दिनेश माहेश्वरी
कोटा। हार्टके मरीजों को अब ऑपरेशन की जरूरत नहीं है। वह नेचुरल बाइपास ट्रीटमेंट कराकर हार्ट अटैक के खतरों से बच सकते हैं। हार्ट के साथ किसी भी तरह की चीर-फाड़ या छेड़छाड़ करना ठीक नहीं है। हमारा शरीर खुद कई बीमारियों की ठीक करने की क्षमता रखता है। उनमें से हार्ट भी एक है।
यह जानकारी कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन की ओर से शुक्रवार को भामाशाह भवन में आयोजित हार्ट एंड लाइफ स्टाइल मैनेजमेंट सेमिनार में नई दिल्ली के पूर्व सहायक आचार्य डॉ. बिमल छाजेड़ ने दी। उन्होंने बताया कि कुदरत ने हमें हार्ट में एक की जगह दो ट्यूब दी है। जिसे हम एक्सट्रा ट्यूब कह सकते हैं। नेचुरल बाइपास ट्रीटमेंट से एक्सट्रा ट्यूब को चालू कर सकते हैं। यह ट्यूब गाड़ी की स्टेपनी की तरह है, जब इमरजेंसी में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि हार्ट के इलाज की कई नई टेक्नीक चुकी है, लेकिन ज्यादातर डॉक्टर अभी भी बाइपास सर्जरी, एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी आदि ही कर रहे हैं। ऑपरेशन से लाइफ नहीं बढ़ती है और दवा से बीमारी ठीक होती है। नई तकनीक में बिना तार के सीटी एंजियोग्राफी की जाती है। इसमें शरीर के किसी अंग को चीर-फाड़ करने की जरूरत नहीं होती है। इससे दो मिनट में पता चल जाता है कि ब्लॉकेज कितने हैं। इसमें भर्ती होने की भी जरूरत नहीं है। इसका खर्चा भी बहुत कम है।
डॉक्टर छाजेड़ से उनके मोबाइल नंबर 08003215000 पर सम्पर्क कर सकते हैं। वेबसाइट-
www.saaolhealthcenter.com पर भी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
कोटा। हार्टके मरीजों को अब ऑपरेशन की जरूरत नहीं है। वह नेचुरल बाइपास ट्रीटमेंट कराकर हार्ट अटैक के खतरों से बच सकते हैं। हार्ट के साथ किसी भी तरह की चीर-फाड़ या छेड़छाड़ करना ठीक नहीं है। हमारा शरीर खुद कई बीमारियों की ठीक करने की क्षमता रखता है। उनमें से हार्ट भी एक है।
यह जानकारी कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन की ओर से शुक्रवार को भामाशाह भवन में आयोजित हार्ट एंड लाइफ स्टाइल मैनेजमेंट सेमिनार में नई दिल्ली के पूर्व सहायक आचार्य डॉ. बिमल छाजेड़ ने दी। उन्होंने बताया कि कुदरत ने हमें हार्ट में एक की जगह दो ट्यूब दी है। जिसे हम एक्सट्रा ट्यूब कह सकते हैं। नेचुरल बाइपास ट्रीटमेंट से एक्सट्रा ट्यूब को चालू कर सकते हैं। यह ट्यूब गाड़ी की स्टेपनी की तरह है, जब इमरजेंसी में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि हार्ट के इलाज की कई नई टेक्नीक चुकी है, लेकिन ज्यादातर डॉक्टर अभी भी बाइपास सर्जरी, एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी आदि ही कर रहे हैं। ऑपरेशन से लाइफ नहीं बढ़ती है और दवा से बीमारी ठीक होती है। नई तकनीक में बिना तार के सीटी एंजियोग्राफी की जाती है। इसमें शरीर के किसी अंग को चीर-फाड़ करने की जरूरत नहीं होती है। इससे दो मिनट में पता चल जाता है कि ब्लॉकेज कितने हैं। इसमें भर्ती होने की भी जरूरत नहीं है। इसका खर्चा भी बहुत कम है।
डॉक्टर छाजेड़ से उनके मोबाइल नंबर 08003215000 पर सम्पर्क कर सकते हैं। वेबसाइट-
www.saaolhealthcenter.com पर भी जानकारी हासिल कर सकते हैं।