अमेरिका के सिएटल में एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे साबित होता है कि अगर आप अपने कार के सिक्योरिटी फीचर्स पर ध्यान देते हैं तो ये आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। अमेरिका में एक कार चोर को कार चोरी इसलिए भरी पड़ गई क्योंकि जिस कार को वह चुरा कर भागा था और बाद में बड़े आराम से उसमें सो रहा था, उसी कार ने उसे कैद कर लिया और हवालात पहुंचा दिया।
यह दिलचस्प मामला अमेरिका के सिएटल का है, यहां रहने वाला शख्स अपनी बीएमडब्ल्यू 5-सीरीज़ की चाभी कार में ही भूल गया। मौके की ताक में बैठे चोर की तो मानों बहार ही आ गई, उसने चाभी लगाई और कार लेकर फुर्र हो गया। थोड़ी देर में मालिक को कार के चोरी हो जाने का अहसास हुआ और उसने पुलिस को कार चोरी की सूचना दी। पुलिस ने बीएमडब्ल्यू से संपर्क साधा और कार की लोकेशन, ट्रैक करने को कहा… इधर वो चोर कार लेकर सिएटल से थोड़ा आगे स्थित रवेना इलाके में पहुंच गया और इंजन स्टार्ट कर सोने लगा। बीएमडब्ल्यू के कर्मचारियों ने कार चोरी की सूचना मिलने के बाद न केवल कार की लोकेशन पुलिस को दी बल्कि कार को रिमोट से लॉक भी कर दिया। कार में सो रहे चोर को इसकी भनक भी नहीं लगी।
जैसे ही पुलिस कार की लोकेशन पर पहुंची और कार का शीशा खटखटा कर चोर को जगाया, उसने दूसरे दरवाज़े से भागने की कोशिश की..लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और वो चोर कार में कैद हो चुका था। पुलिस से कंफर्मेशन मिलने के बाद कंपनी ने कार को अनलॉक कर दिया और पुलिस ने चोर को दबोच लिया। इस एडवांस टेक्नोलॉज़ी की बदौलत जहां मालिक को उसकी चोरी हुई कार वापस मिल गई वहीं पुलिस एक शातिर कार चोर को पकड़ने में सफल
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रेडिट/डेबिट कार्ड के जरिए दो हजार रुपए तक के ट्रांजेक्शन नियमों में ढील देते हुए हर बार कार्ड डिटेल भरने की जरूरत समाप्त कर दी है। केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना में बताया कि प्राधिकृत कार्ड नेटवर्कों के सुझाव पर नियमों में बदलाव किए गए हैं। इसमें कार्ड जारी करने वाला बैंक भुगतान प्राधिकरण निदान का विकल्प उपलब्ध कराएगा जिसे स्वीकार करना या नहीं करना ग्राहक की इच्छा पर होगा। इसके तहत एक बार पंजीकरण कराने के बाद यह निदान देने वाले मर्चेंट की साइट पर भुगतान करते समय दुबारा कार्ड का पूरा विवरण नहीं देना होगा। इस विकल्प को स्वीकार कर लेने पर ग्राहक को पंजीकरण का विकल्प मिलेगा जिसमें कार्ड का विवरण तथा बैंक द्वारा दिया गया वन टाइम पासवर्ड या अन्य प्राधिकरण विवरण भरना होगा। पंजीकृत ग्राहकों को इसके बाद इस निदान का विकल्प देने वाले मर्चेंट की साइट पर दुबारा दो हजार रुपए तक की खरीददारी के लिए कार्ड डिटेल डालने की जरूरत नहीं होगी।
आरबीआई ने कहा है कि इससे ग्राहकों का कीमती समय तथा मेहनत बचेगी। इस मॉडल में कार्ड के विवरण को पहला ऑथराइजेशन फैक्टर तथा इस निदान के लिए लॉगइन करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे विवरण को अतिरिक्त ऑथराइजेशन फैक्टर माना जाएगा। केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि दो हजार रुपए से ज्यादा के ट्रांजेक्शन के लिए कार्ड विवरण भरना आवश्यक होगा। इससे कम मूल्य के ट्रांजेक्शन के लिए ग्राहक चाहे तो पुराने तरीके से ट्रांजेक्शन कर सकता है।
क्रेडिट कार्ड के फायदे,
नोटबंदी के बाद डेबिट और क्रेडिट कार्ड से खरीदारी की बाढ़ आ गई है। खास से लेकर आम आदमी तक सभी बगैर कैश के खरीद की तरफ रुख कर रहे हैं। इससे देश को कैशलेस इकोनॉमी बनाने का सरकार का सपना भी सच होता नजर आ रहा है। हालांकि बड़ी संख्या में लोग अभी भी क्रेडिट कार्ड से होने वाले फायदों के बारे में अनजान बने हुए हैं।
नोटबंदी के बाद सरकार कैशलैस सोसायटी बनाने की दिशा में प्रयास कर रही है। अगर आप भी इस दौर में अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल जरूरी सामानों की खरीद के लिए कर रहे हैं तो कुछ बातों का जरूर ख्याल रखें। इन बातों से आपको कई तरह के फायदे होंगे। सरकार ने भी क्रेडिट कार्ड से खरीदारी को प्रोत्साहन देने के लिए क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले सरचार्ज को 31 दिसंबर तक माफ कर दिया है।
आगे भी सरचार्ज को कम करने की तैयारी है। आज हम क्रेडिट कार्ड से खरीदारी और बिल का समय पर भुगतान करनेे के फायदे के बारे में बता रहे हैं। क्योंकि इन दिनों क्रेडिट कार्ड के उपयोग बढऩे के साथ ही बड़ी संख्या में उससे जुड़े सवाल भी पूछे जा रहे हैं, जो लोगों के लिए फायदेमंद हैं।
क्रेडिट लिमिट में इजाफा
अगर आप समय पर क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करते हैं तो बैंक के लिए आप एक अच्छा और विश्वासी ग्राहक बन जाते हैं। ऐसा करने से आपका क्रेडिट स्कोर तो बेहतर होता ही, साथ में बैंक आपके रिकॉर्ड को देखते हुए कार्ड की लिमिट को भी बढ़ा देते हैं। यानी, आपके एक से अधिक के्रडिट कार्ड के झंझट में पडऩे की जरूरत नहीं पड़ेगी। आपका एक ही कार्ड आपके लिए पर्याप्त होगा।
दिनेश माहेश्वरी
कोटा। आधार कार्ड को रेलवे टिकट बुकिंग व्यवस्था से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
एक बार पैसेजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) में यात्री का आधार कार्ड दर्ज हो गया तो भविष्य में उसे बार-बार रिजर्वेशन फार्म भरने से झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। इस व्यवस्था में यात्री अनगिनत टिकट बुक करा सकेंगे। वहीं, इससे रेल टिकटों की दलाली पर भी पूरी तरह से अंकुश लगेगा।
रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आधार कार्ड का व्यवसायिक इस्तेमाल करने पर कुछ तकनीकी पेंच हैं। इसको लेकर सरकार के बातचीत चल रही है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद आधार कार्ड को रेलवे टिकट बुकिंग व्यवस्था से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होने बताया कि आधार कार्ड से टिकट बुकिंग के लिए रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) साफ्टवेयर में बदलाव कर रहा है। वर्तमान में टिकट बुक कराने के लिए रिजर्वेशन फार्म में नाम, पता, उम्र, मोबाइल नंबर, दूसरे यात्रियों की जानकारी लिखनी पड़ती है।
आधार नंबर से बुक करा सकेंगे टिकटलेकिन आधार कार्ड बुकिंग से यात्री को केवल ट्रेन नंबर, गंतव्य व श्रेणी के बारे में लिखना होगा। यात्री का आधार कार्ड नंबर डालते शेष समस्त जानकारी स्वत: कंप्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगी। ऐसे यात्री हर बार अपने आधार नंबर से टिकट बुक करा सकेंगे। वर्तमान में एक रिजर्वेशन फार्म अधिक छह लोगों की टिकट बुक हो सकती है। यह व्यवस्था ऑनलाइन और टिकट काउंटरों दोनों यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी।
दिनेश माहेश्वरी
कोटा। नोटबंदी के बाद सरकार डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने में जुटी है। नकदी के तमाम विकल्पों को तलाशा जा रहा है। इसी के तहत देशभर के तमाम पेट्रोल पंपों पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड के बाद अब ई-वॉलेट व मोबाइल वॉलेट से भी पेमेंट स्वीकार किया जाएगा।इसके लिए पेट्रोल पंपों पर इंतजाम किए जा चुके हैं। पीओएस मशीन के जरिये करीब 4800 पंपों से रोजाना एक कार्ड से दो हजार रुपए निकालने की भी सुविधा दी गई है। बीते दो हफ्तों में 65 करोड़ रुपए इनके जरिये

बांटे जा चुके हैं।पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यहां नीति मार्ग स्थित एचपीसीएल और मोती मार्ग पर बीपीसीएल के खुदरा बिक्री केंद्रों पर डिजिटल लेनदेन को लेकर ग्राहक जागरूकता अभियान शुरू करते हुए ये बातें कहीं।उन्होंने बताया कि डिजिटल भुगतान सेवा के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए पहले चरण में 53,077 पेट्रोल पंपों पर शनिवार से एक माह लंबा ग्राहक जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान लोगों को डिजिटल लेनदेने के बारे में जानकारी देने और रोजाना के कामकाज में कैशलेस ट्रांजैक्शन के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।खुदरा आउटलेट में क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, पीओएस मशीन, ई-वॉलेट और लॉयल्टी कार्ड जैसे कैश रहित विकल्पों को शुरू कर लोगों को यह समझाने की कोशिश की जा रही है कि आज के समय में नकदी को छोड़ कर इन विकल्पों को अपना लेने में ही फायदा है।आम लोगों को यह भी बताया गया कि उनके लिए कौन-कौन से डिजिटल विकल्प उपलब्ध हैं। इस मौके पर पेट्रोलियम मंत्री बोले कि इस अभियान का मकसद कैशलेस व्यवस्था को हासिल करना है। इसके लिए पहले लेस कैश (कम नकदी) के लेनदेन का लक्ष्य हासिल करना होगा और उसके बाद कैशलेस यानी नकदी रहित का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
दिनेश माहेश्वरी
कोटा। देश में कैशलेस अर्थव्यवस्था की बात हो रही है और विभिन्न बैंक और ई-कामर्स कंपनियां ई-वॉलेट के जरिए खरीदारी की सुविधा उपलब्ध करा रही हैं वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा कैशलेस बैंकिंग के साथ कार्डलेस बैंकिंग की तरफ कदम बढ़ा रही है। बैंक ऑफ बड़ौदा जल्द ही अपने ग्राहकों को कार्डलेस सेवा देने जा रही है।इस बैंक के वह ग्राहक जो नेट बैंकिंग का प्रयोग करते हैं, एटीएम कार्ड पास नहीं होने पर भी एटीएम से पैसा निकाल सकेंगे। हां, उनके पास एंड्रायड फोन होना चाहिए। बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक दिसंबर को अपनी नेट बैंकिंग सेवा एम कनेक्ट के अतिरिक्त अधिक सिक्योरिटी फीचर और सुविधा वाली एम कनेक्ट प्लस नेट बैंकिंग सेवा लांच कर दी है। इस सेवा को कार्डलेस नकद निकासी से भी जोड़ा गया है।"कैश ऑन मोबाइल" नाम की सेवा को इस एप्लीकेशन के साथ जोड़ दिया गया है। इसके तहत व्यक्ति बैंक ऑफ बड़ौदा के किसी भी एटीएम से बिना डेबिट कार्ड के कैश निकाल सकते हैं। यही नहीं, अपने किसी परिचित को ओटीपी देकर देश के किसी भी कोने में बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम से पैसे निकालने की सुविधा दे सकते हैं।हां, इस सेवा से 100 रुपये के गुणक में अधिकतम 5000 रुपये की सीमा तक नकद निकासी की जा सकती है।
बैंक के उच्च प्रबंधन के मुताबिक बैंक ग्राहकों को उच्च तकनीक सेवाएं दे रहा है। जल्द ही ग्राहकों को सेवा मिलेगी।एप लांच, सेवा 15 के पहले बैंक ने अपने सभी कर्मियों के एंड्रायड मोबाइल पर इस एप को लोड कराने के बाद प्रशिक्षण दिया है। अब इसका ट्रायल किया जा रहा है। ट्रायल सफल होने के बाद इसे सभी के लिए खोल दिया जाएगा। बैंक 15 दिसंबर तक इस सेवा को किसी भी दिन शुरू कर सकती है।ऐसे करेगा काम -गूगल प्ले से बड़ौदा एम कनेक्ट प्लस डाउनलोड करें और मोबाइल पर वेरीफाई करा लें। -एम कनेक्ट प्लस में विकल्प है कैश ऑन मोबाइल, इसे क्लिक करेंगे और एटीएम से कैश निकासी का विकल्प आएगा।-क्लिक करने पर छह अंकों का वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) मिलेगा।-ओटीपी मिलने के 15 मिनट के अंदर देश में कहीं भी स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा एटीएम में जाकर स्क्रीन पर लिखे मोबाइल सर्विस सेवा को क्लिक करना होगा।-क्लिक करने के बाद खुली विंडो में ओटीपी और निकाली जाने वाली रकम (जो नेट बैंकिंग पर फीड की गई है) भरें, एटीएम से रुपये निकल आए
दिनेश माहेश्वरी
कोटा। नोटबंदी के फैसले के बाद कैशलेस इकॉनमी की दिशा में सरकार एक और अहम कदम उठाने पर विचार कर रही है। यह कदम है 12 नंबर वाले आधार कार्ड के जरिए हर तरह के पेमेंट को मुमकिन बनाना। अगर ऐसा होता है तो आधार कार्ड फिलहाल के सभी तरह के कार्ड ट्रान्जैक्शन को चलन से बाहर कर सकता है।

दरअसल, सरकार डिजिटल पेमेंट को मजबूत करना चाहती और नीति आयोग इस बारे में कई कदम उठा रहा है। इसके तहत जल्द ही कैश ट्रान्जैक्शन को हतोत्साहित करने की खातिर नीति भी बनाई जा सकती है। यूनिक आइडेन्टिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के डायरेक्टर जनरल अजय पांडे ने कहा, 'आधार से जुड़े ट्रान्जैक्शन कार्ड-रहित और पिन-रहित होंगे। इसकी मदद से एंड्रॉयड मोबाइल फोन यूजर्स अपने आधार नंबर और फिंगरप्रिंट के जरिए डिजिटल ट्रान्जैक्शन कर सकेंगे।' अजय पांडे के मुताबिक, इसके लिए हर मोर्चे पर रणनीति बनानी होगी जिनमें मोबाइल बनाने वाली कंपनियां, मर्चेंट्स और बैंक शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसे साकार करने की खातिर विभिन्न क्षेत्रों में काम करना शुरू कर दिया है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, 'हम मोबाइल बनाने वाली कंपनियों से कह रहे हैं कि देश में जो भी मोबाइल फोन बनाए जा रहे हैं, उनमें इरिस या अंगूठे के जरिए पहचान वाला सिस्टम जुड़ा हो ताकि आधार कार्ड के जरिए ट्रान्जैक्शन को कामयाब बनाया जा सके।' कांत ने यह भी कहा कि आधार ट्रान्जैक्शन के अलावा सरकार कैश ट्रान्जैक्शन को हतोत्साहित करने की दिशा में भी अहम कदम उठा रही है। कैश ट्रान्जैक्शन को जहां महंगा बनाया जाएगा वहीं डिजिटल पेमेंट करने वालों को इन्सेटिव देने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं।
कोटा। आधार कार्ड को लेकर दो बड़े फैसले 2 दिसम्बर से लागू हो गए। अगर आपके पास आधार नंबर यानी UID नहीं है तो आप आज से गैस सब्सिडी के हकदार नहीं हैं। इसके अलावा एक और दिक्कत उन छात्रों को होने वाली है जो आईआईटी मेन का फॉर्म भरने वाले हैं। अब इसके लिए भी आधार नंबर की अनिवार्यता लागू कर दी गई है।
गैस एजेंसी में नहीं लिंक है आधार नंबर तो 'नो सब्सिडी' अगर आपने अपना आधार कार्ड रसोई गैस एजेंसी लिंक नहीं कराया है तो आज से आपको इस पर मिलने वाली सब्सिडी बंद हो जाएगी। इसलिए अगर आपने अपना आधार लिंक नहीं करवाया है तो जल्द से जल्द करवा लें वरना नुकसान उठाना पड़ सकता है।
IOC ने निर्देश जारी किया है कि 1 दिसंबर से पहले जितने आधार कार्ड गैस एजेंसी से लिंक है उन्हें सब्सिडी दी जाएगी लेकिन अगर 1 दिसम्बर से पहले तक बिना आधार कार्ड के चल रहे गैस कनेक्शन पर दी जा रही सब्सिडी बंद कर दी जाएगी। आइओसी का कहना है कि आप 1 दिसंबर के बाद सब्सिडी में कोई फायदा नहीं उठा सकते हैं लेकिन अपने गैंस कनेक्शन को आधार कार्ड से लिंक कराने की अंतिम तिथी 31 दिसंबर रखी गई है। अगर आप इस तयसीमा के अंदर अपने आधार कार्ड को लिंक करा देते हैं तो आप इसका फायदा उठा सकते हैं वरना आप हमेशा के लिए इसके फायदे से वंचित रह जाएंगे।