आप घूमने का प्लान बना रहे हैं तो क्यों न विदेश घूम आएं! अगर ऐसी कोई प्लानिंग है तो आपके फॉरन टूरिज़म को और सुखद बनाने के लिए एक्सपर्ट्स की मदद से जरूरी जानकारी दे रहे हैं
पासपोर्ट रखें तैयार
विदेश जाने की तैयारी की सबसे पहली सीढ़ी है पासपोर्ट बनवाना।
वीज़ा सबसे जरूरी
विदेश जाने के लिए जो सबसे जरूरी डॉक्युमेंट है, वह है वीज़ा। यह एक तरह से दूसरे देश का गेटपास है। इसके बिना आप किसी दूसरे देश में एंट्री नहीं ले सकते। इसे देने की जिम्मेदारी उस देश की होती है, जहां आप घूमने जा रहे हैं।
वीज़ा के बारे में खास बातें :
- वीज़ा बनाने की शर्तें हर देश अपने हिसाब से तय करता है।
- आपको कितने दिन का वीज़ा मिलेगा, यह तय करने का अधिकार संबंधित देश को ही है।
- लगभग हर देश से मिलने वाले वीज़ा की अधिकतम दिनों की सीमा अलग-अलग होती है। मिसाल के तौर पर अमेरिका एक साल में अधिकतम 90 दिन का टूरिस्ट वीज़ा देता है तो तजाकिस्तान 45 दिन का और फिजी 4 महीने का।
- वीज़ा बनवाने के लिए एम्बेसी के नियमानुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना होगा।
- वीज़ा डॉक्युमेंट्स में लगने वाली फोटो में आपका चेहरा साफ दिखना चाहिए। फोटो का बैकग्राउंड सफेद होना चाहिए और फोटो में कान बालों से ढके न होकर साफ नजर आने चाहिए। वैसे तो 4 फोटो से काम चल जाएगा लेकिन कम-से-कम 10 फोटो बनवा लें क्योंकि बाद में भी जरूरत होने पर एक सेट के फोटो देना ही बेहतर है।
तरह-तरह के वीज़ा
टूरिज़म और वीज़ा के लिहाज से दुनिया भर के देशों को चार कैटिगरी में बांटा जा सकता है :
1. वह देश, जो पहुंचने पर वीज़ा देते हैं। इसे ऑन अराइवल वीज़ा कहा जाता है। इस वक्त दुनिया में 57 ऐसे देश हैं, जहां वीज़ा के बिना या वहां जाकर वीज़ा लेने की सुविधा के साथ घूमने का प्लान बना सकते हैं। पहुंचने पर वीज़ा उस देश के एअरपोर्ट पर ही मिल जाता है, जहां ऑन अराइवल वीज़ा की सुविधा होती है (थाईलैंड, सिंगापुर आदि)।
2. ऐसे देश, जहां भारतीय नागरिकों को वीज़ा की जरूरत नहीं है (भूटान, नेपाल)।
3. ऐसे देश, जहां जाने से पहले आपको वीज़ा लेना पड़ता है (अमेरिका, यूके आदि)।
4. ऐसे देशों का ग्रुप, जिनका वीज़ा एक साथ ले सकते हैं। मसलन, शेनजेन वीज़ा कई यूरोपीय देशों में घूमने के लिए वैलिड होता है। मिसाल के तौर पर इटली, फ्रांस आदि।
किस बजट में कहां जाएं
ट्रैवल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर पहली बार विदेश यात्रा पर निकल रहे हैं तो बेहतर है किसी अच्छी ट्रैवल एजेंसी से पैकेज ही लेकर जाएं। इससे कई तरह के झंझटों से बच सकते हैं। टूर प्लानिंग के हिसाब से हम आपको सुझा रहे हैं कुछ ऐसे पैकेज, जिनसे आपको अपना बजट बनाने में मदद मिलेगी।
30,000-40,000 रुपये तक
भारत के पड़ोसी खूबसूरत देश सिंगापुर, थाईलैंड, मलयेशिया, हॉन्गकॉन्ग आदि
40,000-60,000 रुपये तक
मॉरिशस, मालदीव, चीन, इंडोनेशिया, यूएई (दुबई) और पूर्वी यूरोप के कुछ देश
60,000-1,50000 रुपये तक
ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड सहित यूरोप के कई देश जैसे कि स्विट्जरलैंड, यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ग्रीस आदि
1,50000- 3,00000 रुपये तक
अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, मैक्सिको जैसे देश (कीमतें 4 दिन, 3 रात के टूर के लिए 1 व्यक्ति पर आधारित)
करें स्मार्ट पैकिंग
पासपोर्ट और वीज़ा बन जाने के बाद अब वक्त है विदेश जाने की जमीनी तैयारी करने का, मतलब सामान पैक करने का। विदेश जाने के लिए आपको साथ में ले जा रहे सामान को लेकर भी सतर्क होना पड़ेगा।
- अच्छा होगा सामान पैक करने से पहले मोटे तौर पर एक लिस्ट बनाएं और जरूरत के हिसाब से बैग्स में पैक करें।
- क्या सामान हाथ में (केबिन बैग) लेकर जाना है और क्या सामान चेकइन (वह सामान, जो विमान के कार्गो सेक्शन में जाता है) करवाना है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि
क्या ले जाने की छूट है और क्या नहीं।
- केबिन में या हाथ में ले जाने बैग की लंबाई 55 सेमी चौड़ाई 40 सेमी और ऊंचाई 20 सेमी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इसका वजन भी 8 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए। बेहतर होगा आप इसे सही तरह से जांच लें, वरना बैग साथ न जाकर चेकइन करवाना पड़ेगा।
- बेहतर होगा ट्रॉली वाले ऐसे बैग लें, जिनमें चार पहिए हों। ऐसे बैग एयरपोर्ट और बाहर भी ले जाने के लिहाज से सुविधाजनक होते हैं।
- बैग बनाने वाली कई ब्रैंडेड कंपनियों के केबिन बैग भी मार्केट में मिल जाएंगे, जो पहले ही इंटरेनैशनल फ्लाइट की निर्धारित सीमा के हिसाब से बने होते हैं।
- बैग का वजन करने के लिए आप घर में मौजूद इंसानी वजन नापने वाली मशीन का भी सहारा ले सकते हैं।
- चेकइन बैग का वजन दुनिया भर की एअरलाइंस में अलग-अलग है। फिर भी यह 20 से 40 किलो के बीच है। अपनी एअरलाइंस या जिस ट्रैवेल एजेंसी से आपने टूर पैकेज लिया है, उससे सामान के वजन को लेकर मदद ली जा सकती है।
- तय सीमा से ज्यादा सामान होने पर आपको एक्स्ट्रा सामान के लिए पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
कहीं इनको न भूल जाना
समझें कस्टम के नियम कायदे
विदेश में खरीदारी का अपना आनंद है लेकिन खरीदारी करते वक्त यह भी ध्यान रहे कि विदेश से अपने देश में सामान लाने की भी सीमा है :
- विदेश से आने पर कस्टम क्लीयरेंस के लिए दो चैनलों रेड चैनल और ग्रीन चैनल से गुजरना पड़ता है।
- रेड चैनल के जरिए उस सामान को लाया जाता है, जिन पर ड्यूटी भरी जानी है और ग्रीन के जरिए उस सामान को क्लियर करवाया जाता है, जो ड्यूटी भरने के दायरे में नहीं आते।
- सीधा-सा नियम है कि 35,000 रुपये से ज्यादा कीमत के सामान पर 15 फीसदी के हिसाब से ड्यूटी भरनी पड़ेगी।
- 35,000 रुपये की इस लिमिट को फ्री-कैप कहते हैं। आपके सामान की कीमत का अंदाजा लगाते वक्त कस्टम आपके कपड़ों से लेकर बाकी सामान की कीमत भी जोड़ता है।
- फ्री-कैप को एक साथ जोड़ा नहीं जा सकता। मिसाल के तौर पर अगर कोई कपल विदेश यात्रा पर हैं तो उसके लिए कैप 70,000 रुपये न होकर 35,000 रुपये ही रहेगा।
- किसी भी तरह के नशे के सामान को न तो लेकर देश के बाहर जाने की इजाजत है और न ही देश में लेकर आने की इजाजत है।
- जूलरी से लेकर गैजेट्स भी उतने ही ला सकते हैं, जिनको लेकर कस्टम आश्वस्त हो कि यह केवल पर्सनल इस्तेमाल के लिए लाए जा रहे हैं।
- मिसाल के तौर पर एक इस्तेमाल किया हुआ लैपटॉप (अनपैक किया हुआ), पहनी हुई जूलरी, एक इलेक्ट्रॉनिक डायरी, एक विडियो कैमरा या स्टिल कैमरा आदि सामान आराम से लाए जा सकते हैं। बस ध्यान रहे कि मॉडल ज्यादा महंगे न हों और इस्तेमाल किए हुए जान पड़ रहे हों।
इनका साथ सबसे जरूरी
देश के बाहर घूमने का प्लान बनाने से पहले इनका साथ बहुत जरूरी है :
- मैट्रिक्स सहित रिलायंस और एयरटेल जैसी कंपनियां इंटरनैशनल कॉलिंग कार्ड उपलब्ध करा रही हैं। बेहतर होगा इसे यहीं से खरीद लें, ताकि आप पहुंचने से पहले ही यहां घरवालों को नंबर दे सकें। ये कंपनियां अब इंटरनेट डेटा भी उपलब्ध करवाती हैं। हो सके तो वह भी ले लें। इससे आप हर वक्त घरवालों से कनेक्ट रह सकेंगे। आप किसी देश जाकर भी प्री-पेड सिम खरीद सकते हैं। इसके लिए आपके पासपोर्ट और वीज़ा की कॉपी देनी होगी। बाहर जाकर खरीदे कनेक्शन को ऐक्टिवेट होने में एक दिन का वक्त तो लग ही जाता है।
- कई भारतीय बैंक कैश कार्ड की सुविधाएं दे रहे हैं। इसमें आप मनचाहे अमाउंट का रिचार्ज करा सकते हैं। इसकी अच्छी बात यह है कि इसमें पैसे खत्म हो जाने पर यहां मौजूद कोई दोस्त या घर का सदस्य इसे बताई रकम के साथ रिचार्ज करा सकता है।
- अपने मोबाइल और डिवाइस को चार्ज करने के लिए जिस देश में जा रहे हैं, वहां की पावर सप्लाई के हिसाब से एडॉप्टर खरीदना न भूलें। यूरोप और अमेरिका में एडॉप्टर के पिन भी अलग तरीके के होते हैं इसलिए इलेक्ट्रॉनिक शॉप या Amazon.in और eBay India जैसी साइट्स से भी आसानी से खरीद सकते हैं।
मनी मैनेजमेंट को जानें
विदेश जाने से पहले रुपयों के गणित को अच्छी तरह से समझ लें :
- विदेश यात्रा में आप 7500 रुपये कैश ही ले जा सकते हैं। यह नियम नेपाल और भूटान यात्रा पर लागू नहीं होता।
- साथ ही 50 हजार रुपये तक की विदेशी करेंसी ले जाई जा सकती है। - विदेशी करेंसी में 2000 यूएस डॉलर या इसके बराबर कैश और बाकी बची रकम को ट्रैवलर चेक या कैश कार्ड की तरह से ले जाया जा सकता है।
- फॉरन करेंसी को खरीदने के 60 दिन के अंदर उसे इस्तेमाल करने का नियम है। अगर इससे ज्यादा वक्त लग रहा है तो ऑथराइज्ड एजेंट के पास इसे सरेंडर कर दें।
- किसी भी कैलेंडर इयर में (जनवरी-दिसंबर) में 10,000 यूएस डॉलर तक फॉरन करेंसी ली जा सकती है।
- कोशिश करें कि कैश कम ले जाएं और पैसा ट्रैवलर चेक या कैश कार्ड के जरिए ही लेकर जाएं। इस तरह से न तो आपको कैश संभालने का टेंशन होगा और न फॉरेन करेंसी के हिसाब-किताब में आपको सिर खपाना पड़ेगा।
- विदेश से वापस आते वक्त फॉरन करेंसी लाने की कोई सीमा नहीं है। अगर करेंसी नोट या ट्रैवेलर चेकों की कीमत 10,000 यूएस डॉलर से ऊपर है या 5000 यूएस डॉलर से ज्यादा कैश है, तो एयरपोर्ट पर कस्टम के करेंसी डिक्लेरेशन फॉर्म (सीडीएफ) भरकर इसे डिक्लेयर करना पड़ेगा।
पासपोर्ट रखें तैयार
विदेश जाने की तैयारी की सबसे पहली सीढ़ी है पासपोर्ट बनवाना।
वीज़ा सबसे जरूरी
विदेश जाने के लिए जो सबसे जरूरी डॉक्युमेंट है, वह है वीज़ा। यह एक तरह से दूसरे देश का गेटपास है। इसके बिना आप किसी दूसरे देश में एंट्री नहीं ले सकते। इसे देने की जिम्मेदारी उस देश की होती है, जहां आप घूमने जा रहे हैं।
वीज़ा के बारे में खास बातें :
- वीज़ा बनाने की शर्तें हर देश अपने हिसाब से तय करता है।
- आपको कितने दिन का वीज़ा मिलेगा, यह तय करने का अधिकार संबंधित देश को ही है।
- लगभग हर देश से मिलने वाले वीज़ा की अधिकतम दिनों की सीमा अलग-अलग होती है। मिसाल के तौर पर अमेरिका एक साल में अधिकतम 90 दिन का टूरिस्ट वीज़ा देता है तो तजाकिस्तान 45 दिन का और फिजी 4 महीने का।
- वीज़ा बनवाने के लिए एम्बेसी के नियमानुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना होगा।
- वीज़ा डॉक्युमेंट्स में लगने वाली फोटो में आपका चेहरा साफ दिखना चाहिए। फोटो का बैकग्राउंड सफेद होना चाहिए और फोटो में कान बालों से ढके न होकर साफ नजर आने चाहिए। वैसे तो 4 फोटो से काम चल जाएगा लेकिन कम-से-कम 10 फोटो बनवा लें क्योंकि बाद में भी जरूरत होने पर एक सेट के फोटो देना ही बेहतर है।
तरह-तरह के वीज़ा
टूरिज़म और वीज़ा के लिहाज से दुनिया भर के देशों को चार कैटिगरी में बांटा जा सकता है :
1. वह देश, जो पहुंचने पर वीज़ा देते हैं। इसे ऑन अराइवल वीज़ा कहा जाता है। इस वक्त दुनिया में 57 ऐसे देश हैं, जहां वीज़ा के बिना या वहां जाकर वीज़ा लेने की सुविधा के साथ घूमने का प्लान बना सकते हैं। पहुंचने पर वीज़ा उस देश के एअरपोर्ट पर ही मिल जाता है, जहां ऑन अराइवल वीज़ा की सुविधा होती है (थाईलैंड, सिंगापुर आदि)।
2. ऐसे देश, जहां भारतीय नागरिकों को वीज़ा की जरूरत नहीं है (भूटान, नेपाल)।
3. ऐसे देश, जहां जाने से पहले आपको वीज़ा लेना पड़ता है (अमेरिका, यूके आदि)।
4. ऐसे देशों का ग्रुप, जिनका वीज़ा एक साथ ले सकते हैं। मसलन, शेनजेन वीज़ा कई यूरोपीय देशों में घूमने के लिए वैलिड होता है। मिसाल के तौर पर इटली, फ्रांस आदि।
किस बजट में कहां जाएं
ट्रैवल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर पहली बार विदेश यात्रा पर निकल रहे हैं तो बेहतर है किसी अच्छी ट्रैवल एजेंसी से पैकेज ही लेकर जाएं। इससे कई तरह के झंझटों से बच सकते हैं। टूर प्लानिंग के हिसाब से हम आपको सुझा रहे हैं कुछ ऐसे पैकेज, जिनसे आपको अपना बजट बनाने में मदद मिलेगी।
30,000-40,000 रुपये तक
भारत के पड़ोसी खूबसूरत देश सिंगापुर, थाईलैंड, मलयेशिया, हॉन्गकॉन्ग आदि
40,000-60,000 रुपये तक
मॉरिशस, मालदीव, चीन, इंडोनेशिया, यूएई (दुबई) और पूर्वी यूरोप के कुछ देश
60,000-1,50000 रुपये तक
ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड सहित यूरोप के कई देश जैसे कि स्विट्जरलैंड, यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ग्रीस आदि
1,50000- 3,00000 रुपये तक
अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, मैक्सिको जैसे देश (कीमतें 4 दिन, 3 रात के टूर के लिए 1 व्यक्ति पर आधारित)
करें स्मार्ट पैकिंग
पासपोर्ट और वीज़ा बन जाने के बाद अब वक्त है विदेश जाने की जमीनी तैयारी करने का, मतलब सामान पैक करने का। विदेश जाने के लिए आपको साथ में ले जा रहे सामान को लेकर भी सतर्क होना पड़ेगा।
- अच्छा होगा सामान पैक करने से पहले मोटे तौर पर एक लिस्ट बनाएं और जरूरत के हिसाब से बैग्स में पैक करें।
- क्या सामान हाथ में (केबिन बैग) लेकर जाना है और क्या सामान चेकइन (वह सामान, जो विमान के कार्गो सेक्शन में जाता है) करवाना है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि
क्या ले जाने की छूट है और क्या नहीं।
- केबिन में या हाथ में ले जाने बैग की लंबाई 55 सेमी चौड़ाई 40 सेमी और ऊंचाई 20 सेमी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इसका वजन भी 8 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए। बेहतर होगा आप इसे सही तरह से जांच लें, वरना बैग साथ न जाकर चेकइन करवाना पड़ेगा।
- बेहतर होगा ट्रॉली वाले ऐसे बैग लें, जिनमें चार पहिए हों। ऐसे बैग एयरपोर्ट और बाहर भी ले जाने के लिहाज से सुविधाजनक होते हैं।
- बैग बनाने वाली कई ब्रैंडेड कंपनियों के केबिन बैग भी मार्केट में मिल जाएंगे, जो पहले ही इंटरेनैशनल फ्लाइट की निर्धारित सीमा के हिसाब से बने होते हैं।
- बैग का वजन करने के लिए आप घर में मौजूद इंसानी वजन नापने वाली मशीन का भी सहारा ले सकते हैं।
- चेकइन बैग का वजन दुनिया भर की एअरलाइंस में अलग-अलग है। फिर भी यह 20 से 40 किलो के बीच है। अपनी एअरलाइंस या जिस ट्रैवेल एजेंसी से आपने टूर पैकेज लिया है, उससे सामान के वजन को लेकर मदद ली जा सकती है।
- तय सीमा से ज्यादा सामान होने पर आपको एक्स्ट्रा सामान के लिए पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
कहीं इनको न भूल जाना
समझें कस्टम के नियम कायदे
विदेश में खरीदारी का अपना आनंद है लेकिन खरीदारी करते वक्त यह भी ध्यान रहे कि विदेश से अपने देश में सामान लाने की भी सीमा है :
- विदेश से आने पर कस्टम क्लीयरेंस के लिए दो चैनलों रेड चैनल और ग्रीन चैनल से गुजरना पड़ता है।
- रेड चैनल के जरिए उस सामान को लाया जाता है, जिन पर ड्यूटी भरी जानी है और ग्रीन के जरिए उस सामान को क्लियर करवाया जाता है, जो ड्यूटी भरने के दायरे में नहीं आते।
- सीधा-सा नियम है कि 35,000 रुपये से ज्यादा कीमत के सामान पर 15 फीसदी के हिसाब से ड्यूटी भरनी पड़ेगी।
- 35,000 रुपये की इस लिमिट को फ्री-कैप कहते हैं। आपके सामान की कीमत का अंदाजा लगाते वक्त कस्टम आपके कपड़ों से लेकर बाकी सामान की कीमत भी जोड़ता है।
- फ्री-कैप को एक साथ जोड़ा नहीं जा सकता। मिसाल के तौर पर अगर कोई कपल विदेश यात्रा पर हैं तो उसके लिए कैप 70,000 रुपये न होकर 35,000 रुपये ही रहेगा।
- किसी भी तरह के नशे के सामान को न तो लेकर देश के बाहर जाने की इजाजत है और न ही देश में लेकर आने की इजाजत है।
- जूलरी से लेकर गैजेट्स भी उतने ही ला सकते हैं, जिनको लेकर कस्टम आश्वस्त हो कि यह केवल पर्सनल इस्तेमाल के लिए लाए जा रहे हैं।
- मिसाल के तौर पर एक इस्तेमाल किया हुआ लैपटॉप (अनपैक किया हुआ), पहनी हुई जूलरी, एक इलेक्ट्रॉनिक डायरी, एक विडियो कैमरा या स्टिल कैमरा आदि सामान आराम से लाए जा सकते हैं। बस ध्यान रहे कि मॉडल ज्यादा महंगे न हों और इस्तेमाल किए हुए जान पड़ रहे हों।
इनका साथ सबसे जरूरी
देश के बाहर घूमने का प्लान बनाने से पहले इनका साथ बहुत जरूरी है :
- मैट्रिक्स सहित रिलायंस और एयरटेल जैसी कंपनियां इंटरनैशनल कॉलिंग कार्ड उपलब्ध करा रही हैं। बेहतर होगा इसे यहीं से खरीद लें, ताकि आप पहुंचने से पहले ही यहां घरवालों को नंबर दे सकें। ये कंपनियां अब इंटरनेट डेटा भी उपलब्ध करवाती हैं। हो सके तो वह भी ले लें। इससे आप हर वक्त घरवालों से कनेक्ट रह सकेंगे। आप किसी देश जाकर भी प्री-पेड सिम खरीद सकते हैं। इसके लिए आपके पासपोर्ट और वीज़ा की कॉपी देनी होगी। बाहर जाकर खरीदे कनेक्शन को ऐक्टिवेट होने में एक दिन का वक्त तो लग ही जाता है।
- कई भारतीय बैंक कैश कार्ड की सुविधाएं दे रहे हैं। इसमें आप मनचाहे अमाउंट का रिचार्ज करा सकते हैं। इसकी अच्छी बात यह है कि इसमें पैसे खत्म हो जाने पर यहां मौजूद कोई दोस्त या घर का सदस्य इसे बताई रकम के साथ रिचार्ज करा सकता है।
- अपने मोबाइल और डिवाइस को चार्ज करने के लिए जिस देश में जा रहे हैं, वहां की पावर सप्लाई के हिसाब से एडॉप्टर खरीदना न भूलें। यूरोप और अमेरिका में एडॉप्टर के पिन भी अलग तरीके के होते हैं इसलिए इलेक्ट्रॉनिक शॉप या Amazon.in और eBay India जैसी साइट्स से भी आसानी से खरीद सकते हैं।
मनी मैनेजमेंट को जानें
विदेश जाने से पहले रुपयों के गणित को अच्छी तरह से समझ लें :
- विदेश यात्रा में आप 7500 रुपये कैश ही ले जा सकते हैं। यह नियम नेपाल और भूटान यात्रा पर लागू नहीं होता।
- साथ ही 50 हजार रुपये तक की विदेशी करेंसी ले जाई जा सकती है। - विदेशी करेंसी में 2000 यूएस डॉलर या इसके बराबर कैश और बाकी बची रकम को ट्रैवलर चेक या कैश कार्ड की तरह से ले जाया जा सकता है।
- फॉरन करेंसी को खरीदने के 60 दिन के अंदर उसे इस्तेमाल करने का नियम है। अगर इससे ज्यादा वक्त लग रहा है तो ऑथराइज्ड एजेंट के पास इसे सरेंडर कर दें।
- किसी भी कैलेंडर इयर में (जनवरी-दिसंबर) में 10,000 यूएस डॉलर तक फॉरन करेंसी ली जा सकती है।
- कोशिश करें कि कैश कम ले जाएं और पैसा ट्रैवलर चेक या कैश कार्ड के जरिए ही लेकर जाएं। इस तरह से न तो आपको कैश संभालने का टेंशन होगा और न फॉरेन करेंसी के हिसाब-किताब में आपको सिर खपाना पड़ेगा।
- विदेश से वापस आते वक्त फॉरन करेंसी लाने की कोई सीमा नहीं है। अगर करेंसी नोट या ट्रैवेलर चेकों की कीमत 10,000 यूएस डॉलर से ऊपर है या 5000 यूएस डॉलर से ज्यादा कैश है, तो एयरपोर्ट पर कस्टम के करेंसी डिक्लेरेशन फॉर्म (सीडीएफ) भरकर इसे डिक्लेयर करना पड़ेगा।
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