Thursday, May 29, 2014

एक से ज्यादा बैंक अकाउंट रखने में अक्लमंदी नहीं

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
किसी एक इंसान को कितने सेविंग अकाउंट की जरूरत हो सकती है? इन दिनों फाइनेंशियल एडवाइजर्स इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं। रिजर्व बैंक के हालिया आदेश के बाद अब निष्क्रिय सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखे जाने पर किसी कस्टमर को पेनाल्टी नहीं देनी होगी। आम तौर पर किसी एक शख्स के पास एक से अधिक बैंक अकाउंट होता है। नौकरी
एडवाइजरों के मुताबिक पेनाल्टी खत्म किए जाने का यह मतलब नहीं है कि आप वैसे अकाउंट को भी चालू रखें, जिसका आप नियमित तौर पर इस्तेमाल नहीं करते। बैंक ऑफ इंडिया समर्थित अभय क्रेडिट काउंसलिंग सेंटर के चीफ क्रेडिट काउसंलर वी एल कुलकर्णी ने कहा, 'आदर्श स्थिति यह है कि आप एक या दो सेविंग अकाउंट रखें।' उन्होंने कहा कि दोनों अकाउंट ज्वाइंट होने चाहिए, लेकिन अगर आप ज्वाइंट अकाउंट नहीं रखना चाहते तो नॉमिनी जरूर बनाना चाहिए। अगर आप शेयर मार्केट में ट्रेड करते हैं या फिर बिजनेस करते हैं तो आपको ओवरड्राफ्ट अकाउंट रखना चाहिए। रेगुलर बिजनेस अफेयर के मामले में करंट अकाउंट की जरूरत होती है।
मल्टीपल अकाउंट से जुड़े रिस्क
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आपके पास कई अकाउंट हैं तो आपको सभी पर नजर रखनी होती है। ज्यादातर लोगों को इसमें मुश्किलें आती हैं। डोएचे बैंक में डिपॉजिट एंड वेल्थ मैनेजमेंट, प्राइवेट एंड बिजनेस क्लाइंट के डायरेक्टर जपजीत बेदी ने कहा, 'अगर आप किसी अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो उसे बंद कर देना चाहिए। कई अकाउंट होने पर फ्रॉड का खतरा बढ़ जाता है।' अगर आप रेजिडेंशियल एड्रेस में हुए बदलाव की जानकारी बैंक को नहीं देते हैं तो इससे खतरा कई गुना बढ़ जाता है। आपका बैंक पुराने पते पर ही सभी पेपर भेजता रहता है। इससे आपको फ्रॉड की जानकारी भी समय पर नहीं मिल पाती।
अकाउंट को बंद कराना या फिर से ओपन कराना

बदलने के दौरान ज्यादातर लोग पुराने अकाउंट बंद नहीं कराते और जरूरत के हिसाब से वे उसी अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं, जिसे ऑपरेट करना आसान होता है।
अगर आपको लगता है कि आप एक से अधिक अकाउंट को सही ढंग से नहीं मैनेज कर पा रहे हैं तो उन अकाउंट को बंद करा देना ही ठीक है। इसके लिए आपको बहुत अधिक मशक्कत नहीं करनी होती। बेदी ने कहा, 'सभी बैंकों ने अकाउंट को बंद कराने के लिए एक स्टैंडर्ड प्रक्रिया अपना रखी है। आपको एक फॉर्म भरकर बैंक को देना होता है और उसके साथ ही सभी चेक और डेबिट कार्ड या तो बैंक को लौटाना होता है या फिर उसे नष्ट करना होता है।' अगर आपको अकाउंट में बैलेंस है तो उसे ऑपरेटिव अकाउंट में ट्रांसफर किया जा सकता है। बेदी ने कहा, 'कुछ बैंक समय से पहले अकाउंट बंद करने की एवज में कुछ फीस भी लेते हैं।'
अगर आप फिर से अपने अकाउंट को चालू करना चाहते हैं तो यह देखना होता है कि बैंक ने आपके बकाये का भुगतान किया या नहीं। कुलकर्णी ने कहा , ' अकाउंट को फिर से शुरू किए जाने के बाद आपको यह देखना चाहिए कि आपको इंटरेस्ट का भुगतान किया गया है या नहीं। ' रिजर्व बैंक के आदेश के मुताबिक सभी बैंकों को रेगुलर बेसिस पर इंटरेस्ट का भुगतान करना है , चाहे वह अकाउंट बंद ही क्यों न हो। रिजर्व बैंक के ही आदेश के मुताबिक कोई बैंक बंद पड़े अकाउंट को फिर से चालू करने के लिए कोई फीस नहीं ले सकते।

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