Wednesday, September 21, 2016

10 रुपये का सिक्का नहीं लेने वाले पर होगी कानूनी कार्रवाई

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कहा है कि उन सभी अफवाहों को खारिज कर दिया है, जिसमें ये कहा जा रहा था कि दस रुपये का सिक्का बंद कर दिया गया है। बैंक ने कहा है कि दस रुपये का सिक्का बंद नहीं किया गया है और अगर कोई व्यक्ति इसको लेने से इनकार करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
व्हाट्स एप पर कुछ दिनों पहले एक मैसेज वायरल हुआ था, जिसमें कहा गया था कि सेंट्रल बैंकने दस रुपये के सिक्के को बंद कर दिया है। इसके बाद से दुकानदार, ऑटो रिक्शा और ठेलेवालों ने दस रुपये के सिक्के लेने से इनकार कर दिया था।
आरबीआई के प्रवक्ता अल्पना किल्लावाला ने बताया कि कोई भी व्यक्ति इस सिक्के को लेने से इनकार ना करें। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। कानून के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति सिक्का लेने से इनकार करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 489ए से लेकर 489ई के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।

Sunday, September 18, 2016

जिंस वायदा कारोबार के लिए क्लाइंट कोड व पैन अनिवार्य

नई दिल्ली। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने कमोडिटी एक्सचेंज जैसे एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स में ट्रेडिंग करने वाले सभी निवेशकों के लिए यूनिक क्लाइंट कोड (यूसीसी) और पैन यानी परमानेंट एकाउंट नंबर अनिवार्य कर दिया है। इन एक्सचेंजों में चीनी, स्टील, सोना, चांदी जैसी तमाम जिंसों का वायदा कारोबार होता है।सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने एक सर्कुलर में कहा है कि चाहे कोई व्यक्ति या कोई कंपनी अथवा फर्म, कमोडिटी एक्सचेंज में पहचान के लिए पैन अनिवार्य होगा।ये यूनिक क्लाइंट कोड के जरिये वायदा कारोबार कर सकेंगे। हालांकि सिक्किम के मामले में पैन की अनिवार्यता से छूट रहेगी। एक्सचेंजों को ऐसा सिस्टम बनाना होगा जिससे सिक्किम के निवासी होने की पुष्टि हो सके।एक्सचेंज से जुड़े सदस्य ब्रोकरों को अपने क्लाइंट यानी ग्राहकों के दस्तावेज एक्सचेंजों में जमा कराने होंगे और हर महीने उन्हें अपडेट भी करना होगा। ब्रोकरों को किसी महीने की ग्राहकों के बारे में ताजा जानकारी अगले महीने की सात तारीख तक जमा करानी होगी।ग्राहकों को दस्तावेजी जानकारी दिये बगैर ट्रेडिंग होने पर ब्रोकरों को सौदे के मूल्य काएक फीसद जुर्माना देना होगा। एक्सचेंजों को जुर्माने की यह राशि निवेशक सुरक्षा फंड में जमा करानी होगी। अगर ब्रोकर ऐसे ग्राहकों की जानकारी एक माह बाद भी देने में नाकाम रहते हैं तो उनकी सदस्यता निलंबित की जा सकती है।एक्सचेंजों को अपने ग्राहकों की समूची जानकारी का डाटाबेस तैयार रखना होगा। उन्हें यह डाटाबेस सात वर्षों तक अपने पास सुरक्षित रखना होगा। एक अन्य सर्कुलर में सेबी ने एक्सचेंजों को सेटलमेंट गारंटी फंड में अंशदान करने को कहा है।एक्सचेंजों को अपने कुल राजस्व की पांच फीसद राशि इस फंड में जमा करना होती है। जिन एक्सचेंजों ने पूरी राशि जमा नहीं की है, उन्हें ही इसमें अंशदान देना है।




Wednesday, September 7, 2016

अब 21 हजार सैलरी वालों को ESI देगा बीमा कवर

नई दिल्ली। अब 21,000 रुपये वेतन वाले कर्मचारियों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में शामिल होंगे । अभी इसका लाभ अधिकतम 15,000 रुपये के वेतन पाने वालों के लिए सीमित है।
ईएसआईसी के निदेशक मंडल की मंगलवार को हुई बैठक में मौजूदा उन बीमित व्यक्तियों की सदस्यता बरकरार रखने का विकल्प देने का भी फैसला किया गया जिनका वेतन 21,000 रुपये मासिक की सीमा से अधिक हो गया है। फिलहाल जो भी ईएसआईसी की योजना के दायरे में आते हैं, अगर उनका वेतन निर्धारित सीमा से अधिक है तो उनकी सदस्यता और बीमा कवर समाप्त हो जाएगा।
यहां ईएसआईसी के निदेशक मंडल की बैठक के बाद श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, ईएसआईसी ने वेतन सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने का फैसला किया है। श्रम मंत्री ईएसआईसी बोर्ड के चेयरमैन हैं। दोनों निर्णय एक अक्तूबर से लागू होंगे।दत्तात्रेय ने कहा कि सीमा बढ़ाये जाने से 50 लाख अतिरिक्त सदस्यों को ईएसआईसी के दायरे में लाने में मदद मिलेगी। फिलहाल ईएसआईसी की योजना में 2.6 करोड़ लोग है। अगर एक परिवार में चार सदस्य मान लिया जाए तो कुल मिलाकर 10 करोड़ लोग इसके अंतर्गत आते हैं।
मंत्री ने यह भी कहा कि ईपीएफओ अंशधारकों के लिये वेतन सीमा बढ़ाने की भी योजना है और इस पर केंद्रीय न्यासी बोर्ड की अगली बैठक में विचार किया जाएगा। फिलहाल सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में आने के लिये वेतन सीमा 15,000 रुपये है।

Tuesday, September 6, 2016

खराब हो चुके स्मार्टफोन और कम्प्यूटर्स से निकलेगा सोना

नया फोन या कम्प्यूटर लेते समय ये जानते ही हैं एक दिन खराब होगा लेकिन जब खराब हो जाए तो उसे फेंके नहीं क्योंकि ये आपको गोल्ड दे सकता है। इसकी विधि सामने आ गई है आप भी अपनाएं। - आपको गोल्ड दे सकता है। इसकी विधि सामने आ गई है आप भी अपनाएं।
आपके स्मार्टफोन में छिपा हुआ है सोना। यकीन नहीं हो रहा ना? लेकिन ये सच, आपके मोबाइल के अंदर सोना और चांदी होता है इसलिए अगर आपका कंप्यूटर और स्मार्टफोन खराब हो जाए तो उसे कभी भी फेकिए मत।
यूके की University of Edinburgh के शोधकर्ताओं का मानना है कि इस कीमती धातु सोना को खराब इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से निकालने के तरीके में सुधार करके हम सोने की खदानों से सोना निकालने की प्रक्रिया को कम कर सकते हैं। इससे सोना खनन के दौरान निकलने वाली कार्बन डाई ऑक्साइड गैस की मात्रा को कम कर सकते हैं। इससे पर्यावरण पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
अब आप भी बेकार की इलेक्ट्रॉनिक कचरों से सोना हासिल कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले सारे ई-कचरे को सोने को गलाने वाले बर्तन में रखें और उसे पूरी तरह से गला दें। इस कचरे को जलाने के बाद जो बेकार की चीजें होंगी, वो राख के रूप में उससे अलग हो जाएंगी।
बाकी बचे ई-कचरे को हम दुबारा से उसी बर्तन में डालकर भट्टी में डाल दें। ये आप पर निर्भर करता है कि आप इलेक्ट्रॉनिक भट्टी का इस्तेमाल करते हैं या कोई अन्य पारंपरिक भट्टी। पूरे ई-कचरे को 1700 डिग्री गर्म करने के बाद आप उसे निकालें और एसिड से साफ करके कॉपर को अलग कर दें। इस पूरी तरह से लाल गर्म हो चुके ई-कचरे को निकालें और लौह तत्वों को अलग कर दें।
इसके बाद इसे 1700 डिग्री टेंपरेचर पर गर्म करें।कॉपर को अलग करने के बाद बचे सामान को फिर से एसिड में डाल दें। इसके बाद उसे अलग करें। आखिर में आपके पास 4 मिलिग्राम सोना बचेगा। पर इन सबमें इस्तेमाल हुए ई-कचरे का वजन कम से कम 2 किलोग्राम होना चाहिए, ई-कचरे में ये हिस्सा सर्किटबोर्ड का हो, इस बात का भी खास ख्याल रखे।


Sunday, September 4, 2016

थोक से दुगनी रिटेल में दालों की कीमत

कोटा।  देश में इन दिनों दाल में खेल जारी है। इंपोर्ट और घरेलू उत्‍पादन बढ़ने की उम्‍मीद से गिरे दाल के होलसेल प्राइस से जहां किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है, वहीं रिटेल में मुनाफाखोरी के चलते अब ग्राहक की जेब पर डाका पड़ रहा है। मौजूदा समय में हालात यह हैं कि रिटेलर होलसेल प्राइस से लगभग 60 से 120 फीसदी तक मुनाफा वसूल रहे हैं। यही नहीं, ब्रांडेड और शुद्धता का दावा करने वाली कंपनियां तो इससे कहीं अधिक दाम पर दालें बेच रही हैं। इस सबसे बेखबर सरकार अब भी दालों के संकट को सिर्फ थोक व्‍यापारियों पर सख्‍ती और इंपोर्ट से ही दूर करने में लगी हुई है।
56 की अरहर 165 में दरअसल
पिछले दो साल से अरहर दाल को लेकर ही हौवा खड़ा है। दो साल पहले 90 से 100 रुपए प्रति किलो बिकने वाली अरहर दाल के दाम 200 रुपए कैसे कैसे पहुंच गए ये आम आदमी तो क्‍या सरकार भी नहीं भांप पाई। ऐसे में सरकार के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अरहर-मोदी के व्‍यक्तिगत रूप से तंज झेलने पड़े। लेकिन, अब चूंकि, सरकार ने दालों का इंपोर्ट शुरू कर दिया और घरेलू उत्‍पादन के आंकड़े 200 लाख टन के आसपास हैं तो दाम तेजी से नीचे आने लगे। दिल्‍ली नया बाजार स्थित किशोरीलाल चंद्रभान ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में दालों के थोक भाव 50 फीसदी से भी ज्‍यादा गिर चुके हैं। लगभग 40 दिन पहले 9क्विंटल (56 रुपए प्रति किलो) बोले गए। लेकिन, रिटेल में अब भी अरहर दाल 150 से 165 रुपए किलोग्राम पर बिक रही है। यही हाल देश के लगभग सभी बाजारों में हैं। ये है 

दालों के थोक व रिटेल भाव
 दाल               होलसेल              रिटेल             
 तुअर             5600 से 5800     150 से 165
 मूंग               4200 से 4400      95 से 110 
 उड़द            7100 से 7200      135 से 142 
 चना              6700 से 6800       105 से 110
 (होलसेल के भाव रुपए प्रति क्विंटल और रीटेल प्रति किलोग्राम में हैं)...
बाबा की दाल और भी महंगी
दालों का यह खेल बड़ी बड़ी कंपनियां बड़े स्‍तर पर खेल रही हैं। बीते साल में दालों के दामों में कई बार उतार चढ़ाव आए.लेकिन, इन कंपनियों की दालें अपने उसी रुआब में बिकी। क्‍योंकि, इन्‍हें कंपनियां तरह-तरह के वादों के साथ जो बेच रही हैं। रिलायंस, टाटा-आई शक्ति, बिग बाजार, मॉल आदि जगहों में तो अरहर दाल 165 से कहीं ज्‍यादा में बिक रही है। ये तो हुई शुद्ध व्‍यापारिक दृष्टिकोण वाली कंपनियां लेकिन, शुद्धता और बहुराष्‍ट्रीय कंपनियों की खिलाफत करने वाली पतंजलि तो अरहर दाल को 174 रुपए में बेच रही है। यही नहीं, तमाम मार्ट और मॉल में कुछ कंपनियों पर डिस्‍काउंट है लेकिन पतंजलि प्रोडक्‍ट बिना डिस्‍काउंट के बिक रहे हैं।

Reliance Jio से कॉलिंग और डाटा नहीं है मुफ्त

कोटा। रिलायंस जियो ने अपनी वेबसाइट पर प्रीपेड प्लान्स के बाद अपने पोस्टपेड प्लान्स की भी घोषणा कर दी है। पोस्टपेड प्लान 149 रुपये से शुरू होकर के 3999 रुपये तक हैं। कस्टमर्स अपनी सुविधा के अनुसार प्लान ले सकते हैं। लेकिन प्लान्स के अनुसार रिलायंस जियो पर कुछ भी फ्री नहीं है। कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि रात में अनलिमिटेड डाटा का लाभ केवल तीन घंटे के लिए 2 बजे से सुबह 5 बजे तक ही मिलेगा।
4जी नेटवर्क के अलावा अन्य नेटवर्क पर कॉल करने से कटेंगे पैसे
मुकेश अंबानी ने गुरूवार को जब रिलायंस जियो की घोषणा की थी तो कहा था कि कॉल करने पर किसी तरह का कोई पैसा नहीं लिया जाएगा और कॉलिंग पूरी तरह से फ्री होगी। लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आप जियो से 2जी और 3जी नेटवर्क के नंबर पर बात करते हैं तो कॉल करने पर पैसे कटेंगे। 4जी नेटवर्क पर कॉल करने पर किसी तरह का कोई कॉल चार्ज नहीं लिया जाएगा।
रात में फ्री अनलिमिटेड डाटा देने में झोल
जियो के कस्टमर्स को जो रात में फ्री डाटा यूज करने की बात कही थी उसमें भी झोल हैं। कंपनी इसका फायदा केवल रात में 2 बजे से लेकर के सुबह 5 बजे तक देगी जिसका फायदा हर कोई नहीं ले पाएगा। जबकि अन्य कंपनियां रात में 11 बजे से लेकर के सुबह के 7 बजे तक इस तरह के प्लान ऑफर कर रही हैं। यानी दिन के 21 घंटों में केवल आपका प्लान वाला डाटा चलेगा।
फ्री में नहीं है कुछ भी, 1 जीबी के लिए खर्च करने होंगे 66 रुपये
आपको 1जीबी 4जी डेटा के लिए सिर्फ पचास रुपये खर्च करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 3999 या 4999 रुपये वाला प्लान लेना पड़ेगा। यहाँ भी अगर कैलकुलेशन करें तो लगभग 66 रूपये खर्च करने होंगे एक जीबी 4जी डाटा के लिए। केवल इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए आप 1एमबी/5 पैसा की दर से 50 रुपये में 1जीबी डाटा का लाभ मिलेगा। लेकिन फिर आप फ़्री कॉल्स या मैसेज का लाभ नहीं उठा पाएँगे। आपके लिए अनलिमिटेड नाइट वाला डाटा भी नहीं लागू होगा। मतलब सीधा है कि आपको या तो डाटा के पैसे देने होंगे या फिर कॉल के। फ़्री का कुछ नहीं है। सस्ता जरूर है।
टर्म्स एण्ड कंडीशन्स: छुपे हुए नियम और शर्तें
1. कॉलिंग बिल्कुल फ़्री है अगर आप 4जी का इस्तेमाल कर रहे हों फोन करने के लिए, चाहे वो जहाँ भी हो लोकल या एसटीडी
2. ये प्लान आपको जनवरी 2017 से मिलेंगे
3. वीडियो कॉल, जियो के अप्लिकेशन या बाकी इंटरनेट कंटेंट के चार्ज और डाटा आपके प्लान से कटेंगे
4. प्रीपेड वालों के लिए 19, 129 और 299 रुपये वाले प्लान सबसे पहले प्लान नहीं ले सकते हैं। सबसे पहला रिचार्ज आपको 499 रुपये का कराना होगा।

Friday, September 2, 2016

मांझी कराता है नैया पार...........

कोटा। उड़ीसा के पिछड़े जिले कालाहांडी में पिछले दिनों (25 अगस्त को) एक आदिवासी व्यक्ति अमंग  देई को अपनी पत्नी के शव को अपने कंधे पर लेकर करीब 10 किलोमीटर तक चलना पड़ा। उसे अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल सका था। उसकी 42 वर्षीय पत्नी की भवानीपटना में जिला मुख्यालय अस्पताल में टीबी से मौत हो गई थी। उस घटना ने शहर की एक कवयित्री संगीता कौशिक द्विवेदी के हृदय को झकझोर दिया। उन्होंने अपनी कुछ पंक्तियों के माध्यम से उस मांझी की वेदना को इस प्रकार बयां किया.........
मांझी कराता है नैया पार
दाना तो होता है समझदार
एक नादाँ ऐसा था माँझी
जिसकी वेदना हम सब की थी सांझी
अंतिम थी यात्रा उसके किसी अपने की
मिली उसको ज़रा न मदद
किसी पराये या अपने की
अकेला काँधा था उस कहार का
बोझ मन पर पड़ा, पीड़ा की मार का
प्रहार था उस पर देश की व्यव्स्थाओं का
चंद खनकते सिक्कों और हरे कागज़ों के व्योपार का
ग़रीबी, लाचारी ने फिर उसे औंधे मुँह पटका
पैसों के अभाव में उसकी मृत-बीवी का दाह-संस्कार रहा अटका
उस दिन मांझी को गर तीन काँधे और मिल जाते
मानवता के चारों धाम
वहीं हो जाते
बारह कोस तक , मृत शरीर के तले एक मृत मन चला था
न जाने कौन किसको ढो रहा था, न जाने कौन किसको ढो रहा था.....

संगीता कौशिक द्विवेदी 

Thursday, September 1, 2016

सीमेंट कंपनियों पर 6,715 करोड़ का जुर्माना

नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने 11 सीमेंट कंपनियों पर 6,715 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सीसीआई ने कंपनियों को कार्टेल बनाकर सीमेंट की कीमतें ऊंची रखने का दोषी पाया है एसीसी, बिनानी, अल्ट्राटेक जैसी कंपनियां और इनका संगठन सीमेंट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन इस जुर्माने की जद में आए हैं। नियामक ने ताजा आदेश प्रतिस्पर्धा अपीलीय ट्रिब्यूनल (कॉम्पैट) की ओर से जारी निर्देशों का पालन करते हुए दिया है।
कुछ साल पहले प्रतिस्पर्धा नियामक सीसीआई की ओर से 10 सीमेंट कंपनियों पर लगाए गए करीब छह हजार करोड़ के जुर्माना लगाया गया था। सीमेंट कंपनियों ने इसे कॉम्पैट में चुनौती दी थी। ट्रिब्यूनल ने जुर्माने को खारिज कर इस मामले को नए सिरे से आदेश पारित करने के लिए वापस सीसीआई के पास भेज दिया था।मामले पर दोबारा जांच और सुनवाई के बाद प्रतिस्पर्धा नियामक ने नए सिरे से 10 कंपनियों पर जुर्माना लगाया है। इसके अलावा श्रीसीमेंट को अनुचित कारोबारी तौर-तरीके अपनाने के लिए 398 करोड़ रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया है।
किस पर कितना अर्थदंड
कंपनी----जुर्माना राशि (करोड़ रुपये में)
जेपी----1,324
अल्ट्राटेक----1,175
एसीएल----1,163
एसीसी----1,148
लाफार्ज----490
श्री सीमेंट----398
सेंचुरी----274
इंडिया सीमेंट----187
बिनानी----167