कोटा। स्नैपचैट को खरीदने में नाकाम रहने के बाद फे
स्लिंगशॉट ऐप के जरिए कंपनी यूजर्स को फोटो या वीडियो भेजने की सुविधा देगी। किसी एक कॉन्टैक्ट को भेजे गए फोटो या वीडियो को डिलीट होने से पहले सिर्फ एक बार देखा जा सकेगा।
वर्ष 2012 में फेसबुक ने स्नैपचैट के मुकाबले 'पोक' नाम से सर्विस लांच की थी, लेकिन यह यूजर्स, खास तौर पर युवाओं के बीच लोकप्रिय नहीं हो पाई।हाल में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलहाल युवा यूजर्स फेसबुक के मुकाबले स्नैपचैट पर ज्यादा फोटो-वीडियो अपलोड करते हैं। स्नैपचैट पर हर रोज करीब 40 करोड़ फोटो-वीडियो अपलोड किए जाते हैं, जबकि फेसबुक पर यह संख्या 35 करोड़ ही है। गौरतलब है कि फेसबुक ने स्नैपचैट को 3 अरब डॉलर में खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो पाई।
सबुक अपनी खुद की वीडियो चैट सर्विस डेवलप करने पर काम कर रही है। फिलहाल कंपनी ने इसका नाम 'स्लिंगशॉट' रखा है।
स्लिंगशॉट ऐप के जरिए कंपनी यूजर्स को फोटो या वीडियो भेजने की सुविधा देगी। किसी एक कॉन्टैक्ट को भेजे गए फोटो या वीडियो को डिलीट होने से पहले सिर्फ एक बार देखा जा सकेगा।
वर्ष 2012 में फेसबुक ने स्नैपचैट के मुकाबले 'पोक' नाम से सर्विस लांच की थी, लेकिन यह यूजर्स, खास तौर पर युवाओं के बीच लोकप्रिय नहीं हो पाई।हाल में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलहाल युवा यूजर्स फेसबुक के मुकाबले स्नैपचैट पर ज्यादा फोटो-वीडियो अपलोड करते हैं। स्नैपचैट पर हर रोज करीब 40 करोड़ फोटो-वीडियो अपलोड किए जाते हैं, जबकि फेसबुक पर यह संख्या 35 करोड़ ही है। गौरतलब है कि फेसबुक ने स्नैपचैट को 3 अरब डॉलर में खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो पाई।
सबुक अपनी खुद की वीडियो चैट सर्विस डेवलप करने पर काम कर रही है। फिलहाल कंपनी ने इसका नाम 'स्लिंगशॉट' रखा है।
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