कोटा। रसोई गैस उपभोक्ता जब किसी भी गैस एजेंसी से कनेक्शन लेता है तो स्वत: उसका दुर्घटना बीमा हो जाता है। इसके लिए उपभोक्ता को कोई अतिरिक्त धनराशि नहीं देनी पड़ती। दुर्घटना की स्थिति में मृतक आश्रित को दावा करने पर 10 लाख रुपये तक दिए जाते हैं।
इंडियन ऑयल कारपोरेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक राजीव रंजन के अनुसार ईश्वर न करे कि कभी किसी के साथ कोई हादसा हो मगर ऐसा कभी कुछ हो ही जाए तो बीमा प्राप्त करने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर मृतक आश्रित को धनराशि उपलब्ध कराई जाती है।
उन्होंने बताया कि कंपनी के निर्देश पर उपभोक्ताओं का बीमा गैस एजेंसी संचालकों द्वारा कराया जाता है। हादसा होने पर उपभोक्ता या उनके परिजन को क्लेम के लिए एजेंसी के पास जाना होता है। साथ में कनेक्शन के मूल कागजात व ब्लू बुक देनी होती हैं। एजेंसी द्वारा सभी मूल कागजात इंडियन ऑयल कारपोरेशन को प्रेषित कर दिए जाते है। जांच के बाद कंपनी द्वारा बीमा कंपनी को अवगत करा दिया जाता है। बीमा कंपनी जांच के दौरान यदि थोड़ा नुकसान हुआ है तो उसके मुताबिक क्षति पूर्ति देती है। यह 10 हजार या फिर दस लाख भी हो सकता है।
इंडियन ऑयल कारपोरेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक राजीव रंजन के अनुसार ईश्वर न करे कि कभी किसी के साथ कोई हादसा हो मगर ऐसा कभी कुछ हो ही जाए तो बीमा प्राप्त करने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर मृतक आश्रित को धनराशि उपलब्ध कराई जाती है।
उन्होंने बताया कि कंपनी के निर्देश पर उपभोक्ताओं का बीमा गैस एजेंसी संचालकों द्वारा कराया जाता है। हादसा होने पर उपभोक्ता या उनके परिजन को क्लेम के लिए एजेंसी के पास जाना होता है। साथ में कनेक्शन के मूल कागजात व ब्लू बुक देनी होती हैं। एजेंसी द्वारा सभी मूल कागजात इंडियन ऑयल कारपोरेशन को प्रेषित कर दिए जाते है। जांच के बाद कंपनी द्वारा बीमा कंपनी को अवगत करा दिया जाता है। बीमा कंपनी जांच के दौरान यदि थोड़ा नुकसान हुआ है तो उसके मुताबिक क्षति पूर्ति देती है। यह 10 हजार या फिर दस लाख भी हो सकता है।
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