पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए गठित मजीठिया वेज बोर्ड ने अखबारी और एजेंसी कर्मियों के लिए 65 प्रतिशत तक वेतन वृद्धि की सिफारिश की है तथा साथ में मूल वेतन का 40 प्रतिशत तक आवास भत्ता और 20 प्रतिशत तक परिवहन भत्ता देने का सुझाव दिया है।
न्यायमूर्ति जी आर मजीठिया के नेतृत्व वाले वेतन बोर्ड ने शुक्रवार को यह भी सिफारिश की कि नए वेतनमान जनवरी 2008 से लागू किए जाएं। बोर्ड ने पहले ही मूल वेतन का 30 प्रतिशत अंतरिम राहत राशि के रूप में देने का ऐलान कर दिया था। मजीठिया ने केंद्रीय श्रम सचिव पी के चतुर्वेदी को रिपोर्ट सौंपी। चतुर्वेदी ने आश्वासन दिया कि सरकार इस रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद इसे जल्द से जल्द लागू कराने का प्रयास करेगी। बोर्ड ने 35 प्रतिशत वैरिएबल पे देने की सिफारिश की है। समाचार पत्र उद्योग के इतिहास में किसी वेतन बोर्ड ने इस तरह की सिफारिश पहली बार की है।
मजीठिया वेतन बोर्ड ने पत्रकारों और अन्य अखबारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु बढ़ाकर 65 साल करने, महंगाई भत्ते के मूल वेतन में शत प्रतिशत न्यूट्रलाइजेशन और विवादों के निपटारे के लिए स्थायी न्यायाधिकरण बनाने की सिफारिश की है। न्यायमूर्ति मजीठिया ने संवाददाताओं से कहा कि इस बार की रिपोर्ट में सबसे निचले ग्रेड के लिए भी अच्छे वेतन की सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि नए फार्मूले के अनुसार पत्रकार और गैर पत्रकार कर्मचारियों का मूल वेतन उसके वर्तमान मूल वेतन और डीए में, 30 प्रतिशत अंतरिम राहत राशि और 35 प्रतिशत वैरिएबल पे को जोडकर तय किया गया है। महंगाई भत्ता मूल वेतन में शत प्रतिशत 'न्यूट्रलाइजेशन' के साथ जुड़ेगा। ऐसा अब तक केवल सरकारी कर्मचारियों के मामले में होता आया है।
वेतन बोर्ड ने 60 करोड़ रुपये या इससे अधिक के सकल राजस्व वाली समाचार एजेंसियों को शीर्ष श्रेणी वाले समाचार पत्रों के साथ रखा है। इस प्रकार समाचार एजेंसी पीटीआई शीर्ष श्रेणी में जबकि यूएनआई दूसरी श्रेणी में रखी गई है। मजीठिया बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार आवास भत्ता एक्स श्रेणी के शहरों के लिए मूल वेतन का 40 प्रतिशत होगा, जो दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूर, हैदराबाद, चंडीगढ़, अहमदाबाद, कानपुर, लखनऊ और नागपुर पर लागू होगा। वाई श्रेणी के शहरों के लिए यह मूल वेतन का 30 प्रतिशत होगा। वाई श्रेणी के शहरों में आगरा, अजमेर, अलीगढ़, इलाहाबाद, अमृतसर, बरेली, बीकानेर, भोपाल, भुवनेश्वर, कोयंबटूर, दुर्गापुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जमशेदपुर, कोच्चि, कोटा, मदुरै, मेरठ, पटना, पुणे, रायपुर, राजकोट, रांची, श्रीनगर, सूरत, तिरूवनंतपुरम, बड़ोदरा, वाराणसी, विशाखापट्टनम, मंगलौर, पुडुचेरी, धनबाद, देहरादून, जम्मू, जामनगर आदि शामिल हैं। शेष अन्य शहरों को जेड श्रेणी में रखा गया है, जहां के कर्मचारियों को एचआरए मूल वेतन का 20 प्रतिशत मिलेगा।
वेतन बोर्ड ने वार्षिक वेतन बढ़ोतरी की दर पहली से चौथी श्रेणी के लिए छह प्रतिशत, पांचवीं और छठीं के लिए पांच प्रतिशत, सात से नौ के लिए चार, दस से 11 के लिए तीन प्रतिशत तय की है। मजीठिया बोर्ड ने जनवरी 2008 में अंतरिम राहत घोषित की थी और इसी तारीख से कर्मियों को एरियर मिल सकेगा। इसके अलावा बोर्ड ने एक्स श्रेणी के शहरों के लिए 20 प्रतिशत परिवहन भत्ता, वाई श्रेणी के लिए 10 प्रतिशत और जेड श्रेणी के लिए पांच प्रतिशत परिवहन भत्ता देने की सिफारिश की है।
बोर्ड ने रात्रि भत्तों में भारी बढ़ोतरी करते हुए इसे पहली और दूसरी श्रेणी के लिए सौ रुपये, तीसरी और चौथी के लिए 75 रुपये तथा पांचवीं से 11श्रेणी के लिए 50 रुपये तय कर दिया है। इसके अलावा 1000 रुपये मासिक 'कठिनाई भत्ता' निर्धारित किया है। एलटीए दो साल में एक बार मिलेगा और मूल वेतन के बराबर होगा। बोर्ड ने मेडिकल भत्ते में बढ़ोतरी करते हुए इसे पहली और दूसरी श्रेणी के लिए 1000 रुपये मासिक, तीसरी और चौथी श्रेणी के लिए 500 रुपये मासिक किया है। जिन लोगों पर ईएसआई लागू है, वे ये भत्ता हासिल नहीं कर सकेंगे। बोर्ड ने एरियर का भुगतान तीन समान किस्तों में करने की सिफारिश की है।
इस बीच कांफेडरेशन आफ न्यूजपेपर एंड न्यूजएजेंसी इम्प्लाइज आर्गेनाइजेशन्स के महासचिव एम एस यादव ने कहा कि वेतन बोर्ड अध्यक्ष ने श्रमजीवी पत्रकार एवं अन्य कर्मचारी कानून में प्रदत्त अधिकारों से वंचित रखते हुए बोर्ड सदस्यों को कई महत्वपूर्ण मसलों पर वोटिंग नहीं करने दिया लेकिन 'इस बात की खुशी है कि कई महत्वपूर्ण मांगों पर बोर्ड ने सकारात्मक फैसला लिया है और दीर्घकाल में इससे कर्मचारियों को फायदा होगा। रिटायरमेंट आयु बढ़ाना, वैरिएबल पे और परिवहन भत्ता इनमें से एक है।' कान्फेडरेशन में शामिल इंडियन जर्नलिस्टस यूनियन के अध्यक्ष सुरेश अखौरी, नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स-आई के वरिष्ठ नेता डॉ. नंद किशोर त्रिखा, आल इंडिया न्यूजपेपर इम्प्लाइज फेडरेशन के महासचिव मदन तलवार, फेडरेशन आफ पीटीआई इम्प्लाइज यूनियन्स के अध्यक्ष जान सी गोन्जाल्विस, यूएनआई वर्कर्स यूनियन के नेता एम एल जोशी ने वेतन बोर्ड को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी।
31 दिसंबर 2010 को समाचार एजेंसी भाषा द्वारा जारी किया गया समाचार-