Monday, November 28, 2016

आईडीएस की पहली किश्त 30 नवंबर तक करें जमा, नहीं तो...

नई दिल्ली। अगर अपने इनकम डिस्क्लोजर स्कीम 2016 के तहत कोई कालाधन घोषित किया है तो 30 नवंबर तक देय टैक्स की प्रथम किश्त जमा कर दें। अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आपकी ओर से ​देय कालेधन पर की गई घोषणा अवैध हो जाएगी। आयकर विभाग ने इस संबंध में चेतावनी जारी कर दी है और इस आशय के विज्ञापन भी मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिए हैं। 
29362 करोड़ होनी है जमा
 जून 2016 से सितंबर 2016 तक चली इस स्कीम में देशी कालाधन जमा करने वालों को अवसर दिया गया था कि अगर वे इस दौरान काला धन जमा कर देेते हैं तो इस पर 45 प्रतिशत टैक्स देय होगा। 
साथ ही शेष धन को उनकी वैध अर्थात सफेद आय मान ली जाएगी और उनसे इस संबंध में कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा। इस स्कीम के अंतर्गत कुल 64275 लोगों ने आय 65250 करोड़ की काली आय घोषित की थी। इस तरह से इस पर कुल 29362 करोड़ टैक्स देय होगा। 
पहली किश्त में मिलेंगे 7340
करोड़ इस टैक्स को तीन किश्तों में दिया जाना है। पहली किश्त में 25 प्रतिशत टैक्स दिया जाना है, जिसकी डेडलाइन 30 नवंबर है। दूसरी किश्त में 25 प्रतिशत टैक्स दिया जाना है, इसकी डेडलाइन 31 मार्च 2017 हैै। 
शेष 50 प्रतिशत टैक्स चुकाने की डेडलाइन 30 सितंबर 2017 रखी गई है। इस तरह से सरकार को 30 नवंबर 2016 तक टैक्स की पहली किश्त के रूप में 7340 करोड़ रुपये मिलने हैं। नहीं तो रद्द हो जाएगी कालेधन की घोषणा लेकिन अगर कोई कालाधन घोषित करने वाला इस अवधि में अपने टैक्स की पहली किश्त नहीं देता है तो उसकी कालेधन की घोषणा और उससे जुड़ी माफी की शर्त रद्द मानी जाएगी।

Sunday, November 27, 2016

कैसे और कहां से बदलें अपने पुराने नोट

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
अगर आपके पास अभी भी पुराने नोट मौजूद हैं और आप उन्हें बैंक खातों में जमा करवाने की जगह बदलना चाहते हैं तो निराश होने की ज़रुरत नहीं है रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने देश के सभी प्रमुख शहरों में कुल 19 काउंटर खोले हुए हैं। रिजर्व बैंक के एक अफसर के मुताबिक देश भर में अब भी RBI काउंटर पर पैसे बदलने की प्रक्रिया पहले की तरह ही चलती रहेगी। कुछ सेंटर्स पर स्याही लगाई जाएगी जबकि कई पर बायोमीट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि पैसे बदलवाने की सीमा अभी भी 2000 ही रहेगी। 
क्या है प्रक्रिया:
ये प्रक्रिया भी बिलकुल वैसी ही है जैसी अभी तक बैंकों में की जा रही थी। RBI के काउंटर पर भी आपको ID प्रूफ लेकर जाना होगा। यहां आप आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर ID कार्ड, पासपोर्ट, नरेगा कार्ड या पैन कार्ड साथ ले जा सकते हैं। आपको एक सिंपल फॉर्म भी भरना होगा जिसपर पुराने नोटों की डीटेल्स देनी होगी।
किसी और को भेज कर भी बदलवा सकते हैं अपने पुराने नोट
बता दें कि नोट बदलवाने के लिए आप खुद ही जाएं ये ज़रूरी नहीं है। अगर आप किसी और को भेजना चाहते हैं तो आपको लिखित में एक घोषणा करके उसे अपना रिप्रेजेंटेटिव अनाउंस करना होगा। इस शख्स को आपका लिखा अथॉरिटी लेटर और खुद का ID प्रूफ दिखाकर जाना होगा।
कहां-कहां जमा हो रहे हैं पुराने नोट
अगर आपके पास पुराने नोट मौजूद हैं और आप बिना लाइन में लगे उन्हें जमा करना चाहते हैं तो आप ATM, कैश डिपॉजिट मशीन या कैश रिसाइक्लर में पुराने बड़े नोट जमा कर सकते हैं। अगर आप भारत में नहीं हैं तो किसी शख्स को अथॉरिटी लेटर देकर बैंक भेज सकते हैं।
सरकार की नई गाइडलाइंस के मुताबिक 1000 का नोट सिर्फ बैंक अकाउंट में ही जमा हो सकेगा जबकि 500 के पुराने नोटों के इस्तेमाल करने की डेडलाइन 15 दिसंबर तक बढ़ाई गई। 500 के पुराने नोट से पेट्रोल पंप, मेडिकल स्टोर, प्री-पेड मोबाइल रिचार्ज करा सकेंगे।
1. पेट्रोल/डीजल/गैस फिलिंग स्टेशन पर।
2. प्री-पेड सिम में रीचार्ज। अगर आपके पास 3 प्री-पेड सिम हैं तो हरेक में 500 तक का रीचार्ज करा सकते हैं।
3. पानी-बिजली के मौजूदा और बकाया बिल।
4. 3 से 15 दिसंबर तक हाईवे पर टोल प्लाजा में 500 का पुराना नोट चल सकेगा। 2 दिसंबर तक टोल टैक्स नहीं लगेगा।
5. घरेलू एलपीजी सिलेंडर।
6. सरकारी हॉस्पिटल्स। सरकारी हॉस्पिटल्स में मौजूद दवा की दुकान।
7. रेलवे के टिकट काउंटर। मेट्रो के टिकट भी 500 रु। के पुराने नोट से खरीदे जा सकेंगे।
8. सरकारी टिकट काउंटर्स, सरकारी बसें और एयरपोर्ट्स पर टिकट काउंटर्स।
9. केंद्र या राज्य सरकार के सहकारी स्टोर। एक बार में 5 हजार तक की खरीदारी।
10. मिल्क बूथ।
11. शवदाह गृह/कब्रिस्तान।
12. इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स पर आने-जाने वाले पैसेंजर्स।
13. केंद्र, राज्य, म्यूनिसिपल और लोकल बॉडी स्कूलों में 2000 तक की फीस भरने में।
14. केंद्र या राज्य सरकार के कॉलेजों में फीस भरने में।
15. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के किसी स्मारक के टिकट काउंटर पर।
16. कोर्ट फीस की पेमेंट करने के लिए।
17. सरकारी बीज की दुकान से खरीदी करने के लिए।

Tuesday, November 22, 2016

कैश की जरूरत पूरा करने में 7 हफ्ते और लगेंगे!

कोटा। नोटबंदी के बाद जिस रफ्तार से मार्केट में पैसे की सप्लाई हो रही है, उससे स्थिति को सामान्य होने में कम से कम सात हफ्ते और लगने का अनुमान है। 8 नवंबर को सरकार ने 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट को बंद करने का फरमान सुनाया था। इसके बाद से अब तक करीब 1.36 लाख करोड़ रुपये मार्केट में आए हैं। ये पैसे पुराने नोटों को बदलने और कैश निकासी के माध्यम से आए हैं। वहीं, मार्केट में करीब 14 लाख करोड़ रुपये के बड़े करंसी नोट हैं। यानी अब तक पुराने नोटों के मूल्य का 10 फीसदी से भी कम बदला जा सका है। इस बात का खुलासा सोमवार को आ
रबीआई द्वारा जारी किए डेटा से हुआ है।
8 से 10 नवंबर के बीच बैंकों को 5,44, 517 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा के रूप में प्राप्त हुए हैं। इस अवधि में खाता धारकों ने करीब 1,03,316 करोड़ रुपये कैश बैंक की शाखाओं और एटीएम से निकाले हैं और 33,006 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदले गए हैं।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की चीफ इकॉनमिस्ट सौम्या कांति घोष के मुताबिक, इकॉनमी में कैश की जरूरत का अंदाजा दो महीने के उपभोग की जरूरतों से लगाया था। अगर इसको पैमाना माना जाता है तो अभी 10 लाख करोड़ रुपये की नई करंसी और छापनी पड़ेगी। अगर बैंक मौजूदा रफ्तार से नए नोट मार्केट में बांटते रहे तो 10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित जरूरत को पूरा करने में करीब सात सप्ताह और लग जाएंगे।

शादी के लिए 2.5 लाख रुपये नहीं निकल पाएंगे

दिनेश माहेश्वरी
 कोटा।
शादी-विवाह के नाम पर अपने खातों से 2.5 लाख रुपये निकालने के लिए शादी का कार्ड, विवाह भवन और कैटरिंग सेवा देने वालों के किए गए अग्रिम भुगता
न की प्रति देनी होगी। रिजर्व बैंक ने शादी के खर्च को पूरा करने के लिये माता या पिता के खातों से राशि निकालने के लिये ये कड़ी शर्तें रखी है।
सरकार की शादी-विवाह के खर्च के लिए विशेष निकासी की सुविधा की घोषणा के चार दिन बाद रिजर्व बैंक ने इस संदर्भ में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किया। निकासी की अनुमति आठ नवंबर के सरकार के निर्णय से पहले के उपलब्ध राशि से ही होगी। उसी दिन सरकार ने 500 और 1,000 रपये के नोट पर पाबंदी की घोषणा की। थी। इतना ही नहीं यह राशि उसी शादी के लिये होगी जो 30 दिसंबर या उससे पहले हो।
बैंकों को यह भी कहा गया है कि इस प्रकार की निकासी के लिये रिकार्ड रखें। उन्हें उन लोगों की सूची सौंपनी होगी जिन्हें उस राशि से भुगतान किया गया है। नोटबंदी के निर्णय के बाद बैंक खातों से पैसे निकालने पर कुछ प्रतिबंध के कारण शादी-विवाह के मौसम में विशेष निकासी की सुविधा देखते हुए किया गया है। बैंकों में नकदी की कमी को देखते हुए निकासी पर कुछ पाबंदी लगाए गए हैं।
अधिसूचना के अनुसार, पैसा माता-पिता या वह व्यक्ति निकाल सकता है जिसकी शादी होनी है। इतना ही नहीं उन लोगों की विस्तत सूची भी होनी चाहिए जिसके भुगतान के लिए राशि निकाली गई है। साथ ही ऐसे लोगों से घोषणापत्र भी लेना होगा कि उनके पास कोई बैंक खाता नहीं है। सूची में यह भी होना चाहिए कि किस मकसद से प्रस्तावित भुगतान किया जा रहा है। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि बैंकों को परिवार को नकद के बिना एनईएफटी, आरटीजीएस, चैक, ड्राफ्ट या डेबिट कार्ड जैसे अन्य साधनों से भुगतान के लिए प्रोत्साहित भी करना चाहिए।

Sunday, November 20, 2016

सोने के गहनों पर एक्साइज ड्यूटी के कायदे कानून

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।  सोने के गहनों पर एक्साइज ड्यूटी के मामले में सरकार ने छोटे व्यापारी की परिभाषा के लिए सालाना कारोबार की सीमा बढ़ा दी है. इसके साथ ही एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को मानते हुए प्रक्रिया सरल बनाने का फैसला किया गया है.
इस साल बजट में सोने के गहनों पर 1 फीसदी की दर से एक्साइज ड्यूटी लगाने का फैसला किया गया, जो पहली अप्रैल से लागू की गयी. हालांकि देश भर के सर्राफा व्यापारियों ने इस फैसले के खिलाफ महीने भर से भी ज्यादा समय तक हड़ताल किया, लेकिन सरकार झुकी नहीं की. अलबत्ता, व्यापारियों की समस्याओं को सुलझाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठन किया. समिति ने विभिन्न प्रक्रियाओं को सरल करने और व्यापारियों को परेशानी नहीं होने देने के बारे मे सुझाव दिया. सरकार ने समिति की सभी सिफारिशों को मान लिया. इन सिफारिशों के इतर छोटे व्यापारी की परिभाषा में भी फेरबदल किया गया है.
नयी व्यवस्था के तहत 12 करोड़ रुपये के बजाए 15 करोड़ रुपये तक का सालाना कारोबार करने वाले छोटे व्यापारी माने जाएंगे. इसी के साथ एक कारोबारी साल में छोटे व्यापारी के लिए छूट की सीमा 6 करोड़ रुपये के बजाए 10 करोड़ रुपये होगी. इसका मतलब ये हुआ कि जिस व्यापारी का सालाना कारोबार 10 करोड़ रुपये से नीचे है तो उसे एक्साइज ड्यूटी के लिए ना तो रजिस्ट्रेशन कराना होगा और ना ही एक्साइज ड्यूटी देनी होगी. लेकिन जैसे ही कारोबार 10 करोड़ रुपये से ऊपर होता है तो रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा. एक्साइज ड्यूटी 10 करोड़ रुपये से ऊपर जितनी रकम होती है, उसी पर चुकानी होगी.
मसलन, यदि कारोबार 11 करोड़ रुपये हुआ तो 1 करोड़ रुपये पर ही एक्साइज ड्यूटी देनी होगी. बस ध्यान रहे कि ये सुविधा 15 करोड़ रुपये तक के सालाना कारोबार करने वाले कारोबारियों के लिए ही होगी. एक और बात अगर बीते साल कारोबार 15 करोड़ रुपये से ज्यादा का हुआ तो नए कारोबारी साल में पहले रुपये से ही एक्साइज ड्यूटी लगना शुरु हो जाएगा. दूसरे शब्दों में इस तरह के व्यापारी छोटे कारोबारी के दायरे से बाहर आ जाएंगे.
सरल प्रक्रिया
उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के मुताबिक, सरकार ने ये भी तय किया है कि एक्साइज ड्यूटी तभी लगेगी जब गहनों को पहली बार बेचा जाता है और बिल जारी किया जाता है. इससे कारीगरों पर एक्साइज ड्यूटी चुकाने की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. कारीगरों को एक्साइज ड्यूटी के लिए रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराना होगा.
वित्त मंत्रालय ने ये भी साफ किया है कि गहनों की मरम्मत या गहनों की बदलाव की सूरत में नहीं लगेगा एक्साइज ड्यूटी. बस शर्त ये है कि मरम्मत या बदलाव के बाद गहनों की ना तो पहचान बदलती है और ना ही इस्तेमाल. साथ ही ऐसा प्रतीत नही होना चाहिए कि कोई नया गहना बनाया गया है. इसी तरह सिर्फ प्रदर्शनी के लिए इस्तेमाल होने वाले या फिर हॉलमार्किंग के लिए ले जाए जा रहे गहनों पर एक्साइज ड्यूटी नहीं लगेगी.
यहां ये भी कहा गया है कि अगर बिल में अलग से एक्साइज ड्यूटी नहीं दिखायी जाती है तो वैट यानी वैल्यू एडेड टैक्स को एक्साइज ड्यूटी के आकलन का आधार माना जाएगा. इसी तरह वैट के लिए तैयार किए रिकॉर्ड को एक्साइज ड्यूटी के लिए रिकॉर्ड माना जाएगा. व्यापारियों को अलग से रिकॉर्ड रखने की जरूरत नहीं. 100 करोड़ रुपये तक के कारोबार करने वाले मैन्युफैक्चर्स के लिए पहले दो साल एक्साइज ऑडिट नहीं होगा.
वित्त मंत्रालय ने एक बार फिर दोहराया है कि कारीगरों के यहां कोई अधिकारी नहीं जाएगा, कोई छापा नहीं डाला जाएगा. सर्राफा व्यापारी के यहां भी तभी कोई अधिकारी जाएगा जब कर चोरी की पुख्ता जानकारी मिलती है. यहां भी एक्साइज विभाग के लोग कमिश्नर या उसके बराबर के अधिकारी की अनुमति मिलने पर ही जा सकते हैं.





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TDS कटने पर आएगा SMS

दिनेश  माहेश्वरी
कोटा।  आयकर विभाग ने एक नई सुविधा शुरू की है, जिसके तहत देश के ढाई करोड़ वेतनभोगी करदाताओं को टीडीएस की कटौती होते ही एसएमएस द्वारा सूचना भेजी जाएगी। इस सूचना का लाभ देश के उन नागरिकों को मिलेगा, जिनके वेतन से टीडीएस की कटौती की जाती है।आइए जानते हैं इसके बारे में:
1) तनख्‍वाह में से टीडीएस कटौती की जानकारी एसएमएस द्वारा ढाई करोड़ वेतनभोगी आयकर दाताओं को भेजी जाएगी। कुछ महीनों के सफल परीक्षण के बाद 2017 में 4.4 करोड़ अवैतनिक आयकरदाताओं को भी इस प्रकार के संदेश भेजे जाएंगे।
2) आयकर विभाग ने सभी करदातों से अपील की है कि वो ई-फाइलिंग खातों में अपना मोबाइल नंबर अपडेट कर लें ताकि उन्‍हें नियमित रूप से एसएमएस प्राप्‍त हो सकें।
3) टैक्‍स विशेषज्ञों ने इस कदम का स्‍वागत किया है और कहा है कि इससे कामकाज में पारदर्शिता आएगी। इससे करदाताओं को भी सहूलियत होगी।
4) आयकर रिटर्न दाखिल करते समय जो गलतियां सामान्‍यत: सामने आती हैं, उनमें टीडीएस का मिसमैच होना प्रमुख है।
5) टीडीएस कटौती की पूरी जानकारी को आयकर विभाग की वेबसाइट पर लॉगिन करके फॉर्म संख्‍या 26AS डाउनलोड करके हासिल किया जा सकता है।
6) टीडीएस में आय के स्रोत पर कटौती की जाती है। वेतनभोगी कर्मियों के मामले में यह काम उनका नियोक्‍ता (एम्‍प्‍लॉयर) द्वारा किया जाता है।
7) टीडीएस कटौती तनख्‍वाह के अलावा ब्‍याज, कमीशन, ब्रोकरेज, प्रोफेशनल फीस, रॉयल्‍टी और कॉन्‍ट्रेक्‍ट पेमेंट्स में की जाती है।

Friday, November 18, 2016

 महंगी नुमाइश पर आयकर विभाग की नजर

दिनेश माहेश्वरी
कोटा।
फेसबुक सहित सोशल मीडिया के दूसरे माध्यमों से महंगी चीजों की नुमाइश अगले वित्त वर्ष से आपको महंगी पड़ सकती है। अगर आप ऐसा करेंगे तो आयकर विभाग की पैनी निगाह से बच नहीं पाएंगे। विभाग सोशल मीडिया पर दी जाने वाली जानकारियां 'प्रोजेक्ट इनसाइट' में शामिल करने की योजना पर काम कर ही है। प्रोजेक्ट इनसाइट से उन लोगों पर नजर रखी जाएगी, जो अपनी वास्तविक आय का खुलासा नहीं करते हैं। इस बारे में वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'अगर आप फेसबुक और सोशल मीडिया के दूसरे मंचों पर अपनी महंगी विदेशी यात्रा, लक्जरी चीजों का जिक्र करते हैं तो हम आपकी घोषित आय से यह जानकारी मेल कराएंगे।'

एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि प्रोजेक्ट इनसाइट सोशल डेटा माइनिंग के तहत सोशल मीडिया से सूचनाएं एकत्र करेगी। उन्होंने कहा, 'प्रोजेक्ट साइट मुख्यत: डेटा माइनिंग या दूसरे शब्दों में कहें तो सूचनाएं एकत्र करेगा। सोशल मीडिया पर भी इसकी नजर होगी।' प्रोजेक्ट इनसाइट पर काम शुरू हो गया है और यह 2017-18 से प्रभाव में आ जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या यह परियोजना अगले वित्त वर्ष से लागू हो जाएगी, इस पर अधिकारी ने कहा कि अभी सभी पहलुओं पर काम चल रहा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की सालाना रिपोर्ट और थर्ड पार्टी रिपोर्टिंग से काफी सूचनाएं प्राप्त होती है। चूंकि इन सभी सूचनाओं को मानव श्रम से खंगालना संभव नहीं है, इसलिए प्रोजेक्ट इनसाइट से ये सूचनाएं प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना से यह पता लगाया जाएगा कि किसी करदाता ने किस तरह खर्च किए और कहां निवेश किया। प्रोजेक्ट इनसाइट परियोजना पर करीब 1,000 करोड़ रुपये लागत आएगी।