सुप्रीम कोर्ट में 12 जनवरी को मजीठिया को लेकर एक मजेदार वाक्या हुआ। मामले की सुनवाई करीब आठ महीने के बाद शुरू हुई थी। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कहा कि मजीठिया के क्रियान्वयन की रिपोर्ट उन्होंने पढ़ ली है। इससे साफ है कि देश भर के अधिकतर अखबार मालिकान ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू नहीं की है। कुछ राज्यों ने अपनी रिपोर्ट नहीं भेजी थी। उन्होने उन्हें रिपोर्ट पेश करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया। इसके बाद एक जूनियर वकील ने दैनिक जागरण के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल को अपने साथियों और सलमान खुर्शीद तथा अभिषेक मनु सिंघवी जैसे बड़े वकीलों से यह कहते सुना कि कोर्ट का मैसेज लाउड ऐंड क्लियर है. इससे पहले दैनिक जागरण का केस देख रहे वरिष्ठ वकील पीपी राव पहली ही सुनवाई के बाद केस से हट गए थे। बताया जाता है कि राव ने अखबार मालिकान के लिए इसे बहुत कमजोर केस माना था।
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