Thursday, May 8, 2014

घर खरीदने से पहले जांच लें दस्तावेज

कोटा। हम घर या फ्लैट खरीदते वक्त लोकेशन, कीमत और पजेशन डेट के बारे में बात करते हैं। यह अहम बातें तो हैं ही लेकिन कोई घर-फ्लैट लेने से पहले आपको कुछ जरूरी दस्तावेज भी देख लेने चाहिए। ये दस्तावेज आपको घर पर कानूनी और जायज हक दिलाने के लिए बेहद अहम हैं। बता रही हैं चंद्रलेखा मुखर्जीः
कंस्ट्रक्शिन क्लियरेंस
किसी भी प्रॉपर्टी पर निर्माण शुरू करने के लिए एक 'सर्टिफिकेट ऑफ कमेंसमेंट' जरूरी होता है। यह सर्टिफिकेट टाउन प्लानिंग और इंजिनियरिंग डिपार्टमेंट जारी करते हैं।
एरिया का मास्टर प्लान
अक्सर बिल्डर बताते हैं कि आपकी प्रॉपर्टी के क्षेत्र में भविष्य में मेट्रो या हाइवे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट होने वाली है। उनका यकीन करने के बजाय आप एरिया मास्टर प्लान को देख सकते हैं। यह आसानी से टाउन प्लानिंग डिपार्टमेंट से मिल जाते हैं।
लैंड यूज सर्टिफिकेट
कमर्शल या इंडस्ट्रियल जोन पर रेसिडेंशल कॉम्प्लैक्स बनाना अवैध है। इसीलिए जरूरी है कि आप प्रॉपर्टी या फ्लैट लेने से पहले लैंड यूज सर्टिफिकेट देख लें। अगर आपकी प्रॉपर्टी 'कंन्वर्टेड' जोन में आती है तो रेसिडेंशल निर्माण के लिए तहसीलदार या कमिश्नर की ओर से दी गई इजाजत देख लें।
अप्रूव्ड प्लानिंग
एक ऐडिशनल चेक और कर लें। वेरिफाई करें कि आपका बिल्डिंग, फ्लोर और लेआउट प्लान, अप्रूव्ड है या नहीं। लेआउट नैशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया के हिसाब से ही होना चाहिए।
लैंड रेकॉर्ड
टाइटल डीड सबसे जरूरी चीज है क्योंकि यह प्रॉपट्री के स्वामित्व, हक, कर्ज जैसी बातों की जानकारी देती है। इससे साफ हो जाता है कि जमीन रजिस्टर्ड है और सही स्वामित्व में है। बिल्डर से इसकी कॉपी लेकर आप लैंड रेकॉर्ड ऑफिस में चेक कर सकते हैं।
नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी)
बिल्डर से मांगने पर आपको अर्बन लैंड सीलिंग एनओसी (जरूरी हो तो), इन्वायरनमेंट क्लियरेंस एनओसी के साथ-साथ इलेक्ट्रिसिटी, वॉटर और लिफ्ट (अगर हो तो) अथॉरिटीज से मिली अलग-अलग एनओसी की कॉपी मिल सकती है।

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