दिनेश माहेश्वरी
कोटा। 'एक समय था जब इतने पैसे नहीं थे कि मां की इच्छा पूरी कर पाता। मां की इच्छा भी खुद से नहीं बल्कि जनहित से जुड़ी थी। इलाज के लिए जब वे एक बार जयपुर गईं तो एसएमएस हॉस्पिटल के सामने एक धर्मशाला में रुकीं। उस समय उन्होंने मुझसे कहा-बेटा कभी हमारे पास भी इतना पैसा हो जाता कि हम भी ऐसी धर्मशाला बनवा पाते। जिसमें मरीज के परिजनों को नि:शुल्क सुविधा मिलती।'
मां तो अब नहीं रहीं, लेकिन उनकी बातें शहर के जानेमाने उद्योगपति गोविंदराम मित्तल को आज भी हूबहू याद हैं। इसलिए वे अब मेडिकल कॉलेज परिसर में 100 कमरों की धर्मशाला बनवाने जा रहे हैं। जिसकी लागत करीब दो करोड़ होगी। मित्तल ने बताया कि यह धर्मशाला 10 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में उनकी मां मेवा देवी की स्मृति में बनाई जा रही है। इसके लिए शनिवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ से अनुमति मिल गई। वे विधायक प्रहलाद गुंजल के नेतृत्व में राठौड़ से मिले थे। उन्होंने धर्मशाला का प्रपोजल देखने के बाद उन्हें स्वीकृति दे दी। जिसका निर्माण एक साल में पूरा हो जाएगा।
ऑटोमैटिक होगी सफाई
मित्तल ने बताया कि धर्मशाला में बनने वाले लैट-बाथ आधुनिक होंगे, जिनकी सफाई भी ऑटोमेटिक होगी। इसमें सुविधा की हर बातों का ध्यान रखा जाएगा, जिससे तीमारदारों को कभी कोई परेशानी न हो।
रियायती दर पर मिलेगा खाना
ठहरने की व्यवस्था निशुल्क रहेगी। लेकिन, खाने-पीने शुल्क लगेंगे, इसमें भी काफी रियायत रहेगी। मित्तल ने कहा कि परिसर में धर्मशाला बन जाने से तीमारदारों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। वे अपने मरीजों की ठीक ढंग से देखभाल कर सकेंगे।
कोटा। 'एक समय था जब इतने पैसे नहीं थे कि मां की इच्छा पूरी कर पाता। मां की इच्छा भी खुद से नहीं बल्कि जनहित से जुड़ी थी। इलाज के लिए जब वे एक बार जयपुर गईं तो एसएमएस हॉस्पिटल के सामने एक धर्मशाला में रुकीं। उस समय उन्होंने मुझसे कहा-बेटा कभी हमारे पास भी इतना पैसा हो जाता कि हम भी ऐसी धर्मशाला बनवा पाते। जिसमें मरीज के परिजनों को नि:शुल्क सुविधा मिलती।'
मां तो अब नहीं रहीं, लेकिन उनकी बातें शहर के जानेमाने उद्योगपति गोविंदराम मित्तल को आज भी हूबहू याद हैं। इसलिए वे अब मेडिकल कॉलेज परिसर में 100 कमरों की धर्मशाला बनवाने जा रहे हैं। जिसकी लागत करीब दो करोड़ होगी। मित्तल ने बताया कि यह धर्मशाला 10 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में उनकी मां मेवा देवी की स्मृति में बनाई जा रही है। इसके लिए शनिवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ से अनुमति मिल गई। वे विधायक प्रहलाद गुंजल के नेतृत्व में राठौड़ से मिले थे। उन्होंने धर्मशाला का प्रपोजल देखने के बाद उन्हें स्वीकृति दे दी। जिसका निर्माण एक साल में पूरा हो जाएगा।
ऑटोमैटिक होगी सफाई
मित्तल ने बताया कि धर्मशाला में बनने वाले लैट-बाथ आधुनिक होंगे, जिनकी सफाई भी ऑटोमेटिक होगी। इसमें सुविधा की हर बातों का ध्यान रखा जाएगा, जिससे तीमारदारों को कभी कोई परेशानी न हो।
रियायती दर पर मिलेगा खाना
ठहरने की व्यवस्था निशुल्क रहेगी। लेकिन, खाने-पीने शुल्क लगेंगे, इसमें भी काफी रियायत रहेगी। मित्तल ने कहा कि परिसर में धर्मशाला बन जाने से तीमारदारों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। वे अपने मरीजों की ठीक ढंग से देखभाल कर सकेंगे।
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