Friday, May 30, 2014

टॉप बिजनस स्कूलों के स्टूडेंट्स करेंगे नमो

कोटा। आईआईएम समेत देश के कई टॉप बिजनस स्कूल नए ऐकडेमिक इयर से नरेंद्र मोदी की चुनावी जीत को सिलेबस में शामिल करेंगे। नए बैच (2014-2016) के स्टूडेंट्स को सेंकंड इयर में बीजेपी की मार्केटिंग तकनीक, सोशल मीडिया और टेक्नॉलजी के इस्तेमाल और मी
आईएसबी के असोसिएट प्रोफेसर सिद्धार्थ शेखर सिंह ने बताया, 'भारतीय राजनीति से कई अहम केस स्टडी मिलती है।' बिजनस स्कूल इस साल से अपनी नए प्रॉडक्ट डिवेलपमेंट ऐंड मैनेजमेंट की क्लास में ब्रांड स्ट्रैटिजी, प्रॉडक्ट पोजिशनिंग और टारगेट ऑडियंस को समझाने के लिए मोदी के कैंपेन का इस्तेमाल करेगा। संस्थान ने पिछले ऐकडेमिक इयर में आम आदमी पार्टी (आप) और बीजेपी के ब्रैंडिंग मेथड में समानताओं और विरोधाभासों का इस्तेमाल किया था।
एक्सएलआरआई के 2015 बैच के स्टूडेंट्स यह सीखेंगे कि मोदी और उनकी टीम ने सोशल मीडिया, मोबाइल फोन के मेसेज और होलोग्राम के जरिए किस तरह से वोटरों से जुड़ाव हासिल किया। जमशेदपुर के इस कॉलेज में मार्केटिंग ऐंड स्ट्रैटिजिक मैनेजमेंट के प्रोफेसर शरद सरीन ने बताया, 'मोदी के कैंपेन में टेक्नॉलजी का जबरदस्त इस्तेमाल, लोगों को संबोधित करने का अंदाज और पार्टी स्लोगन काफी अहम रहे। इस बारे में हम स्टूडेंट्स को बताएंगे।'
इससे पहले आईआईएम रायपुर ने बराक ओबामा के सत्ता में पहुंचने की कहानी को केस स्टडी के तौर पर पेश किया था। इस केस स्टडी का इस्तेमाल कोर मार्केटिंग, ब्रैंड मैनेजमेंट और इंटिग्रेटेड मार्केटिंग कॉन्सेप्ट बताने के लिए किया गया था। इस संस्थान में मार्केटिंग ऐंड कम्युनिकेशन की असोसिएट प्रोफेसर ए शुक्रे ने बताया कि ब्रैंड ग्लैमर को किस तरह से स्थापित किया जाता है और प्रॉडक्ट को लोगों तक पहुंचाने के लिए इस्तेमाल की गई स्ट्रैटिजी को बताने के लिए पीएम की केस स्टडी का हवाला दिया जाएगा। एचआर में लीडरशिप जैसे इलेक्टिव विषयों में मोदी की मैनेजमेंट स्टाइल के बारे में भी पढ़ाया जा सकता है।
आईआईएम बैंगलोर स्टूडेंट्स को यह पढ़ाएगा कि मोदी ने जवाबदेही और पारदर्शिता बरतते हुए किस तरह से कई पक्षों को मैनेज किया और टेक्नॉलजी का भरपूर इस्तेमाल किया। इस संस्थान में कॉर्पोरेट स्ट्रैटिजी ऐंड पॉलिसी के प्रोफेसर एस रघुनाथ ने बताया, 'सीनियर कॉर्पोरेट लीडर्स टेक्नॉलजी का इस्तेमाल, सभी कस्टमर्स को मैनेज करना और सामाजिक समग्रता लाने की कला सीखना चाहते हैं।'
एमडीआई, गुड़गांव मोदी केस स्टडी का इस्तेमाल यह दिखाने में करेगा कि किस तरह से एक नेता समर्थकों को इकट्ठा करने के लिए जबर्दस्त पॉजिटिव इमेज तैयार कर सकता है। संस्थान में ऑर्गेनाइजेशन डिजाइन और चेंज मैनेजमेंट क्लासेज के प्रोफेसर ए के जैन इस बात पर चर्चा करेंगे कि किस तरह से नेता उम्मीद पर फोकस कर सपोर्ट हासिल कर सकते हैं। उन्होंने बताया, 'अगर हम भारत को कंपनी और मोदी को इसका उत्तराधिकारी मानें तो क्लास को चेंज मैनेजमेंट के बारे में बेहतर तरीके से बताया जा सकता है।'

डिया मैनेजमेंट से जुड़ी केस स्टडी पढ़ाई जाएगी। इन संस्थानों में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनस (आईएसबी), एक्सएलआरआई, एमडीआई, गुड़गांव भी शामिल हैं।

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