Friday, May 2, 2014

गूगल की ड्राइवरलेस कार अब चलने को तैयार

कोटा।  इंटरनेट सर्च इंजन फर्म गूगल की सेल्फ ड्राइविंग कार (बिना ड्राइवर की कार) अब तक 11.27 लाख किलोमीटर चल चुकी है। इस दौरान कोई इंसानी हस्तक्षेप नहीं किया गया।
गूगल की यह कार भविष्य में ड्राइविंग को नया आयाम देगी। इसे चलाने के लिए ड्राइवर की दरकार नहीं होती, लिहाजा पीछे की सीट पर आराम से बैठकर सफर किया जा सकता है। पिछली सीट पर बैठा व्यक्ति सो सकता है, खा-पी सकता है और लैपटॉप पर काम कर सकता है। उसे सोचने की जरूरत नहीं है कि कब कौन सी दिशा में मुड़ना है। गूगल की योजना ऐसी कार बनाने की है, जो खुद ही ऑपरेट होती रहे।
गूगल शॉफर का कमाल
यह कार गूगल शॉफर सॉफ्टवेयर से संचालित होती है। गूगल के आधिकारिक ब्लॉग पर लिखा गया है कि सेल्फ ड्राइव कार अब तक कई लाख मील चलाकर देखी जा चुकी है। कंपनी ने सॉफ्टवेयर को पहले से ज्यादा दुरुस्त किया है, ताकि यह बिजी रोड पर बसों, अन्य वाहनों एवं पैदल चलने वालों को पहचान सके और उसी के मुताबिक फैसले कर सके। ट्रैफिक सिग्नल्स को पहचान सके और यदि कोई साइकल सवार अपने हाथ या चेहरे से टर्न लेने का इशारा कर रहा हो तो यह समझ सके।
फुलप्रूफ टेक्नोलॉजी
गूगल कार को एकदम वैसे ही ऑपरेट करने लायक बना रही है, जैसा कि किसी व्यक्ति द्वारा कार ऑपरेट की जाती है। कंपनी का कहना है कि अप्रैल 2014 से लेकर अब तक यह कार 7 लाख मील (11.27 लाख किलोमीटर) चल चुकी है। इसे चलाकर गूगल ने जो भी अनुभव हासिल किए, उसके आधार पर इसमें कई बदलाव और सुधार किए गए हैं। गूगल की ओर से कहा गया है कि ऐसा इसलिए संभव हो सका क्योंकि अब पहले के मुकाबले ज्यादा बेहतर टेक्नोलॉजी मौजूद है। ऐसी तकनीकी सिस्टम जो स्कैन, सेंस, प्रॉसेस और रिऐक्ट कर सकता है, महज सेकंड के सौंवे हिस्से से भी कम समय में। यह तकनीक पांच साल पहले नहीं थी।
थोड़ा समय लगेगा
गूगल फिलहाल इसे 'सेफ मोड' में चला रही है। जाहिर है, अभी इसे पूरी तरह से एरर-फ्री (परेशानी रहित) होने में थोड़ा समय लगेगा। गूगल ने अब तक इस प्रॉजेक्ट को लेकर कोई डेडलाइन नहीं दी है। कंपनी की तरफ से यह भी नहीं बताया गया है कि यह कार आम लोगों के लिए कब उपलब्ध होगी।

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