कोटा। देश में इन दिनों दाल में खेल जारी है। इंपोर्ट और घरेलू उत्पादन बढ़ने की उम्मीद से गिरे दाल के होलसेल प्राइस से जहां किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है, वहीं रिटेल में मुनाफाखोरी के चलते अब ग्राहक की जेब पर डाका पड़ रहा है। मौजूदा समय में हालात यह हैं कि रिटेलर होलसेल प्राइस से लगभग 60 से 120 फीसदी तक मुनाफा वसूल रहे हैं। यही नहीं, ब्रांडेड और शुद्धता का दावा करने वाली कंपनियां तो इससे कहीं अधिक दाम पर दालें बेच रही हैं। इस सबसे बेखबर सरकार अब भी दालों के संकट को सिर्फ थोक व्यापारियों पर सख्ती और इंपोर्ट से ही दूर करने में लगी हुई है।
56 की अरहर 165 में दरअसल
पिछले दो साल से अरहर दाल को लेकर ही हौवा खड़ा है। दो साल पहले 90 से 100 रुपए प्रति किलो बिकने वाली अरहर दाल के दाम 200 रुपए कैसे कैसे पहुंच गए ये आम आदमी तो क्या सरकार भी नहीं भांप पाई। ऐसे में सरकार के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अरहर-मोदी के व्यक्तिगत रूप से तंज झेलने पड़े। लेकिन, अब चूंकि, सरकार ने दालों का इंपोर्ट शुरू कर दिया और घरेलू उत्पादन के आंकड़े 200 लाख टन के आसपास हैं तो दाम तेजी से नीचे आने लगे। दिल्ली नया बाजार स्थित किशोरीलाल चंद्रभान ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में दालों के थोक भाव 50 फीसदी से भी ज्यादा गिर चुके हैं। लगभग 40 दिन पहले 9क्विंटल (56 रुपए प्रति किलो) बोले गए। लेकिन, रिटेल में अब भी अरहर दाल 150 से 165 रुपए किलोग्राम पर बिक रही है। यही हाल देश के लगभग सभी बाजारों में हैं। ये है
दालों के थोक व रिटेल भाव
दाल होलसेल रिटेल
तुअर 5600 से 5800 150 से 165
मूंग 4200 से 4400 95 से 110
उड़द 7100 से 7200 135 से 142
चना 6700 से 6800 105 से 110
(होलसेल के भाव रुपए प्रति क्विंटल और रीटेल प्रति किलोग्राम में हैं)...
बाबा की दाल और भी महंगी
दालों का यह खेल बड़ी बड़ी कंपनियां बड़े स्तर पर खेल रही हैं। बीते साल में दालों के दामों में कई बार उतार चढ़ाव आए.लेकिन, इन कंपनियों की दालें अपने उसी रुआब में बिकी। क्योंकि, इन्हें कंपनियां तरह-तरह के वादों के साथ जो बेच रही हैं। रिलायंस, टाटा-आई शक्ति, बिग बाजार, मॉल आदि जगहों में तो अरहर दाल 165 से कहीं ज्यादा में बिक रही है। ये तो हुई शुद्ध व्यापारिक दृष्टिकोण वाली कंपनियां लेकिन, शुद्धता और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की खिलाफत करने वाली पतंजलि तो अरहर दाल को 174 रुपए में बेच रही है। यही नहीं, तमाम मार्ट और मॉल में कुछ कंपनियों पर डिस्काउंट है लेकिन पतंजलि प्रोडक्ट बिना डिस्काउंट के बिक रहे हैं।
56 की अरहर 165 में दरअसल
पिछले दो साल से अरहर दाल को लेकर ही हौवा खड़ा है। दो साल पहले 90 से 100 रुपए प्रति किलो बिकने वाली अरहर दाल के दाम 200 रुपए कैसे कैसे पहुंच गए ये आम आदमी तो क्या सरकार भी नहीं भांप पाई। ऐसे में सरकार के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अरहर-मोदी के व्यक्तिगत रूप से तंज झेलने पड़े। लेकिन, अब चूंकि, सरकार ने दालों का इंपोर्ट शुरू कर दिया और घरेलू उत्पादन के आंकड़े 200 लाख टन के आसपास हैं तो दाम तेजी से नीचे आने लगे। दिल्ली नया बाजार स्थित किशोरीलाल चंद्रभान ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में दालों के थोक भाव 50 फीसदी से भी ज्यादा गिर चुके हैं। लगभग 40 दिन पहले 9क्विंटल (56 रुपए प्रति किलो) बोले गए। लेकिन, रिटेल में अब भी अरहर दाल 150 से 165 रुपए किलोग्राम पर बिक रही है। यही हाल देश के लगभग सभी बाजारों में हैं। ये है
दालों के थोक व रिटेल भाव
दाल होलसेल रिटेल
तुअर 5600 से 5800 150 से 165
मूंग 4200 से 4400 95 से 110
उड़द 7100 से 7200 135 से 142
चना 6700 से 6800 105 से 110
(होलसेल के भाव रुपए प्रति क्विंटल और रीटेल प्रति किलोग्राम में हैं)...
बाबा की दाल और भी महंगी
दालों का यह खेल बड़ी बड़ी कंपनियां बड़े स्तर पर खेल रही हैं। बीते साल में दालों के दामों में कई बार उतार चढ़ाव आए.लेकिन, इन कंपनियों की दालें अपने उसी रुआब में बिकी। क्योंकि, इन्हें कंपनियां तरह-तरह के वादों के साथ जो बेच रही हैं। रिलायंस, टाटा-आई शक्ति, बिग बाजार, मॉल आदि जगहों में तो अरहर दाल 165 से कहीं ज्यादा में बिक रही है। ये तो हुई शुद्ध व्यापारिक दृष्टिकोण वाली कंपनियां लेकिन, शुद्धता और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की खिलाफत करने वाली पतंजलि तो अरहर दाल को 174 रुपए में बेच रही है। यही नहीं, तमाम मार्ट और मॉल में कुछ कंपनियों पर डिस्काउंट है लेकिन पतंजलि प्रोडक्ट बिना डिस्काउंट के बिक रहे हैं।
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