Friday, May 23, 2014

अब हवा से चलेगी गाड़ी

 चंद महीनों बाद आपको गाड़ी दौड़ाने के लिए पेट्रोल, डीजल या अन्य किसी फ्यूल की जरूरत नहीं होगी। आपकी गाड़ी प्राकृतिक हवा से ऊर्जा लेकर चलेगी। सुनने में ये अजीब लग सकता है, लेकिन यह करिश्मा ग्वालियर के यादवेंद्र सिंह परिहार ने कर दिखाया है जो मथुरा के हिंदुस्तान कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में ऑटोमोबाइल की पढ़ाई कर रहे हैं।
यादवेंद्र की कार प्राकृतिक हवा का उपयोग करके अपने लिए ऊर्जा बनाएगी। इसके लिए किसी तरह के फ्यूल या अन्य मेंटेनेंस के भारी खर्चे की जरूरत नहीं पड़ेगी। कॉलेज के निदेशक डॉ. आरके उपाध्याय का कहना है कि ये ऑटोमोबाइल सेक्टर में नए युग की शुरुआत है। इस मॉडल के जरिए गाड़ी तैयार करने में जो भी खर्चा होगा, उसके लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इनके अलावा संस्थान के ऑटोमोबाइल उद्योग के विभागाध्यक्ष वाईसी धोटे ने इस खोज को कार सेक्टर में मील का पत्थर बताया है, क्योंकि ये ईंधन तो बचाएगी ही और ईको फ्रेंडली भी होगी।
इस तरह काम करेगी कार
यह एक हाइब्रिड कार है। सामान्य कारें पेट्रोल के अलावा बिजली से चलती हैं। लेकिन इनकी बैटरी क्षमता कम होती है, उसे बार-बार चार्ज करना पड़ता है। लेकिन यह कार उच्च दाब वाली हवा और बिजली का समावेश है। इसमें ला ऑयन बैटरी से बिजली दी जाएगी और हवा के लिए कार्बन फाइबर सिलेंडर लगाए गए हैं।
इसको चलाने के लिए सिर्फ एक दफा बिजली देनी होगी। इसके बाद चालीस किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड पकड़ने के बाद 4500 पीएसआई (ऊर्जा का मापक) पर एयर सिलेंडर में स्वत: हवा भरने लगेगी। इसका इंजन प्राकृतिक हवा को कंज्यूम करने लगेगा और गाड़ी दौड़ने लगेगी। अभी इसकी गति को चार सौ किलोमीटर तक ले जाने का प्रयास किया जा रहा है।
पेटेंट के लिए अमेरिका भेजने की तैयारी
यादवेंद्र के मॉडल को कॉलेज प्रशासन अमेरिका पेटेंट के लिए भेजने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सभी आवश्यक दस्तावेज जुटा लिए गए हैं। दो महीने के अंदर इसे भेज भी दिया जाएगा।

 - प्रोफेसर पीके शर्मा, अधिशासी निदेशक, हिन्दुस्तान कॉलेज
पिता को किया समर्पित

करीब दो साल पहले मुझे इस मॉडल का ख्याल आया था। मैंने इसे अपने पिता को समर्पित किया है। इसलिए गाड़ी का नाम भी उन्हीं के नाम पर बृजनरेश द नेचर कार रखा है। - 
यादवेंद्र सिंह परिहार, खोजकर्ता

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