए अमेरिका भेजने की तैयारी
यादवेंद्र के मॉडल को कॉलेज प्रशासन अमेरिका पेटेंट के लिए भेजने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सभी आवश्यक दस्तावेज जुटा लिए गए हैं। दो महीने के अंदर इसे भेज भी दिया जाएगा।
- प्रोफेसर पीके शर्मा, अधिशासी निदेशक, हिन्दुस्तान कॉलेज
पिता को किया समर्पित
करीब दो साल पहले मुझे इस मॉडल का ख्याल आया था। मैंने इसे अपने पिता को समर्पित किया है। इसलिए गाड़ी का नाम भी उन्हीं के नाम पर बृजनरेश द नेचर कार रखा है। -
यादवेंद्र सिंह परिहार, खोजकर्ता
यादवेंद्र की कार प्राकृतिक हवा का उपयोग करके अपने लिए ऊर्जा बनाएगी। इसके लिए किसी तरह के फ्यूल या अन्य मेंटेनेंस के भारी खर्चे की जरूरत नहीं पड़ेगी। कॉलेज के निदेशक डॉ. आरके उपाध्याय का कहना है कि ये ऑटोमोबाइल सेक्टर में नए युग की शुरुआत है। इस मॉडल के जरिए गाड़ी तैयार करने में जो भी खर्चा होगा, उसके लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इनके अलावा संस्थान के ऑटोमोबाइल उद्योग के विभागाध्यक्ष वाईसी धोटे ने इस खोज को कार सेक्टर में मील का पत्थर बताया है, क्योंकि ये ईंधन तो बचाएगी ही और ईको फ्रेंडली भी होगी।
इस तरह काम करेगी कार
यह एक हाइब्रिड कार है। सामान्य कारें पेट्रोल के अलावा बिजली से चलती हैं। लेकिन इनकी बैटरी क्षमता कम होती है, उसे बार-बार चार्ज करना पड़ता है। लेकिन यह कार उच्च दाब वाली हवा और बिजली का समावेश है। इसमें ला ऑयन बैटरी से बिजली दी जाएगी और हवा के लिए कार्बन फाइबर सिलेंडर लगाए गए हैं।
इसको चलाने के लिए सिर्फ एक दफा बिजली देनी होगी। इसके बाद चालीस किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड पकड़ने के बाद 4500 पीएसआई (ऊर्जा का मापक) पर एयर सिलेंडर में स्वत: हवा भरने लगेगी। इसका इंजन प्राकृतिक हवा को कंज्यूम करने लगेगा और गाड़ी दौड़ने लगेगी। अभी इसकी गति को चार सौ किलोमीटर तक ले जाने का प्रयास किया जा रहा है।
पेटेंट के लिए अमेरिका भेजने की तैयारी
यादवेंद्र के मॉडल को कॉलेज प्रशासन अमेरिका पेटेंट के लिए भेजने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सभी आवश्यक दस्तावेज जुटा लिए गए हैं। दो महीने के अंदर इसे भेज भी दिया जाएगा।
- प्रोफेसर पीके शर्मा, अधिशासी निदेशक, हिन्दुस्तान कॉलेज
पिता को किया समर्पित
करीब दो साल पहले मुझे इस मॉडल का ख्याल आया था। मैंने इसे अपने पिता को समर्पित किया है। इसलिए गाड़ी का नाम भी उन्हीं के नाम पर बृजनरेश द नेचर कार रखा है। -
यादवेंद्र सिंह परिहार, खोजकर्ता
इंटरनेट यूज करने वाले इन बातों का रखें ध्यान

कोटा। सामान्यत: इंटरनेट की सुरक्षा को लेकर यूजर्स सजग और गंभीर नहीं होते। हालांकि टिकट रिजर्वेशन, ऑनलाइन शॉपिंग, मनी ट्रांजैक्शन या इमेल के द्वारा हमारी काफी महत्वपूर्ण और जरूरी चीजें इंटरनेट पर होती है, इन सब के बाद तो हमें इसकी सुरक्षा के प्रति काफी सजग होना चाहिए और इस नजरिए से हमारा मार्केट काफी सजग है। वहां ढेर सारे इंटरनेट सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं। परंतु इन्हें अपनाने से पहले उनकी श्रेष्ठता मापना भी काफी आवश्यक है। हम केवल लोकप्रियता और विज्ञापन के जरिए ही ऐसे सॉफ्टवेयर को बेहतर मानकर अपना लेते हैं। इसलिए यहां हम आपकी मदद के लिए महत्वपूर्ण पैरामीटर्स बता रहे हैं जिससे आपको सॉफ्टवेयर खरीदने में आसानी होगी, और बेखौफ होकर आप इंटरनेट पर महत्वपूर्ण दस्तावेज रख सकते हैं।
1. सिस्टम प्रोटेक्शन
आपके सॉफ्टवेयर में सिस्टम को डैमेज होने से बचाने की क्षमता होनी चाहिए। इसके अंदर वायरस, मैक्रो वायरस, वमर््स, मालवेयर, स्पाइवेयर, रूटकिट्स और ट्रोजन को बेअसर करने की योग्यता होनी चाहिए।
जब कभी हम एक्सटर्नल डिवाइस को अपने पीसी के साथ कनेक्ट करते हैं तो ये जरूरी है कि उस सॉफ्टवेयर को स्कैन किया जाए। पीसी को नए तरह के खतरों से बचाने के लिए ये सॉफ्टवेयर कुछ दृष्टिकोणों का अनुसरण कर सकता है। पहला सिग्नेचर पर आधारित दृष्टिकोण जो डेटाबेस में वायरस डिफिनेशन को स्वत: अपडेट करता है, दूसरा अनुगामी दृष्टिकोण जो खतरे की पहचान के लिए अपनी यूनीक आइडेंटिटी एल्गोरिद्म का अनुसरण करे।
2. फायरवाल प्रोटेक्शन
इंटरनेट के उपयोग से आप दुनिया से जुड़ जाते हैं। इस दौरान फायरवाल ही ऐसा सॉफ्टवेयर है जो आपको संदिग्ध इनकमिंग ट्रैफिक से बचाता है। उसी तरह फायरवाल में आउटगोइंग जानकारी को जांचने की भी क्षमता होनी चाहिए। कई सारे ऐसे इंट्रूडर हैं जो आपकी पीसी में प्रवेश कर सकते हैं और उस समय आपका फायरवाल सुरक्षा कवच की तरह काम करता है और तो और आपको चेतावनी भी देता है। फायरवाल इस तरह की समस्याओं से छुटकारा दिलवाने वाला होना चाहिए। इसलिए आपको ऐसा फायरवाल देखना चाहिए जो इनकमिंग और आउटगोइंग दोनों ही पर नजर रखे।
3. पैरेंटल कंट्रोल
चैटिंग करना, गाने सुनना तथा गेम खेलना इस तरह की चीजें बच्चे इंटरनेट पर ज्यादा करते हैं, लेकिन कब वह गलत वेबसाइट की ओर रुख कर लेते हैं उन्हें भी पता नहीं चलता। ऐसे में पैरेंटल कंट्रोल आपके इंटरनेट सिक्योरिटी सूट पर उपलब्ध अनावश्यक कंटेंट ब्लॉक कर देगा। अधिकतर सॉफ्टवेयर में इस तरह की खूबियां होती हैं। बस आपको निर्णय लेना है कि उनमें से कौन सा सॉफ्टवेयर सही रहेगा।
4. वेबसाइट एडवाइजर
किसी भी तरह की जानकारी के लिए आप सामान्य रूप में सर्च इंजन (गूगल) में कीवर्ड टाइप करते हैं। जवाब में आपको उस कीवर्ड से संबधित कई सारी वेबसाइटों के लिंक उपलब्ध हो जाते हैं। लेकिन इनमें से कौन सी सही वेबसाइट है और कौन सी गलत इसको जानने के लिए आप वेबसाइट एडवाइजर का सहारा ले सकते हैं। वेबसाइट एडवाइजर इस तरह की परिस्थितियों में बहुत ही सहायक साबित होता है।
5. एंटी एडवेयर और एंटी स्पाइवेयर
वर्तमान में ऐसे कई सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं जो स्पांसर्ड फ्रीवेयर कोड मुहैया करवा रहे हैं। इसके लिए सिर्फ आपका रजिस्ट्रेशन चाहिए। सामान्यत: यह एडवेयर की सहायता से किया जाता है। दुर्भाग्य से कुछ फ्रीवेयर एप्लिकेशन ऐसे होते हैं जो कि आपकी सर्फिंग की आदतों के अनुसार एडवेयर ट्रैक फॉलो करते हुए तमाम तरह के एड भेजते हैं। जब भी एडवेयर इस तरह की हानि पहुंचाने वाला रुख अख्तियार कर ले तब हमें स्पाईवेयर कैटगरी की ओर मूव करना चाहिए। ऐसे में वैसे सिक्योरिटी सूट को चुनिए जो अवांछित एडवरटाइजमेंट और ऑफर्स को ब्लॉक कर सके।
आपकी चाल पर घूमेगा आपका 'स्मार्ट' पंखा
कोटा । क्या आपने कभी सोचा है कि आपका पंखा खुद आपकी ओर घूमकर हवा दे? अगर नहीं, तो अब सोचिए। जापान ने एक ऐसा 'स्मार्ट' पंखा तैयार किया है जो आपके हिसाब से घूमेगा। इतना ही नहीं, आपके कमरा छोड़ते ही यह बंद भी हो जाएगा।
ह्यूमन सेंसिंग की खासियत वाला यह पंखा अपनी रेंज में किसी के आते ही उसे हवा देना शुरूकर देता है। खास किस्म के इंफ्रारेड सेंसर से युक्त इस पंखे से हवा सिर्फ उस व्यक्ति को ही मिलती है, इधर-उधर की खाली जगह को नहीं। इसे बनाने वाली जापानी कंपनी आइरिस ओहयामा इंक ने कहा कि यह 85 डिग्री तक घूम सकता है और इससे कमरे में उपस्थित व्यक्ति को हवा मिलती है। यह सामान्य पंखों की तरह घूमकर खाली जगह पर हवा नहीं फेंकता। अगर एक मिनट तक इसकी रेंज में कोई नहीं दिखाई देता तो यह खुद बंद हो जाता है। कंपनी ने कहा कि यह एक से ज्यादा लोगों को भी ट्रैक करता है। अगर इसकी रेंज में एक से ज्यादा व्यक्ति होते हैं तो यह उन सभी की ओर घूमते हुए हवा देता है। इस पंखे की कीमत 176 डॉलर ([लगभग 10,000 रुपए)] रखी गई है।
ह्यूमन सेंसिंग की खासियत वाला यह पंखा अपनी रेंज में किसी के आते ही उसे हवा देना शुरूकर देता है। खास किस्म के इंफ्रारेड सेंसर से युक्त इस पंखे से हवा सिर्फ उस व्यक्ति को ही मिलती है, इधर-उधर की खाली जगह को नहीं। इसे बनाने वाली जापानी कंपनी आइरिस ओहयामा इंक ने कहा कि यह 85 डिग्री तक घूम सकता है और इससे कमरे में उपस्थित व्यक्ति को हवा मिलती है। यह सामान्य पंखों की तरह घूमकर खाली जगह पर हवा नहीं फेंकता। अगर एक मिनट तक इसकी रेंज में कोई नहीं दिखाई देता तो यह खुद बंद हो जाता है। कंपनी ने कहा कि यह एक से ज्यादा लोगों को भी ट्रैक करता है। अगर इसकी रेंज में एक से ज्यादा व्यक्ति होते हैं तो यह उन सभी की ओर घूमते हुए हवा देता है। इस पंखे की कीमत 176 डॉलर ([लगभग 10,000 रुपए)] रखी गई है।