कंपनियों के बीच छिड़ेगी जंग
कोटा। फेसबुक, ट्विटर, वाट्स ऐप के बढ़ते क्रेज को भुनाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने कमर कस ली है। कंपनियां ज्यादा से ज्यादा लोगों में इंटरनेट के इस्तेमाल को बढ़ावा देने केलिए आने वाले समय में एक नई प्राइस वार छेड़ सकती है। कॉल के जरिए कमाई करने और ग्राहक बनाने की पुरानी रणनीति को कंपनियां दरकिनार कर चुकी है। वे अब डाटा सेवाओं (इंटरनेट इस्तेमाल) के विस्तार को अपनी कमाई का प्रमुख जरिया बनाना चाहती हैं। आने वाले दिनों में आपको कंपनियों की तरफ से डाटा इस्तेमाल के लिए कई सारे ऑफर्स मिलने के साथ-साथ कीमतों में बेहतर डिस्काउंट जैसे विकल्प मिल सकते हैं। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ गोपाल विट्टल ने कहा है कि डीजल के दाम में बढ़ोतरी, नेटवर्क लागत, स्पेक्ट्रम लागत सहित दूसरी प्रमुख चीजों की लागत बढ़ी है। ऐसे में पुरानी दरों पर सेवाएं देना मुश्किल है।
डाटा सेवाओं पर ज्यादा फोकस कर रही
कंपनियों की रणनीति पर डेलॉयट हैसकिंस एंड सेल्स के पार्टनर हेमंत जोशी का कहना है कि कंपनियां अब डाटा सेवाओं पर ज्यादा फोकस कर रही है। कॉल सेवाओं से होने वाली आय रूक (स्टैगनेंट) हो गई है। इसे देखते हुए कंपनियां डाटा टैरिफ में कटौती करने के साथ सैशे पैकेट, बंडल्ड ऑफर जैसे लुभावने विकल्प ग्राहकों को दे सकती हैं। केपीएमडी इंडिया के पार्टनर (मैनेजिंग कंसल्टिंग) जयदीप घोष के अनुसार कंपनियों के लिए भविष्य में डाटा सेवाओं में बेहतर अवसर हैं। इसका असर भी कंपनियां देख रही हैं। उनकी आय में डाटा सेवाओं की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है।
कोटा। फेसबुक, ट्विटर, वाट्स ऐप के बढ़ते क्रेज को भुनाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने कमर कस ली है। कंपनियां ज्यादा से ज्यादा लोगों में इंटरनेट के इस्तेमाल को बढ़ावा देने केलिए आने वाले समय में एक नई प्राइस वार छेड़ सकती है। कॉल के जरिए कमाई करने और ग्राहक बनाने की पुरानी रणनीति को कंपनियां दरकिनार कर चुकी है। वे अब डाटा सेवाओं (इंटरनेट इस्तेमाल) के विस्तार को अपनी कमाई का प्रमुख जरिया बनाना चाहती हैं। आने वाले दिनों में आपको कंपनियों की तरफ से डाटा इस्तेमाल के लिए कई सारे ऑफर्स मिलने के साथ-साथ कीमतों में बेहतर डिस्काउंट जैसे विकल्प मिल सकते हैं। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ गोपाल विट्टल ने कहा है कि डीजल के दाम में बढ़ोतरी, नेटवर्क लागत, स्पेक्ट्रम लागत सहित दूसरी प्रमुख चीजों की लागत बढ़ी है। ऐसे में पुरानी दरों पर सेवाएं देना मुश्किल है।
डाटा सेवाओं पर ज्यादा फोकस कर रही
कंपनियों की रणनीति पर डेलॉयट हैसकिंस एंड सेल्स के पार्टनर हेमंत जोशी का कहना है कि कंपनियां अब डाटा सेवाओं पर ज्यादा फोकस कर रही है। कॉल सेवाओं से होने वाली आय रूक (स्टैगनेंट) हो गई है। इसे देखते हुए कंपनियां डाटा टैरिफ में कटौती करने के साथ सैशे पैकेट, बंडल्ड ऑफर जैसे लुभावने विकल्प ग्राहकों को दे सकती हैं। केपीएमडी इंडिया के पार्टनर (मैनेजिंग कंसल्टिंग) जयदीप घोष के अनुसार कंपनियों के लिए भविष्य में डाटा सेवाओं में बेहतर अवसर हैं। इसका असर भी कंपनियां देख रही हैं। उनकी आय में डाटा सेवाओं की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है।
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