Saturday, September 27, 2014

अब हार्ट का ऑपरेशन नहीं, नेचुरल बाइपास ट्रीटमेंट कराएं

दिनेश माहेश्वरी
कोटा। 
हार्टके मरीजों को अब ऑपरेशन की जरूरत नहीं है। वह नेचुरल बाइपास ट्रीटमेंट कराकर हार्ट अटैक के खतरों से बच सकते हैं। हार्ट के साथ किसी भी तरह की चीर-फाड़ या छेड़छाड़ करना ठीक नहीं है। हमारा शरीर खुद कई बीमारियों की ठीक करने की क्षमता रखता है। उनमें से हार्ट भी एक है।

यह जानकारी कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन की ओर से शुक्रवार को भामाशाह भवन में आयोजित हार्ट एंड लाइफ स्टाइल मैनेजमेंट सेमिनार में नई दिल्ली के पूर्व सहायक आचार्य डॉ. बिमल छाजेड़ ने दी। उन्होंने बताया कि कुदरत ने हमें हार्ट में एक की जगह दो ट्यूब दी है। जिसे हम एक्सट्रा ट्यूब कह सकते हैं। नेचुरल बाइपास ट्रीटमेंट से एक्सट्रा ट्यूब को चालू कर सकते हैं। यह ट्यूब गाड़ी की स्टेपनी की तरह है, जब इमरजेंसी में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि हार्ट के इलाज की कई नई टेक्नीक चुकी है, लेकिन ज्यादातर डॉक्टर अभी भी बाइपास सर्जरी, एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी आदि ही कर रहे हैं। ऑपरेशन से लाइफ नहीं बढ़ती है और दवा से बीमारी ठीक होती है। नई तकनीक में बिना तार के सीटी एंजियोग्राफी की जाती है। इसमें शरीर के किसी अंग को चीर-फाड़ करने की जरूरत नहीं होती है। इससे दो मिनट में पता चल जाता है कि ब्लॉकेज कितने हैं। इसमें भर्ती होने की भी जरूरत नहीं है। इसका खर्चा भी बहुत कम है।
डॉक्टर छाजेड़ से उनके मोबाइल  नंबर 08003215000  पर  सम्पर्क  कर सकते हैं। वेबसाइट-
www.saaolhealthcenter.com पर भी जानकारी हासिल कर सकते हैं।

Do not make heart surgery, bypass Natural Treatment Register


Wednesday, September 17, 2014

बाजार और टीवी पर सोने के रेट में क्यों है अंतर

कोटा। भारतीय बाजार में सोने के दाम मंगलवार को 27,000 रुपए प्रति 10 ग्राम रहा। महंगाई के इस दौर में अगर दुकानदार आपके साथ छल करें तो क्‍या आप बर्दाश्‍त कर पाएंगे। शायद नहीं! असली सोने की पहचान करना आसान नही होता, खासतौर से आम आदमी के लिए। सोने की पहचान में पूरी तरह पारंगत होना तो आसान नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियां बरत कर आप गलत चीज खरीदने से बच सकते हैं।
 आज हम आपको बताएंगे कि सोना खरीदते समय किन बातों का ध्‍यान रखें। हम आपको बताएंगे कि आपका सोना कितना शुद्ध है। सोना खरीदते वक्त उसकी क्वॉलिटी पर जरूर गौर करें। सबसे अच्छा है कि हॉलमार्क देखकर सोना खरीदें। हॉलमार्क सरकारी गारंटी है। हॉलमार्क का निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करती है।
 24 कैरेट गोल्ड की नहीं बनती ज्वैलरी
 हॉलमार्किंग योजना भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के तहत संचालन, नियम और विनियम का काम करती है। सबसे पहली बात यह कि असली सोना 24 कैरेट का ही होता है, लेकिन इसके अभूषण नहीं बनते, क्‍योंकि वो बेहद मुलायम होता है। आम तौर पर आभूषणों के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें 91.66 फीसदी सोना होता है। हॉलमार्क पर पांच अंक होते हैं। सभी कैरेट का हॉलमार्क अलग होता। मसलन 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 पर 750 लिखा होता है। इससे शुद्धता में शक नहीं रहता।
 ऐसे समझिए कैसे तय कर सकते हैं अपने गोल्ड की कीमत
 1. कैरेट गोल्ड का मतलब होता हे 1/24 पर्सेंट गोल्ड, यदि आपके आभूषण 22 कैरेट के हैं तो 22 को 24 से भाग देकर उसे 100 से गुणा करें।
(22/24)x100= 91.66 यानी आपके आभूषण में इस्‍तेमाल सोने की शुद्धता 91.66 फीसदी।
 मसलन 24 कैरेट सोने का रेट टीवी पर 27000 है और बाजार में इसे खरीदने जाते हैं तो 22 कैरेट सोने का दाम (27000/24)x22=24750 रुपए होगा। जबकि ज्वैलर आपको 22 कैरेट सोना 27000 में ही देगा। यानी आप 22 कैरेट सोना 24 कैरेट सोने के दाम पर खरीद रहे हैं।
 2. ऐसे ही 18 कैरेट गोल्ड की कीमत भी तय होगी। (27000/24)x18=20250 जबकि ये ही सोना ऑफर के साथ देकर ज्वैलर आपको छलते हैं।
 नोटः यदि आप इस कैल्कुलेशन के हिसाब से सोना खरीदेंगे तो बाजार में कभी धोखा नहीं खाएंगे।
 शुद्धता के हिसाब से दिए जाने वाले अंक
 24 कैरेट- 99.9
23 कैरेट--95.8
22 कैरेट--91.6
21 कैरेट--87.5
18 कैरेट--75.0
17 कैरेट--70.8
14 कैरेट--58.5
9 कैरेट--37.5
ऐसे पहचानें असली हॉलमार्क
 हॉलमार्किंग में किसी उत्पाद को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है। भारत में बीआईएस वह संस्था है, जो उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जा रहे गुणवत्ता स्तर की जांच करती है। यदि सोना-चांदी हॉलमार्क है तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है। लेकिन कई ज्वैलर्स बिना जांच प्रकिया पूरी किए ही हॉलमार्क लगा रहे हैं। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि हॉलमार्क ओरिजनल है या नहीं? असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है। उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है। उसी में ज्वैलरी निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है।

मिस्ड कॉल से नौकरी के लिए कराएं रजिस्ट्रेशन

 दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
देश  में एमएसएमई इंडस्‍ट्री को आसानी से टैलेंट उपलब्ध होगा। एमएसएमई (माइक्रो, स्माल एवं मीडियम एंटरप्राइजेज) मंत्रालय और नेशनल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल ने आईटी कंपनियों के साथ मिलकर बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए एक नई पहल की है। इसका फायदा युवाओं को भी मिलेगा, जि‍न्हें एक मिस कॉल पर नौकरी के मौके मिल सकेंगे। इसके तहत सिर्फ एमएसएमई इंडस्ट्री में जॉब मिलेंगी, न कि कॉरपोरेट्स में।
 किस नंबर पर करना होगा फोन
 इसके तहत 04071012014 पर फोन करना होगा। बेल एक बार रिंग करने के बाद फोन कट जाएगा। इसके तुरन्त बाद आपके पास एक मैसेज आएगा, जिसमें आपकी रिक्वेट मिलने की कन्फर्मेशन होगी। साथ ही आपको एमएसएमई की वेबसाइट का एड्रेस भी दिया जाएगा।
कैसे कराएं बिना फोन किए रजिस्ट्रेशन
 बिना फोन किए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए http://www.jobsdialog.com/ वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।
 कैसे मिलेगा योजना का लाभ

=> नौकरी तलाश रहे युवक को टोल फ्री नंबर 04071012014 पर मिस कॉल करनी होगी।

=> इसके तुरन्त बाद आपके पास एक मैसेज आएगा, जिसमें रिक्वेस्ट मिल जाने की कन्फर्मेशन दी जाती है।

=> फिर कुछ दिनों के अन्दर कंपनी युवक से जानकारी लेकर उसका बायोडाटा तैयार करेगी।

=> इसके बाद युवक को उसके नजदीकी कंपनियों में भेजा जाएगा।

=> प्रशिक्षण की जरूरत होने पर युवक को मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कौन उठा सकता है इसका फायदा
 जॉब डायलोग एमएसएमई की एंट्री और मिडिल लेवल ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट की जरूरतों को पूरा करने का काम करता है। इसके तहत 0 से 7 साल के अनुभव वाले ग्रेजुएट, डिप्लोमा होल्डर, आईटीआई, पोस्ट ग्रेजुएट खासकर एमबीए को नौकरी दी जाएगी, जो एमएसएमई में काम करना चाहते हैं। वेबसाइट http://www.jobsdialog.com/ पर जाकर खुद को रजिस्टर करें। इसके लिए तस्वीर में दिखाए गए लिंक पर क्लिक करें। सीधे रजिस्टेशन पेज पर जाने कि लिए यहां क्लिक करें

स्टेप- 1
 यहां पर आपको अपना नाम, ई मेल आईडी, मोबाइल नंबर, डेट ऑफ बर्थ और पासवर्ड डालना होता है। इसके बाद आपको कंटिन्यू पर क्लिक करना होता है।
स्टेप- 2
 अगले स्टेप में आपको अपना एड्रेस डालना होता है और कंटिन्यू पर क्लिक करना होता है।

स्टेप- 3
 इस स्टेप में आपको अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में बताना होता है।

स्टेप 4
 यह आखिरी स्टेप होता है, जिसमें आपको अपना अनुभव और सैलरी पैकेज बताना होता है। साथ ही अपनी डेजिग्नेशन भी बतानी होती है।

Tuesday, September 16, 2014

एक मिस्ड कॉल से मिलेगी नौकरी की जानकारी

दिनेश माहेश्वरी 
कोटा।  एमएसएमई इंडस्‍ट्री को आसानी से टैलेंट उपलब्ध होगा। एमएसएमई (माइक्रो, स्माल एवं मीडियम एंटरप्राइजेज) मंत्रालय और नेशनल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल ने आईटी कंपनियों के साथ मिलकर बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए एक नई पहल की है। इसका फायदा युवाओं को भी मिलेगा, जि‍न्हें एक मिस कॉल पर नौकरी के मौके मिल सकेंगे। यहाँ  दिए गए नंबर  04071012014 पर  मिस कॉल देकर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा। युवाओं को नौकरी के मौके देने के लिए एमएसएमई ने जॉब डायलॉग प्रोग्राम शुरू किया है। इसके तहत एक साल में एक लाख नौकरियां देने का लक्ष्य रखा गया है। कार्यक्रम के तहत उपलब्ध रोजगारों के अनुसार कंपनियां युवाओं को जॉब ऑफर करेंगी।
 कैसे मिलेगा योजना का लाभ
  *  नौकरी तलाश रहे युवक को टोल फ्री नंबर 04071012014 पर मिस कॉल करनी होगी।
  * फिर कंपनी युवक से जानकारी लेकर उसका बायोडाटा तैयार करेगी।
  *  इसके बाद युवक को उसके नजदीकी कंपनियों में भेजा जाएगा।
  *  प्रशिक्षण की जरूरत होने पर युवक को मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अधिक जानकारी के लिए आप उद्यमी मिनिस्ट्री ऑफ एमएसएमई के टोल फ्री नंबर 1800-180-6763 पर संपर्क कर सकते हैं। यह सारी जानकारी कोटा के जिला उद्योग संघ से मिली है।
 मुफ्त में मिलेगी नौकरी
 एमएसएमई के अधिकारियों का कहना है कि मुफ्त में नौकरी मिलेगी। नौकरी की तलाश कर रहे युवकों को जेब से कुछ खर्च नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि यह पूरी योजना पीपीपी मॉडल से संचालित हो रही है, इसलिए नौकरी के लिए जरूरी प्रशिक्षण भी एनएसडीसी ही देगा।
 कहां-कहां शुरू होगी
इस योजना की शुरुआत हैदराबाद से की गई है। यह योजना देश भर में शुरू होगी। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में सभी के पास मोबाइल हैं, इसलिए यह योजना कारगर साबित होगी।
20 हजार ने कराया रजिस्‍ट्रेशन
 एमएसएमई के अनुसार इसके लिए फिलहाल जॉब डायलॉग को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। शुरुआत में करीब 20 हजार व्यक्तियों ने मिस्ड कॉल से रजिस्ट्रेशन कराया है। फिलहाल 1 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इससे युवकों को हुनर के मुताबिक स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा।

Friday, September 12, 2014

भविष्यवाणी: औंधे मुंह गिरेगा सोना

सोना अनादि काल से ही मुद्रा का पर्याय रहा है। यह चमकीली धातु किसी अर्थव्यवस्था के लिए मेरुदंड के समान है। ज्योतिषीय दृष्टि से इस धातु पर बृहस्पति, मंगल, सूर्य और शुक्र का आधिपत्य माना जाता है। पर, शनि की घोड़े जैसी अढ़ाई वर्ष की चाल इन सब पर भारी पड़ती है। शनिदेव जब-जब बुध की राशि मिथुन और कन्या में जाते हैं, इस पीली धातु में रेकॉर्ड तेजी दर्ज की जाती है। वहीं जब-जब शनि देव मंगल की राशि मेष और वृश्चिक में जाते हैं, सोने का भाव धरातल पर आकर फड़फड़ाने लगता है। अगर इतिहास पर नजर डालें तो 70 के दशक में सोना 100 डॉलर प्रति औंस के आसपास था। 11 जून 1973 को शनि के बुध की राशि मिथुन में पहुंचते ही सोने ने उछलना शुरू कर दिया और सोने के भाव नई ऊंचाई की तरफ दिखने लगे।
4 नवंबर 1979 को जब शनि ने बुध की राशि कन्या में दस्तक दी, गोल्ड ने छलांग मारी और 381 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करने लगा। इसके बाद सिर्फ 78 दिन में यानी 21 जनवरी 1980 को सोने ने 873 डॉलर का नया उच्चतम स्तर चूमा, जो अब तक की सोने में सबसे बड़ी तेजी थी। ये बुध की शनि की करामात का प्रत्यक्ष दर्शन था, पर जैसे ही शनि महाराज कन्या से विदा होकर शुक्र की तुला में पहुंचे, सोने की तेजी का उबाल ठंडा पड़ने लगा था।
17 सितंबर 1985 को शनिदेव के मंगल की राशि वृश्चिक में पहुंचते ही इस पीली चमकदार धातु की चमक लोहे की तरह कुम्हला गई और 873 डॉलर प्रति औंस पर इतराने वाला सोना पिचके हुए गुब्बारे की तरह 318 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। यह मंगल की राशि वृश्चिक में शनिदेव की दस्तक का सिर्फ एक ट्रेलर था।
19 अप्रैल 1998 को जब सूर्य के इस पुत्र ने मंगल की दूसरी राशि मेष में अपने चरण रखे तो इस कीमती धातु की कीमत का बंटाधार हो गया। इस चमकीली धातु से चमक ही गायब हो गई औऱ सोना एक समय में 873 डॉलर पर झूमने वाला अगले कारोबारी दिवस में 308.2 डॉलर प्रति औंस पर हांफने लगा। इसके बाद से सोना शनि के प्रकोप से बेनूर हो गया औऱ तेजड़िये बरबाद। सोना तब तक खराब निवेश में शुमार हो चुका था।
तारीख थी 25 अगस्त 1999 औऱ सोने का भाव बचा था सिर्फ 253 डॉलर प्रति औंस। यह उसके सर्वोच्च भाव का मात्र 28.91% था। इसके बाद सोने में तब तक कोई विशेष गतिविधि नहीं दर्ज की गई जब तक शनि पुत्र मिथुन राशि में नहीं आ गया। 23 जुलाई 2002 को जब शनिदेव के चरण पुन: बुध की राशि में पड़े स्वर्ण का कायाकल्प हो गया और 275 डॉलर वाला सोना मटक कर अगले कुछ समय में दोगुना-तिगुना खड़ा हो गया।
10 सितंबर 2009 को जब शनि महाराज पुन: बुध की दूसरी राशि कन्या में पहुंचे, सोने का हौसला बुलंद होने लगा औऱ मंदाड़िये दिवालिया। सोना रोज नए कीर्तिमान बनाने लगा। सन् 2011 के सितंबर की छठी तारीख को गोल्ड ने अपना उच्चतम स्तर बनाया और वह था 1923.70 डॉलर प्रति औंस का। यह सोने के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी छलांग थी। 15 नवंबर 2011 को शनि के शुक्र की राशि तुला में प्रवेश ने गोल्डेन मेटर की तेजी पर कुछ हद तक रोक तो लगाई, पर यह लगाम मामूली थी, पर इतना तो है कि 1923.70 डॉलर वाला सोना 1300 डॉलर के नीचे खड़ा हो गया।
2 नवंबर 2014 की रात 8 बजकर 54 मिनट पर शनिदेव पुन: मंगल की राशि वृश्चिक में प्रवेश कर रहे हैं। निश्चित रूप से अब सोने की गर्दन नपना तय नज़र आ रहा है और सोने में नई गिरावट का आगाज़ होने की पूर्ण संभावना है। हालांकि सोना अपने प्रोसेसिंग शुल्क से कुछ सौ डॉलर ही ऊपर है, लेकिन आनेवाले दिन सोने के भाव में नई तबाही का इशारा कर रहे हैं।
अगले वर्षों में सोने के दाम में नई गिरावट की भूमिका तैयार हो रही है। एक गलत कदम सोने के तेजड़ियों को बरबाद करने की तैयारी कर रहा है और हमारे घरों की लक्ष्मी पुन: स्वर्ण श्रृंगार की बाट जोह रही है। बॉर्डर पर तनाव, जगह-जगह खून-खराबे के बावजूद सोने के भाव रसातल में ही जाएंगे, इस बात की पूर्ण संभावना नजर आ रही है। हकीकत में क्या होगा, यह वक्त के गर्भ में है, पर लगता तो है कि सोने के तेजड़ियों के लिए ग्रह शांति, पूजन औऱ हवन करने का समय आ रहा है।

Wednesday, September 10, 2014

There will be no shortage of land for industries


Monday, September 8, 2014

दैनिक भास्कर कर्मियों ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार से की शिकायत

दैनिक भास्कर के कुछ कर्मियों ने सुप्रीम कोर्ट व अन्य अधिकारियों को एक मेल भेजा है, जिसे मैं आपके पास भेज रहा हूं। हो सकता है कि यह बतौर सुबूत कुछ काम आ सके।
सेवा में,

रजिस्ट्रार,

सुप्रीम कोर्ट,

नई दिल्ली।

विषय-अखबारों द्वारा माननीय न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने का।

महोदय,

निवेदन पूर्वक कहना है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केस नंबर 246 के तहत पत्रकारों व गैर पत्रकारों के लिए मजीठिया वेज वोर्ड की सिफारिशों को लागू करने के फैसले की अवमानना विभिन्न राज्यों में संचालित कुछ अखबारों द्वारा की जा रही है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 07 फरवरी 2014 को दिए अपने फैसले में पत्रकारों व गैर पत्रकारों को नवंबर 2011 से एरियर सहित मजीठिया वेज वोर्ड की सिफाशिों के अनुरूप वेतनमान देने को कहा था।
माननीय न्यायालय के आदेश के बाद अखबार कर्मियों में काफी उम्मीदें बंधी थी लेकिन अखबारों द्वारा वेज वोर्ड देने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई। यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अवहेलना का मामला बनता है। इतना ही नहीं, दैनिक भास्कर के कर्मियों से जबरन एक पेपर हस्ताक्षर लेकर वेज वोर्ड के अनुसार वेतनामन व एरियर नहीं देने की बातें कही गई है, जो गैर कानूनी है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय से निवेदन है कि इस दिशा में कार्रवाई कर पत्रकारों व गैर पत्रकारों को मजीठिया वेज वोर्ड के अनुसार वेतनमान व एरियर दिलाने की कृपा की जाए।

एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित।

सभी मालिक मजीठिया वेतनमान से 10 गुना कम वेतन दे रहे हैं

सुप्रीम कोर्ट का फैसला, सरकार का आदेश, फिर भी अपने हक के लिए पत्रकार तरस रहे हैं। कारण एकता की कमी। दरअसल पत्रकारों के मन में मालिकों ने ऐसी घिनौनी सोच भर दी है जिससे भाई-भाई एक दूसरे की रोटी छीनना चाहते है, नौकरी खाना चाहते है, एक दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ मची है। अब मजीठिया की बारी आई तो पत्रकार एकजुट होने के बजाए एक-एक कर कानून के द्वार पिछले रास्ते से जा रहे हैं। ऐसे में जाहिर है आप कितने भी हिम्मती हैं लेकिन परेशान होकर अपना हक छोड़ देंगे।
क्या करें पत्रकार
सबसे पहले पत्रकारों को एकता की जरूरत है। कम से कम एक ग्रुप में 10 लोग हों तो अच्छी बात है। एक साथ लेबर आफिस में कम्प्लेन करें या कोर्ट केस करें। चूंकि पत्रकारों के वेतन या देनदारी विवाद का मामला औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के दायरे में आता है। जर्नलिस्ट एक्ट 1955 की धारा 17 में इसका उल्लेख है। यदि कंपनी पर कर्मचारी की कोई बकाया राशि है तो राज्य सरकार या कर्मचारी स्वयं सक्षम प्रधिकृत अधिकारी से शिकायत करेगा और शासन या कोर्ट ऐसी बकाया राशि पाती है तो कलेक्टर आरआरसी जारी कर बकाया राशि की वसूली करेगा। कुछ लोग कहते हैं कि हम तो करार करा लिए हैं, पत्रकारों से लिखा चुके हैं कि हमें मजीठिया वेतन नहीं चाहिए। उनके लिए जर्नलिस्ट एक्ट की धारा 16 खास है। जिसके तहत करार, संविदा नियुक्ति होने की दशा में भी यह अधिनियम मान्य होगा। अर्थात् यदि करार या संविदा नियुक्ति में आपको मजीठिया से ज्यादा फायदा मिल रहा है तो कोई बात नहीं लेकिन कम लाभ मान्य नहीं है।
गणना में परेशानी
दूसरी परेशानी पत्रकारों के साथ गणना की आ रही है। मजीठिया वेतनमान की गणना नहीं कर पा रहे हैं। चूंकि मेरी गणित कमजोर है और गणना की आधी अधूरी जानकारी है इसलिए अपने जानकार साथियों से गणना की गणित प्रस्तुत करने का अनुरोध करता हूं। हां, एक वरिष्ठ पत्रकार ने पीटीआई, व कुछ पेपरों की सैलरी सीट मजीठिया वेतनमान के अनुरूप सामने रखी थी, उससे अपको मदद मिल सकती है। चूंकि वर्तमान में सभी मालिक मजीठिया वेतनमान से 10 गुना कम वेतन दे रहे है इसलिए पत्रकारों को एक होने की सख्त जरूरत है।

Friday, September 5, 2014

Whatsapp से भी होता है बिजनेस, जानिए कैसे आप भी कमा सकते हैं फायदा

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।  सोशल मीडिया में इन दिनों वाट्सऐप सबसे प्रचलित है, लेकिन ये सिर्फ अपनों से कनेक्ट होने का ही जरिया नहीं है, बल्कि इससे आप घर बैठे अपना बिजनेस भी बढ़ा सकते हैं। खासकर छोटे कारोबारियों के लिए ये मुनाफे का सौदा है। दिल्ली के कुछ कारोबारी वाट्सऐप के जरिए अपना कारोबार कर रहे हैं। सोशल मीडिया की बढ़ती भीड़ में वाट्सऐप सबसे आसान और बेहतर तरीका है। इससे आप अपनी फोनबुक में एड तमाम जानकार, क्लाइंट्स और परिवार वालों तक अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर सकते हैं। वो भी बिना किसी एक्सट्रा चार्ज दिए।
 कैसे शुरू करें अपना बिजनेस
 वाट्सऐप ने कुछ समय पहले ही अपना वाट्सऐप कैमरा ऑप्शन यूजर्स को दिया था। छोटे बिजनेसमैन ने इसकी मदद से अपने प्रोडक्ट को अपने कॉन्टेक्ट और क्लाइंट्स के साथ शेयर कर सकते हैं। इस तरह उनके प्रोडक्ट की मार्केटिंग भी हो सकती है और इसके लिए उन्हें अलग से कुछ चार्ज नहीं देना पड़ा।
 कौन-कौन कर सकता है वाट्सऐप से कारोबार
 
वाट्सऐप से कारोबार करना बेहद आसान है इससे कोई भी छोटा कारोबारी घर बैठे अपने क्लाइंट्स बना सकता है। सिर्फ गारमेंट्स ही नहीं बल्कि, बेकरी, सैलून, ग्रॉसरी जैसे कारोबारियों में भी वाट्सऐप का चलन है। भारत में इस ऐप के 6 करोड़ यूजर्स हैं और पिछले 3 महीने में इसमें 1 करोड़ नए यूजर्स की बढ़ोतरी हुई है।
कॉस्ट इफेक्टिव है वाट्सऐप
 कारोबारियों को बिजनेस की शुरुआत में कोस्ट का ध्यान रखना होता है। कुछ समय पहले तक क्लाइंट्स से जुड़ने के लिए बिजनेसमैन को SMS का इस्तेमाल करना पड़ता था जो काफी कोस्टली था। जबकि, वाट्सऐप पर वो एक साथ कई क्लाइंट्स को अपने प्रोडक्ट की जानकारी दे सकता है। एसएमएस का जवाब मिलने में भी देरी लगती है या फिर जवाब आता ही नहीं। जबकि वाट्सऐप पर तुरंत फीडबैक मिल सकता है। वाट्सऐप से अपने क्लाइंट की पहचान करना भी आसान होता है। क्योंकि अक्सर लोग वाट्सऐप प्रोफाइल पिक्चर पर अपनी ही तस्वीर लगाते हैं।
 डिस्काउंट ऑफर और अपॉइंटमेंट्स करते हैं तय
 वाट्सऐप पर क्लाइंट को रेगुलर बेसिस पर डिस्काउंट ऑफर्स भी भेजे जा सकते हैं। साथ ही अपॉइंटमेंट भी फिक्स किया जा सकता है। इससे सोशल नेटवर्क भी मजबूत बना रहता है और आपकी एक्टविटी से क्लाइंट भी आपकी ओर ज्यादा ध्यान देते हैं।

रेवेन्यू बढ़ाने में मिल सकती है मदद
 ‌वाट्सऐप के जरिए छोटे बिजनेसमैन को रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिल सकती है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक दिल्ली में कुछ कारोबारी ऐसे हैं जिन्हें वाट्सऐप से सेल्स में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है, जबकि उनका मार्केटिंग खर्च तकरीबन जीरो रहा है। ‌‌उदाहरण के तौर पर यदि आप गारमेंट्स का बिजनेस करते हैं तो अपने डिजाइन्स वाट्सऐप पर अपने क्लाइंट्स के साथ शेयर कर सकते हैं। ऐसे आप अपने क्लाइंट की च्वाइस को अच्छे से समझकर उनका ऑर्डर बुक कर सकते हैं।