Sunday, September 18, 2016

जिंस वायदा कारोबार के लिए क्लाइंट कोड व पैन अनिवार्य

नई दिल्ली। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने कमोडिटी एक्सचेंज जैसे एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स में ट्रेडिंग करने वाले सभी निवेशकों के लिए यूनिक क्लाइंट कोड (यूसीसी) और पैन यानी परमानेंट एकाउंट नंबर अनिवार्य कर दिया है। इन एक्सचेंजों में चीनी, स्टील, सोना, चांदी जैसी तमाम जिंसों का वायदा कारोबार होता है।सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने एक सर्कुलर में कहा है कि चाहे कोई व्यक्ति या कोई कंपनी अथवा फर्म, कमोडिटी एक्सचेंज में पहचान के लिए पैन अनिवार्य होगा।ये यूनिक क्लाइंट कोड के जरिये वायदा कारोबार कर सकेंगे। हालांकि सिक्किम के मामले में पैन की अनिवार्यता से छूट रहेगी। एक्सचेंजों को ऐसा सिस्टम बनाना होगा जिससे सिक्किम के निवासी होने की पुष्टि हो सके।एक्सचेंज से जुड़े सदस्य ब्रोकरों को अपने क्लाइंट यानी ग्राहकों के दस्तावेज एक्सचेंजों में जमा कराने होंगे और हर महीने उन्हें अपडेट भी करना होगा। ब्रोकरों को किसी महीने की ग्राहकों के बारे में ताजा जानकारी अगले महीने की सात तारीख तक जमा करानी होगी।ग्राहकों को दस्तावेजी जानकारी दिये बगैर ट्रेडिंग होने पर ब्रोकरों को सौदे के मूल्य काएक फीसद जुर्माना देना होगा। एक्सचेंजों को जुर्माने की यह राशि निवेशक सुरक्षा फंड में जमा करानी होगी। अगर ब्रोकर ऐसे ग्राहकों की जानकारी एक माह बाद भी देने में नाकाम रहते हैं तो उनकी सदस्यता निलंबित की जा सकती है।एक्सचेंजों को अपने ग्राहकों की समूची जानकारी का डाटाबेस तैयार रखना होगा। उन्हें यह डाटाबेस सात वर्षों तक अपने पास सुरक्षित रखना होगा। एक अन्य सर्कुलर में सेबी ने एक्सचेंजों को सेटलमेंट गारंटी फंड में अंशदान करने को कहा है।एक्सचेंजों को अपने कुल राजस्व की पांच फीसद राशि इस फंड में जमा करना होती है। जिन एक्सचेंजों ने पूरी राशि जमा नहीं की है, उन्हें ही इसमें अंशदान देना है।




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