
16 मई को चुनावी नतीजों में मोदी और बीजेपी ने कई रेकॉर्ड बनाए तो सोशल मीडिया के मोर्चे पर भी रेकॉर्ड टूटे। मतगणना वाले दिन नरेंद्र मोदी की ओर से किए गए ट्वीट ने सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए। मोदी का यह विजय ट्वीट देश भर में सबसे ज्यादा बार रीट्वीट किया जाने वाला ट्वीट बन गया।
चुनाव में शुक्रवार को बहुमत मिलने के बाद मोदी ने ट्वीट किया था 'इंडिया हैज वॉन! भारत की विजय। अच्छे दिन आने वाले हैं।' इस ट्वीट को कुछ देर बाद ही 51,000 बार री-ट्वीट किया गया और 32,000 लोगों ने इस पर अपनी पसंद (फेवरिट) की मुहर लगाई। मोदी ने चुनाव में बीजेपी और एनडीए को बड़ी सफलता के रुझान मिलने के बाद दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर यह ट्वीट किया।
ट्विटर इंडिया के ऑफिशल अकाउंट ने भी पुष्टि की कि यह ट्वीट भारत में सबसे ज्यादा बार री-ट्वीट किया जाने वाला ट्वीट बन गया है। इसके अलावा यह सबसे तेजी से 10 हजार, 20 हजार, 40 हजार और 50 हजार के री-ट्वीट तक पहुंचने वाला ट्वीट भी है।
इस ट्वीट को री-ट्वीट किए जाने का सिलसिला अगले दिन भी चलता रहा। 17 मई को सुबह 10 बजे तक इसे 65,323 बार री-ट्वीट किया जा चुका था और 40,577 लोग इसे फेवरिट ट्वीट बना चुके थे। अब एक दिन पहले ही ट्विटर ने बताया था कि 1 जनवरी से 12 मई 2014 के बीच चुनाव संबंधित कुल 5.6 करोड़ ट्वीट किए गए।
वैसे इंटरनैशनल स्तर पर इस ट्वीट को नंबर वन बनने में अभी लंबी दूरी तय करनी बाकी है। नेताओं में इस मामले में ओबामा सबसे आगे हैं। दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति का पत्नी मिशेल को गले लगाते हुए तस्वीर के साथ किया गया '4 मोर इअर्स' का ट्वीट 7,74,933 बार रिट्वीट किया गया था और इसे 2,94,571 लोगों ने अपना फेवरिट चुना था।
वैसे दुनिया का सबसे ज्यादा री-ट्वीट किया गया ट्वीट इस साल की ऑस्कर की होस्ट एलन डीजेनरस ने किया था, जिसमें उन्होंने हॉलिवुड के कई बड़े सितारों के साथ अवॉर्ड्स के दिन की सेल्फी शेयर की थी।
आज के जमाने में न सिर्फ दुनिया सिकुड़ रही है, बल्कि दिन, घंटे यहां तक कि जिंदगियां भी सिकुड़ने लगी हैं। ऐसे में 7 जन्मों तक साथ निभाने का शादी का वादा भी सिकुड़कर सिर्फ दो साल का रह गया है। मौजूदा हालात में अधिकतर शादीशुदा कपल्स सिर्फ 2 साल तक ही शादी का बंधन निभा पा रहे हैं।
बिजनसमैन सुनिल पुरोहित और 6 सालों तक उनकी गर्लफ्रेंड रहीं निधि सुंदर (नाम बदल दिये गए हैं) ने सबकुछ किया। उन्होंने लंबे वक्त की कोर्टशिप चलाई, दोनों के परिवारों को मनाया तब जाकर शादी की। लेकिन साल भर के अंदर ही दोनों एक-दूसरे के 'कट्टर' विरोधी बन गए और तलाक की अर्जी दायर कर दी।
हालांकि, शादियां कितने वक्त टिक रही हैं इस बारे में कोई डेटा मौजूद नहीं है, लेकिन अधिकतर कौंसेलिंग क्लिनिक्स का यही कहना है कि शादियों की उम्र अब घटती जा रही है। कई सिलेब्रिटीज के तलाक के केस हैंडल कर चुकी मुंबई में रहने वाली ऐडवोकेट मृणालिनी देशमुख का भी यही मानना है। उन्होंने कहा, 'मेरे पास आने वाले 10% केसों में कपल शादी के एक या दो साल बाद ही अलग हो रहा हो रहा होता है। यहां तक कि मेरे पास ऐसे क्लायंट्स भी लीगल अड्वाइस लेने आते हैं जिनकी शादियों को एक महीना भी पूरा नहीं हुआ होता।'
मृणालिनी का मानना है कि अधिकतर कपल शादी के साथ आने वाली जिम्मेदारियां नहीं समझ पाते और मैच्योरिटी से हैंडल नहीं कर पाते। कई केसों में उन्हें सही मार्गदर्शन नहीं मिलता।
देशमुख का कहना है, एक या दो साल तक एक दूसरे को डेट कर चुके कपल शादी के बाद अचानक कम्पैटिबल न होने की बात करते हैं। यह ताज़ा ट्रेंड है। वह कहती हैं, 'बतौर वकील यह बात मुझे हैरान कर देती है। शादी से पहले वे मेड फॉर ईच अदर होते हैं और शादी के बाद उनकी सारी कम्पैटिबिलिटी खत्म हो जाती है।'सायकायट्रिस्ट विजय नागस्वामी का मानना है कि शादी की संस्था को यह झटका मिलना जरूरी था। वह कहते हैं, 'पुरानी पीढ़ी के लिए शादी एक संस्कार था, लेकिन भारत की शहरी युवा पीढ़ी के लिए शादी दो वयस्कों के बीच का रिश्ता है।' वह मानते हैं कि आने वाले सालों में शादी को आने वाली पीढ़ियों की सहूलियत के हिसाब से रीडिफाइन किया जाएगा।गीता बालशेखर ने अपने देवर की शादी टूटते हुए देखी है। उनका मानना है कि अधिकतर युवा शादी करने से इसलिए भागते है्ं, क्योंकि वे पहले ही मान के बैठ जाते है कि 'शादियां चलती ही नहीं। ऐसे में वक्त क्यों बर्बाद किया जाए।' मॉडर्न शहरी डिक्शनरी में कॉम्प्रोमाइज़ एक गंदा शब्द है। बालशेखर कहती हैं, 'वे सुलह के कॉन्सेप्ट में विश्वास नहीं रखते। वे स्वीकार ही नहीं करना चाहते कि शादियां न चलने का बड़ा कारण वे खुद हैं। उनकी अस्थिरता की वजह से शादी ही नहीं अन्य रिश्ते भी खराब होते हैं।'
मुंबई के एक ऐडवर्टाइजिंग प्रफेशनल मनोज भवनानी की शादी को पांच साल हो चुके हैं। वह कहते हें, 'शादियां तब अच्छी हुआ करती थीं जब नेता ईमानदार हुआ करते थे। दोनों बीते वक्त की बातें हैं। चीजों में आने वाले बदलाव को स्वीकार करना चाहिए। आज के वक्त में शादियां बच्चे पैदा करने का सोशल कॉन्ट्रैक्ट हैं। शादी का रिवाज़ खत्म होने की तरफ बढ़ रहा है। अब तो सरकार भी लिव-इन रिलेशनशिप्स को लीगल मानती है।'
चेन्नई की वकील और ऐक्टिविस्ट सुधा रामलिंगम कहती हैं कि आजकल शादियों से भाग रहे बच्चों को माता-पिता का सहयोग मिल रहा है। वह कहती हैं, 'पहले मां-बाप बच्चों को कहते थे कि ज़रा-ज़रा सी बात पर रोकर घर मत आना। अब वे कहते हैं कि अड्जस्ट न कर पाओ तो वापस आ जाना हम देख लेंगे। हमारी सोसायटी अक्सेप्ट करना सीख रही है।' वह मानती हैं कि ऐसा सिर्फ बड़े शहरों में नहीं है। सुधा बताती हैं, 'मैंने सालेम, पॉन्डिचेरी और मदुरै में एक-दो सालों में ही रिश्ते टूटते देखे हैं।'
मुंबई की सायकायट्रिस्ट और सायकोथेरपिस्ट वरखा चुलानी कहती हैं, 'लोगों में घमंड बढ़ गया है। लोगों में मैं की भावना बढ़ गई है।' महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। दिल्ली की 30 वर्षीय फिल्ममेकर मृगांका पांडे कहती हैं कि शादी के बाद उनके पति का व्यवहार उनके साथ बदल गया। वह उनसे उम्मीद करते थे कि वह एक पारंपरिक बहू के तौर पर रहें। पांडे कहती हैं, 'हम पागलों की सोसायटी में रहते हैं और शादी हमारे रिश्तों के डबल स्टैंडर्ड्स पर से परदा उठाकर रख देती है।'
कोटा । ग्राहक से पूछे बिना टेलीकॉम कंपनियों कॉलर ट्यून चालू करने और फिर शुल्क काटने को लेकर राष्ट्रीय राजधानी के एक उपभोक्ता फोरम ने नाराजगी जताई है। ऐसे ही शुल्क काटने के एक मामले में फोरम ने टाटा टेलीसविसेस [टीटीएसएल] पर हर्जाना लगाया है। साथ ही कंपनी को ग्राहक से वसूला गया शुल्क भी वापस करने का आदेश दिया है। क्या था मामला
पवन कुमार जिंदल ने फोरम में यह शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी याचिका में उन्होंने आरोप लगाया कि उनके मोबाइल नंबर पर कॉलर ट्यून एक्टिवेट करने और इसका शुल्क वसूलने में टीटीएसएल ने गड़बड़ी की है। यह ट्यून एक्टिवेट करने के लिए न तो उन्होंने कंपनी के पास कोई अनुरोध किया और न ही ऑपरेटर की ओर से इसके लिए अनुमति ली गई।
नई दिल्ली उपभोक्ता विवाद निपटान फोरम के न्यायाधीश सीके चतुर्वेदी ने टीटीएसएल को ग्राहक की सहमति के बिना कॉलर ट्यून शुल्क वसूलने का दोषी ठहराया है। चतुर्वेदी ने कहा कि कंपनी खुद को सही ठहराने के लिए गलतबयानी कर रही है। फोरम ने टाटा टेली पर 3,000 रुपये का हर्जाना लगाते हुए कहा कि ग्राहक की अनुमति लिए बिना ही कॉलर ट्यून एक्टिवेट करने को टेलीकॉम कंपनियों ने वसूली का जरिया बना लिया है। इस तरह से शुल्क की वसूली बड़ी समस्या बन चुकी है। फोरम ने कहा कि अन्य मोबाइल ऑपरेटर भी इसी तरह की कारगुजारियों में संलग्न हैं। ग्राहकों से इसी तरीके से सेवा और सूचना शुल्क वसूले जा रहे हैं।
कोटा। देश इस समय इस कदर मोदीफाइड हो गया है कि फैशन जगत भी इससे अछूता नहीं रहा। मोदी स्टाइल के कुर्ते तो पहले ही मशहूर थे, अब उनके पहनावे की ही शैली के कई कंपनियों ने कुर्ते लांच कर दिए हैं। मोदी के फोटो वाली टी-शर्ट की धूम के बाद अब उनकी फोटो वाली साड़ियां भी बाजार में हैं।
देश के 14वें प्रधानमंत्री बनने जा रहे मोदी दरअसल वैसे तो फैशनपरस्त नहीं हैं। लेकिन नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता ने उनके पहनावे को भी सभी का पसंदीदा बना दिया है। उनकी इसी लोकप्रियता को भुनाते हुए डिजाइनर कपिल व मोनिका अरोड़ा ने मोदी के कुर्तो की तर्ज पर चूड़ीदार पैजामा और सूती कुर्ते का कलेक्शन जारी किया है। इस कलेक्शन का नाम ओल्ड क्लासिक बट न्यू विजन, न्यू इंडिया रखा है। इस देसी वार्डरोब में गेरुवे, नारंगी, सफेद, बादामी व भूरे रंग के कुर्ते पैजामे के सेट पेश किए हैं। इन सूती परिधानों के विषय में कपिल का कहना है कि उनके डिजाइन किए कपड़े पहले ही ई-कामर्स के जरिए आनलाइन खूब बिक रहे हैं।
फिटिंग वाले पैजामे के साथ नेहरू जैकेट के नीचे आधी बांह के कुर्ते नरेंद्र मोदी का पहनावा है। उनका ये देसी अंदाज इंटरनेट पर खूब बिक रहा है। खासकर इस नए ब्रांड को भी ई-कामर्स के जरिए ही बेचा जा रहा है। इसके अलावा उनके देसी स्टाइल के परिधान सबसे अधिक मोदीमैनिया.कॉम पर बिक रहे हैं। जय हिंद-जय भारत नाम से मुंबई के प्रसिद्ध साड़ी स्टोर पानेरी ने मोदी के चेहरे के डिजिटल प्रिंट वाली साड़ियां बेचनी शुरू कर दी हैं।
जार्जेट की इन साड़ियों में बैकग्राउंड प्रिंट व विभिन्न रंगों का समावेश भी है। लेकिन इसका मुख्य आकर्षण साड़ी पर मोदी के चेहरे का डिजिटल प्रिंट है। इस साड़ी के लांच होते ही इसकी धूम मच गई है। इसी सोमवार को पहली बार लांच की गई साड़ी के अब तक 160 से अधिक पीस बिक चुके हैं। और इसे खरीदने के लिए इससे भी अधिक और ऑर्डर आ गए हैं।
पनेरी साड़ी के सीईओ विनोद गाडा ने बताया कि उनके मुंबई के शोरूम की शाखाएं ढाणे और दादर में भी हैं। सभी जगह इसकी कीमत फिलहाल 2150 रुपये लगाई गई है। उन्होंने बताया कि मोदी से जुड़े उनके परिधानों की सबसे अधिक मांग प्रथम और द्वितीय श्रेणी के शहरों में सबसे अधिक है। कुल मांग का साठ फीसद हिस्सा शहरों से आता है।

कोटा। जिस तरह विकास के बढ़ते कदम ने हमें फोन जैसी सुविधा उपलब्ध कराई, उसी प्रकार इंटरनेट के हमारे जीवन में प्रवेश करने से जिंदगी बिल्कुल बदल-सी गई है या कहें कि बहुत आसान हो गई है। इंटरनेट पर हर प्रकार की सुविधा के बाद अब इसका उपयोग फोन पर अत्यधिक किया जा रहा है।यदि आपके फोन में इंटरनेट की सुविधा है तो आप कभी भी और कहीं भी इसका उपयोग कर सकते हैं। वहीं फोन के लिए कई सारे महत्वपूर्ण ऐप्लिकेशन भी उपलब्ध हैं जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण व प्रचलित हैं फ्री वॉयस कॉलिंग ऐप्लिकेशन। इन फ्री वॉयस कॉलिंग ऐप्लिकेशन के माध्यम से आप बिल की चिंता किए बिना कितनी भी बातें कर सकते हैं। इनमें मुफ्त कॉल के अलावा अनलिमिटेड मैसेज व वीडियो चैटिंग की भी सुविधा उपलब्ध है।
वाइबर: कहीं भी करें फ्री कॉल
आज उपभोक्ताओं के मध्य सबसे अधिक लोकप्रिय ऐप्लिकेशन वाइबर है जो कि मुफ्त वॉयस कॉलिंग की सुविधा देती है। यह ऐप्लिकेशन आईओएस और एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर कार्य करने में सक्षम है। यह पूरी तरह मुफ्त है और इसे उपयोग करना भी काफी आसान है। इसके द्वारा आप फ्री कॉलिंग और मैसेज के अतिरिक्त अपने दोस्तों के साथ अपनी फोटो, वीडियो और लोकेशन भी शेयर कर सकते हैं। इसमें कुछ खास फीचर्स जैसे स्टीकर्स, डूडल और आकर्षक इमोटिकोंस दिए गए हैं जिनका उपयोग कर आप अपनी भावनाएं आसानी से व्यक्त कर सकते हैं।
वीचैट: शेक करके देखें

इस ऐप्लिकेशन को चाइना की टेनकेंट टेक्नोलॉजी लिमिटेड कंपनी द्वारा 21 जनवरी 2011 को बनाया व विकसित किया गया। लांच होने के कुछ ही समय बाद यह स्मार्टफोन उपभोक्ताओं के बीच अत्यधिक लोकप्रिय होने लगी। उपभोक्ताओं द्वारा इसका सबसे ज्यादा उपयोग कॉल के लिए किया जाता है। इनके अलावा इसमें कई फीचर्स दिए गए हैं जिनमें वीडियो कॉलिंग, ग्रुप चैट, मैसेज के अतिरिक्त शेक की भी सुविधा है। इसमें दिए गए शेक फीचर के माध्यम से आप अपने आस पास के लोगों से भी जुड़ सकते हैं। साथ ही वीचैट के द्वारा आप अपने दोस्तों को वॉयस मैसेज भी भेज सकते हैं। यह ऐप्लिकेशन कई भाषाओं में कार्य करने में सक्षम है जिनमें इंग्लिश, हिंदी, पारंपरिक चाइनीज, साधारण चाइनीज, अरेबिक, जर्मन, स्पैनिश व रशियन आदि प्रमुख हैं।
गूगल हैंगआउट: फेस टू फेस बात
युवाओं के बीच वॉयस टॉक करने की आज अत्यधिक प्रचलित ऐप्लिकेशन हैंगआउट है। इसके द्वारा आप साधारण मैसेज तो कर ही सकते हैं बल्कि आप वॉयस टॉक का भी मजा ले सकते हैं।
इस ऐप्लिकेशन की खासियत है कि इस पर आप ग्रुप वॉयस टॉक भी आसानी से कर सकते हैं। एक साथ सभी दोस्तों से फेस टू फेस बात करना तो हम सभी को पसंद है लेकिन समय की कमी व व्यस्तता के कारण मिलना बहुत ही कम होता है। लेकिन इस ऐप्लिकेशन का उपयोग कर आप अपने सभी दोस्तों से जब चाहें तब बात कर सकते हैं। बस जरूरी है कि आपके फोन में यह ऐप्लिकेशन डाउनलोड होनी चाहिए। एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस के माध्यम आप हैंगआउट को कंप्यूटर और लैपटॉप पर एक्सेस कर सकते हैं लेकिन आपका फोन सिर्फ एंड्रॉयड जिंजरब्रेड अर्थात 2.3 वर्जन या उससे अधिक का होना चाहिए। आईओएस उपभोक्ता भी इस ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं।