Friday, May 23, 2014

इंटरनेट यूज करने वाले इन बातों का रखें ध्यान

दिनेश माहेश्वरी
कोटा। 
  सामान्यत: इंटरनेट की सुरक्षा को लेकर यूजर्स सजग और गंभीर नहीं होते। हालांकि टिकट रिजर्वेशन, ऑनलाइन शॉपिंग, मनी ट्रांजैक्शन या इमेल के द्वारा हमारी काफी महत्वपूर्ण और जरूरी चीजें इंटरनेट पर होती है, इन सब के बाद तो हमें इसकी सुरक्षा के प्रति काफी सजग होना चाहिए और इस नजरिए से हमारा मार्केट काफी सजग है। वहां ढेर सारे इंटरनेट सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं। परंतु इन्हें अपनाने से पहले उनकी श्रेष्ठता मापना भी काफी आवश्यक है। हम केवल लोकप्रियता और विज्ञापन के जरिए ही ऐसे सॉफ्टवेयर को बेहतर मानकर अपना लेते हैं। इसलिए यहां हम आपकी मदद के लिए महत्वपूर्ण पैरामीटर्स बता रहे हैं जिससे आपको सॉफ्टवेयर खरीदने में आसानी होगी, और बेखौफ होकर आप इंटरनेट पर महत्वपूर्ण दस्तावेज रख सकते हैं।
1. सिस्टम प्रोटेक्शन
आपके सॉफ्टवेयर में सिस्टम को डैमेज होने से बचाने की क्षमता होनी चाहिए। इसके अंदर वायरस, मैक्रो वायरस, वमर््स, मालवेयर, स्पाइवेयर, रूटकिट्स और ट्रोजन को बेअसर करने की योग्यता होनी चाहिए।
जब कभी हम एक्सटर्नल डिवाइस को अपने पीसी के साथ कनेक्ट करते हैं तो ये जरूरी है कि उस सॉफ्टवेयर को स्कैन किया जाए। पीसी को नए तरह के खतरों से बचाने के लिए ये सॉफ्टवेयर कुछ दृष्टिकोणों का अनुसरण कर सकता है। पहला सिग्नेचर पर आधारित दृष्टिकोण जो डेटाबेस में वायरस डिफिनेशन को स्वत: अपडेट करता है, दूसरा अनुगामी दृष्टिकोण जो खतरे की पहचान के लिए अपनी यूनीक आइडेंटिटी एल्गोरिद्म का अनुसरण करे।
2. फायरवाल प्रोटेक्शन
इंटरनेट के उपयोग से आप दुनिया से जुड़ जाते हैं। इस दौरान फायरवाल ही ऐसा सॉफ्टवेयर है जो आपको संदिग्ध इनकमिंग ट्रैफिक से बचाता है। उसी तरह फायरवाल में आउटगोइंग जानकारी को जांचने की भी क्षमता होनी चाहिए। कई सारे ऐसे इंट्रूडर हैं जो आपकी पीसी में प्रवेश कर सकते हैं और उस समय आपका फायरवाल सुरक्षा कवच की तरह काम करता है और तो और आपको चेतावनी भी देता है। फायरवाल इस तरह की समस्याओं से छुटकारा दिलवाने वाला होना चाहिए। इसलिए आपको ऐसा फायरवाल देखना चाहिए जो इनकमिंग और आउटगोइंग दोनों ही पर नजर रखे।
3. पैरेंटल कंट्रोल
चैटिंग करना, गाने सुनना तथा गेम खेलना इस तरह की चीजें बच्चे इंटरनेट पर ज्यादा करते हैं, लेकिन कब वह गलत वेबसाइट की ओर रुख कर लेते हैं उन्हें भी पता नहीं चलता। ऐसे में पैरेंटल कंट्रोल आपके इंटरनेट सिक्योरिटी सूट पर उपलब्ध अनावश्यक कंटेंट ब्लॉक कर देगा। अधिकतर सॉफ्टवेयर में इस तरह की खूबियां होती हैं। बस आपको निर्णय लेना है कि उनमें से कौन सा सॉफ्टवेयर सही रहेगा।
4. वेबसाइट एडवाइजर
किसी भी तरह की जानकारी के लिए आप सामान्य रूप में सर्च इंजन (गूगल) में कीवर्ड टाइप करते हैं। जवाब में आपको उस कीवर्ड से संबधित कई सारी वेबसाइटों के लिंक उपलब्ध हो जाते हैं। लेकिन इनमें से कौन सी सही वेबसाइट है और कौन सी गलत इसको जानने के लिए आप वेबसाइट एडवाइजर का सहारा ले सकते हैं। वेबसाइट एडवाइजर इस तरह की परिस्थितियों में बहुत ही सहायक साबित होता है।
5. एंटी एडवेयर और एंटी स्पाइवेयर
वर्तमान में ऐसे कई सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं जो स्पांसर्ड फ्रीवेयर कोड मुहैया करवा रहे हैं। इसके लिए सिर्फ आपका रजिस्ट्रेशन चाहिए। सामान्यत: यह एडवेयर की सहायता से किया जाता है। दुर्भाग्य से कुछ फ्रीवेयर एप्लिकेशन ऐसे होते हैं जो कि आपकी सर्फिंग की आदतों के अनुसार एडवेयर ट्रैक फॉलो करते हुए तमाम तरह के एड भेजते हैं। जब भी एडवेयर इस तरह की हानि पहुंचाने वाला रुख अख्तियार कर ले तब हमें स्पाईवेयर कैटगरी की ओर मूव करना चाहिए। ऐसे में वैसे सिक्योरिटी सूट को चुनिए जो अवांछित एडवरटाइजमेंट और ऑफर्स को ब्लॉक कर सके।

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